03-01-2020, 10:44 AM
एक महीने से शहर में शांति है. साइको ने कोई नयी वारदात नही की है. गौरव और सौरभ ने इस दौरान कर्नल को तलाशने की खूब कोशिश की. वो दोनो देल्ही और मुंबई भी गये कर्नल के रालटिवेस से मिलने. मगर उन्हे कर्नल के बारे में कुछ पता नही चला. कर्नल के सभी रिलेटिव्स से सीसी के बारे में पूछा गया मगर वो सभी किसी सीसी को नही जानते थे.
एक दिन अचानक मोनिका ने आशुतोष को फोन करके बताया कि संजय घर लौट आया है. आशुतोष ने ये बात तुरंत गौरव को बताई. गौरव और सौरभ दोनो संजय से मिलने उसके घर गये. संजय ने बताया कि वो सिमरन की कार लेकर देल्ही चला गया था और कुछ दिन वही रहा.
“आप अपनी बीवी को यहा अकेला छोड़ कर देल्ही चले गये…वेरी स्ट्रेंज. एक-दो दिन तो चलता है मगर इतने दिन कैसे आप अपनी बीवी को अकेला छोड़ सकते हैं.” सौरभ ने कहा.
“उस से आपको कोई मतलब नही होना चाहिए…ये मेरा पर्सनल मामला है. ” संजय ने कहा.
गौरव और सौरभ बिना किसी ठोस जानकारी के घर से बाहर आ गये.
“मेरा सस्पेंशन नही हुआ होता तो साले के मुँह में बंदूक घुसा कर पूछता कि बता कैसे हुआ ये तेरा पर्सनल मामला.” गौरव ने कहा.
“कोई बात नही अब ये वापिस आ गया है तो इस पर हम कड़ी नज़र रखेंगे.” सौरभ ने कहा.
“यार सौरभ ये सीसी का फुल फॉर्म क्या हो सकता है.”
“कुत्ते कमिने हो सकता है…काला कव्वा हो सकता है…होने को कुछ भी हो सकता है.”
“यही तो दिक्कत है. साला क्लू मिला भी तो ऐसा कि कुछ समझ में नही आता की क्या करें. ये सीसी सुरिंदर को भी जानता था और कर्नल को भी. तुम्हे क्या लगता है क्या सुरिंदर और कर्नल भी एक दूसरे को जानते थे.” गौरव ने कहा.
“ऐसा कुछ मिला नही जिस से ये कह सकें कि सुरिंदर और कर्नल एक दूसरे को जानते थे.”
“साइको कोई शुराग नही छोड़ता अपने बारे में. उसने सुरिंदर को मार दिया था. मोस्ट प्रॉबब्ली उसने कर्नल को भी मार दिया है वरना वो कही तो मिलना चाहिए था. वो ऐसे कैसे गायब हो सकता है.”
“मुझे भी यही लगता है. साइको ने कर्नल से उसका घर हथिया कर उसे जान से मार दिया होगा. और शायद उसकी लाश को कही गाढ दिया होगा. कोई ऐसे ही बिना मतलब दुनिया से गायब नही हो जाता, कुछ तो कारण ज़रूर रहता है.”
“सही कह रहे हो. अच्छा सौरभ मुझे तुरंत घर जाना है. तुकझे बताया था ना आज शादी में जाना है.”
“हां बताया था पर तुझे वहां इन्वाइट नही किया गया है.”
“यार रीमा के लिए जाना ही पड़ेगा मुझे. प्यार बेसक नही हुआ उस से पर हम अच्छे दोस्त तो बन ही गये थे. सूभकामना देने तो जाना ही चाहिए.”
“बेसक जाओ गौरव. पर चौहान से बच कर रहना.”
“शादी के माहौल में वो ज़्यादा पंगा नही करेगा और वैसे भी मैं बस रीमा को एक बार देख कर और उसे विस करके वापिस आ जाउन्गा.”
“तुम्हारी मेडम भी होंगी वहां ज़रा ध्यान रखना कही कोई ग़लत फ़हमी हो जाए.”
“मेडम को पता है सब कुछ.”
