02-01-2020, 06:21 PM
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सौरभ अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ा साइको के बारे में सोच रहा था.
"कर्नल के घर में मौत की पैंटिंग और मौत की वीडियो हैं. बाकी और कुछ नही है. क्या ये सबूत काफ़ी हैं उसे साइको मान-ने के लिए. मगर उसके यहाँ एसपी साहिब के घर की लिव वीडियो चल रही थी गौरव के मुताबिक. एसपी साहिब अब हॉस्पिटल में हैं. इस साइको ने तो सबको घुमा कर रखा हुआ है. जो भी हो कर्नल फरार है और इस वक्त पूरा फोकस उसी पर होना चाहिए आख़िर इतने इम्पोर्टेन्ट सबूत मिले हैं उसके घर से. मगर इस संजय पर भी ध्यान देना होगा. मज़ा आएगा इस केस पर काम करके. अगर सॉल्व कर पाया इसे तो नाम होगा मेरा और फ्यूचर में खुद की इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी खोल लूँगा.
कल को पूजा से शादी होगी तो अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छे से निभा पाउन्गा. एक खुश हाल जींदगी देना चाहता हूँ मैं अपनी पूजा को, इस एक कमरे के घर से बात नही बनेगी. "
साइको को सोचते सोचते बात पूजा तक पहुँच गयी. अजीब दीवानगी पैदा कर देता है प्यार, बात घूम फिर कर उसी पर आ जाती है जिसे आप बहुत प्यार करते हैं.
पूजा की बात से सौरभ को ध्यान
आया कि आज वो बिज़ी होने के कारण पूजा से मिल ही नही पाया.
"यार आज पूजा से नही मिला तो कितना खाली खाली सा लग रहा है. उसने मेरा वेट किया होगा बस स्टॉप पर. बहुत देर तक वेट करने के बाद गयी होगी कॉलेज. फोन ट्राइ करता हूँ. वैसे फोन श्रद्धा के पास रहता है मगर क्या पता पूजा उठा ले."
सौरभ ने फोन मिलाया. फोन पूजा ने ही उठाया.
"शूकर है तुमने ही फोन उठाया. श्रद्धा ने फोन आज तुम्हारे पास कैसे छोड़ दिया."
"दीदी घर पर नही हैं. डेडी के साथ गाँव गयी है. इसलिए फोन मेरे पास है."
"यार ये अजीब बात है. फिर कॉल क्यों नही किया मुझे?" सौरभ ने कहा.
"टॉक टाइम नही था फोन में. दीदी को बोला था डलवाने को पर वो शायद भूल गयी."
"चलो कोई बात नही. सॉरी आज मैं बस स्टॉप पर मिलने नही आ पाया. किसी काम में बिज़ी था."
"थोड़ी देर के लिए भी नही आ सकते थे क्या ...बहुत वेट किया मैने तुम्हारा. कॉलेज से भी लेट हो गयी थी."
"ओह सो सॉरी पूजा. फोन होता तुम्हारे पास तो कॉल कर देता. क्या मैं तुम्हे फोन खरीद कर दे दूं."
"नही उसकी कोई ज़रूरत नही है. मैं तुमसे कोई गिफ्ट नही लूँगी."
"गिफ्ट नही लूँगी मतलब...यार ये अजीब बात है. फिर मुझे कैसे अपनी जान के लिए कुछ करने का अवसर मिलेगा."
"सौरभ...जिस दिन मैं खुद अफोर्ड कर पाउन्गि फोन तभी लूँगी. मैं तुम्हे वैसे ही बहुत प्यार करती हूँ. गिफ्ट देने की ज़रूरत नही है."
"अरे यार गिफ्ट प्यार बढ़ाने या तुम्हे लुभाने के लिए नही बल्कि इसलिए दे रहा था कि हमारा कम्यूनिकेशन बना रहे. बेवजह आज तुम वेट करती रही, फोन होता तुम्हारे पास तो वक्त से कॉलेज जाती."
"सौरभ जो भी हो...मुझे कोई गिफ्ट नही चाहिए. मेरा स्वाभिमान मुझे इसकी इजाज़त नही देता."
"ह्म्म...मेरे लिए तो ये अच्छी बात है. गर्ल फ्रेंड मेंटेनेन्स का खर्चा बचेगा हिहिहीही."
