03-01-2020, 10:09 AM
गौरव ने सभी का स्वागत किया घर पर.
“हम यहा एक ख़ास मकसद से इक्कथा हुए हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि शहर में साइको ने ख़ौफ़ मचा रखा है. हम सभी का कभी ना कभी सामना हो चुका है साइको से. इसलिए ये हमारी मोरल ड्यूटी बनती है की उसे पकड़ने की हर संभव कोशिश करें.” गौरव ने कहा.
“मेरा कभी सामना नही हुआ साइको से” ऋतू ने कहा.
“ओह मुझे लगा रिपोर्टर होने के नाते तुम भी कही ना कही टकरा गयी होहि साइको से. लेकिन एक बात सुन लीजिए. साइको बिना नकाब के रोज हम सभी के सामने घूम रहा है. वो नकाब इसलिए लगाता है अब क्योंकि वो समाज में अपनी इज़्ज़त खोने से डरता है. ऋतू तुम शायद साइको से ज़रूर मिली होगी पर तुम्हे ये नही पता कि वो साइको है.”
“ह्म्म इंट्रेस्टिंग.” ऋतू ने कहा.
“सर कल रात उसने बहुत अजीब किया अपर्णा के घर पर. उसकी क्या एक्सप्लनेशन है…वो सिर्फ़ पैंटिंग रखने नही आएगा घर पर.?” आशुतोष ने कहा
“इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए हम यहा इकट्ठा हुए हैं. चलिए हम सब मिल कर सोचते हैं कि उसने ऐसा क्यों किया होगा.”
“उसे अपने विक्टिम में ख़ौफ़ फैलाने में मज़ा आता है. हो सकता है वो बस ये काम करने गया हो कल रात अपर्णा के घर.” ऋतू ने कहा.
“लेकिन इसके लिए उसने बहुत बड़ा ख़तरा मोल लिया. कारण ज़रूर कोई बड़ा होना चाहिए.” गौरव ने कहा.
“हो सकता है कि वो पोलीस से डर से भाग गया हो?” सौरभ ने कहा.
“पर पोलीस बहुत देर से पहुँची थी. वो बहुत देर तक उपर घूमता रहा था.” आशुतोष ने कहा.
“जो पैंटिंग वो लाया था वो भी कोई फ्रेश पैंटिंग नही थी. इसलिए ये भी नही कह सकते कि वो पैंटिंग बना रहा था उपर.” गौरव ने कहा.
“गौरव तुम सही कह रहे थे. ये ज़रूर कोई मायाजाल है साइको का. उसने ऐसा क्यों किया ये सिर्फ़ वही बता सकता है.” सौरभ ने कहा.
“मायाजाल तो है पर मुझे यकीन है कि हम सब मिल कर इसे सुलझा सकते हैं.” गौरव ने कहा.
अपर्णा चुपचाप बैठी सब सुन रही थी. गौरव ने उसकी तरफ देखा और बोला, “अपर्णा तुम भी कुछ बोलो.हम सब यहाँ एक मकसद से इकट्ठा हुए हैं. इस से पहले की साइको हमारी आर्ट बना दे हमें उसकी आर्ट बनानी होगी. ये हम तभी कर पाएँगे जब हम उसे ढूंड लेंगे.”
“गौरव मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया है. मैने उसे देखा था और देख कर भूल गयी. अगर उसका चेहरा याद होता तो कुछ कर भी पाती…अब क्या करूँ कुछ समझ में नही आता.”
“कोई बात नही अपर्णा…तुम हमारे साथ हो यहा यही बड़ी बात है हमारे लिए. कुछ भी ध्यान आए तो शेर ज़रूर करना.” गौरव ने कहा
“हां शुवर.” अपर्णा ने कहा.
“हमारा प्लान ऑफ आक्षन क्या है?” आशुतोष ने कहा.
“हमें कर्नल के घर के रहश्य से परदा उठाना है. पता करना है कि वहाँ कौन रह रहा था. ये काम मैं और सौरभ करेंगे.” गौरव ने कहा.
“मेरे लिए क्या हुकुम है.” ऋतू ने पूछा.
“तुम कुछ भी इन्फर्मेशन नही लाई साइको के बारे में.” गौरव ने कहा.
“जितना तुम्हे पता है उतना ही मुझे पता है. ज़्यादा कुछ मैं भी नही जानती.” ऋतू ने कहा.
“लेकिन अब हमें सब कुछ जान-ना है इस बारे में. सभी एक दूसरे का नंबर ले लेते हैं. कोई भी नयी जानकारी मिलेगी किसी को तो तुरंत एक दूसरे से कॉंटॅक्ट करेंगे. और आशुतोष तुम हर वक्त सतर्क रहना. साइको फिर से आएगा वहाँ.”
“गौरव क्यों ना अपर्णा के घर के आस-पास ही हम भी एक कमरा ले लें. साइको अपर्णा के पीछे है. वो वही आएगा दुबारा. हम वही उसे ट्रॅप कर सकते हैं.”
“हां ठीक कह रहे हो. कल ही ये काम कर देंगे. दिन में हम चाहे कही भी रहें पर रात को अपर्णा के घर के आस-पास रहना ज़रूरी है.” गौरव ने कहा.
बाते करते करते 10:30 हो गये. सभी अपने अपने घर चल दिए.
गौरव आशुतोष और अपर्णा के साथ अपनी कार ले कर चल दिया. उसे हॉस्पिटल जाना था अंकिता से मिलने के लिए.
रास्ते में गौरव हॉस्पिटल की तरफ मूड गया और आशुतोष अपर्णा के घर की तरफ.