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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Heart 
आशुतोष मैं जानती हूँ तुम मुझे बहुत प्यार करते हो. पर ये प्यार मेरे शरीर पर ही आकर क्यों रुक गया है. मेरे शरीर में मेरा दिल भी है और मेरी आत्मा भी. मुझे तुम्हारी बहुत ज़रूरत है आशुतोषमैं बहुत अकेला फील करती हूँ. तुम मेरे पास आकर बस मेरे शरीर को प्यार करके हट जाते हो. कभी मेरे अंदर भी झाँक कर देखो आशुतोष. इस सुंदर शरीर के अंदर एक अंधेरा भरा हुआ है जहा सिर्फ़ दर्द और तन्हाई के सिवा कुछ और नही है.”

 
अपर्णा तुम्हारी कसम खा कर कहता हूँ मेरा प्यार सिर्फ़ शारीरिक नही है. मैं तुम्हारा हर दर्द समझता हूँ.”
 
मम्मी-पापा की मौत के बाद घुट-घुट कर जी रही हूँ मैं. बिल्कुल भी मन नही लगता मेरा कही भी. रोज उनकी याद किसी ना किसी बहाने ही जाती है. फिर मैं खुद को गुनहगार मानती हूँ. मेरे कारण उन्हे इतनी बुरी मौत मिली. मेरे गम बाँट लिया करो आशुतोष कभी-कभीसिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद रखती हूँ. तुम भी निराश करोगे तो कहाँ जाउंगी मैं.”
 
तुम्हे मैने पहले भी बताया है कि 7 साल का था जब मेरे पेरेंट्स गुजर गये. खून के आँसू रोया था मैं. मौत का मतलब भी नही जानता था तब. जब मुझे बताया गया उनके बारे में तो यही लगा कि कही घूमने गये हैं. जानता हूँ तुम्हारे गम को और अच्छे से समझता भी हूँ. पर क्या हम इन गामो में ही डूबे रहेंगे. निकलो बाहर अपर्णा.”
 
मैने अपने पेरेंट्स को दुख के सिवा कुछ नही दिया. मेरी शादी बिखर जाने से बहुत दुखी थे वो. पर मेरा यकीन करो आशुतोष मैने कोशिश की थी रिस्ता निभाने की. पर उनकी हर रोज एक नयी डिमांड होती थी. शरम आती थी मुझे रोज-रोज अपने पापा से कुछ माँगते हुए. इतना कुछ लेकर भी उनका पेट नही भरता था. मैं सब कुछ छोड़ कर हमेशा के लिए अपने घर गयी. क्या मैने ये ग़लत किया था आशुतोष. क्या रिस्ते को हर हाल में निभाना चाहिए. पापा बहुत नाराज़ हुए थे मुझसे जब मैं सब कुछ छोड़ कर घर आई थी. काई दिन तक उन्होने बात तक नही की मुझसे. ये सब कुछ तुम्हे बताना चाहती हूँ और भी बहुत कुछ है दिल में जो तुमसे शेर करना चाहती हूँ. अगर तुम नही सुनोगे, मुझे नही समझोगे तो कहाँ जाउंगी मैं. अपने मन मंदिर में तुम्हे बैठा चुकी हूँ और किस से उम्मीद करूँ.”
 
सॉरी अपर्णाआय ऍम रियली सॉरी फॉर दट. मैं सच में बहुत कमीना हूँ. ये बात साबित हो गयी आज.”
 
अपर्णा ने आशुतोष के मुँह पर हाथ रख दिया और बोली, “बस खुद को कुछ मत कहो. तुम्हारे खिलाफ एक शब्द भी नही सुन सकती मैं. हां मैं खुद तुम्हे बहुत कुछ बोल देती हूँ गुस्से में. फिर बाद में बहुत पछताती भी हूँ.”
 
अच्छा ये बताओकपड़े उतार कर क्यों आई थी तुम मेरे पास?”
 
मैने सोचा जब तुम्हे मेरा शरीर ही चाहिए तो समर्पित कर देती हूँ खुद को तुम्हारे आगे. सोच रही थी कि शायद उसके बाद हम प्यार में और आगे बढ़ पाएँगे. ये शरीर तुम्हारा ही तो हैतुम्हे देने में हर्ज़ ही क्या है.”
 
अपर्णा हम एक दूसरे को अभी समझ नही पाए हैं इसलिए ये बातें हो रही हैं. देखना आगे से कोई भी शिकायत का मोका नही दूँगा तुम्हे. तुम्हारे हर दुख में साथ हूँ मैं अपर्णा. तुम अकेली नही हो. तुमने अपने पेरेंट्स को अब खोया हैमैने तो बचपन में ही खो दिया था. ये दर्द मेरे लिए इतना कामन और नॅचुरल है कि तुम्हारे दर्द को कभी समझ ही नही पाया. यही मेरी सबसे बड़ी भूल थी. मुझे माफ़ कर दो अपर्णा. आयेज से ऐसा नही होगा. चलो बिस्तर पर लेट कर आराम से बातें करते हैं.”
 
आशु आइ लव यू सो मच. मुझे उम्मीद थी कि तुम मेरी बात समझोगे. तुम्हारी आँखो में मैने वो इंसान देखा है जो मेरी हर बात समझता है. तुमसे प्यार यू ही नही कर लिया मैने. एक अच्छे इंसान की छवि देखी थी तुम्हारी आँखो में.”
 
