02-01-2020, 03:18 PM
“निकालो अपना पेनिस बाहर मैं भी दाँत मारूँगी.”
“विल यू सक इट पर तुम तो लाइक नही करती ना.” गौरव ने कहा.
“सक नही करूँगी बल्कि दाँत मारूँगी…निकालो बाहर.”
“ओके बाय दा वे माय डिक लाइक्स अड्वेंचर, देखते हैं कि क्या करोगी तुम.” गौरव ने अपनी ज़िप खोल कर अपने लिंग को बाहर खींच लिया.
“ह्म्म… नाइस डिक…नाओ आइ विल गिव दा सेम ट्रीटमेंट टू योर डिक विच यू हॅव गिवन टू मी निपल्स. आर यू रेडी.”
“ऑल्वेज़ रेडी फॉर यू, कम ऑन सक इट हार्ड एन्ड नाइस.” गौरव ने कहा.
सिमरन गौरव के सामने घुटनो के बल बैठ गयी और उसके लिंग को अपने होंटो के बीच दबा लिया.
“आआहह वेरी गुड, प्लीज़ कंटिन्यू….” गौरव ने कहा. मगर अगले ही पल गौरव कराह उठा, “आउच.”
“क्या हुआ गौरव.” सिमरन ने पूछा.
“यार तुमने सच में दाँत मार दिए, ये सच में अड्वेंचर हो गया. अब आपके मूह में लंड रखना ख़तरे से खाली नही…आपकी चूत ही ठीक रहेगी लंड रखने के लिए.”
“ग़लती से लग गये दाँत. सॉरी…मैने इंटेन्षनली नही किया.”
“इट्स ओके…बट आइ कैन’ट टेक दा रिस्क…प्लीज़ आपकी चूत को सामने लायें और हमें सुखद परवेश परदान करें.”
गौरव ने सिमरन को अपनी गोदी में उठा लिया और बोला, “चलिए आपके बेडरूम में चलते हैं. अगर यही ड्रॉयिंग रूम में ही ठुकवानी है तो वो भी बोल दीजिए.”
“नही मेरा मखमली बिस्तर मुझे अच्छा लगता है. फील फ्री टू टेक मी देर.”
गौरव सिमरन को उसके बेडरूम में ले आया और तुरंत उसके सारे कपड़े उतार दिए. खुद के कपड़े उतार कर वो सिमरन के उपर चढ़ गया और बोला, “पहली बार संभोग में उतर रहे हैं हम दोनो. मेरे लंड को किस पोज़िशन में परवेश देना पसंद करेंगी आप.”
“ह्म्म…आइ ऑल्वेज़ प्रिफर मिशनरी पोज़िशन. रेस्ट अप्ट यू.”
“अब आपको जो पसंद है उसी पोज़िशन में परवेश करेंगे. टांगे खोल कर मेरी कमर पर काश लीजिए आपको एक लंबे सफ़र पे ले जा रहा हूँ मैं ..”
“अच्छा…”
“जी हां बिल्कुल.”
गौरव ने सिमरन की टांगे खोल कर उसकी योनि पर अपना लिंग टिका दिया और ज़्यादा वक्त ना गवाते हुए एक धक्के में अपने लिंग को तकरीबन आधा सिमरन की योनि में सरका दिया. सिमरन कराह उठी, “ऊओह यस…”
“वाओ व्हाट आ स्मूद पुसी यू हॅव. वेरी नाइस. लीजिए अब पूरा जाकड़ लीजिए मेरे लंड को.” गौरव ने खुद को पूरा धकैल दिया सिमरन की योनि में. इस दौरान सिमरन ने बिस्तर की चादर को पूरे ज़ोर से मुथि में भींच रखा था.
“उफ़फ्फ़ आपने जान निकाल दी मेरी.”
“इतनी जल्दी जान निकल गयी, अभी जब आपकी रेल बनेगी तब क्या होगा …”
“रेल बनेगी मतलब… … क्या मतलब है तुम्हारा.”
“कुछ नही घबराए नही मज़ाक कर रहे हैं हम. अब अगर आपकी इज़ाज़त हो तो हम आपकी थुकायी कर लें.”
