02-01-2020, 06:11 PM
गौरव, आशुतोष और सौरभ तीनो उस कमरे में बहुत बारीकी से सब कुछ देख रहे थे.
आशुतोष ने लॅपटॉप को ऑन करके उसे चेक करना शुरू किया. लॅपटॉप में एक पेनड्राइव थी. आशुतोष ने उसे ओपन किया तो उसमे एक वीडियो क्लिप थी. आशुतोष ने उस क्लिप को प्ले किया.
“सर ये देखिए…ये क्लिप तो आपके साथ हुई घटना की है.” आशुतोष ने कहा.
गौरव और सौरभ तुरंत लॅपटॉप के पास आए.
“कमीना हर गेम की वीडियो बनाता है और फिर उन्हे देख कर चित्रकारी करता है.” गौरव ने कहा.
“तभी मैं कह रहा था कि इस साइको को इसी के स्टाइल में मारा जाए. वही इसकी सबसे बड़ी सज़ा होगी.” सौरभ ने कहा.
“लेकिन सर एक बात समझ में नही आई. साइको जैसा शातिर इतने सारे सबूत अपने घर में रखेगा…ये कुछ बहुत ज़्यादा अजीब लग रहा है.” आशुतोष ने कहा.
“हां अजीब तो मुझे भी लगा…मगर आँखो देखे सच को झुटलाया नही जा सकता.” गौरव ने कहा.
“मगर सर यहा सिर्फ़ पैंटिंग का सामान मौजूद है. मर्डर का कोई सामान यहाँ नही मिला अभी तक” आशुतोष ने कहा.
“हां यार बिल्कुल ठीक कह रहे हो तुम.” सौरभ ने आशुतोष की पीठ ठप थपाई.
“अच्छे से चेक करते हैं. अगर पैंटिंग का समान यहा मौजूद है तो मर्डर का भी यही होना चाहिए.” गौरव ने कहा.
पूरा घर छान मारा गया मगर उन्हे घर में कोई चाकू और बंदूक नही मिली.
“ये भी तो हो सकता है कि वो साथ ले गया हो सब कुछ. आख़िर वो मर्डर के लिए निकला था.” सौरभ ने कहा.
“हां ये हो सकता है.” आशुतोष ने कहा.
“कर्नल के नौकर से पूछताछ करते हैं.” गौरव ने कहा और एक कॉन्स्टेबल को उसे बुलाने के लिए भेजा. नौकर घर के बाहर ही एक छोटे सी कोटड़ी में रहता था.
कॉन्स्टेबल ने वापिस आकर बताया, “सर उसकी कोतडी में ताला लगा है.”
“ताला लगा है…कहाँ चला गया वो.”
“पता नही सर.”
“ह्म्म ठीक है…फिलहाल चलते हैं यहा से. कुछ ज़्यादा शुराग नही मिले.”
“पर सर कर्नल एक तरह से फरार है. ये बात भी हम इग्नोर नही कर सकते. नौकर के मुताबिक वो सुबह निकला था घर से. अब शाम घिर आई है. वो अंजान तो नही होगा इस बात से की उसका घर सील कर दिया गया है. ये खबर तो उसे नौकर ने ही सुना दी होगी.” आशुतोष ने कहा.
“हां बिल्कुल और अब नौकर भी फरार है.” सौरभ ने कहा.
“आहह… अब घुटनो में दर्द हो रहा है. मैं हॉस्पिटल चलता हूँ. अभी मेरा ट्रीटमेंट बाकी है.” गौरव ने कहा.
“हां बिल्कुल सर आप चलिए. ये घर तो सील ही रहेगा ना. ज़रूरत हुई तो फिर आ जाएँगे.” आशुतोष ने कहा.
“मैं कुछ लोगो को कर्नल की सर्च पर लगा देता हूँ. उसका कोई दोस्त या रिस्त्ेदार ज़रूर होगा जहा वो छुपा होगा.” गौरव ने कहा.
“मगर सर अभी हमें संजय पर भी नज़र रखनी चाहिए. मामला अभी क्लियर नही है.” आशुतोष ने कहा.
“हां उस पर भी नज़र रखी जाएगी. सौरभ अपनी तरफ से ये काम कर ही रहा है. क्यों सौरभ.” गौरव ने कहा.
“हां सर बिल्कुल. मैं संजय पर भी नज़र रखूँगा. बस एक बार मिल जाए वो. वो भी तो गायब है.” सौरभ ने कहा.
