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Adultery मेहमान बेईमान
#41
मुझे समझ मे नही आ रहा था कि वो मेरा मज़ाक बना रहा था या मेरी तारीफ कर रहा है मैं अचरज भरी निगाहो से उसकी तरफ देखने लगी.

अरे भाभी जी सच मे आप सच मे बोहोत सुंदर हो. अपने पूरे गाँव मे आप जैसे सुंदर दुल्हन किसी की नही है. अपने बारे मे तारीफ सुन कर ना जाने क्यू मुझे अच्छा लगने लग गया. पर उपर से दिखावा करते हुए मैने उसे डाँट दिया.

बंद करो अपनी ये सब बकवास ओर अपने काम से काम रखो मनीष को आने दो मैं मनीष से तुम्हारी शिकायत करूगी. मैने उसे थोड़ा डराते हुए कहा.

कॉन सी वाली शिकायत भाभी जी.? आप के तिल वाले फोटो की या अभी थोड़ी देर पहले जो आपने ने खिड़की से देखा उसकी.?

हे भगवान.. मेरा मुँह खुला का खुला रह गया. यानी इसे सब पता था कि मैं खिड़की पर खड़े हुए सब देख रही थी. मेरे पास अब बोलने को कुछ नही था. मैं उसकी तरफ घूरते हुए वापस अपने कमरे मे आ गयी.


आज तक मैने खुद को कभी इतना असहाय महसूस नही किया था जितना की उस वक़्त कर रही थी. मैं कमरे मे ढंग से अभी आ भी नही पाई थी कि वो भी पीछे से आ गया.

वैसे भाभी जी एक बात पुच्छू आप को वो सब देख कर मज़ा आया कि नही. ? उसने अपनी बत्तीसी फाड़ते हुए कहा.

उसकी बात सुन कर मन तो ऐसा कर रहा था कि इसकी बत्तीसी तोड़ दू घूँसा मार कर पर कर कुछ भी नही सकती थी क्यूकी ग़लती मेरी ही थी जो मैने उसे खिड़की से खड़े हो कर देखा था ऑर इसी कारण उसने मुझे देख लिया था. ना मैं उसे खिड़की से देखती ना वो ये सब मुझसे कहने की हिम्मत करता.

भाभी जी आपने बताया नही आप को कैसा लगा ? उसने अपनी लूँगी के उपर से ही अपने लिंग को मसल्ते हुए कहा

उसकी आवाज़ सुन कर मैं अपने ख़यालो की दुनिया से बाहर आई. ना चाहते हुए भी मेरी नज़र उसकी लूँगी की तरफ चली गयी जिसमे से उसका लिंग लगभग टेंट की शकल बनाए हुए था. मेरी निगाहे जैसे कुछ पल के लिए वही अटक कर रह गयी. उसकी लूँगी मे उसका लिंग जिस तरह से झटके ले रहा था. मेरा तो गला सूखने लग गया उस सब को देख कर मैने जब देखा कि वो मेरी निगाहो की तरफ ही देख रहा है तो मैने फ़ौरन वहाँ से अपनी नज़र हटा ली.

ऐसे क्या देख रही है भाभी जी, आप ही का है. चाहो तो हाथ लगा कर देख लीजिए भाभी जी आप की ही सेवा के लिए है. कहते हुए उसने अपनी लूँगी अपने लिंग के उपर से हटा दी. जिस कारण उसका लिंग किसी साँप की तरह से फंफनता हुआ बाहर निकल आया.

इतना बड़ा लिंग वो भी इतने पास से देख कर मेरी तो जैसे साँसे ही अटक गयी थी.

उसकी इस अप्रतियशित हरकत से मैं बुरी तरह हॅड-बड़ा गयी. ऑर लग-भग हकलाते हुए उस से कहा “ये क्या बद-तमीज़ी है.? अपनी हद मे रहो.” यहाँ पर तुम अपने काम से काम रखो ऑर मेरे से फालतू की बात करने या इस तरह की कोई भी गंदी हरकत करने की ज़रूरत नही है. मैने उसे गुस्से से तिलमिलाते हुए कहा. मुझे सच मे उसकी इस हरकत पर इतना गुस्सा आ रहा था कि मन कर रहा था कि अभी इस के गाल पर एक चाँटा खींच कर मार दू. इसे ज़रा भी तमीज़ नही है लड़कियो से कैसे बात करते है.

क्या भाभी जी वैसे आप छुप छुप कर देख रही थी ओर जब मैं आप के सामने इसे दिखा रहा हू तो आप नखरे कर रहे हो. उसने बुरा सा चेहरा, जो पहले से ही था ओर भी ज़्यादा खराब करते हुए कहा ऑर अपने लिंग की खाल को पीछे की तरफ कर दिया. जिस कारण उसके लिंग का शिशिनमूड(टोपा, सूपदे ) पूरी तरह से मेरी आँखो के सामने आ गया.

अभी मे कुछ ओर कहती या सुनती इस से पहले ही लाइट चली गयी. लाइट जाने से मैं बुरी तरह से घबरा गयी मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था कि क्या करू क्या नही. तभी उसने मुझे कस कर अपने सीने से चिपक लिया. उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मैं चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी. मैने अपनी तरफ से पूरी कोसिस की उसकी क़ैद से आज़ाद होने के लिए पर मैं उसकी बाँहो की गिरफ़्त से ज़रा भी हिल-डुल नई सकी.

मुझे अपनी गिरफ़्त मे लिए हुए ही वह अपना मुँह मेरे चेहरे की तरफ ले आया. उसके मुँह से अजीब किस्म की बदबू आ रही थी. जिसे महसूस करते ही मेरा जी बुरी तरह से मिचलने लग गया ऑर मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं उल्टी कर दुगी. पर उससे पहले ही उसने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए ओर उन्हे बुरी तरह से चूसने लग गया.

उसके होंठ चूसने का तरीका इतना गंदा था कि मेरे होंठो से खून तक निकल आया. बिल्कुल जनवरो की तरह से.

मैने बड़ी मुश्किल से अपने चेहरे पर से उसका चेहरा हटाया था. ऑर नीचे उसका लिंग मेरे पेट मे रगड़ मार रहा था.
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RE: मेहमान बेईमान - by Deadman2 - 02-01-2020, 06:47 PM
RE: मेहमान बेईमान - by Newdevil - 18-07-2021, 03:03 PM



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