“कीजिए ना हमने रोका है क्या, वैसे रेल का मतलब क्या था …”
गौरव ने बिना कुछ कहे सिमरन की योनि को अपने लिंग से रगड़ना शुरू कर दिया और बोला, “रेल का मतलब भी पता चल जाएगा, ज़रा धर्य रखें.”
कुछ ही मिंटो में सिमरन की सिसकियाँ गूँज रही थी कमरे में. वो अपने दोनो पाँव पटक रही थी बिस्तर पर.
“उउउहह गौरव प्लीज़ रुकना मत आआहह”
ये सुनते ही गौरव रुक गया और सिमरन की योनि से अपना लिंग निकाल लिया और बोला, “अब एक सवाल है.”
“व्हाट मज़ाक मत करो, जल्दी वापिस डालो, मेरा ऑर्गॅज़म रोक दिया तुमने …” सिमरन ने निराशा भरे शब्दो में कहा.
“डाल दूँगा वापिस पहले विवेक भाई की तरह कुछ सवाल पूछ लूँ …”
“ये क्या मज़ाक है गौरव, प्लीज़ डाल दो ना.” सिमरन गिड़गिडाई.
“पहले ये बताओ कि तुम्हारी ब्लॅक स्कॉर्पियो कहाँ है.”
“यार तुम यहाँ अपनी इन्वेस्टिगेशन पे आए हो या फिर मुझसे मिलने ….”
“ड्यूटी सबसे पहले है, बाकी काम बाद में. आपने भी तो आज दिन में मुझे अपने ऑफीस से चले जाने को बोल दिया था. मुझे अपने सवालो के जवाब चाहिए, अगर जवाब नही मिलेगा तो आपकी चूत प्यासी रह जाएगी.”
“ये तो हद हो गयी. किसी ने मेरे साथ ऐसा नही किया.”
“बताओ ना मुझे कि कहाँ है तुम्हारी कार. क्यों झीजक रही हो. जल्दी से बताओ, आइ विल फक यू ईवन हार्डर आफ्टर दट.”
“कार मेरे बॉय फ्रेंड के पास है. वो देल्ही ले गया है ड्राइव करके. कल शाम तक लौट आएगा. तुम्हे अपने बॉय फ्रेंड के बारे में बताना नही चाहती थी इसलिए झीजक रही थी.”
“ह्म्म… क्या नाम है तुम्हारे बॉय फ्रेंड का.”
“उस से तुम्हे क्या मतलब? तुम मुझसे मतलब रखो.”
“मतलब है मुझे. शहर में साइको ने आतंक मचा रखा है और वो ब्लॅक स्कॉर्पियो लेकर घूमता है. क्या अक्सर तुम्हारी कार तुम्हारे बॉय फ्रेंड के पास होती है.”
“हां होती तो है…तुम्हे क्या लेना देना, हटो मेरे उपर से आइ डॉन’ट वॉंट योर डिक अनीमोर.”
मगर गौरव ने तुरंत अपने लिंग को सिमरन की योनि में डाल दिया.
“आअहह… अब क्यों डाला तुमने.”
“काफ़ी सवालो के जवाब मिल गये इसलिए. प्लीज़ बताओ ना कि कौन है तुम्हारा बॉय फ्रेंड.”
“संजय नाम है उसका…”
“ह्म्म…लव अफेर चल रहा है क्या तुम्हारा उसके साथ.”
“पागल हो क्या, ही ईज़ मॅरीड ओर अगर लव अफेर चल रहा होता तो तुम अपना ये ब्लॅकमेलिंग डिक डाल कर नही पड़े होते मेरे अंदर. ही ईज़ जस्ट टाइम पास.”
“टाइम पास फ्रेंड…वाह मान गया आपको ….” गौरव हँसने लगा.
“हँसो मत और अब अपना काम करो.”
“बस एक और सवाल.” गौरव ने कहा.
“अब क्या है…लगता है तुम्हारा संभोग का मूड नही है.”
“बस संजय का अड्रेस दे दीजिए मुझे.”
“क्या उसका अड्रेस क्यों दू तुम्हे. तुम उस पर शक मत करो. वो बहुत शरीफ बंदा है.”
