02-01-2020, 06:08 PM
Update 94
गौरव तुरंत थाने के लिए निकल पड़ा. वहां से पोलीस फोर्स ले कर वो सीधा कर्नल के घर पर पहुँच गया.
जब वो घर पहुँचा तो नौकर ने ही दरवाजा खोला.
“कहा है तुम्हारे साहिब.” गौरव ने पूछा.
“वो तो अभी-अभी बाहर गये हैं.”
“कहाँ गये हैं?”
“बता कर नही गये.”
“पूरे घर की तलासी लो…” गौरव ने ऑर्डर दिया.
“तलासी क्यों ले रहे हैं, साहिब का वेट कर लीजिए.”
“चुप रहो ज़्यादा बकवास मत करो.”
“सर ये रूम लॉक है…” एक कॉन्स्टेबल ने कहा.
“चाबी दो उसकी” गौरव ने नौकर से कहा.
“चाबी साहिब ही रखते हैं. मेरे पास नही है.”
“ह्म्म तोड़ दो ताला.”
ताला तौडा गया और गौरव अंदर दाखिल हुआ. अंदर आते ही गौरव की आँखे फटी की फटी रह गयी.
एक कॅन्वस पर उसी द्रिश्य की पैटिंग थी जब गौरव पेड़ के तने पर चढ़ कर अंकिता के हाथ खोल रहा था. दूसरे कॅन्वस पर दोनो को नीचे गिरते हुए देखाया गया था.
“तो मेरा शक सही निकला…कर्नल देवेंदर सिंग ही साइको है. एक लॅप टॉप रखा था वहाँ जिस पर कि एक लाइव वीडियो आ रही थी. गौरव ने ध्यान दिया तो पाया कि वो एसपी साहिब का घर था.
“जीसस…साइको एसपी साहिब के घर पर कॅमरा लगाए बैठा है. तभी वो कह रहा था कि दूसरी पैंटिंग में बिज़ी हूँ.”
गौरव ने तुरंत एस पी साहिब को फोन मिलाया. मगर उनका फोन व्यस्त आ रहा था.
“कहीं ये साइको इस वक्त एसपी साहिब के घर ही तो नही पहुँचा हुआ.”
गौरव ने चौहान को फोन करके सारी बात बताई.
“गौरव मैं एक टीम ले कर तुरंत एसपी साहिब के घर पहुँचता हूँ. तुम भी वही पहुँचो. आज एसपी साहिब छुट्टी पर हैं और घर पर ही हैं.”
“हां सर आप पहुँचिए वहाँ…मैं भी तुरंत आ रहा हूँ.”
गौरव ने कर्नल के घर को सील कर दिया और अपनी टीम को लेकर एसपी के घर पहुँच गया.
मगर जब वो वहाँ पहुँचा तो एसपी साहिब को अंबूलेंसे की ओर ले जाया जा रहा था. चौहान भी वही खड़ा था.
“क्या हुआ सर.” गौरव ने पूछा.
“हमने आने में देर कर दी. साइको अपने मकसद में कामयाब रहा. पेट छलनी-छलनी कर दिया है एसपी साहिब का. शायद ही बचें वो.”
“हे भगवान. इस साइको ने तो पूरे पोलीस महकमे को लपेट लिया”
“हां और फिर से बच के निकल गया.” चौहान ने कहा.
“अब कैसे निकलेगा हाथ से. अब तो जानते हैं हम कि वो कौन है. छोड़ेंगे नही साले को.” गौरव ने कहा.
एसपी साहिब को भी उसी हॉस्पिटल में ले जाया गया जहाँ अंकिता थी.
उनका तुरंत ऑपरेशन किया गया और ऑपरेशन के बाद उन्हे आइक्यू में शिफ्ट कर दिया गया.
गौरव पोलीस पार्टी लेकर साइको की तलाश में निकल पड़ा, “कर्नल साहिब अब आपकी खैर नही. मेरा शक सही था कि साइको एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर किसी का शक़ नही जाएगा. वो तो शूकर है कि सौरभ ने तुम्हे ब्लॅक स्कॉर्पियो में देख लिया और हमें एक क्लू मिला. वरना तुम्हे ढूंडना बहुत मुश्किल था. तुम्हारी पैंटिंग का शौक मैं जल्द पूरा करूँगा. तुम्हारी मौत की पैंटिंग मैं बनाओन्गा.”
गौरव पोलीस पार्टी ले कर पूरे शहर में कई बार घुमा. स्प के घर के आस पास बहुत बारीकी से तलाश की गयी साइको की. मगर उसका कही नामो निशान नही मिला. पूरे शहर में नाका बंदी और ज़्यादा मजबूत कर दी गयी.
“वापिस कर्नल के घर चलता हूँ. वहां बहुत सारे शुराग हैं. तस्सल्ली से सबकी जाँच करनी होगी.” गौरव ने सोचा और कर्नल के घर की तरफ चल दिया. गौरव ने आशुतोष और सौरभ को भी फोन करके वही बुला लिया.
“आशुतोष का दीमग तेज चलता है, वो साथ रहेगा तो इन्वेस्टिगेशन में काफ़ी मदद मिलेगी. सौरभ को इन्वॉल्व करने से कुछ नये इनपुट्स मिलेंगे.”
