02-01-2020, 05:40 PM
Update 91
“कितना पैसा चाहिए तुम्हे बोलो.” गौरव ने कहा.
“पैसे से कही ज़्यादा अनमोल पैंटिंग बनेगी तुम दोनो की. मेरी पैंटिंग के आगे तुम्हारा पैसा कुछ नही..ये लो चाकू पकड़ो और हर एक धक्के के साथ एक चाकू मारो इसकी पीठ में. अगर तुमने इसे नही मारा तो तुम्हारा भेजा उड़ा दूँगा.” साइको ने चाकू थमा दिया गौरव को.
“सर…प्लीज़ मुझे मत मारना.” स्वेता गिड़गिडाई.
“और हां धक्के के बिना चाकू मारा तो भी तुम्हारा भेजा उड़ा दूँगा. इसे भी मारो और इसकी गांद भी मारो…दोनो एक साथ मारो हाहहहाहा.” साइको हँसने लगा.
“सर इसकी बात मत मान-ना प्लीज़.”
“चुप कर साली रंडी. मेरे लिए क्या तू अपनी जान नही दे सकती.” गौरव ने कहा.
सौरभ ने खिड़की के पास से हट कर तुरंत गौरव को फोन मिलाया और पूरा वाक़या सुना दिया.
“सौरभ मैं अभी हॉस्पिटल में हूँ…मगर पोलीस पार्टी अभी तुरंत भेज रहा हूँ वहाँ. तुम तब तक साइको पर नज़र रखो.” गौरव ने कहा.
सौरभ वापिस खिड़की में आया तो उसने देखा कि गौरव ने चाकू हवा में उठा रखा है. इस से पहले की सौरभ कुछ सोच पाता कुछ करने के बारे में गौरव ने खुद को आगे धकैल्ते हुए चाकू गाढ दिया स्वेता की पीठ में. कमरे में चीख गूँज उठी स्वेता की.
“गुड वेरी गुड…एक धक्का और मारो और एक चाकू और मारो हाहहाहा.”
गौरव ने चाकू उपर उठाया ही था दुबारा मारने के लिए कि साइको ने फुर्ती से आगे बढ़ कर गला काट दिया गौरव का. वो तुरंत स्वेता को साथ लेकर ज़मीन पर गिर गया.
“साला कमीना कही का, बेचारी की गांद मारते-मारते जान ले ली. शरम आनी चाहिए तुम्हे. बट डॉन’ट वरी बोथ ऑफ यू आर नाओ प्राउड विक्टिम ऑफ माय आर्ट. पूरा सीन रेकॉर्ड कर लिया है मैने घर जाकर इतमीनान से पैंटिंग बनाओन्गा तुम्हारी एरॉटिक मौत की हाहहाहा.”
“कितना पैसा चाहिए तुम्हे बोलो.” गौरव ने कहा.
“पैसे से कही ज़्यादा अनमोल पैंटिंग बनेगी तुम दोनो की. मेरी पैंटिंग के आगे तुम्हारा पैसा कुछ नही..ये लो चाकू पकड़ो और हर एक धक्के के साथ एक चाकू मारो इसकी पीठ में. अगर तुमने इसे नही मारा तो तुम्हारा भेजा उड़ा दूँगा.” साइको ने चाकू थमा दिया गौरव को.
“सर…प्लीज़ मुझे मत मारना.” स्वेता गिड़गिडाई.
“और हां धक्के के बिना चाकू मारा तो भी तुम्हारा भेजा उड़ा दूँगा. इसे भी मारो और इसकी गांद भी मारो…दोनो एक साथ मारो हाहहहाहा.” साइको हँसने लगा.
“सर इसकी बात मत मान-ना प्लीज़.”
“चुप कर साली रंडी. मेरे लिए क्या तू अपनी जान नही दे सकती.” गौरव ने कहा.
सौरभ ने खिड़की के पास से हट कर तुरंत गौरव को फोन मिलाया और पूरा वाक़या सुना दिया.
“सौरभ मैं अभी हॉस्पिटल में हूँ…मगर पोलीस पार्टी अभी तुरंत भेज रहा हूँ वहाँ. तुम तब तक साइको पर नज़र रखो.” गौरव ने कहा.
सौरभ वापिस खिड़की में आया तो उसने देखा कि गौरव ने चाकू हवा में उठा रखा है. इस से पहले की सौरभ कुछ सोच पाता कुछ करने के बारे में गौरव ने खुद को आगे धकैल्ते हुए चाकू गाढ दिया स्वेता की पीठ में. कमरे में चीख गूँज उठी स्वेता की.
“गुड वेरी गुड…एक धक्का और मारो और एक चाकू और मारो हाहहाहा.”
गौरव ने चाकू उपर उठाया ही था दुबारा मारने के लिए कि साइको ने फुर्ती से आगे बढ़ कर गला काट दिया गौरव का. वो तुरंत स्वेता को साथ लेकर ज़मीन पर गिर गया.
“साला कमीना कही का, बेचारी की गांद मारते-मारते जान ले ली. शरम आनी चाहिए तुम्हे. बट डॉन’ट वरी बोथ ऑफ यू आर नाओ प्राउड विक्टिम ऑफ माय आर्ट. पूरा सीन रेकॉर्ड कर लिया है मैने घर जाकर इतमीनान से पैंटिंग बनाओन्गा तुम्हारी एरॉटिक मौत की हाहहाहा.”