Thread Rating:
  • 9 Vote(s) - 3.11 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery सोलवां सावन
#30
अाठवीं फुहार 


सुनील के नाम 



[Image: Male-Sunil1.md.jpg]

थोड़ी ही देर में हम लोग उस गन्ने के खेत के पास पहुँच गये थे जहां कल चन्दा सुनील के साथ… चन्दा ने मेरा हाथ पकड़कर, मुझसे बिनती करते हुए कहा- 



“सुन, मेरा एक काम कर दे प्लीज, सुनील ने… मेरा आज सुबह से मन कर रहा था, पर सुनील ने एक शर्त रख दी है, कि जब तक… तब तक वह मुझे हाथ भी नहीं लगायेगा, बस तू ही मुझे हेल्प कर सकती है…” 





मैं समझ तो गयी थी और ये सोच के मेरे मन में गुदगुदी भी हो रही थी कि ये लड़के मेरे कितने दीवाने हैं, पर बनावटी ढंग से मैं बोली-



“ठीक है बता ना क्या करना है, मैं तेरी पक्की सहेली हूं… कर दूंगी अगर तू कहेगी…” 





“सच… पर पहले प्रामिस कर मेरी कसम खा, मैं जो कहुंगी… सुनने के बाद मुकर तो नहीं जायेगी…” चन्दा ने लगभग विनती करते कहा।

“हां हां, ठीक है, जो तू कहेगी, करूंगी, करूंगी, करूंगी…” 





यह सुनते ही चन्दा लगभग घसीटते हुए, मुझे गन्ने के खेत के अंदर खींच ले गयी-




[Image: sugarcane.jpg]



“तो चल प्लीज़ एक बार सुनील से करवा ले, उसने कहा कि मैं जब उसे… तुम्हारी दिलवाऊँगी तभी वह मेरे साथ करेगा… करवा ले ना, बस एक बार मेरी अच्छी सहेली…” 




न्ने के घने खेत में हम बीच में पहुँच गये थे और वहां सुनील खड़ा था। मुझे देखकर, सुनील एकदम खुशी से जैसे पागल हो गया हो, वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। 





चन्दा ने कहा- 



“देखो, तेरी मुराद पूरी करवा दी अब तुम हो और ये, जो करना हो करो… मैं चलती हूं…” 





मैं भी चन्दा के साथ चलने के लिये मुड़ी पर सुनील ने मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया। 





उस पकड़ा धकड़ी में मेरा आंचल नीचे गिर गया और मेरी कसी लो कट लाल चोली के अंदर तने हुए मेरे सर उठाये दोनों मस्त जोबन साफ-साफ दिख रहे थे। सुनील का तो मुँह खुले का खुला रह गया। 



वह जमीन पर बैठ गया था और मुझे पकड़कर अपनी गोद में बैठाये हुये था। वह मेरे गुलाबी रसीले होंठ बार चूम चूस रहा था, पर मेरे तने, कड़े-कड़े जोबन को देखकर उससे नहीं रहा गया और चोली के ऊपर से ही उन्हें चूमने, काटने लगा। 


[Image: blouse-6.md.jpg]






“अरे इतने बेसबर हो रहे हो… ऊपर से ही…” मैंने उसे चिढ़ाया। 





“तुम्हारे जोबन हैं ही ऐसे, तुम क्या जानो मैं कैसे इनके लिये तड़प रहा था, लेकिन तुम ठीक कहती हो…” 




मेरी चोली इतनी कसी और तंग थी कि उसके हाथ लगाते ही ऊपर के दोनों हुक खुल गये और चूचुक तक मेरे मदमस्त, खड़े, गोरे-गोरे, जोबन बाहर हो गये। पर मैंने हाथ से नीचे चोली कस के पकड़ ली जिससे वह पूरी चोली ना खोल पाये। 


थोड़ी देर तक कोशिश के बाद उसने पैंतरा बदला और अपने हाथ नीचे ले जाकर मेरी साड़ी जांघों तक उठा ली और मुझे नीचे से… मैंने तुरंत अपने दोनों हाथ नीचे करके उसे अपनी साड़ी पूरी तरह खोलने से रोका। वहां तो मैं बचा ले गयी पर तब तक अचानक उसने मेरी चोली के सारे हुक खोल दिये और मेरे जोबन को पकड़ के दबाने लगा। 





