02-01-2020, 06:54 PM
Update 99
वो अंकिता के कमरे में घुसा तो देखा कि वहाँ चौहान खड़ा था.
“आओ गौरव” अंकिता ने कहा.
“कैसी हैं मेडम आप?” गौरव ने पूछा.
“ठीक है मिस्टर चौहान आप जायें और इतमीनान से अपनी बहन की सगाई की तैयारी करें.” अंकिता ने कहा.
“थॅंक यू मेडम” चौहान गौरव को घूरता हुआ कमरे से निकल गया.
“पता नही कैसी हूँ. जब पेट से ये पट्टी हटेगी तभी पता चलेगा की कैसी हूँ. आज हटा कर देखेंगे इसे.”
“सब ठीक रहेगा मेडम…आप चिंता मत करो.”
“चौहान अपनी सिस्टर की सगाई और शादी करने जा रहा है इसी हफ्ते. ये अचानक क्या हो गया इसे?” अंकिता ने पूछा.
गौरव चुप ही रहा. झूठ बोलना नही चाहता था और सच बोलने की हिम्मत नही थी.
“खैर तुम सुनाओ…कैसे हो.?” अंकिता ने पूछा.
“ठीक हूँ मेडम. एक नयी डेवेलपमेंट हुई है साइको के केस में.”
“कोई हैरानी नही हुई सुन कर. शुरू से यही तो हो रहा है इस केस में. बताओ क्या डेवेलपमेंट है.”
गौरव ने पूरी बात अंकिता को बता दी.
“ह्म्म…मतलब कर्नल की बजाए हमें अब इस अंजान व्यक्ति को ढूंडना होगा. और ज़्यादा कॉंप्लिकेटेड हो गया मामला तो.”
“जी मेडम…आपकी इजाज़त हो तो मैं भी लग जाउ काम पर.”
“मेरी इजाज़त चाहिए तुम्हे?”
“जी हां.”
“तुम्हारे घाव भर गये सब?”
“भर जाएँगे मेडम. चल फिर तो रहा ही हूँ. कोई दिक्कत नही है. ज़्यादा देर यहा नही बैठ सकता मैं. ये केस सॉल्व करना बहुत ज़रूरी है. पोलीस ऑफिसर्स को हॉस्पिटल पहुँचा दिया उसने. बहुत गंभीर बात है ये. मीडीया में थू-थू हो रही है पोलीस की. जल्द से जल्द कुछ करना होगा.”
“हम बदनाम होंगे तो क्या नाम ना होगा. ज़्यादा टेन्षन मत लो मीडीया की. इनका यही काम है.”
“मेडम आप कुछ बदली बदली सी हैं…आप मुझे बहुत कम डाँट रही हैं अब”
“तुम्हे डाँट खानी है क्या?”
“नही वो तो नही खानी?”
“फिर क्यों परेशान हो रहे हो.”
“कुछ नही वैसे ही पूछ रहा था.” गौरव ने हंसते हुए कहा.
“लगता है तुम्हे डाँट खाने की आदत पड़ गयी है” अंकिता ने भी हंसते हुए कहा.
“हां शायद.” गौरव ने कहा.
तभी डॉक्टर दाखिल हुआ कमरे में.
“हाउ आर यू नाओ.” डॉक्टर ने पूछा.
“ये तो आप ही बता सकते हैं.” अंकिता ने कहा.
“हम अभी ये ड्रेसिंग खोल कर देखते हैं. आइ होप दट एवेरितिंग विल बी फाइन.” डॉक्टर ने कहा.
गौरव बाहर आ गया कमरे से. डॉक्टर के जाने के बाद वो अंदर आया.
“क्या कहा डॉक्टर ने मेडम?”
“सब ठीक है. स्टिचस ठीक हैं. 2 दिन में छुट्टी मिल जाएगी.”
“बहुत खुशी हुई ये सुन कर मेडम. डॉक्टर ने अच्छा काम किया है.”
“तुम मुझे ना लेट तो कोई कुछ नही कर पाता.” अंकिता ने गौरव की आँखो में देख कर कहा. फिर से दोनो एक दूसरे की आँखो में डूब गये.
एक अनकहा प्यार पनप रहा था दोनो के बीच. जिसके बारे में कुछ कहने की हिम्मत दोनो ही नही जुटा पा रहे थे. प्यार भी अजीब चीज़ है.
