03-01-2020, 10:46 AM
Update 107
जब गौरव सौरभ के घर पहुँचा वो बेड पर सर पकड़ कर बैठा था. गौरव को देख कर सौरभ ने कहा, “जिसका डर था वही बात हुई…कमिने ने मेरी पूजा को उठा लिया.”
“कैसे पता चला तुम्हे ये?” गौरव ने पूछा.
सौरभ ने वो काग़ज़ गौरव की तरफ बढ़ा दिया, “जब मैं घर में घुसा तो दरवाजे के पास पड़ा था ये.”
गौरव ने वो काग़ज़ पढ़ा तो उसके चेहरे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई.
“सौरभ गुजर चुका हूँ इस सब से मैं. लेकिन ऐसे सर पकड़ कर बैठने से फायदा नही होगा. जितना मैं उसे जान पाया हूँ, अभी वो उसको कुछ नही करेगा. सेकेंड लेटर का वेट करते हैं.”
“मैं मर जाऊगा यार अगर मेरी पूजा को कुछ हुआ तो. मेरी जिंदगी है वो.”
“कुछ नही होने देंगे हम उसे तुम हॉंसला रखो. अभी वक्त है हमारे पास. उसने मुझे रीमा की शादी में बुलाया है. इसका मतलब वो वहाँ आएगा. बहुत अच्छा मौका है सौरभ उसे पकड़ने का. वो हाथ आ गया तो पूजा भी मिल जाएगी. चलो वक्त यू मूह लटका कर बैठने का नही है. हमें उसे सबक सिखाना है. वो हर बार अपनी बेहूदा गेम खेल कर नही निकल सकता.
“तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ रीमा की शादी में चलूं.”
“हां बिल्कुल…तेरे बिना बात कैसे बनेगी यार…चल उठ.”
“पर उसने दूसरे लेटर का वेट करने को बोला है. मैं कैसे जा सकता हूँ.”
“यहाँ किसी और को छोड़ देते हैं. रुक एक मिनिट मैं भोलू को बोलता हूँ कि वो यहाँ रुक जाए. वो लेटर डालने वाले पर नज़र भी रखेगा.” गौरव ने कहा.
“हां ये ठीक रहेगा?”
“चल फिर अपनी पिस्टल उठा आज हमें साइको का शिकार करना है.”
गौरव ने फोन करके भोलू को सौरभ के घर बुला लिया और उसे वही छोड़ कर रीमा की शादी में शामिल होने के लिए निकल दिए.
“आशुतोष को भी सतर्क कर दूं इस बारे में” गौरव ने कहा.
“हां बिल्कुल”
जब गौरव सौरभ के घर पहुँचा वो बेड पर सर पकड़ कर बैठा था. गौरव को देख कर सौरभ ने कहा, “जिसका डर था वही बात हुई…कमिने ने मेरी पूजा को उठा लिया.”
“कैसे पता चला तुम्हे ये?” गौरव ने पूछा.
सौरभ ने वो काग़ज़ गौरव की तरफ बढ़ा दिया, “जब मैं घर में घुसा तो दरवाजे के पास पड़ा था ये.”
गौरव ने वो काग़ज़ पढ़ा तो उसके चेहरे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई.
“सौरभ गुजर चुका हूँ इस सब से मैं. लेकिन ऐसे सर पकड़ कर बैठने से फायदा नही होगा. जितना मैं उसे जान पाया हूँ, अभी वो उसको कुछ नही करेगा. सेकेंड लेटर का वेट करते हैं.”
“मैं मर जाऊगा यार अगर मेरी पूजा को कुछ हुआ तो. मेरी जिंदगी है वो.”
“कुछ नही होने देंगे हम उसे तुम हॉंसला रखो. अभी वक्त है हमारे पास. उसने मुझे रीमा की शादी में बुलाया है. इसका मतलब वो वहाँ आएगा. बहुत अच्छा मौका है सौरभ उसे पकड़ने का. वो हाथ आ गया तो पूजा भी मिल जाएगी. चलो वक्त यू मूह लटका कर बैठने का नही है. हमें उसे सबक सिखाना है. वो हर बार अपनी बेहूदा गेम खेल कर नही निकल सकता.
“तो क्या मैं भी तुम्हारे साथ रीमा की शादी में चलूं.”
“हां बिल्कुल…तेरे बिना बात कैसे बनेगी यार…चल उठ.”
“पर उसने दूसरे लेटर का वेट करने को बोला है. मैं कैसे जा सकता हूँ.”
“यहाँ किसी और को छोड़ देते हैं. रुक एक मिनिट मैं भोलू को बोलता हूँ कि वो यहाँ रुक जाए. वो लेटर डालने वाले पर नज़र भी रखेगा.” गौरव ने कहा.
“हां ये ठीक रहेगा?”
“चल फिर अपनी पिस्टल उठा आज हमें साइको का शिकार करना है.”
गौरव ने फोन करके भोलू को सौरभ के घर बुला लिया और उसे वही छोड़ कर रीमा की शादी में शामिल होने के लिए निकल दिए.
“आशुतोष को भी सतर्क कर दूं इस बारे में” गौरव ने कहा.
“हां बिल्कुल”