02-01-2020, 03:09 PM
“मेडम कुछ नयी बाते सामने आईं हैं, सोचा आप से डिस्कस कर लूँ.”
“हां बोलो…क्या बात है?”
“मेडम एक उलझन पैदा हो गयी है. मैं आज कर्नल देवेंदर सिंग के यहाँ गया था. उनके ड्रॉयिंग रूम में एक बहूत ही अजीब पैंटिंग देखी मैने.” गौरव ने डीटेल में पूरी बात बताई.
“ह्म्म…एक और ओनर था ना ब्लॅक स्कॉर्पियो का, क्या नाम था उसका ..”
“हां मेडम सिमरन नाम है उसका, उस से भी मिल आया हूँ मैं. उस पर शक का कोई कारण नही है. वैसे भी हमारा सस्पेक्ट एक मेल है और सिमरन फीमेल है. और मैं उसे जानता भी हूँ.”
“ह्म्म…तुम गौरव और देवेंदर दोनो पर कड़ी नज़र रखो…साइको इन दोनो में से ही एक होना चाहिए.”
“जी मेडम”
गौरव जैसे ही अंकिता के कमरे से बाहर निकला उसे चौहान दिखाई दिया. गौरव को देखते ही वो आग बाबूला हो गया, “साले कब से ढूँढ रहा हूँ तुझे मैं. आज तेरी खैर नही.”
चौहान आग बरसाता हुआ गौरव की तरफ बढ़ा. गौरव के कुछ समझ नही आया कि वो अब क्या करे. भागने का रास्ता भी नही था . शूकर है तभी एएसपी साहिबा बाहर आ गयीं.
“गौरव तुम मेरे साथ चलो, एसपी साहिब ने बुलाया है. वैसे मैं अकेली ही जा रही थी मगर अभी-अभी वहाँ से फोन आया है कि एसपी साहिब तुमसे भी मिलना चाहते हैं.”
गौरव ने अंकिता के आने से राहत की साँस ली. वो चौहान के कहर से बच गया था.
“जाओ बेटा आज तुम्हारी खैर नही. खूब खाल उधेड़ेंगे आज एसपी साहिब तुम्हारी.” चौहान ने धीरे से गौरव को कहा.
गौरव ने चौहान को कुछ भी कहना ठीक नही समझा. वो चुपचाप अंकिता के साथ चल दिया.
जैसी की उम्मीद थी अंकिता और गौरव को खूब डाँट पड़ी.
“जंगल में अंडरगाउंड कन्स्ट्रक्षन बहुत बड़ा शुराग है पर तुम दोनो कुछ नही कर पा रहे. अरे पता करो उसके बारे में. ऐसे ही चलता रहा तो मेरी नौकरी चली जाएगी. रोज डाँट मुझे सुन-नी पड़ती है. कितना वक्त और चाहिए तुम्हे इस हराम्खोर साइको को पकड़ने के लिए.”
“सर हमें कुछ इम्पोर्टेन्ट क्लू मिलें हैं. हमें उम्मीद है कि हम जल्द साइको को पकड़ लेंगे.”
“दट ईज़ गुड न्यूज़. बट आइ निड सम्तिंग इन रियल डियर. जिंदा या मुर्दा चाहिए मुझे वो साइको. अपनी पूरी ताक़त लगा दो. जल्दी से मुझे कुछ रिज़ल्ट दो.”
एसपी साहिब के रूम से निकल कर अंकिता ने कहा, “ गौरव और देवेंदर पर 24 घंटे निगरानी रखो. हमें कुछ ना कुछ हाथ ज़रूर लगेगा.”
“जी मेडम आप चिंता ना करें. आइ विल टेक केर ऑफ एवेरितिंग.”
एएसपी साहिबा अपनी जीप में बैठ कर अपने घर चली गयी. गौरव ने गौरव और कर्नल देवेंदर सिंग की निगरानी के लिए 2-2 कॉन्स्टेबल्स लगा दिए और उनके हिदायत दे दी कि पल-पल की खबर वो उसे देते रहें.