“नहीं… नहीं छोड़ो ना मुझे शर्म लगा रही है…” मैं उसका हाथ हटाने की कोशिश करने लगी।





पर उसकी ताकत के आगे मेरा क्या जोर चलता, हां, मेरे दोनों हाथ जब जोबन को बचाने के चक्कर में थे तो उसने हँसते हुए मेरी साड़ी पूरी उठा दी और अब उसका एक हाथ कस के मेरी चूत को पकड़े हुए था 



और दूसरा जोबन की रगड़ाई कर रहा था। मैं ऊपर से मना भले कर रही थी पर मेरे दोनों निपल मस्ती में कड़े हो रहे थे। 



[Image: nips-J-tumblr_nso25e9bpw1sajoh5o1_500.md.jpg]




थोड़ी देर तक चूत को सहलाने मसलने के बाद उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा। उसका एक हाथ मेरी गोरी-गोरी कमसिन चूची का रस ले रहा था और दूसरा, निपल को पकड़कर खींच रहा था। उसने मुझे इस तरह उठाकर अपनी गोद में बिठा लिया की मेरे चूतड़ भी नंगे होकर उसकी गोद में हो गये थे। 





अब मैं समझ गयी कि बचना मुश्किल है (वैसे भी बचना कौन बेवकूफ चाहती थी), तो मैंने पैंतरा बदला- 

“अरे, तुमने मेरी चोली और साड़ी दोनों खोल ली, मेरा सब कुछ देख लिया, तो अपना ये मोटा खूंटा क्यों छिपाकर रखा है…” 



उसके पाजामा फाड़ते, मोटे खूंटे पर अपना चूतड़ रगड़ते मैं बोली। 





“देखती जाओ, अभी तुम्हें अपना ये मोटा खूंटा दिखाऊँगा भी और घोंटाऊँगा भी और एक बार इसका स्वाद चख लोगी ना तो इसकी दीवानी हो जओगी…” 

[Image: pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif]



ये कहते हुए उसने कस के अपनी उंगली पूरी तरह चुत के अंदर डालकर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया। 





मेरी चूत पूरी तरह गीली हो गयी थी और मैं सिसकियां भर रही थी। उसने मुझे जमीन पर, कल जैसे चन्दा लेटी थी, साया और साड़ी कमर तक करके, वैसे ही लिटा दिया। जब उसने अपना पाजामा खोला और उसका मोटा लंबा लण्ड बाहर निकला तो मेरी तो सिसकी ही निकल गई। उसने उसे मेरे कोमल किशोर हाथ में पकड़ा दिया। 



कितना सख्त और मोटा… अजय से भी थोड़ा मोटा ही था। 





मेरा ध्यान तब हटा जब सुनील की आवाज सुनाई दी- 



“क्यों पसंद आया, जरा उसको आगे पीछे करो, इसका सुपाड़ा खोलो… असली मजा तो तब आयेगा जब तुम्हारी गुलाबी चूत इसको घोंटेगी…” 

[Image: Joru-K-holding-cock-6.jpg]



मैंने अपने कोमल हाथों से उसको कस के पकड़ते हुए, आगे पीछे किया और एक बार जोर लगाकर जब उसका चमड़ा आगे किया, तो गुलाबी, खूब बड़ा सुपाड़ा सामने आ गया। उसके ऊपर कुछ रिस रहा था। 




सुनील मेरी दोनों गोरी लंबी टांगों के बीच आ गया और बिना कुछ देर किये, उसने मेरी टांगें अपने कंधे पर रख लीं। उसने अपने एक हाथ से मेरी गीली चूत फैलायी और दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा मेरी चूत पर लगाया। जब तक मैं कुछ समझती, उसने मेरी दोनों चूचियां पकड़कर पूरी ताकत से इत्ती कस के धक्का लगाया की उसका पूरा सुपाड़ा मेरी चूत के अंदर था। 

मेरी बहुत कस के चीख निकल गयी। 


[Image: fucking-cu-146994_08.jpg]
Like Reply


Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 31-01-2019, 02:00 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



Users browsing this thread: 46 Guest(s)