“हां पर खुद अपनी आँखो से देखने से दिल पर चोट लगती है. वैसे शादी डेले क्यों हो गयी रीमा की.” सौरभ ने कहा.
“लड़के वालो ने थोड़ा वक्त माँगा था शायद. आय ऍम नोट शुवर.” गौरव ने कहा.
एक दिन अचानक मोनिका ने आशुतोष को फोन करके बताया कि संजय घर लौट आया है. आशुतोष ने ये बात तुरंत गौरव को बताई. गौरव और सौरभ दोनो संजय से मिलने उसके घर गये. संजय ने बताया कि वो सिमरन की कार लेकर देल्ही चला गया था और कुछ दिन वही रहा.
“आप अपनी बीवी को यहा अकेला छोड़ कर देल्ही चले गये…वेरी स्ट्रेंज. एक-दो दिन तो चलता है मगर इतने दिन कैसे आप अपनी बीवी को अकेला छोड़ सकते हैं.” सौरभ ने कहा.
“उस से आपको कोई मतलब नही होना चाहिए…ये मेरा पर्सनल मामला है. ” संजय ने कहा.
गौरव और सौरभ बिना किसी ठोस जानकारी के घर से बाहर आ गये.
“मेरा सस्पेंशन नही हुआ होता तो साले के मुँह में बंदूक घुसा कर पूछता कि बता कैसे हुआ ये तेरा पर्सनल मामला.” गौरव ने कहा.
“कोई बात नही अब ये वापिस आ गया है तो इस पर हम कड़ी नज़र रखेंगे.” सौरभ ने कहा.
“यार सौरभ ये सीसी का फुल फॉर्म क्या हो सकता है.”
“कुत्ते कमिने हो सकता है…काला कव्वा हो सकता है…होने को कुछ भी हो सकता है.”
“यही तो दिक्कत है. साला क्लू मिला भी तो ऐसा कि कुछ समझ में नही आता की क्या करें. ये सीसी सुरिंदर को भी जानता था और कर्नल को भी. तुम्हे क्या लगता है क्या सुरिंदर और कर्नल भी एक दूसरे को जानते थे.” गौरव ने कहा.
“ऐसा कुछ मिला नही जिस से ये कह सकें कि सुरिंदर और कर्नल एक दूसरे को जानते थे.”
“साइको कोई शुराग नही छोड़ता अपने बारे में. उसने सुरिंदर को मार दिया था. मोस्ट प्रॉबब्ली उसने कर्नल को भी मार दिया है वरना वो कही तो मिलना चाहिए था. वो ऐसे कैसे गायब हो सकता है.”
“मुझे भी यही लगता है. साइको ने कर्नल से उसका घर हथिया कर उसे जान से मार दिया होगा. और शायद उसकी लाश को कही गाढ दिया होगा. कोई ऐसे ही बिना मतलब दुनिया से गायब नही हो जाता, कुछ तो कारण ज़रूर रहता है.”
“सही कह रहे हो. अच्छा सौरभ मुझे तुरंत घर जाना है. तुकझे बताया था ना आज शादी में जाना है.”
“हां बताया था पर तुझे वहां इन्वाइट नही किया गया है.”
“यार रीमा के लिए जाना ही पड़ेगा मुझे. प्यार बेसक नही हुआ उस से पर हम अच्छे दोस्त तो बन ही गये थे. सूभकामना देने तो जाना ही चाहिए.”
“बेसक जाओ गौरव. पर चौहान से बच कर रहना.”
“शादी के माहौल में वो ज़्यादा पंगा नही करेगा और वैसे भी मैं बस रीमा को एक बार देख कर और उसे विस करके वापिस आ जाउन्गा.”
“तुम्हारी मेडम भी होंगी वहां ज़रा ध्यान रखना कही कोई ग़लत फ़हमी हो जाए.”
“मेडम को पता है सब कुछ.”
“हां पर खुद अपनी आँखो से देखने से दिल पर चोट लगती है. वैसे शादी डेले क्यों हो गयी रीमा की.” सौरभ ने कहा.
“लड़के वालो ने थोड़ा वक्त माँगा था शायद. आय ऍम नोट शुवर.” गौरव ने कहा.
**************