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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Tongue 
Update 104

 
आशुतोष बिस्तर से उठा और ज़मीन पर एक चटाई बिछा कर उस पर तकिया रख कर लेट गया. अपर्णा समझ गयी कि आशुतोष ने बिस्तर उसके लिए छोड़ दिया है. अपर्णा बिस्तर पर बैठ गयी और घुटनो में सर छुपा कर शूबकने लगी.
 
मेरी भावनाओ की ज़रा भी कदर नही करते तुमप्यार क्या निभाओगे तुम. जब से प्यार हुआ है क्या तुमने कुछ भी जान-ने की कोशिश की मेरे बारे में. क्या पूछा तुमने कभी कि कैसा फील करती हूँ मैं अपने मम्मी पापा के बिना. क्या पूछा तुमने कभी कि क्यों मेरी पहली शादी बिखर गयी. नही तुम्हे मेरे दुख दर्द से कोई लेना देना नही है. बस मेरा शरीर चाहिए तुम्हे और वो भी तुरंत. थोड़ा सा भी वेट नही कर सकते. हवस के पुजारी हो तुमजिसे औरत के शरीर के सिवा कुछ नही दीखता. क्यों मेरे दिल में झाँकने की कोशिश नही करते तुम.क्यों मेरे शरीर पर ही रुक जाते हो तुम. क्या इसी को प्यार कहते हो तुम. क्या तुम्हे पता भी है किस हाल में हूँ मैं एर कैसे एक-एक दिन जी रही हूँ.मम्मी पापा की मौत के बाद पूरी तरह बिखर चुकी हूँ. तुम्हारे प्यार ने जीवन में एक उम्मीद की किरण सी देखाई थी मगर अब सब ख़तम सा होता दीख रहा है. ये प्यार बस शरीर तक ही रह गया है...इस से आगे नही बढ़ पा रहा है.,” अपर्णा सुबक्ते हुए सोच रही थी.
 
आशुतोष अपर्णा के दिल की मनोस्थिति से बेख़बर चुपचाप पड़ा था आँखे बंद किए. “मैं प्यार करता हूँ आपको और आप इसे शरीर से खेलना समझती हैं. पता नही कौन सी दुनिया से हैं आप. ज़रा सी नज़दीकी और छेड़ छाड़ बर्दास्त नही आपको. शादी के बाद भी यही सब चलेगा शायद. ये प्यार मुझे बर्बादी की तरफ ले जा रहा है. आपका योवन मुझे भड़का देता है और मैं आपकी तरफ खींचा चला आता हूँ. बदले में मुझे गालियाँ और तिरस्कार मिलता है आपका. प्यार ये रंग देखायगा सोचा नही था कभी.”
 
अचानक अपर्णा ने अपने आँसू पोंछे. उसने मन ही मन कुछ फ़ैसला किया था. वो बिस्तर से उठी और कमरे की लाइट बंद कर दी. कुछ देर बाद वो झीजकते हुए आशुतोष की चटाई के पास गयी और उसके पास लेट गयी. आशुतोष को पता तो चल गया था कि अपर्णा उसके पास लेट गयी है आकर पर फिर भी चुपचाप आँखे बंद किए पड़ा रहा.
 
आशुतोष नाराज़ रहोगे मुझसे?”
 
आपका रोज का यही नाटक है. पहले मुझे कुत्ते की तरह खुद से दूर भगा देती हो फिर खुद मेरे पास जाती हो.” आशुतोष ने कहा.
 
क्या करूँ तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ. तुमसे दूर नही रह सकती. ना ही तुम्हारी नाराज़गी बर्दास्त कर सकती हूँ.”
 
कल भी यही कहा था आपने ये सब मज़ाक है और कुछ नही.” आशुतोष ने कहा.
 
मज़ाक नही है ये सच है. तुमसे बहुत नाराज़ हूँ फिर भी यहा तुम्हारे पास आई हूँ क्योंकि तुमसे बहुत प्यार करती हूँ.” अपर्णा सुबक्ते हुए बोली.
 
आशुतोष मन ही मन मुस्कुरा रहा था ये सब सुन कर. बाहों में भर लेना चाहता था अपर्णा को इस मासूम प्यार के लिए पर पता नही क्यों अपर्णा को थोड़ा और सताने का मूड था उसका. “तो क्या कोई अहसान कर रही हो मुझ पर.” आशुतोष ने कहा.
 
नही अहसान तो खुद पर कर रही हूँ..तुमसे दूर रह कर जी नही सकती ना इसलिए अहसान खुद पर कर रही हूँ. तुम पर अहसान क्यों करूँगीतुम तो जींदगी हो मेरी.” अपर्णा ने फिर से सुबक्ते हुए कहा.
 
अब आशुतोष से रहा नही गया और उसने बाहों में भर लिया अपर्णा को. मगर जैसे ही उसने उसे बाहों में लिया वो हैरान रह गया. वो फ़ौरन अपर्णा से अलग हो गया.
 
अपर्णा ये सब क्या है तुम कपड़े उतार कर क्यों आई हो मेरे पास.”
 
पता नही क्यों आई हूँ बस गयी हूँ किसी तरह. आगे तुम संभाल लो.”
 
क्या पागलपन है ये. कहाँ है कपड़े तुम्हारे?”
 
बिस्तर पर पड़े हैं.”
 
आशुतोष अंधेरे में बिस्तर की तरफ बढ़ा और वहाँ से कपड़े उठा कर अपर्णा के उपर फेंक दिए, “पहनो जल्दी वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा. तुमने ऐसा करके अपमान किया है मेरे प्यार का. मैं तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगा. तुमने तमाचा मारा है मेरे मुँह पर ये सब करके. यही साबित करना चाहती हो ना कि मैं हवस का पुजारी हूँ और तुम सती सावित्री हो जिसे मैं मजबूर करता हूँ सेक्स के लिए. मान गये आपको. आप तो साइको से भी ज़्यादा ख़तरनाक गेम खेल गयी मेरे साथ. आइ हेट यू. आप ना प्यार के लायक हैं और ना शादी के लायक हैं. अब समझ में आया क्यों आपकी पहली शादी नही चल पाई. आप रिस्ते निभा ही नही सकती.” आशुतोष ने कहा.
 
अपर्णा ने ये सब सुनते ही फूट-फूट कर रोने लगी. इतनी ज़ोर से रो रही थी वो कि आशुतोष के कान फॅट रहे थे उसका रोना सुन कर.
 
ये क्या तमासा है बंद करो ये नाटक!” आशुतोष ज़ोर से चिल्लाया.
 
अपर्णा सुबक्ते हुए उठी और अपने कपड़े पहन कर वापिस वही लेट गयी चटाई पर. आशुतोष पाँव लटका कर बिस्तर पर बैठ गया.
 
कमरे में एक दम खामोसी छा गयी

अपर्णा पड़ी-पड़ी सूबक रही थी और आशुतोष अपना सर पकड़ कर बैठा था.
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 03-01-2020, 10:26 AM



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