02-01-2020, 04:32 PM
बहुत तेज चला रहा था जीप. पहले वो थाने गया और गौरव के कहे अनुसार 4 कॉन्स्टेबल्स लिए साथ में और चल दिया मोनिका के घर की तरफ. 20 मिनिट में ही उसके घर पहुँच गया वो.
आशुतोष ने दरवाजा खड़काया. दरवाजा मोनिका ने खोला, “आप…आज मैं आपको ही याद कर रही थी.”
“मुझे याद कर रही थी…क्यों भला.” आशुतोष ने कहा. उसका मूड अभी भी ऑफ था.
“वैसे ही…अच्छे लोगो को अक्सर याद करके दिल खुश हो जाता है.”
“आपके पति का नाम संजय है?” आशुतोष ने मोनिका की बात इग्नोर करके पूछा.
“जी हां, शायद आपको बताया था मैने पहले.”
“बताया होगा, मुझे याद नही है अभी. कहाँ हैं आपके पति” आशुतोष ने कहा.
“बात क्या है, आप तो पूरी पोलीस फोर्स ले आए हैं घर पर मेरे. क्या जान सकती हूँ कि बात क्या है.”
“मोनिका जी…मेरा मूड बहुत खराब है अभी…प्लीज़ जल्दी से ये बतायें कि संजय कहा है?”
“वो तो देल्ही गये हुए हैं पीछले 2 दिन से. उनकी जॉब ऐसी है कि उनका घूमना फिरना लगा रहता है.” मोनिका ने कहा.
“ह्म्म…ब्लॅक स्कॉर्पियो में गये हैं क्या वो देल्ही?”आशुतोष ने पूछा.
“ब्लॅक स्कॉर्पियो!...हमारे पास कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही है.” मोनिका ने कहा.
आशुतोष ने सभी कॉन्स्टेबल्स को बाहर जीप के पास रुकने को कहा और मोनिका से बोला, “आपके पास नही है. मगर सिमरन के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है और आपके पति के उसके साथ संबंध हैं.”
“सिमरन…कौन सिमरन?”
“वो सब छोड़िए और ये बतायें कि देल्ही में कहा गये हैं आपके पति.”
“इतना सब कुछ वो मुझे नही बताते हैं. और ना ही मैं पूछती हूँ.”
“अच्छा…इट्स वेरी स्ट्रेंज…आपको आपके पति के बारे में नही पता. पत्नियाँ तो अक्सर पूरी जानकारी रखती हैं पति के बारे में.”
“मुझे कभी उन पर नज़र रखने की ज़रूरत नही पड़ी”
“क्या काम करते हैं आपके पति.”
“इसीसी बॅंक में हैं वो”
“ह्म्म…ठीक है…मैं इसीसी बॅंक ही जा रहा हूँ यहाँ से सीधा. आप ये बतायें कि क्या अक्सर आपके पति घर से गायब रहते हैं”
“अक्सर तो नही हां कभी कभी वो घर नही आते. पर वो अपने काम के सिलसिले में ही बाहर जाते हैं.”
“ये तो इसीसी बॅंक जाकर ही पता लगेगा कि काम के शील्षिले में जाते हैं या यू ही.” आशुतोष ने कहा और चल दिया वहां से.
आशुतोष सीधा इसीसी बॅंक पहुँचा और बॅंक में घुसते ही सिमरन के केबिन में घुस गया, “क्या आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो आपके पास है अब.”
“देखिए मैने गौरव को सब बता दिया था. प्लीज़ डॉन’ट वेस्ट माय टाइम.
“गौरव सर ने ही भेजा है मुझे. संजय के पास थी ना आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो, कहाँ है संजय बुलाओ उसे.”
“वो आज ड्यूटी पर नही आया.”
“क्या बॅंक के किसी काम से बाहर भेजा गया है उसे?”
“नही बॅंक के किसी काम से बाहर नही भेजा गया उसे. वो शायद घर होगा.”
“घर पर उसकी बीवी ने बताया कि वो देल्ही गया है…काम के सिलसिले में.”
“नही हमने उसे देल्ही नही भेजा…उनकी पत्नी को कोई ग़लतफहमी हुई होगी.”
आशुतोष ने सारी बात फोन पर गौरव को बताई, “सर मोनिका कह रही है कि संजय देल्ही गया है मगर इसीसी बॅंक में मैने ब्रांच मॅनेजर सिमरन से बात की. उसके अनुसार उसे देल्ही नही भेजा गया. कही ये संजय ही तो साइको नही. ”
“ह्म्म…खैर सब कुछ इत्तेफ़ाक भी हो सकता है. मगर इम्पोर्टेन्ट जानकारी हाँसिल की है तुमने. सिमरन को फोन दो.” गौरव ने आशुतोष से कहा.
आशुतोष ने फोन सिमरन को पकड़ा दिया.
“सिमरन जब भी संजय आए या तुम्हे उसके बारे में कुछ भी पता चले, तुरंत मुझे फोन करना.”
“ठीक है गौरव…जैसे ही वो आएगा मैं तुम्हे इनफॉर्म कर दूँगी.”