"ज़्यादा हँसो मत. शादी के बाद पूरे हक़ से एक स्मार्ट फोन लूँगी मैं . जिसमें लेटेस्ट फीचर्स हो. इंटरनेट हो,अच्छा कॅमरा हो, 3जी हो एट्सेटरा...एट्सेटरा."
"क्या ...मुझे लगा था कि ये स्वाभिमान शादी के बाद भी जारी रहेगा. ये ग़लत बात है."
"और नही तो क्या, पत्नी का हक़ होता है हज़्बेंड को लूटना. वो मैं पूरे शान से करूँगी."
"मुझे पता है की तुम मज़ाक कर रही हो..है ना..."
"आय ऍम सीरीयस."
"चलो ले लेना जो जी चाहे. भगवान ज़रूर मुझे तरक्की देंगे तुम्हारी लूट खसोट के लिए."
"हां बहुत तर्रक्कि देंगे. और मैं तुम्हे शान से लुतूँगी." पूजा ने हंसते हुए कहा.
"अगर ऐसा है तो मैं भी शान से लुतूँगा तुम्हारी जवानी. रोज बहुत अच्छे से लूँगा तुम्हारी. एक बार मेरी दुल्हन बन कर आओ तो सही."
"कैसी बाते करते हो तुम ... मुझे नही करनी तुमसे बात. गुड नाइट."
"अरे क्या हुआ रूको तो..." सौरभ ने तुरंत कहा मगर फोन कट चुका था.
सौरभ ने केयी बार फोन ट्राइ किया मगर पूजा ने फोन स्विच्ड ऑफ कर दिया था.
“ये क्या मज़ाक है पूजा. इतना मज़ाक तो कर ही सकता हूँ यार. हद है तुम्हारी भी.” सौरभ ने मन ही मन कहा और बिस्तर से उठ गया.
“आ रहा हूँ अब मैं तुम्हारे पास. कोई चारा नही छोड़ा तुमने.” सौरभ ने कहा और अपने कमरे की कुण्डी लगा कर चल दिया पूजा के घर की तरफ.
सौरभ अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ा साइको के बारे में सोच रहा था.
"कर्नल के घर में मौत की पैंटिंग और मौत की वीडियो हैं. बाकी और कुछ नही है. क्या ये सबूत काफ़ी हैं उसे साइको मान-ने के लिए. मगर उसके यहाँ एसपी साहिब के घर की लिव वीडियो चल रही थी गौरव के मुताबिक. एसपी साहिब अब हॉस्पिटल में हैं. इस साइको ने तो सबको घुमा कर रखा हुआ है. जो भी हो कर्नल फरार है और इस वक्त पूरा फोकस उसी पर होना चाहिए आख़िर इतने इम्पोर्टेन्ट सबूत मिले हैं उसके घर से. मगर इस संजय पर भी ध्यान देना होगा. मज़ा आएगा इस केस पर काम करके. अगर सॉल्व कर पाया इसे तो नाम होगा मेरा और फ्यूचर में खुद की इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी खोल लूँगा.
कल को पूजा से शादी होगी तो अपनी ज़िम्मेदारियाँ अच्छे से निभा पाउन्गा. एक खुश हाल जींदगी देना चाहता हूँ मैं अपनी पूजा को, इस एक कमरे के घर से बात नही बनेगी. "
साइको को सोचते सोचते बात पूजा तक पहुँच गयी. अजीब दीवानगी पैदा कर देता है प्यार, बात घूम फिर कर उसी पर आ जाती है जिसे आप बहुत प्यार करते हैं.
पूजा की बात से सौरभ को ध्यान
आया कि आज वो बिज़ी होने के कारण पूजा से मिल ही नही पाया.
"यार आज पूजा से नही मिला तो कितना खाली खाली सा लग रहा है. उसने मेरा वेट किया होगा बस स्टॉप पर. बहुत देर तक वेट करने के बाद गयी होगी कॉलेज. फोन ट्राइ करता हूँ. वैसे फोन श्रद्धा के पास रहता है मगर क्या पता पूजा उठा ले."
सौरभ ने फोन मिलाया. फोन पूजा ने ही उठाया.