“शरीफ बंदे की ही तलाश है मुझे. मुझे लगता है साइको कोई शरीफ बंदा ही है जिस पर कि हमारी नज़र नही गयी अब तक. वैसे ये अंदाज़ा ही है.”
“यार तुम साइको को पकड़ो जाकर मेरा क्यों मूड खराब कर रहे हो. कब से अंदर डाल कर पड़े हो, एक धक्का भी नही मारा तुमने. दे दूँगी अड्रेस…पहले ये काम फीनिस करो.”
“धन्यवाद आपका, ये लीजिए अब आपकी रेल बनेगी.” गौरव ने कहा और बिस्तर पर तूफान मचा दिया.
वो इतनी ज़ोर से धक्के मार रहा था कि बेड भी आवाज़ करने लगा.
“आअहह एस… प्लीज़ कंटिन्यू….अब मत रुकना.”
“हाहहाहा…..वैसे एक सवाल बाकी है अभी …”
“क्या नहियीईई प्लीज़ मेरा ऑर्गॅज़म हो जाने दो. मैं बहुत नज़दीक हूँ. प्लीज़…कंटिन्यू आआहह.”
“जस्ट जोकिंग सिमरन, एंजाय योर ऑर्गॅज़म.”
“थॅंक्स गौरव. आआहह यू आर टू गुड. ईच थ्रस्ट ऑफ युवर्ज़ ईज़ वेरी-वेरी पॉवेरफ़ुल्ल. आय ऍम फाइलिंग योर थ्रस्ट ऑल ओवर माय बॉडी. प्लीज़ रुकना मत अब.”
वैसे गौरव अब रुकने के मूड में नही था. सभी सवालो के जवाब उसे मिल गये थे. उसके धक्को की तेज़ी बढ़ती जा रही थी.
अचानक सिमरन बहुत ज़ोर से चिल्लाई, “ओह्ह्ह नूऊ…. यस आआहह..प्लीज़ रुक जाओ…आहह.”
सिमरन ने आख़िरकार अपना ऑर्गॅज़म पा लिया था
“विल यू सक इट पर तुम तो लाइक नही करती ना.” गौरव ने कहा.
“सक नही करूँगी बल्कि दाँत मारूँगी…निकालो बाहर.”
“ओके बाय दा वे माय डिक लाइक्स अड्वेंचर, देखते हैं कि क्या करोगी तुम.” गौरव ने अपनी ज़िप खोल कर अपने लिंग को बाहर खींच लिया.
“ह्म्म… नाइस डिक…नाओ आइ विल गिव दा सेम ट्रीटमेंट टू योर डिक विच यू हॅव गिवन टू मी निपल्स. आर यू रेडी.”
“ऑल्वेज़ रेडी फॉर यू, कम ऑन सक इट हार्ड एन्ड नाइस.” गौरव ने कहा.
सिमरन गौरव के सामने घुटनो के बल बैठ गयी और उसके लिंग को अपने होंटो के बीच दबा लिया.
“आआहह वेरी गुड, प्लीज़ कंटिन्यू….” गौरव ने कहा. मगर अगले ही पल गौरव कराह उठा, “आउच.”
“क्या हुआ गौरव.” सिमरन ने पूछा.
“यार तुमने सच में दाँत मार दिए, ये सच में अड्वेंचर हो गया. अब आपके मूह में लंड रखना ख़तरे से खाली नही…आपकी चूत ही ठीक रहेगी लंड रखने के लिए.”
“ग़लती से लग गये दाँत. सॉरी…मैने इंटेन्षनली नही किया.”
“इट्स ओके…बट आइ कैन’ट टेक दा रिस्क…प्लीज़ आपकी चूत को सामने लायें और हमें सुखद परवेश परदान करें.”
गौरव ने सिमरन को अपनी गोदी में उठा लिया और बोला, “चलिए आपके बेडरूम में चलते हैं. अगर यही ड्रॉयिंग रूम में ही ठुकवानी है तो वो भी बोल दीजिए.”
“नही मेरा मखमली बिस्तर मुझे अच्छा लगता है. फील फ्री टू टेक मी देर.”