आशुतोष को फोन वापिस दे दिया सिमरन ने.
आशुतोष ने दरवाजा खड़काया. दरवाजा मोनिका ने खोला, “आप…आज मैं आपको ही याद कर रही थी.”
“मुझे याद कर रही थी…क्यों भला.” आशुतोष ने कहा. उसका मूड अभी भी ऑफ था.
“वैसे ही…अच्छे लोगो को अक्सर याद करके दिल खुश हो जाता है.”
“आपके पति का नाम संजय है?” आशुतोष ने मोनिका की बात इग्नोर करके पूछा.
“जी हां, शायद आपको बताया था मैने पहले.”
“बताया होगा, मुझे याद नही है अभी. कहाँ हैं आपके पति” आशुतोष ने कहा.
“बात क्या है, आप तो पूरी पोलीस फोर्स ले आए हैं घर पर मेरे. क्या जान सकती हूँ कि बात क्या है.”
“मोनिका जी…मेरा मूड बहुत खराब है अभी…प्लीज़ जल्दी से ये बतायें कि संजय कहा है?”
“वो तो देल्ही गये हुए हैं पीछले 2 दिन से. उनकी जॉब ऐसी है कि उनका घूमना फिरना लगा रहता है.” मोनिका ने कहा.
“ह्म्म…ब्लॅक स्कॉर्पियो में गये हैं क्या वो देल्ही?”आशुतोष ने पूछा.
“ब्लॅक स्कॉर्पियो!...हमारे पास कोई ब्लॅक स्कॉर्पियो नही है.” मोनिका ने कहा.
आशुतोष ने सभी कॉन्स्टेबल्स को बाहर जीप के पास रुकने को कहा और मोनिका से बोला, “आपके पास नही है. मगर सिमरन के पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है और आपके पति के उसके साथ संबंध हैं.”
“सिमरन…कौन सिमरन?”
“वो सब छोड़िए और ये बतायें कि देल्ही में कहा गये हैं आपके पति.”
“इतना सब कुछ वो मुझे नही बताते हैं. और ना ही मैं पूछती हूँ.”
“अच्छा…इट्स वेरी स्ट्रेंज…आपको आपके पति के बारे में नही पता. पत्नियाँ तो अक्सर पूरी जानकारी रखती हैं पति के बारे में.”
“मुझे कभी उन पर नज़र रखने की ज़रूरत नही पड़ी”
“क्या काम करते हैं आपके पति.”
“इसीसी बॅंक में हैं वो”
“ह्म्म…ठीक है…मैं इसीसी बॅंक ही जा रहा हूँ यहाँ से सीधा. आप ये बतायें कि क्या अक्सर आपके पति घर से गायब रहते हैं”
“अक्सर तो नही हां कभी कभी वो घर नही आते. पर वो अपने काम के सिलसिले में ही बाहर जाते हैं.”
“ये तो इसीसी बॅंक जाकर ही पता लगेगा कि काम के शील्षिले में जाते हैं या यू ही.” आशुतोष ने कहा और चल दिया वहां से.
आशुतोष सीधा इसीसी बॅंक पहुँचा और बॅंक में घुसते ही सिमरन के केबिन में घुस गया, “क्या आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो आपके पास है अब.”
“देखिए मैने गौरव को सब बता दिया था. प्लीज़ डॉन’ट वेस्ट माय टाइम.
“गौरव सर ने ही भेजा है मुझे. संजय के पास थी ना आपकी ब्लॅक स्कॉर्पियो, कहाँ है संजय बुलाओ उसे.”
“वो आज ड्यूटी पर नही आया.”
“क्या बॅंक के किसी काम से बाहर भेजा गया है उसे?”
“नही बॅंक के किसी काम से बाहर नही भेजा गया उसे. वो शायद घर होगा.”
“घर पर उसकी बीवी ने बताया कि वो देल्ही गया है…काम के सिलसिले में.”
“नही हमने उसे देल्ही नही भेजा…उनकी पत्नी को कोई ग़लतफहमी हुई होगी.”
आशुतोष ने सारी बात फोन पर गौरव को बताई, “सर मोनिका कह रही है कि संजय देल्ही गया है मगर इसीसी बॅंक में मैने ब्रांच मॅनेजर सिमरन से बात की. उसके अनुसार उसे देल्ही नही भेजा गया. कही ये संजय ही तो साइको नही. ”
“ह्म्म…खैर सब कुछ इत्तेफ़ाक भी हो सकता है. मगर इम्पोर्टेन्ट जानकारी हाँसिल की है तुमने. सिमरन को फोन दो.” गौरव ने आशुतोष से कहा.
आशुतोष ने फोन सिमरन को पकड़ा दिया.
“सिमरन जब भी संजय आए या तुम्हे उसके बारे में कुछ भी पता चले, तुरंत मुझे फोन करना.”
“ठीक है गौरव…जैसे ही वो आएगा मैं तुम्हे इनफॉर्म कर दूँगी.”
आशुतोष को फोन वापिस दे दिया सिमरन ने.