03-01-2020, 10:57 AM
आशुतोष ने गौरव को फोन मिलाया. उस वक्त गौरव सिकन्दर पर बंदूक ताने खड़ा था. गौरव ने फोन उठाया.
“हेलो आशुतोष…कहा हो भाई…कितने लापरवाह हो गये हो. फोन भी नही उठाते हो. हो कहाँ तुम”
"सर फोन साइलेंट मोड पर था."
"ओके...क्यों फोन किया अब"
“सर साइको का पता चल गया है.”
“क्या?”
“हां, अपर्णा ने उसे पहचान लिया है. उसे सब कुछ याद आ गया उसकी तस्वीर देख कर.?”
“जल्दी बोलो कॉन है वो.”
आशुतोष ने जब साइको के बारे में बताया तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया. उसे विश्वास ही नही हुआ आशुतोष की बात पर.
“अपर्णा को फोन देना.” गौरव ने कहा.
आशुतोष ने फोन अपर्णा को थमा दिया, “गौरव सर बात करना चाहते हैं.”
“हां अपर्णा आशुतोष ने जो कहा क्या सही है वो सब.”
“हां…100 पर्सेंट.”
“ठीक है तुम दोनो वही रहो. कही जाना मत.” गौरव ने फोन काट दिया.
“सरकार उठिए…यू कैन नाओ वॉक अलोन इन दा डार्क…हम चलते हैं.”
“अजीब बात कर रहे हैं सरकार. वो जो कोई भी था वो तो निकल गया ना हाथ से.”
“तो अच्छा है ना…नाओ योउ कैन फ्रीली वॉक अलोन हहहे.”
गौरव सिकन्दर को वही छोड़ कर सौरभ को लेकर वहाँ से चल दिया.
“सौरभ तुम्हारी पूजा को कुछ नही होगा. साइको का पता चल गया है. अपर्णा ने उसे पहचान लिया है.”
“सच कह रहे हो.”
“हां एक दम सच. लेकिन हम उसे उसके तरीके से ही मारेंगे. चल साले के लिए एक आर्टिस्टिक मर्डर का प्लान बनाते हैं. पैंटिंग नही आती मुझे मगर मैं उसकी मौत की पैंटिंग ज़रूर बनाओन्गा. उल्टी सीधी जैसी भी बने…बनाओन्गा ज़रूर.”
“कॉन है वो मुझे बता तो सही.”
गौरव ने सौरभ को साइको की पहचान बता दी. सौरभ भी हैरान रह गया सुन कर.
गौरव ने अपनी दाढ़ी मूछ निकाल कर एक तरफ फेंक दी. सौरभ मैं मेडम से मिल कर आता हूँ. तुम यही रूको.
“हेलो आशुतोष…कहा हो भाई…कितने लापरवाह हो गये हो. फोन भी नही उठाते हो. हो कहाँ तुम”
"सर फोन साइलेंट मोड पर था."
"ओके...क्यों फोन किया अब"
“सर साइको का पता चल गया है.”
“क्या?”
“हां, अपर्णा ने उसे पहचान लिया है. उसे सब कुछ याद आ गया उसकी तस्वीर देख कर.?”
“जल्दी बोलो कॉन है वो.”
आशुतोष ने जब साइको के बारे में बताया तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया. उसे विश्वास ही नही हुआ आशुतोष की बात पर.
“अपर्णा को फोन देना.” गौरव ने कहा.
आशुतोष ने फोन अपर्णा को थमा दिया, “गौरव सर बात करना चाहते हैं.”
“हां अपर्णा आशुतोष ने जो कहा क्या सही है वो सब.”
“हां…100 पर्सेंट.”
“ठीक है तुम दोनो वही रहो. कही जाना मत.” गौरव ने फोन काट दिया.
“सरकार उठिए…यू कैन नाओ वॉक अलोन इन दा डार्क…हम चलते हैं.”
“अजीब बात कर रहे हैं सरकार. वो जो कोई भी था वो तो निकल गया ना हाथ से.”
“तो अच्छा है ना…नाओ योउ कैन फ्रीली वॉक अलोन हहहे.”
गौरव सिकन्दर को वही छोड़ कर सौरभ को लेकर वहाँ से चल दिया.
“सौरभ तुम्हारी पूजा को कुछ नही होगा. साइको का पता चल गया है. अपर्णा ने उसे पहचान लिया है.”
“सच कह रहे हो.”
“हां एक दम सच. लेकिन हम उसे उसके तरीके से ही मारेंगे. चल साले के लिए एक आर्टिस्टिक मर्डर का प्लान बनाते हैं. पैंटिंग नही आती मुझे मगर मैं उसकी मौत की पैंटिंग ज़रूर बनाओन्गा. उल्टी सीधी जैसी भी बने…बनाओन्गा ज़रूर.”
“कॉन है वो मुझे बता तो सही.”
गौरव ने सौरभ को साइको की पहचान बता दी. सौरभ भी हैरान रह गया सुन कर.
गौरव ने अपनी दाढ़ी मूछ निकाल कर एक तरफ फेंक दी. सौरभ मैं मेडम से मिल कर आता हूँ. तुम यही रूको.