गौरव सिमरन को उसके बेडरूम में ले आया और तुरंत उसके सारे कपड़े उतार दिए. खुद के कपड़े उतार कर वो सिमरन के उपर चढ़ गया और बोला, “पहली बार संभोग में उतर रहे हैं हम दोनो. मेरे लंड को किस पोज़िशन में परवेश देना पसंद करेंगी आप.”
“ह्म्म…आइ ऑल्वेज़ प्रिफर मिशनरी पोज़िशन. रेस्ट अप्ट यू.”
“अब आपको जो पसंद है उसी पोज़िशन में परवेश करेंगे. टांगे खोल कर मेरी कमर पर काश लीजिए आपको एक लंबे सफ़र पे ले जा रहा हूँ मैं ..”
“अच्छा…”
“जी हां बिल्कुल.”
गौरव ने सिमरन की टांगे खोल कर उसकी योनि पर अपना लिंग टिका दिया और ज़्यादा वक्त ना गवाते हुए एक धक्के में अपने लिंग को तकरीबन आधा सिमरन की योनि में सरका दिया. सिमरन कराह उठी, “ऊओह यस…”
“वाओ व्हाट आ स्मूद पुसी यू हॅव. वेरी नाइस. लीजिए अब पूरा जाकड़ लीजिए मेरे लंड को.” गौरव ने खुद को पूरा धकैल दिया सिमरन की योनि में. इस दौरान सिमरन ने बिस्तर की चादर को पूरे ज़ोर से मुथि में भींच रखा था.
“उफ़फ्फ़ आपने जान निकाल दी मेरी.”
“इतनी जल्दी जान निकल गयी, अभी जब आपकी रेल बनेगी तब क्या होगा …”
“रेल बनेगी मतलब… … क्या मतलब है तुम्हारा.”
“कुछ नही घबराए नही मज़ाक कर रहे हैं हम. अब अगर आपकी इज़ाज़त हो तो हम आपकी थुकायी कर लें.”
“कीजिए ना हमने रोका है क्या, वैसे रेल का मतलब क्या था …”
गौरव ने बिना कुछ कहे सिमरन की योनि को अपने लिंग से रगड़ना शुरू कर दिया और बोला, “रेल का मतलब भी पता चल जाएगा, ज़रा धर्य रखें.”
कुछ ही मिंटो में सिमरन की सिसकियाँ गूँज रही थी कमरे में. वो अपने दोनो पाँव पटक रही थी बिस्तर पर.
“उउउहह गौरव प्लीज़ रुकना मत आआहह”
ये सुनते ही गौरव रुक गया और सिमरन की योनि से अपना लिंग निकाल लिया और बोला, “अब एक सवाल है.”
“व्हाट मज़ाक मत करो, जल्दी वापिस डालो, मेरा ऑर्गॅज़म रोक दिया तुमने …” सिमरन ने निराशा भरे शब्दो में कहा.
“डाल दूँगा वापिस पहले विवेक भाई की तरह कुछ सवाल पूछ लूँ …”
“ये क्या मज़ाक है गौरव, प्लीज़ डाल दो ना.” सिमरन गिड़गिडाई.
“पहले ये बताओ कि तुम्हारी ब्लॅक स्कॉर्पियो कहाँ है.”
“यार तुम यहाँ अपनी इन्वेस्टिगेशन पे आए हो या फिर मुझसे मिलने ….”
“ड्यूटी सबसे पहले है, बाकी काम बाद में. आपने भी तो आज दिन में मुझे अपने ऑफीस से चले जाने को बोल दिया था. मुझे अपने सवालो के जवाब चाहिए, अगर जवाब नही मिलेगा तो आपकी चूत प्यासी रह जाएगी.”
“ये तो हद हो गयी. किसी ने मेरे साथ ऐसा नही किया.”
“बताओ ना मुझे कि कहाँ है तुम्हारी कार. क्यों झीजक रही हो. जल्दी से बताओ, आइ विल फक यू ईवन हार्डर आफ्टर दट.”
