02-01-2020, 06:15 PM
गौरव वापिस हॉस्पिटल आया और एक पेनकिलर इंजेक्षन लगवाया. इंजेक्षन लगवाने के बाद वो अंकिता के कमरे की तरफ चल दिया.
कमरे के बाहर चौहान खड़ा था.
“क्या अब जाग रही हैं मेडम.” गौरव ने पूछा.
“हां जाग रही हैं. मगर उनके कुछ रिलेटिव्स आए हुए हैं उन्हे देखने. तुम थोड़ा वेट करो.” चौहान ने कहा.
रिलेटिव्स के जाने के बाद गौरव चुपचाप कमरे में घुस गया.
अंकिता आँखे बंद किए पड़ी थी.
“मेडम कैसी हैं आप?” गौरव ने धीरे से कहा.
अंकिता ने आवाज़ से पहचान लिया कि ये गौरव ही है. मगर उसने आँखे नही खोली.
“लगता है सो गयी मेडम…बाद में आउन्गा” गौरव धीरे से बड़बड़ाया.
“रूको कहा जा रहे हो…आआहह..” अंकिता ने ज़ोर से कहा और कराह उठी.
“क्या हुआ मेडम?”
“डॉक्टर ने ज़्यादा बोलने से मना किया है.”
“तो आप मत बोलिए. चुप रहिए आप. सब ठीक हो जाएगा जल्दी.”
“तुम्हे अब फुरस्त मिली मुझे देखने की” अंकिता ने गौरव की आँखो में देखते हुए कहा.
“ऐसा नही है मेडम…मैं केयी बार आया पर आप सोई हुई थी. और मैने काफ़ी काम भी किया आज.” गौरव ने पूरी कहानी सुनाई अंकिता को.
“तुम्हारे घाव इतनी जल्दी भर गये क्या जो ये सब करते घूम रहे थे. आराम नही कर सकते थे क्या तुम. क्या समझते हो खुद को.”
“सॉरी मेडम, पर मुझे लगा इन्वेस्टिगेशन करनी बहुत ज़रूरी है इसलिए….”
तभी चौहान अंदर दाखिल हुआ और बोला, “मेडम आपसे कोई मिलने आया है.”
“ठीक है थोड़ी देर में भेजना.” अंकिता ने कहा.
चौहान हैरान परेशान चुपचाप बाहर चला गया.
“मेडम आप मिल लीजिए…मैं बाद में आ जाउन्गा.” गौरव ने कहा और चल दिया.
“रूको एक बात कहनी थी.”
“हां बोलिए.”
“थॅंक यू.”
“किस बात के लिए.”
“तुम जानते हो किस बात के लिए. तुमने जो किया मेरे लिए वो कभी भूल नही पाउन्गि.” अंकिता ने कहा.
“मेडम आपको काफ़ी कुछ बोल दिया था मैने. पता नही मुझे क्या हो गया था. भुला दीजिएगा वो सब और माफ़ कर दीजिएगा मुझे.”
“उसके लिए डिसिप्लिनरी आक्षन होगा तुम्हारे खिलाफ बाद में. फिलहाल तुम्हे माफ़ किया जाता है.” अंकिता ने हंसते हुए कहा.
गौरव भी मुस्कुरा दिया. दोनो की नज़रे टकराई और एक पल को वक्त थम सा गया. शायद बहुत सारी बाते हो जाती आँखो ही आँखो में मगर चौहान बीच में टपक पड़ा फिर से.
“मेडम क्या बुलाउ उन्हे.”
“हां भेज दो” अंकिता ने इरिटेटिंग टोने में कहा.
“गौरव अपना ख्याल रखो. जखम भर जाने दो. काम तो होता ही रहेगा. अगर तुमने आराम नही किया तो सस्पेंड कर दूँगी. इज़ देट क्लियर.”
“हां मेडम सब क्लियर है.”
“जाओ फिर आराम करो जाकर.” अंकिता ने होंटो पर प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा.
कमरे के बाहर चौहान खड़ा था.
“क्या अब जाग रही हैं मेडम.” गौरव ने पूछा.
“हां जाग रही हैं. मगर उनके कुछ रिलेटिव्स आए हुए हैं उन्हे देखने. तुम थोड़ा वेट करो.” चौहान ने कहा.
रिलेटिव्स के जाने के बाद गौरव चुपचाप कमरे में घुस गया.
अंकिता आँखे बंद किए पड़ी थी.
“मेडम कैसी हैं आप?” गौरव ने धीरे से कहा.
अंकिता ने आवाज़ से पहचान लिया कि ये गौरव ही है. मगर उसने आँखे नही खोली.
“लगता है सो गयी मेडम…बाद में आउन्गा” गौरव धीरे से बड़बड़ाया.
“रूको कहा जा रहे हो…आआहह..” अंकिता ने ज़ोर से कहा और कराह उठी.
“क्या हुआ मेडम?”
“डॉक्टर ने ज़्यादा बोलने से मना किया है.”
“तो आप मत बोलिए. चुप रहिए आप. सब ठीक हो जाएगा जल्दी.”
“तुम्हे अब फुरस्त मिली मुझे देखने की” अंकिता ने गौरव की आँखो में देखते हुए कहा.
“ऐसा नही है मेडम…मैं केयी बार आया पर आप सोई हुई थी. और मैने काफ़ी काम भी किया आज.” गौरव ने पूरी कहानी सुनाई अंकिता को.
“तुम्हारे घाव इतनी जल्दी भर गये क्या जो ये सब करते घूम रहे थे. आराम नही कर सकते थे क्या तुम. क्या समझते हो खुद को.”
“सॉरी मेडम, पर मुझे लगा इन्वेस्टिगेशन करनी बहुत ज़रूरी है इसलिए….”
तभी चौहान अंदर दाखिल हुआ और बोला, “मेडम आपसे कोई मिलने आया है.”
“ठीक है थोड़ी देर में भेजना.” अंकिता ने कहा.
चौहान हैरान परेशान चुपचाप बाहर चला गया.
“मेडम आप मिल लीजिए…मैं बाद में आ जाउन्गा.” गौरव ने कहा और चल दिया.
“रूको एक बात कहनी थी.”
“हां बोलिए.”
“थॅंक यू.”
“किस बात के लिए.”
“तुम जानते हो किस बात के लिए. तुमने जो किया मेरे लिए वो कभी भूल नही पाउन्गि.” अंकिता ने कहा.
“मेडम आपको काफ़ी कुछ बोल दिया था मैने. पता नही मुझे क्या हो गया था. भुला दीजिएगा वो सब और माफ़ कर दीजिएगा मुझे.”
“उसके लिए डिसिप्लिनरी आक्षन होगा तुम्हारे खिलाफ बाद में. फिलहाल तुम्हे माफ़ किया जाता है.” अंकिता ने हंसते हुए कहा.
गौरव भी मुस्कुरा दिया. दोनो की नज़रे टकराई और एक पल को वक्त थम सा गया. शायद बहुत सारी बाते हो जाती आँखो ही आँखो में मगर चौहान बीच में टपक पड़ा फिर से.
“मेडम क्या बुलाउ उन्हे.”
“हां भेज दो” अंकिता ने इरिटेटिंग टोने में कहा.
“गौरव अपना ख्याल रखो. जखम भर जाने दो. काम तो होता ही रहेगा. अगर तुमने आराम नही किया तो सस्पेंड कर दूँगी. इज़ देट क्लियर.”
“हां मेडम सब क्लियर है.”
“जाओ फिर आराम करो जाकर.” अंकिता ने होंटो पर प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा.