03-01-2020, 10:03 AM
जैसे ही उसने फोन जेब में रखा एक कार रुकी उसके सामने आकर. उसमे से ऋतू निकली बाहर और बोली, "क्या हुआ इनस्पेक्टर साहिब...आज पैदल कहाँ घूम रहे हैं."
"मैं अब इनस्पेक्टर नही हूँ...मेरा सस्पेंशन हो गया है."
"क्या? पर क्यों."
"आपने बदनाम जो कर दिया था मीडीया में हमें."
"देखिए पोलीस पर दबाव बना रही थी मैं और कुछ नही. नतिंग पर्सनल अगेन्स्ट यू."
"जानता हूँ...यही तो आपका काम है."
"उस दिन के लिए सॉरी. ज़्यादा तेज तो नही लगी थी आपको."
"कोई बात नही मैं वो सब भूल चुका हूँ. ऋतू तुम भी काफ़ी समय से इस केस को फॉलो कर रही हो. क्या एक काम कर सकती हो."
"हां बोलो."
"पोलीस से तो निकल गया हूँ पर इस केस को सॉल्व करके रहूँगा मैं. हम एक टीम बना रहे हैं...क्या तुम शामिल होना चाहोगी. बहुत हेल्प मिलेगी हमें."
"ऑफ कोर्स मैं साथ हूँ तुम्हारे. बताओ क्या करना है."
"आज रात ठीक 9 बजे मेरे घर पहुँच जाना. और तुम्हारे पास अब तक की जो भी जानकारी हो लेती आना."
"ओके आ जाउंगी मैं ठीक 9 बजे."
ऋतू कार में बैठ कर चली गयी.
"मिस्टर साइको बेसक मेरी नौकरी चली गयी मगर तुम्हारी तलाश अभी बाकी है. छोड़ूँगा नही तुम्हे मैं." गौरव ने मन ही मन सोचा.
"मैं अब इनस्पेक्टर नही हूँ...मेरा सस्पेंशन हो गया है."
"क्या? पर क्यों."
"आपने बदनाम जो कर दिया था मीडीया में हमें."
"देखिए पोलीस पर दबाव बना रही थी मैं और कुछ नही. नतिंग पर्सनल अगेन्स्ट यू."
"जानता हूँ...यही तो आपका काम है."
"उस दिन के लिए सॉरी. ज़्यादा तेज तो नही लगी थी आपको."
"कोई बात नही मैं वो सब भूल चुका हूँ. ऋतू तुम भी काफ़ी समय से इस केस को फॉलो कर रही हो. क्या एक काम कर सकती हो."
"हां बोलो."
"पोलीस से तो निकल गया हूँ पर इस केस को सॉल्व करके रहूँगा मैं. हम एक टीम बना रहे हैं...क्या तुम शामिल होना चाहोगी. बहुत हेल्प मिलेगी हमें."
"ऑफ कोर्स मैं साथ हूँ तुम्हारे. बताओ क्या करना है."
"आज रात ठीक 9 बजे मेरे घर पहुँच जाना. और तुम्हारे पास अब तक की जो भी जानकारी हो लेती आना."
"ओके आ जाउंगी मैं ठीक 9 बजे."
ऋतू कार में बैठ कर चली गयी.
"मिस्टर साइको बेसक मेरी नौकरी चली गयी मगर तुम्हारी तलाश अभी बाकी है. छोड़ूँगा नही तुम्हे मैं." गौरव ने मन ही मन सोचा.