02-01-2020, 06:55 PM
सौरभ संजय की तलाश में जुटा था. उसने संजय के घर के आस पास इंक्वाइरी की. किसी को संजय के बारे में कुछ नही पता था. सौरभ इसीसी बॅंक भी गया. वहाँ भी कुछ पता नही चला.
“आख़िर गया कहाँ ये. इसे ज़मीन खा गयी या आसमान निगल गया. सिमरन की कार भी उसी के पास है अभी तक. चल कर उसकी पत्नी से ही बात करता हूँ. उसे ज़रूर कुछ पता होगा.” सौरभ ने सोचा.
सौरभ, मोनिका से मिलने उसके घर पहुँच गया. लेकिन वहां चल कर उसने पाया कि मोनिका खुद व्यथित है संजय को लेकर. उसे भी संजय का कुछ आता पता नही था.
सौरभ ने गौरव को फोन लगाया, “आप कह रहे थे ना कि आपने कॉन्स्टेबल्स लगा रखे हैं निगरानी के लिए संजय और कर्नल के घर. पर कोई देखाई तो दिया नही.”
“सब सिविल में होंगे. लेकिन अभी किसी ने कोई ख़ास खबर नही दी.”
“ह्म्म…सर ये संजय तो अभी तक गायब है. किसी को उसका कुछ अता पता नही. अब जबकि कर्नल से शक हट सा गया है, पूरा शक संजय पर गहराता जा रहा है. आपको क्या लगता है.”
“यार सच पूछो तो इतनी बार इतना कुछ लग चुका है कि अब कुछ समझ में नही आता कि मुझे क्या लगता है. ऐसा लगता है एक मायाजाल बना रखा है साइको ने हमारे चारो तरफ और हम लोग उसमें फँसते जा रहे हैं. वो हमें कठपुतलियों की तरह नचा रहा है.” गौरव ने कहा.
“हां लगता तो मुझे भी ऐसा ही है.”
“लेकिन मुझे यकीन है की एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब बाजी हमारे हाथ में होगी और हम एक गेम खेल रहे होंगे साइको के साथ.”
“मैं उस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा हूँ.” सौरभ ने कहा.
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“आख़िर गया कहाँ ये. इसे ज़मीन खा गयी या आसमान निगल गया. सिमरन की कार भी उसी के पास है अभी तक. चल कर उसकी पत्नी से ही बात करता हूँ. उसे ज़रूर कुछ पता होगा.” सौरभ ने सोचा.
सौरभ, मोनिका से मिलने उसके घर पहुँच गया. लेकिन वहां चल कर उसने पाया कि मोनिका खुद व्यथित है संजय को लेकर. उसे भी संजय का कुछ आता पता नही था.
सौरभ ने गौरव को फोन लगाया, “आप कह रहे थे ना कि आपने कॉन्स्टेबल्स लगा रखे हैं निगरानी के लिए संजय और कर्नल के घर. पर कोई देखाई तो दिया नही.”
“सब सिविल में होंगे. लेकिन अभी किसी ने कोई ख़ास खबर नही दी.”
“ह्म्म…सर ये संजय तो अभी तक गायब है. किसी को उसका कुछ अता पता नही. अब जबकि कर्नल से शक हट सा गया है, पूरा शक संजय पर गहराता जा रहा है. आपको क्या लगता है.”
“यार सच पूछो तो इतनी बार इतना कुछ लग चुका है कि अब कुछ समझ में नही आता कि मुझे क्या लगता है. ऐसा लगता है एक मायाजाल बना रखा है साइको ने हमारे चारो तरफ और हम लोग उसमें फँसते जा रहे हैं. वो हमें कठपुतलियों की तरह नचा रहा है.” गौरव ने कहा.
“हां लगता तो मुझे भी ऐसा ही है.”
“लेकिन मुझे यकीन है की एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब बाजी हमारे हाथ में होगी और हम एक गेम खेल रहे होंगे साइको के साथ.”
“मैं उस दिन का बेसब्री से इंतेज़ार कर रहा हूँ.” सौरभ ने कहा.
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