02-01-2020, 07:13 PM
Update 102
सुबह 8 बजे जब दूध वाले ने बेल बजाई तब अपर्णा की आँख खुली. वो पेट के बल पड़ी थी और आशुतोष उसके उभारों पर हाथ और टाँगो पर टाँग डाले पड़ा था.
अपर्णा ने धीरे से आशुतोष का हाथ अपने उभारों से हटाया, “बदमाश कही का नींद में भी चैन नही इसे.”
मगर आशुतोष की आँख खुल गयी और वो बोला, “क्या हुआ?”
“सुबह हो गयी है”
“अरे हम दोनो साथ सो गये थे…मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा.”
“दूध वाला है शायद. हटो मुझे जाने दो.”
“ऐसी नींद कभी नही आई जींदगी में. आने वाली जींदगी बहुत हसीन नज़र आ रही है मुझे. थॅंक यू अपर्णा मेरी जींदगी में आने के लिए.”
अपर्णा शर्मा गयी ये सुन कर और बोली, “बस…बस रहने दो प्यार हो चुका है अब. फ्लर्ट की ज़रूरत नही है तुम्हे.”
“आपसे कभी फ्लर्ट नही किया. बस प्यार किया है.”
“तुम सच में पागल हो.”
“आपके प्यार में पागल हहहे.”
अपर्णा उठ कर चली गयी दूध लेने और आशुतोष आँखे बंद करके वापिस हसीन ख़यालों में खो गया.
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सुबह 8 बजे जब दूध वाले ने बेल बजाई तब अपर्णा की आँख खुली. वो पेट के बल पड़ी थी और आशुतोष उसके उभारों पर हाथ और टाँगो पर टाँग डाले पड़ा था.
अपर्णा ने धीरे से आशुतोष का हाथ अपने उभारों से हटाया, “बदमाश कही का नींद में भी चैन नही इसे.”
मगर आशुतोष की आँख खुल गयी और वो बोला, “क्या हुआ?”
“सुबह हो गयी है”
“अरे हम दोनो साथ सो गये थे…मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा.”
“दूध वाला है शायद. हटो मुझे जाने दो.”
“ऐसी नींद कभी नही आई जींदगी में. आने वाली जींदगी बहुत हसीन नज़र आ रही है मुझे. थॅंक यू अपर्णा मेरी जींदगी में आने के लिए.”
अपर्णा शर्मा गयी ये सुन कर और बोली, “बस…बस रहने दो प्यार हो चुका है अब. फ्लर्ट की ज़रूरत नही है तुम्हे.”
“आपसे कभी फ्लर्ट नही किया. बस प्यार किया है.”
“तुम सच में पागल हो.”
“आपके प्यार में पागल हहहे.”
अपर्णा उठ कर चली गयी दूध लेने और आशुतोष आँखे बंद करके वापिस हसीन ख़यालों में खो गया.
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