मैं जितना भी कमीना सही पर बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे. कुछ भी कर सकता हूँ तुम्हारे लिए. जितना खुश मैं अब हूँ इतना खुश जींदगी में कभी नही रहा. मम्मी पापा की मौत के बाद अब मैं जीना सीख रहा हूँ वरना तो खुद को यहाँ वहाँ घसीट रहा था. तुमने मेरी जींदगी को खूबसूरत बना दिया है अपर्णा इतना खूबसूरत कि मैं पागल हो गया हूँ. इस पागल पन में तुम्हारे साथ बहुत कुछ कर बैठायकीन मानो हर बात में मेरा प्यार ही था.”
 
आशुतोष थोड़ा कन्सर्वेटिव हूँ मैं. कही मेरा ये बिहेवियर तुम्हे मुझसे दूर तो नही कर देगा.”
 
पागल हो क्या. तुमसे तो किसी हाल में भी दूर नही जाने वाला. तुम तो मेरी जान होआशुतोष ने अपर्णा को ज़ोर से जाकड़ कर कहा.
 
तो थोड़ा कंट्रोल रखोगे ना अब तुम, आटीस्ट जब तक हमारी शादी नही हो जाती.”
 
यही पाप मुझसे नही होगा अपर्णा बाकी तुम कुछ भी माँग लो. दीवाना बन गया हूँ तुम्हाराचाहूं भी तो भी खुद को रोक नही सकता.”
 
उफ्फ मतलब बात वही की वही रही…”
 
बिल्कुल नहीअब से तुम्हारे दिल की धड़कनो को ध्यान से सुनूँगा. तुम्हारी म्रिग्नय्नि आँखो में ध्यान से देखूँगा. समझने की कोशिश करूँगा अपनी अपर्णा को. चेहरे पर कोई भी शिकन नही आने दूँगा. आँखो में आँसू आएँगे तो मैं उन्हे अमृत समझ कर पी लूँगा. तुम्हारे दुख और तकलीफ़ खुद खुद मेरी आत्मा तक पहुँच जाएँगे. सब कुछ करूँगा पर मेरा हक़ नही छोड़ सकता. आख़िर आशिक़ हूँ तुम्हारा तुम्हारे हुस्न से खेलने का हक़ बनता है मेरा…”
 
बहुत खूब मेरे दीवानेतुम तो प्यार की नयी मिसाल कायम करोगे शायद.”
 
बिल्कुल करूँगा. तुम साथ दोगि तो मिसाल कायम हो ही जाएगी.” आशुतोष ने हंसते हुए कहा.
 
फिर तो जंग रहेगी तुम्हारे मेरे बीच.” अपर्णा ने भी हंसते हुए कहा.
 
जंग तो शुरू से चल रही है हमारे बीच इसमे नया क्या है. लेकिन अब और मज़ा आएगा.”
 
चलो छोड़ो मुझे मैं अपने दुश्मन के गले लग कर क्यों रहूं.”
 
क्योंकि प्यार करती हैं आप मुझसे कोई मज़ाक नहीजंग में कई बार दुश्मन भी गले मिलते हैं.”
 
तुम सच में पागल हो आशुतोष.”
 
हां तुम्हारे प्यार में पागल हहेहहेचलो अब सोते हैं.” आशुतोष अपर्णा को लेकर बिस्तर की तरफ चल दिया.
 
मैं भला अपने दुश्मन के साथ क्यों लेतू.”
 
अभी जंग में विराम चल रहा हैसाथ लेट सकती हो कोई दिक्कत नही है.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान लिए आशुतोष के साथ बिस्तर पर गयी. आशुतोष ने लाइट बंद कर दी और अपर्णा को बाहों में भर लिया.
 
कब करोगी मुझसे शादी
 
मैं तो कल कर लूँगी पर डाइवोर्स नही हुआ अभी. वो होते ही कर लेंगे हम शादी.”
 
वैसे तुमने बहुत बड़ा जोखिम लिया था कपड़े उतार कर मेरे पास आने का.”
 
बहुत भावुक हो गयी थी आशु .. सॉरीदुबारा ऐसा नही होगा. मैं भी कम पागल नही हूँ तुम्हारे लिए. गुस्सा थी तुमसे बहुत ज़्यादा फिर भी तुम्हारे पास गयी थी वो भी कपड़े उतार कर.”
 
मैं भड़क जाता ना तो पछताती तुम बहुत. आज रात ही काम्सुत्र के सारे आसान आज़मा लेता तुम्हारे उपर फिर तुम्हे पता चलता कि मेरे पास कपड़े उतार कर आने का क्या मतलब होता है.”
 
डराओ मत मुझे तुम वरना शादी नही करूँगी तुमसे.”
 
मत करना शादीये प्यार काफ़ी है मेरे लिए तुम पर हक़ जताने के लिए. तुम्हे मन से पत्नी मान चुका हूँ.”
 
अब क्या कहूँ तुम्हेआइ लव यू. लेकिन अपनी जंग जारी रहेगीशादी से पहले कुछ नही हहेहहे.”
 
एक पप्पी तो दे दो फिलहाल उसमें तो कोई जंग नही है हमारे बीच. कोल्गेट तो कर ही रखा होगा तुमने.”
 
हां कोल्गेट तो कर रखा है.” बस इतना ही कहा अपर्णा ने.
 
आशुतोष आगे बढ़ा और अपने होंतों को अपर्णा के होंटो पर टिका दिया. अपर्णा ने आशुतोष के होंटो को अपने होंटो में जकड़ने में ज़रा भी देरी नही की. ये एक ऐसी किस थी जिसमे प्यार के साथ साथ एक अंडरस्टॅंडिंग भी शामिल थी. दोनो एक प्यारी सी जंग के लिए तैयार थे.
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 03-01-2020, 10:38 AM



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