गौरव तुरंत थाने के लिए निकल पड़ा. वहां से पोलीस फोर्स ले कर वो सीधा कर्नल के घर पर पहुँच गया.
जब वो घर पहुँचा तो नौकर ने ही दरवाजा खोला.
“कहा है तुम्हारे साहिब.” गौरव ने पूछा.
“वो तो अभी-अभी बाहर गये हैं.”
“कहाँ गये हैं?”
“बता कर नही गये.”
“पूरे घर की तलासी लो…” गौरव ने ऑर्डर दिया.
“तलासी क्यों ले रहे हैं, साहिब का वेट कर लीजिए.”
“चुप रहो ज़्यादा बकवास मत करो.”
“सर ये रूम लॉक है…” एक कॉन्स्टेबल ने कहा.
“चाबी दो उसकी” गौरव ने नौकर से कहा.
“चाबी साहिब ही रखते हैं. मेरे पास नही है.”
“ह्म्म तोड़ दो ताला.”
ताला तौडा गया और गौरव अंदर दाखिल हुआ. अंदर आते ही गौरव की आँखे फटी की फटी रह गयी.
एक कॅन्वस पर उसी द्रिश्य की पैटिंग थी जब गौरव पेड़ के तने पर चढ़ कर अंकिता के हाथ खोल रहा था. दूसरे कॅन्वस पर दोनो को नीचे गिरते हुए देखाया गया था.
“तो मेरा शक सही निकला…कर्नल देवेंदर सिंग ही साइको है. एक लॅप टॉप रखा था वहाँ जिस पर कि एक लाइव वीडियो आ रही थी. गौरव ने ध्यान दिया तो पाया कि वो एसपी साहिब का घर था.
“जीसस…साइको एसपी साहिब के घर पर कॅमरा लगाए बैठा है. तभी वो कह रहा था कि दूसरी पैंटिंग में बिज़ी हूँ.”
गौरव ने तुरंत एस पी साहिब को फोन मिलाया. मगर उनका फोन व्यस्त आ रहा था.
“कहीं ये साइको इस वक्त एसपी साहिब के घर ही तो नही पहुँचा हुआ.”
गौरव ने चौहान को फोन करके सारी बात बताई.
“गौरव मैं एक टीम ले कर तुरंत एसपी साहिब के घर पहुँचता हूँ. तुम भी वही पहुँचो. आज एसपी साहिब छुट्टी पर हैं और घर पर ही हैं.”
“हां सर आप पहुँचिए वहाँ…मैं भी तुरंत आ रहा हूँ.”
गौरव ने कर्नल के घर को सील कर दिया और अपनी टीम को लेकर एसपी के घर पहुँच गया.
मगर जब वो वहाँ पहुँचा तो एसपी साहिब को अंबूलेंसे की ओर ले जाया जा रहा था. चौहान भी वही खड़ा था.
“क्या हुआ सर.” गौरव ने पूछा.
“हमने आने में देर कर दी. साइको अपने मकसद में कामयाब रहा. पेट छलनी-छलनी कर दिया है एसपी साहिब का. शायद ही बचें वो.”
“हे भगवान. इस साइको ने तो पूरे पोलीस महकमे को लपेट लिया”
“हां और फिर से बच के निकल गया.” चौहान ने कहा.
“अब कैसे निकलेगा हाथ से. अब तो जानते हैं हम कि वो कौन है. छोड़ेंगे नही साले को.” गौरव ने कहा.
एसपी साहिब को भी उसी हॉस्पिटल में ले जाया गया जहाँ अंकिता थी.
उनका तुरंत ऑपरेशन किया गया और ऑपरेशन के बाद उन्हे आइक्यू में शिफ्ट कर दिया गया.
गौरव पोलीस पार्टी लेकर साइको की तलाश में निकल पड़ा, “कर्नल साहिब अब आपकी खैर नही. मेरा शक सही था कि साइको एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर किसी का शक़ नही जाएगा. वो तो शूकर है कि सौरभ ने तुम्हे ब्लॅक स्कॉर्पियो में देख लिया और हमें एक क्लू मिला. वरना तुम्हे ढूंडना बहुत मुश्किल था. तुम्हारी पैंटिंग का शौक मैं जल्द पूरा करूँगा. तुम्हारी मौत की पैंटिंग मैं बनाओन्गा.”
गौरव पोलीस पार्टी ले कर पूरे शहर में कई बार घुमा. स्प के घर के आस पास बहुत बारीकी से तलाश की गयी साइको की. मगर उसका कही नामो निशान नही मिला. पूरे शहर में नाका बंदी और ज़्यादा मजबूत कर दी गयी.
“वापिस कर्नल के घर चलता हूँ. वहां बहुत सारे शुराग हैं. तस्सल्ली से सबकी जाँच करनी होगी.” गौरव ने सोचा और कर्नल के घर की तरफ चल दिया. गौरव ने आशुतोष और सौरभ को भी फोन करके वही बुला लिया.
“आशुतोष का दीमग तेज चलता है, वो साथ रहेगा तो इन्वेस्टिगेशन में काफ़ी मदद मिलेगी. सौरभ को इन्वॉल्व करने से कुछ नये इनपुट्स मिलेंगे.”