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आशुतोष ने लॅपटॉप को ऑन करके उसे चेक करना शुरू किया. लॅपटॉप में एक पेनड्राइव थी. आशुतोष ने उसे ओपन किया तो उसमे एक वीडियो क्लिप थी. आशुतोष ने उस क्लिप को प्ले किया.
“सर ये देखिए…ये क्लिप तो आपके साथ हुई घटना की है.” आशुतोष ने कहा.
गौरव और सौरभ तुरंत लॅपटॉप के पास आए.
“कमीना हर गेम की वीडियो बनाता है और फिर उन्हे देख कर चित्रकारी करता है.” गौरव ने कहा.
“तभी मैं कह रहा था कि इस साइको को इसी के स्टाइल में मारा जाए. वही इसकी सबसे बड़ी सज़ा होगी.” सौरभ ने कहा.
“लेकिन सर एक बात समझ में नही आई. साइको जैसा शातिर इतने सारे सबूत अपने घर में रखेगा…ये कुछ बहुत ज़्यादा अजीब लग रहा है.” आशुतोष ने कहा.
“हां अजीब तो मुझे भी लगा…मगर आँखो देखे सच को झुटलाया नही जा सकता.” गौरव ने कहा.
“मगर सर यहा सिर्फ़ पैंटिंग का सामान मौजूद है. मर्डर का कोई सामान यहाँ नही मिला अभी तक” आशुतोष ने कहा.
“हां यार बिल्कुल ठीक कह रहे हो तुम.” सौरभ ने आशुतोष की पीठ ठप थपाई.
“अच्छे से चेक करते हैं. अगर पैंटिंग का समान यहा मौजूद है तो मर्डर का भी यही होना चाहिए.” गौरव ने कहा.
पूरा घर छान मारा गया मगर उन्हे घर में कोई चाकू और बंदूक नही मिली.
“ये भी तो हो सकता है कि वो साथ ले गया हो सब कुछ. आख़िर वो मर्डर के लिए निकला था.” सौरभ ने कहा.
“हां ये हो सकता है.” आशुतोष ने कहा.
“कर्नल के नौकर से पूछताछ करते हैं.” गौरव ने कहा और एक कॉन्स्टेबल को उसे बुलाने के लिए भेजा. नौकर घर के बाहर ही एक छोटे सी कोटड़ी में रहता था.
कॉन्स्टेबल ने वापिस आकर बताया, “सर उसकी कोतडी में ताला लगा है.”
“ताला लगा है…कहाँ चला गया वो.”
“पता नही सर.”
“ह्म्म ठीक है…फिलहाल चलते हैं यहा से. कुछ ज़्यादा शुराग नही मिले.”
“पर सर कर्नल एक तरह से फरार है. ये बात भी हम इग्नोर नही कर सकते. नौकर के मुताबिक वो सुबह निकला था घर से. अब शाम घिर आई है. वो अंजान तो नही होगा इस बात से की उसका घर सील कर दिया गया है. ये खबर तो उसे नौकर ने ही सुना दी होगी.” आशुतोष ने कहा.
“हां बिल्कुल और अब नौकर भी फरार है.” सौरभ ने कहा.
“आहह… अब घुटनो में दर्द हो रहा है. मैं हॉस्पिटल चलता हूँ. अभी मेरा ट्रीटमेंट बाकी है.” गौरव ने कहा.
“हां बिल्कुल सर आप चलिए. ये घर तो सील ही रहेगा ना. ज़रूरत हुई तो फिर आ जाएँगे.” आशुतोष ने कहा.
“मैं कुछ लोगो को कर्नल की सर्च पर लगा देता हूँ. उसका कोई दोस्त या रिस्त्ेदार ज़रूर होगा जहा वो छुपा होगा.” गौरव ने कहा.
“मगर सर अभी हमें संजय पर भी नज़र रखनी चाहिए. मामला अभी क्लियर नही है.” आशुतोष ने कहा.
“हां उस पर भी नज़र रखी जाएगी. सौरभ अपनी तरफ से ये काम कर ही रहा है. क्यों सौरभ.” गौरव ने कहा.
“हां सर बिल्कुल. मैं संजय पर भी नज़र रखूँगा. बस एक बार मिल जाए वो. वो भी तो गायब है.” सौरभ ने कहा.
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