02-01-2020, 07:07 PM
Update 101
"आशुतोष तुम अपर्णा के साथ ही रहो...नीचे हर तरफ नज़र रखना."
"जी सर." आशुतोष ने कहा.
गौरव उपर पहुँचा तो हैरान रह गया. अपर्णा के कमरे में बिस्तर पर एक पैंटिंग पड़ी थी. साइको कहीं नही दीख रहा था.
"हर तरफ ध्यान से देखो...वो ज़रूर यही कही होगा." गौरव ने कहा.
गौरव ने पैंटिंग को गौर से देखा. पैंटिंग में घुटनो पर सर टीका कर एक लड़की बैठी थी. उसकी पीठ में खंजर गढ़ा था. लड़की का चेहरा अपर्णा से मिलता जुलता था. लड़की के चारो तरफ हरी हरी घास थी.
"सर यहाँ कोई भी नही है."
"ऐसा कैसे हो सकता है. दुबारा अच्छे से चेक करो."
गौरव ने खुद उपर के फ्लोर को अच्छे से चेक किया पर वहाँ साइको का नामो निशान नही था.
"हमारे आते ही निकल गया क्या वो. इतना डरपोक है तो क्यों करता है ये काम." गौरव ने सोचा.
"आशुतोष ने कहा कि वो बहुत देर से उपर ही था. क्या कर रहा था वो यहा? क्या वो अपर्णा के लिए नही आया था यहाँ? क्या उसे सिर्फ़ ये पैंटिंग रखनी थी यहाँ? या फिर हो सकता है कि हमारे साइरन की आवाज़ सुन कर भागा हो. साइको का मायाजाल है ये...कुछ भी हो सकता है."
घर के आस-पास हर तरफ देखा गया मगर साइको नही मिला.
“वो अपर्णा के कमरे की खिड़की से दाखिल हुआ था अंदर. खिड़की का दरवाजा टूटा हुआ है.” गौरव ने कहा.
“सर बहुत देर रहा उपर वो…क्या किया होगा उसने उपर इतनी देर?” आशुतोष ने पूछा
“उपर एक पैंटिंग पड़ी है…लेकिन वो यहाँ आकर तो नही बनाई उसने. कलर फ्रेश तो नही हैं. पता नही क्या किया उसने इतनी देर उपर. शायद दहशत फैलाना चाहता हो अपर्णा के मन में. या फिर वो नीचे आता थोड़ी देर में पर पोलीस के आते ही भाग गया.”
“सर यहाँ जो लोग भी थे मेरे साथ सब मार दिए उसने. बंदूक की गोली की एक आवाज़ तक नही सुनाई दी. सभी को सूट किया उसने छुप कर.” आशुतोष ने कहा.
“ह्म्म्म…बहुत बुरा हुआ…ये पोलीस वालो को मारे जा रहा है और हम कुछ नही कर पा रहे.”
“सर आज बचता नही वो अगर नीचे आता तो. हमने आयिल गिराया था सीढ़ियों पर लेकिन वो हमारे जाल में फँसा ही नही.”
“मैं तुम्हे दूसरे लोग दे देता हूँ…फिलहाल निकलता हूँ. शहर में एक राउंड ले लेता हूँ. कही से तो भागा होगा वो.” गौरव ने कहा.
गौरव 4 कॉन्स्टेबल और 2 गन्मन वही छोड़ कर चला गया. मोबायल जॅमर का कुछ पता नही चला. वैसे फोन में सिग्नल वापिस आ गया था. शायद साइको अपना जॅमर वापिस ले गया था.
गौरव के जाने के बाद आशुतोष ने कॉन्स्टेबल्स और गन्मन को तैनात कर दिया.
"आशुतोष तुम अपर्णा के साथ ही रहो...नीचे हर तरफ नज़र रखना."
"जी सर." आशुतोष ने कहा.
गौरव उपर पहुँचा तो हैरान रह गया. अपर्णा के कमरे में बिस्तर पर एक पैंटिंग पड़ी थी. साइको कहीं नही दीख रहा था.
"हर तरफ ध्यान से देखो...वो ज़रूर यही कही होगा." गौरव ने कहा.
गौरव ने पैंटिंग को गौर से देखा. पैंटिंग में घुटनो पर सर टीका कर एक लड़की बैठी थी. उसकी पीठ में खंजर गढ़ा था. लड़की का चेहरा अपर्णा से मिलता जुलता था. लड़की के चारो तरफ हरी हरी घास थी.
"सर यहाँ कोई भी नही है."
"ऐसा कैसे हो सकता है. दुबारा अच्छे से चेक करो."
गौरव ने खुद उपर के फ्लोर को अच्छे से चेक किया पर वहाँ साइको का नामो निशान नही था.
"हमारे आते ही निकल गया क्या वो. इतना डरपोक है तो क्यों करता है ये काम." गौरव ने सोचा.
"आशुतोष ने कहा कि वो बहुत देर से उपर ही था. क्या कर रहा था वो यहा? क्या वो अपर्णा के लिए नही आया था यहाँ? क्या उसे सिर्फ़ ये पैंटिंग रखनी थी यहाँ? या फिर हो सकता है कि हमारे साइरन की आवाज़ सुन कर भागा हो. साइको का मायाजाल है ये...कुछ भी हो सकता है."
घर के आस-पास हर तरफ देखा गया मगर साइको नही मिला.
“वो अपर्णा के कमरे की खिड़की से दाखिल हुआ था अंदर. खिड़की का दरवाजा टूटा हुआ है.” गौरव ने कहा.
“सर बहुत देर रहा उपर वो…क्या किया होगा उसने उपर इतनी देर?” आशुतोष ने पूछा
“उपर एक पैंटिंग पड़ी है…लेकिन वो यहाँ आकर तो नही बनाई उसने. कलर फ्रेश तो नही हैं. पता नही क्या किया उसने इतनी देर उपर. शायद दहशत फैलाना चाहता हो अपर्णा के मन में. या फिर वो नीचे आता थोड़ी देर में पर पोलीस के आते ही भाग गया.”
“सर यहाँ जो लोग भी थे मेरे साथ सब मार दिए उसने. बंदूक की गोली की एक आवाज़ तक नही सुनाई दी. सभी को सूट किया उसने छुप कर.” आशुतोष ने कहा.
“ह्म्म्म…बहुत बुरा हुआ…ये पोलीस वालो को मारे जा रहा है और हम कुछ नही कर पा रहे.”
“सर आज बचता नही वो अगर नीचे आता तो. हमने आयिल गिराया था सीढ़ियों पर लेकिन वो हमारे जाल में फँसा ही नही.”
“मैं तुम्हे दूसरे लोग दे देता हूँ…फिलहाल निकलता हूँ. शहर में एक राउंड ले लेता हूँ. कही से तो भागा होगा वो.” गौरव ने कहा.
गौरव 4 कॉन्स्टेबल और 2 गन्मन वही छोड़ कर चला गया. मोबायल जॅमर का कुछ पता नही चला. वैसे फोन में सिग्नल वापिस आ गया था. शायद साइको अपना जॅमर वापिस ले गया था.
गौरव के जाने के बाद आशुतोष ने कॉन्स्टेबल्स और गन्मन को तैनात कर दिया.