………………………………………………………………………………
वो अंकिता के कमरे में घुसा तो देखा कि वहाँ चौहान खड़ा था.
“आओ गौरव” अंकिता ने कहा.
“कैसी हैं मेडम आप?” गौरव ने पूछा.
“ठीक है मिस्टर चौहान आप जायें और इतमीनान से अपनी बहन की सगाई की तैयारी करें.” अंकिता ने कहा.
“थॅंक यू मेडम” चौहान गौरव को घूरता हुआ कमरे से निकल गया.
“पता नही कैसी हूँ. जब पेट से ये पट्टी हटेगी तभी पता चलेगा की कैसी हूँ. आज हटा कर देखेंगे इसे.”
“सब ठीक रहेगा मेडम…आप चिंता मत करो.”
“चौहान अपनी सिस्टर की सगाई और शादी करने जा रहा है इसी हफ्ते. ये अचानक क्या हो गया इसे?” अंकिता ने पूछा.
गौरव चुप ही रहा. झूठ बोलना नही चाहता था और सच बोलने की हिम्मत नही थी.
“खैर तुम सुनाओ…कैसे हो.?” अंकिता ने पूछा.
“ठीक हूँ मेडम. एक नयी डेवेलपमेंट हुई है साइको के केस में.”
“कोई हैरानी नही हुई सुन कर. शुरू से यही तो हो रहा है इस केस में. बताओ क्या डेवेलपमेंट है.”
गौरव ने पूरी बात अंकिता को बता दी.
“ह्म्म…मतलब कर्नल की बजाए हमें अब इस अंजान व्यक्ति को ढूंडना होगा. और ज़्यादा कॉंप्लिकेटेड हो गया मामला तो.”
“जी मेडम…आपकी इजाज़त हो तो मैं भी लग जाउ काम पर.”
“मेरी इजाज़त चाहिए तुम्हे?”
“जी हां.”
“तुम्हारे घाव भर गये सब?”
“भर जाएँगे मेडम. चल फिर तो रहा ही हूँ. कोई दिक्कत नही है. ज़्यादा देर यहा नही बैठ सकता मैं. ये केस सॉल्व करना बहुत ज़रूरी है. पोलीस ऑफिसर्स को हॉस्पिटल पहुँचा दिया उसने. बहुत गंभीर बात है ये. मीडीया में थू-थू हो रही है पोलीस की. जल्द से जल्द कुछ करना होगा.”
“हम बदनाम होंगे तो क्या नाम ना होगा. ज़्यादा टेन्षन मत लो मीडीया की. इनका यही काम है.”
“मेडम आप कुछ बदली बदली सी हैं…आप मुझे बहुत कम डाँट रही हैं अब”
“तुम्हे डाँट खानी है क्या?”
“नही वो तो नही खानी?”
“फिर क्यों परेशान हो रहे हो.”
“कुछ नही वैसे ही पूछ रहा था.” गौरव ने हंसते हुए कहा.
“लगता है तुम्हे डाँट खाने की आदत पड़ गयी है” अंकिता ने भी हंसते हुए कहा.
“हां शायद.” गौरव ने कहा.
तभी डॉक्टर दाखिल हुआ कमरे में.
“हाउ आर यू नाओ.” डॉक्टर ने पूछा.
“ये तो आप ही बता सकते हैं.” अंकिता ने कहा.
“हम अभी ये ड्रेसिंग खोल कर देखते हैं. आइ होप दट एवेरितिंग विल बी फाइन.” डॉक्टर ने कहा.
गौरव बाहर आ गया कमरे से. डॉक्टर के जाने के बाद वो अंदर आया.
“क्या कहा डॉक्टर ने मेडम?”
“सब ठीक है. स्टिचस ठीक हैं. 2 दिन में छुट्टी मिल जाएगी.”
“बहुत खुशी हुई ये सुन कर मेडम. डॉक्टर ने अच्छा काम किया है.”
“तुम मुझे ना लेट तो कोई कुछ नही कर पाता.” अंकिता ने गौरव की आँखो में देख कर कहा. फिर से दोनो एक दूसरे की आँखो में डूब गये.
एक अनकहा प्यार पनप रहा था दोनो के बीच. जिसके बारे में कुछ कहने की हिम्मत दोनो ही नही जुटा पा रहे थे. प्यार भी अजीब चीज़ है.
………………………………………………………………………………