“हां बोलो…क्या बात है?”
“मेडम एक उलझन पैदा हो गयी है. मैं आज कर्नल देवेंदर सिंग के यहाँ गया था. उनके ड्रॉयिंग रूम में एक बहूत ही अजीब पैंटिंग देखी मैने.” गौरव ने डीटेल में पूरी बात बताई.
“ह्म्म…एक और ओनर था ना ब्लॅक स्कॉर्पियो का, क्या नाम था उसका ..”
“हां मेडम सिमरन नाम है उसका, उस से भी मिल आया हूँ मैं. उस पर शक का कोई कारण नही है. वैसे भी हमारा सस्पेक्ट एक मेल है और सिमरन फीमेल है. और मैं उसे जानता भी हूँ.”
“ह्म्म…तुम गौरव और देवेंदर दोनो पर कड़ी नज़र रखो…साइको इन दोनो में से ही एक होना चाहिए.”
“जी मेडम”
गौरव जैसे ही अंकिता के कमरे से बाहर निकला उसे चौहान दिखाई दिया. गौरव को देखते ही वो आग बाबूला हो गया, “साले कब से ढूँढ रहा हूँ तुझे मैं. आज तेरी खैर नही.”
चौहान आग बरसाता हुआ गौरव की तरफ बढ़ा. गौरव के कुछ समझ नही आया कि वो अब क्या करे. भागने का रास्ता भी नही था . शूकर है तभी एएसपी साहिबा बाहर आ गयीं.
“गौरव तुम मेरे साथ चलो, एसपी साहिब ने बुलाया है. वैसे मैं अकेली ही जा रही थी मगर अभी-अभी वहाँ से फोन आया है कि एसपी साहिब तुमसे भी मिलना चाहते हैं.”
गौरव ने अंकिता के आने से राहत की साँस ली. वो चौहान के कहर से बच गया था.
“जाओ बेटा आज तुम्हारी खैर नही. खूब खाल उधेड़ेंगे आज एसपी साहिब तुम्हारी.” चौहान ने धीरे से गौरव को कहा.
गौरव ने चौहान को कुछ भी कहना ठीक नही समझा. वो चुपचाप अंकिता के साथ चल दिया.
जैसी की उम्मीद थी अंकिता और गौरव को खूब डाँट पड़ी.
“जंगल में अंडरगाउंड कन्स्ट्रक्षन बहुत बड़ा शुराग है पर तुम दोनो कुछ नही कर पा रहे. अरे पता करो उसके बारे में. ऐसे ही चलता रहा तो मेरी नौकरी चली जाएगी. रोज डाँट मुझे सुन-नी पड़ती है. कितना वक्त और चाहिए तुम्हे इस हराम्खोर साइको को पकड़ने के लिए.”
“सर हमें कुछ इम्पोर्टेन्ट क्लू मिलें हैं. हमें उम्मीद है कि हम जल्द साइको को पकड़ लेंगे.”
“दट ईज़ गुड न्यूज़. बट आइ निड सम्तिंग इन रियल डियर. जिंदा या मुर्दा चाहिए मुझे वो साइको. अपनी पूरी ताक़त लगा दो. जल्दी से मुझे कुछ रिज़ल्ट दो.”
एसपी साहिब के रूम से निकल कर अंकिता ने कहा, “ गौरव और देवेंदर पर 24 घंटे निगरानी रखो. हमें कुछ ना कुछ हाथ ज़रूर लगेगा.”
“जी मेडम आप चिंता ना करें. आइ विल टेक केर ऑफ एवेरितिंग.”
एएसपी साहिबा अपनी जीप में बैठ कर अपने घर चली गयी. गौरव ने गौरव और कर्नल देवेंदर सिंग की निगरानी के लिए 2-2 कॉन्स्टेबल्स लगा दिए और उनके हिदायत दे दी कि पल-पल की खबर वो उसे देते रहें.