“कार मेरे बॉय फ्रेंड के पास है. वो देल्ही ले गया है ड्राइव करके. कल शाम तक लौट आएगा. तुम्हे अपने बॉय फ्रेंड के बारे में बताना नही चाहती थी इसलिए झीजक रही थी.”
“ह्म्म… क्या नाम है तुम्हारे बॉय फ्रेंड का.”
“उस से तुम्हे क्या मतलब? तुम मुझसे मतलब रखो.”
“मतलब है मुझे. शहर में साइको ने आतंक मचा रखा है और वो ब्लॅक स्कॉर्पियो लेकर घूमता है. क्या अक्सर तुम्हारी कार तुम्हारे बॉय फ्रेंड के पास होती है.”
“हां होती तो है…तुम्हे क्या लेना देना, हटो मेरे उपर से आइ डॉन’ट वॉंट योर डिक अनीमोर.”
मगर गौरव ने तुरंत अपने लिंग को सिमरन की योनि में डाल दिया.
“आअहह… अब क्यों डाला तुमने.”
“काफ़ी सवालो के जवाब मिल गये इसलिए. प्लीज़ बताओ ना कि कौन है तुम्हारा बॉय फ्रेंड.”
“संजय नाम है उसका…”
“ह्म्म…लव अफेर चल रहा है क्या तुम्हारा उसके साथ.”
“पागल हो क्या, ही ईज़ मॅरीड ओर अगर लव अफेर चल रहा होता तो तुम अपना ये ब्लॅकमेलिंग डिक डाल कर नही पड़े होते मेरे अंदर. ही ईज़ जस्ट टाइम पास.”
“टाइम पास फ्रेंड…वाह मान गया आपको ….” गौरव हँसने लगा.
“हँसो मत और अब अपना काम करो.”
“बस एक और सवाल.” गौरव ने कहा.
“अब क्या है…लगता है तुम्हारा संभोग का मूड नही है.”
“बस संजय का अड्रेस दे दीजिए मुझे.”
“क्या उसका अड्रेस क्यों दू तुम्हे. तुम उस पर शक मत करो. वो बहुत शरीफ बंदा है.”
“शरीफ बंदे की ही तलाश है मुझे. मुझे लगता है साइको कोई शरीफ बंदा ही है जिस पर कि हमारी नज़र नही गयी अब तक. वैसे ये अंदाज़ा ही है.”
“यार तुम साइको को पकड़ो जाकर मेरा क्यों मूड खराब कर रहे हो. कब से अंदर डाल कर पड़े हो, एक धक्का भी नही मारा तुमने. दे दूँगी अड्रेस…पहले ये काम फीनिस करो.”
“धन्यवाद आपका, ये लीजिए अब आपकी रेल बनेगी.” गौरव ने कहा और बिस्तर पर तूफान मचा दिया.
वो इतनी ज़ोर से धक्के मार रहा था कि बेड भी आवाज़ करने लगा.
“आअहह एस… प्लीज़ कंटिन्यू….अब मत रुकना.”
“हाहहाहा…..वैसे एक सवाल बाकी है अभी …”
“क्या नहियीईई प्लीज़ मेरा ऑर्गॅज़म हो जाने दो. मैं बहुत नज़दीक हूँ. प्लीज़…कंटिन्यू आआहह.”
“जस्ट जोकिंग सिमरन, एंजाय योर ऑर्गॅज़म.”
“थॅंक्स गौरव. आआहह यू आर टू गुड. ईच थ्रस्ट ऑफ युवर्ज़ ईज़ वेरी-वेरी पॉवेरफ़ुल्ल. आय ऍम फाइलिंग योर थ्रस्ट ऑल ओवर माय बॉडी. प्लीज़ रुकना मत अब.”
वैसे गौरव अब रुकने के मूड में नही था. सभी सवालो के जवाब उसे मिल गये थे. उसके धक्को की तेज़ी बढ़ती जा रही थी.
अचानक सिमरन बहुत ज़ोर से चिल्लाई, “ओह्ह्ह नूऊ…. यस आआहह..प्लीज़ रुक जाओ…आहह.”
सिमरन ने आख़िरकार अपना ऑर्गॅज़म पा लिया था