02-01-2020, 03:29 PM
"हिहिहिहीही बोलते रहो बेटा वो तो मेरी आर्ट का हिस्सा बन चुकी है हाहहहाहा अब अपर्णा की बारी है. तू घर पर है ना उसके. उसे समझा कि आँखो में ख़ौफ़ भर ले अब उसका नंबर आ गया है. बहुत इंतेज़ार कर लिया मैने."
आशुतोष को बहुत गुस्सा आ रहा था मगर अपर्णा के कारण चुप रहा.
"ओह थॅंक यू मेडम, ठीक है गौरव सर का फोन नही मिल रहा था इसलिए ट्राइ किया."
"अबे उल्लू के पत्थे गौरव भी टपका दिया अंकिता के साथ, और ये अजीब बातें क्यों कर रहा है मेरी बात समझ नही आ रही क्या तुझे हिहिहीही."
"ओके गुड नाइट मेडम." आशुतोष ने भारी मन से कहा. उसकी आँखे नम हो गयी थी गौरव और अंकिता के बारे में सुन कर.
आशुतोष ने फोन काट दिया.
"क्या हुआ तुम्हारी आँखे नम क्यों हैं." अपर्णा ने पूछा.
आशुतोष अपर्णा को सब कुछ बता कर डराना नही चाहता था. "कुछ नही मेडम ने आज पहली बार प्यार से बात की."
"तुम्हारा उसके उपर भी दिल है क्या, निकल जाओ अभी मेरे घर से. पता नही कैसा प्यार है तुम्हारा."
आशुतोष को बहुत गुस्सा आ रहा था मगर अपर्णा के कारण चुप रहा.
"ओह थॅंक यू मेडम, ठीक है गौरव सर का फोन नही मिल रहा था इसलिए ट्राइ किया."
"अबे उल्लू के पत्थे गौरव भी टपका दिया अंकिता के साथ, और ये अजीब बातें क्यों कर रहा है मेरी बात समझ नही आ रही क्या तुझे हिहिहीही."
"ओके गुड नाइट मेडम." आशुतोष ने भारी मन से कहा. उसकी आँखे नम हो गयी थी गौरव और अंकिता के बारे में सुन कर.
आशुतोष ने फोन काट दिया.
"क्या हुआ तुम्हारी आँखे नम क्यों हैं." अपर्णा ने पूछा.
आशुतोष अपर्णा को सब कुछ बता कर डराना नही चाहता था. "कुछ नही मेडम ने आज पहली बार प्यार से बात की."
"तुम्हारा उसके उपर भी दिल है क्या, निकल जाओ अभी मेरे घर से. पता नही कैसा प्यार है तुम्हारा."
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