02-01-2020, 06:27 PM
रात को खाना अनु ने ही बनाया और खाने के बाद भाभी ने उसे जानबूझ कर उसे अपने साथ बिठा लिया| इधर चन्दर भैया मुझे अपने साथ खींच कर छत पर ले आये जहाँ मेरे बाकी कजिन बैठे थे और वहाँ बातें शुरू हो गईं| भाभी वाले कमरे में मेरे मौसा जी के दो लड़कों की पत्नियाँ बैठी थीं और उन्हीं के साथ रितिका भी बैठी थी| भाभी जबरदस्ती अनु को पकड़ कर वहीँ ले आई| अब रितिका उठ कर भी नहीं जा सकती इसलिए नजरे झुका कर बैठी रही| "तो अनुराधा जी! बताइये पहली रात कैसी गुजरी? कहीं देवर जी ने आपको तंग तो नहीं किया?" भाभी ने कहा और सारे हँसने लगे| पहले तो अनु ने सोचा की बात हँस कर ताल दे फिर उसे रितिका की शक्ल दिखी और उसने सोचा की क्यों न हिसाब बराबर किया जाए| अनु ने अपना हाथ भाभी के कंधे पर रखा और अपना सर उसी हाथ पर रखते हुए बोली; "हाय भाभी! आपके देवर जी ने तो मेरी जान ही निकाल दी थी! निचोड़ कर रख दिया था मुझे!" अनु की बात सुन सारे शर्मा गए और भाभी अनु को प्यार से डांटते हुए बोली; "चुप बेशर्म!" उनका इशारा रितिका की तरफ था की उसके सामने अनु ये क्या कह रही है| "अरे तो इसमें क्या शर्म की बात? इसने भी तो कभी न कभी किया होगा!" अनु ने बात घुमा के कही पर वो सीधा रितिका को जा कर लगी| अनु का तातपर्य था की उसने भी तो मेरे (मानु के) साथ सेक्स किया है| रितिका को अचानक ही वो रंगीन दिन याद आ गए और उसके दिल के साथ-साथ नीचे वाले छेद में भी हलचल मच गई| "पर भाभी एक बात तो है, 'वो' आपकी हर बात मानते हैं!" अनु बोली|
"क्या मतलब?" भाभी बोली|
"कल रात आप ने कहा था ना की मेरी देवरानी का ख्याल रखना, तो उन्होंने रात भर बड़ा ख्याल रखा मेरा!" अनु बोली और फिर शर्मा गई| ये सुन कर रितिका अंदर ही अंदर जल-भून कर राख हो गई और सर झुकाये बैठी रही|
"हाँ-हाँ वो सब मैंने आज तुम-दोनों का बिस्तर देख कर समझ गई थी! वैसे सच-सच बता तूने कल रात से पहले कभी......?" भाभी ने बात अधूरी छोड़ दी पर अनु उनकी बात का मतलब समझ गई|
"नहीं भाभी....कल रात पहली बार था.....इसीलिए तो इतनी घबराई हुई थी| पर सच्ची 'उन्होंने' मेरा बड़ा ख्याल रखा और बड़े प्यार से....." अनु ने भी शर्माते हुए कहा और बात अधूरी छोड़ दी|
"पर इस मुई ने सबको बता दिया!" भाभी ने मौसा जी की सबसे छोटी बहु की तरफ इशारा करते हुए कहा| अब ये सुन कर तो अनु के कान लाल हो गए; "सबको?" अनु ने पुछा|
"अरे बुद्धू सबको मतलब माँ, चाची जी और मौसी जी को| हम तीनों ने तो साक्षात् रंगोली देखि थी!" भाभी ने अनु को चिढ़ाते हुए कहा| मतलब की घर की सब औरतों को चल गया था की अनु कुँवारी थी पर ताई जी और माँ के डर के मारे मौसी जी ने उससे कुछ नहीं पुछा था| वरना शादी होने के बाद भी अनु का कुंवारा होना मौसी जी के लिए अजीब बात थी! ये बात जिस शक़्स को बहुत जोर से लगी थी वो थी रितिका! कहाँ तो वो सोच रही थी की वो मानु को ताना देगी की उसे अनु के रूप में एक used माल मिला और कहाँ अनु एकदम कोरी निकली|
आखिर सब की बातें खत्म हुई और अनु ऊपर आई और मैं भी अभी कमरे के बाहर पहुँचा था की भाभी मुझे वहीँ मिल गई|
"क्या मतलब?" भाभी बोली|
"कल रात आप ने कहा था ना की मेरी देवरानी का ख्याल रखना, तो उन्होंने रात भर बड़ा ख्याल रखा मेरा!" अनु बोली और फिर शर्मा गई| ये सुन कर रितिका अंदर ही अंदर जल-भून कर राख हो गई और सर झुकाये बैठी रही|
"हाँ-हाँ वो सब मैंने आज तुम-दोनों का बिस्तर देख कर समझ गई थी! वैसे सच-सच बता तूने कल रात से पहले कभी......?" भाभी ने बात अधूरी छोड़ दी पर अनु उनकी बात का मतलब समझ गई|
"नहीं भाभी....कल रात पहली बार था.....इसीलिए तो इतनी घबराई हुई थी| पर सच्ची 'उन्होंने' मेरा बड़ा ख्याल रखा और बड़े प्यार से....." अनु ने भी शर्माते हुए कहा और बात अधूरी छोड़ दी|
"पर इस मुई ने सबको बता दिया!" भाभी ने मौसा जी की सबसे छोटी बहु की तरफ इशारा करते हुए कहा| अब ये सुन कर तो अनु के कान लाल हो गए; "सबको?" अनु ने पुछा|
"अरे बुद्धू सबको मतलब माँ, चाची जी और मौसी जी को| हम तीनों ने तो साक्षात् रंगोली देखि थी!" भाभी ने अनु को चिढ़ाते हुए कहा| मतलब की घर की सब औरतों को चल गया था की अनु कुँवारी थी पर ताई जी और माँ के डर के मारे मौसी जी ने उससे कुछ नहीं पुछा था| वरना शादी होने के बाद भी अनु का कुंवारा होना मौसी जी के लिए अजीब बात थी! ये बात जिस शक़्स को बहुत जोर से लगी थी वो थी रितिका! कहाँ तो वो सोच रही थी की वो मानु को ताना देगी की उसे अनु के रूप में एक used माल मिला और कहाँ अनु एकदम कोरी निकली|
आखिर सब की बातें खत्म हुई और अनु ऊपर आई और मैं भी अभी कमरे के बाहर पहुँचा था की भाभी मुझे वहीँ मिल गई|