"शूकर है तुमने ही फोन उठाया. श्रद्धा ने फोन आज तुम्हारे पास कैसे छोड़ दिया."
"दीदी घर पर नही हैं. डेडी के साथ गाँव गयी है. इसलिए फोन मेरे पास है."
"यार ये अजीब बात है. फिर कॉल क्यों नही किया मुझे?" सौरभ ने कहा.
"टॉक टाइम नही था फोन में. दीदी को बोला था डलवाने को पर वो शायद भूल गयी."
"चलो कोई बात नही. सॉरी आज मैं बस स्टॉप पर मिलने नही आ पाया. किसी काम में बिज़ी था."
"थोड़ी देर के लिए भी नही आ सकते थे क्या ...बहुत वेट किया मैने तुम्हारा. कॉलेज से भी लेट हो गयी थी."
"ओह सो सॉरी पूजा. फोन होता तुम्हारे पास तो कॉल कर देता. क्या मैं तुम्हे फोन खरीद कर दे दूं."
"नही उसकी कोई ज़रूरत नही है. मैं तुमसे कोई गिफ्ट नही लूँगी."
"गिफ्ट नही लूँगी मतलब...यार ये अजीब बात है. फिर मुझे कैसे अपनी जान के लिए कुछ करने का अवसर मिलेगा."
"सौरभ...जिस दिन मैं खुद अफोर्ड कर पाउन्गि फोन तभी लूँगी. मैं तुम्हे वैसे ही बहुत प्यार करती हूँ. गिफ्ट देने की ज़रूरत नही है."
"अरे यार गिफ्ट प्यार बढ़ाने या तुम्हे लुभाने के लिए नही बल्कि इसलिए दे रहा था कि हमारा कम्यूनिकेशन बना रहे. बेवजह आज तुम वेट करती रही, फोन होता तुम्हारे पास तो वक्त से कॉलेज जाती."
"सौरभ जो भी हो...मुझे कोई गिफ्ट नही चाहिए. मेरा स्वाभिमान मुझे इसकी इजाज़त नही देता."
"ह्म्म...मेरे लिए तो ये अच्छी बात है. गर्ल फ्रेंड मेंटेनेन्स का खर्चा बचेगा हिहिहीही."
"ज़्यादा हँसो मत. शादी के बाद पूरे हक़ से एक स्मार्ट फोन लूँगी मैं . जिसमें लेटेस्ट फीचर्स हो. इंटरनेट हो,अच्छा कॅमरा हो, 3जी हो एट्सेटरा...एट्सेटरा."
"क्या ...मुझे लगा था कि ये स्वाभिमान शादी के बाद भी जारी रहेगा. ये ग़लत बात है."
"और नही तो क्या, पत्नी का हक़ होता है हज़्बेंड को लूटना. वो मैं पूरे शान से करूँगी."
"मुझे पता है की तुम मज़ाक कर रही हो..है ना..."
"आय ऍम सीरीयस."
"चलो ले लेना जो जी चाहे. भगवान ज़रूर मुझे तरक्की देंगे तुम्हारी लूट खसोट के लिए."
"हां बहुत तर्रक्कि देंगे. और मैं तुम्हे शान से लुतूँगी." पूजा ने हंसते हुए कहा.
"अगर ऐसा है तो मैं भी शान से लुतूँगा तुम्हारी जवानी. रोज बहुत अच्छे से लूँगा तुम्हारी. एक बार मेरी दुल्हन बन कर आओ तो सही."
"कैसी बाते करते हो तुम ... मुझे नही करनी तुमसे बात. गुड नाइट."
"अरे क्या हुआ रूको तो..." सौरभ ने तुरंत कहा मगर फोन कट चुका था.
सौरभ ने केयी बार फोन ट्राइ किया मगर पूजा ने फोन स्विच्ड ऑफ कर दिया था.
“ये क्या मज़ाक है पूजा. इतना मज़ाक तो कर ही सकता हूँ यार. हद है तुम्हारी भी.” सौरभ ने मन ही मन कहा और बिस्तर से उठ गया.
“आ रहा हूँ अब मैं तुम्हारे पास. कोई चारा नही छोड़ा तुमने.” सौरभ ने कहा और अपने कमरे की कुण्डी लगा कर चल दिया पूजा के घर की तरफ.