02-01-2020, 06:09 PM
इधर अपर्णा आशुतोष से कोई भी बात नही कर रही थी. कारण ये था कि आशुतोष सुबह-सुबह बिना बताए चला गया था. एक बार भी वो खिड़की में नही आई ना ही आशुतोष के बेल बजाने पर दरवाजा खोला.
आशुतोष ने फोन मिलाया तो कई बार काटने के बाद आख़िरकार एक बार उठा ही लिया फोन अपर्णा ने, “हेलो क्या बात है.”
“क्या आप नाराज़ हैं मुझसे?” आशुतोष ने पूछा.
“मैं क्यों नाराज़ होने लगी.”
“फिर आप दरवाजा क्यों नही खोल रही मेरे लिए. मुझे गौरव सर ने बुलाया है. मैं जा रहा हूँ. आप किसी बात की चिंता मत करना.”
“सुबह कहाँ गये थे तुम?” अपर्णा ने पूछा.
“सुबह भी गौरव सर के पास ही गया था. उनके साथ एक इन्वेस्टिगेशन पर जाना था.”
“ठीक है जाओ…मुझे नींद आ रही है.” अपर्णा ने फोन काट दिया और स्विच ऑफ कर दिया. आशुतोष ने काई बार ट्राइ किया पर फोन नही मिला.
“यहाँ तो बात भी बंद हो गयी…पप्पी तो अब दूर की बात है. उफ्फ ये हसीनायें ऐसा क्यों करती हैं… ..” आशुतोष ने मन ही मन कहा और अपनी जीप ले कर चल दिया कर्नल के घर की तरफ.
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आशुतोष ने फोन मिलाया तो कई बार काटने के बाद आख़िरकार एक बार उठा ही लिया फोन अपर्णा ने, “हेलो क्या बात है.”
“क्या आप नाराज़ हैं मुझसे?” आशुतोष ने पूछा.
“मैं क्यों नाराज़ होने लगी.”
“फिर आप दरवाजा क्यों नही खोल रही मेरे लिए. मुझे गौरव सर ने बुलाया है. मैं जा रहा हूँ. आप किसी बात की चिंता मत करना.”
“सुबह कहाँ गये थे तुम?” अपर्णा ने पूछा.
“सुबह भी गौरव सर के पास ही गया था. उनके साथ एक इन्वेस्टिगेशन पर जाना था.”
“ठीक है जाओ…मुझे नींद आ रही है.” अपर्णा ने फोन काट दिया और स्विच ऑफ कर दिया. आशुतोष ने काई बार ट्राइ किया पर फोन नही मिला.
“यहाँ तो बात भी बंद हो गयी…पप्पी तो अब दूर की बात है. उफ्फ ये हसीनायें ऐसा क्यों करती हैं… ..” आशुतोष ने मन ही मन कहा और अपनी जीप ले कर चल दिया कर्नल के घर की तरफ.
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