02-01-2020, 05:41 PM
“ये पोलीस कहाँ रह गयी…हमेशा लेट आती है. मेरे पास कोई हथियार भी नही है…क्या करूँ..कुछ नही किया तो ये फिर से भाग जाएगा आज.” सौरभ ने मन ही मन कहा.
साइको वहाँ से अपना समान उठा कर चल दिया.
“ये ज़रूर घर के पीछे से घुसा होगा. कुछ करना होगा मुझे.” सौरभ अपनी इन्वेस्टिगेशन का समान वही छोड़ कर घर के पीछे की तरफ भागा. साइको तब तक घर से निकल चुका था और घर के पीछे खड़ी अपनी कार की तरफ बढ़ रहा था. वो कार ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.
“रुक जाओ वरना गोली मार दूँगा…हाथ उपर करो और ज़मीन पर बैठ जाओ.” सौरभ ने पीछे से पोइलीसीए रोब में आवाज़ दी.
साइको ने तुरंत पीछे मूड कर देखा और हंसते हुए बोला, “मैं कुत्तो के भोंकने से नही रुकता हूँ. बंदूक तो ले आते कही से पहले ये सब भोंकने से पहले.” साइको ने कहा.
घर के पीछे अंधेरा था इसलिए साइको सौरभ को पहचान नही पाया.
“पोलीस ने घेर लिया है तुम्हे चारो तरफ से तुम बच कर नही जा सकते यहाँ से. हथियार गिरा दो चुपचाप.”
“पोलीस की तो मैने गांद मार ली है बेटा…पोलीस की बात मत कर.” साइको ने बंदूक तान दी सौरभ की तरफ.
सौरभ साइको को बातों में उलझाने की कोशिश कर रहा था. मगर साइको इस जाल में फँसने वाला नही था. उसने सौरभ के सर की तरफ फाइयर किया. मगर सौरभ तुरंत भाग कर दीवार के किनारे छुप गया.
“अपना नाम बता देते तो दुबारा मिलना आसान होता. तुम्हारी भी पैंटिंग बना देता…हाहहाहा” साइको ने कहा.
साइको फ़ौरन अपनी कार की तरफ बढ़ा. सौरभ ने एक मोटा सा पत्थर उठाया और उसके सर पर निशाना लगा कर ज़ोर से मारा. पत्थर सीधा खोपड़ी में लगा साइको की. खून बहने लगा उसके सर से.
“साले तेरी इतनी हिम्मत.” बिना सोचे समझे गोलियाँ बरसा दी साइको ने और अपनी कार में बैठ कर निकल दिया वहाँ से. शायद उसे डर था कि कही पोलीस ना आ जाए.
सौरभ भाग कर वापिस आया घर के आगे. अपना सारा समान उठाया और बायक लेकर निकल पड़ा, “चोदुन्गा नही तुझे आज मैं.” मगर साइको कि कार उसे कही नज़र नही आई.
“कहाँ गया हराम्खोर…कार का नंबर भी नही देख पाया अंधेरे में.” सौरभ ने निराशा में कहा.
………………………………………………………………………………
साइको वहाँ से अपना समान उठा कर चल दिया.
“ये ज़रूर घर के पीछे से घुसा होगा. कुछ करना होगा मुझे.” सौरभ अपनी इन्वेस्टिगेशन का समान वही छोड़ कर घर के पीछे की तरफ भागा. साइको तब तक घर से निकल चुका था और घर के पीछे खड़ी अपनी कार की तरफ बढ़ रहा था. वो कार ब्लॅक स्कॉर्पियो नही थी.
“रुक जाओ वरना गोली मार दूँगा…हाथ उपर करो और ज़मीन पर बैठ जाओ.” सौरभ ने पीछे से पोइलीसीए रोब में आवाज़ दी.
साइको ने तुरंत पीछे मूड कर देखा और हंसते हुए बोला, “मैं कुत्तो के भोंकने से नही रुकता हूँ. बंदूक तो ले आते कही से पहले ये सब भोंकने से पहले.” साइको ने कहा.
घर के पीछे अंधेरा था इसलिए साइको सौरभ को पहचान नही पाया.
“पोलीस ने घेर लिया है तुम्हे चारो तरफ से तुम बच कर नही जा सकते यहाँ से. हथियार गिरा दो चुपचाप.”
“पोलीस की तो मैने गांद मार ली है बेटा…पोलीस की बात मत कर.” साइको ने बंदूक तान दी सौरभ की तरफ.
सौरभ साइको को बातों में उलझाने की कोशिश कर रहा था. मगर साइको इस जाल में फँसने वाला नही था. उसने सौरभ के सर की तरफ फाइयर किया. मगर सौरभ तुरंत भाग कर दीवार के किनारे छुप गया.
“अपना नाम बता देते तो दुबारा मिलना आसान होता. तुम्हारी भी पैंटिंग बना देता…हाहहाहा” साइको ने कहा.
साइको फ़ौरन अपनी कार की तरफ बढ़ा. सौरभ ने एक मोटा सा पत्थर उठाया और उसके सर पर निशाना लगा कर ज़ोर से मारा. पत्थर सीधा खोपड़ी में लगा साइको की. खून बहने लगा उसके सर से.
“साले तेरी इतनी हिम्मत.” बिना सोचे समझे गोलियाँ बरसा दी साइको ने और अपनी कार में बैठ कर निकल दिया वहाँ से. शायद उसे डर था कि कही पोलीस ना आ जाए.
सौरभ भाग कर वापिस आया घर के आगे. अपना सारा समान उठाया और बायक लेकर निकल पड़ा, “चोदुन्गा नही तुझे आज मैं.” मगर साइको कि कार उसे कही नज़र नही आई.
“कहाँ गया हराम्खोर…कार का नंबर भी नही देख पाया अंधेरे में.” सौरभ ने निराशा में कहा.
………………………………………………………………………………