02-01-2020, 03:07 PM
Update 84
गौरव अपनी जीप में बैठा और सिमरन के घर की तरफ चल दिया. घर जा कर पता चला कि वो बॅंक में है. इcइcइ में ब्रांच मॅनेजर थी वो. गौरव इcइcइ बॅंक पहुँच गया.
जब वो सिमरन के ऑफीस में घुसा तो बोला, “अरे तुम”
“व्हाट आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़. आओ-आओ बैठो” सिमरन ने कहा.
सिमरन और गौरव एक दूसरे को जानते थे. देल्ही में एक मॅरेज रिसेप्षन के दौरान मुलाक़ात हुई थी उन दोनो की. गौरव ने उस दिन थोड़ा-थोड़ा फ्लर्ट भी किया था उस दिन सिमरन से… …. फँस ही गयी थी सिमरन जाल में मगर पता नही कहाँ से उसका भाई आ गया अच्छानक और सारा मामला बिगड़ गया …
“मुझे नही पता था कि आप देहरादून में हो.”
“8 महीने पहले ही आई हूँ यहाँ. आप क्या पोलीस में हैं.”
“जी हां ये वर्दी किसी नाटक में भाग लेने के लिए नही पहनी मैने ……”
“अरे हां याद आया आपने बताया था कि आप पोलीस में हैं. कहिए कैसे आना हुआ यहाँ.”
“चलिए पहले काम की बात करते हैं. बाकी बाते तो अब होती ही रहेंगी …”
“बाकी बाते मतलब … …”
“वो सब बाद में. पहले ये बतायें कि क्या आपके पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है.”
“हां है…क्यों?”
“आपको पता ही होगा कि शहर में साइको का आतंक है.”
“हां बिल्कुल पता है. मैं खुद शाम ढलते के बाद कभी घर से बाहर नही जाती. ऑफीस से घर भी जल्दी चली जाती हूँ. पर इस सबका मेरी ब्लॅक स्कॉर्पियो से क्या लेना देना.”
“दरअसल साइको ब्लॅक स्कॉर्पियो में ही घूमता है.”
“तो क्या मैं तुम्हें साइको नज़र आती हूँ …”
“अरे नही सिमरन, कैसी बात करती हो. मुझे पता लगा था कि एक ब्लॅक स्कॉर्पियो आप के पास भी है. मुझे नही पता था कि आप वही ब्यूटिफुल सिमरन हैं जिन्हे मैं देल्ही में मिला था.”
“अच्छा.”
“जी हां…आइ मिस्ड यू आ लॉट. आपने अपना नंबर भी नही दिया था वरना आप से बात चीत होती रहती”
“अच्छा नंबर दे कर क्या मैं आपके फ्लर्ट को बढ़ावा देती.”
“फूल भंवरे को बढ़ावा नही देगा तो कैसे चलेगा. हम तो आपके दीवाने हो गये थे आपको देखते ही.”
“हम बाद में मिलें. अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूँ. लिख लो मेरा नंबर अब.”
“लिखने की ज़रूरत नही है, आप बोल दीजिए नंबर…दिल की गहराई में उतर जाएगा वो.”
“अच्छा.” सिमरन शर्मा गयी ये सुन कर.
“आप बिल्कुल नही बदली. आज भी वैसे ही शर्मा रही हैं.”
“प्लीज़…ऐसी बातें ना करें अभी. बॅंक के काम में मन उलझा हुआ है अभी.”
सिमरन ने अपना नंबर बता दिया गौरव को. गौरव ने उसे दिल में छाप लिया
सिमरन से मिलने के बाद गौरव सीधा थाने पहुँचा. वो अंकिता से मिल कर केस को डिस्कस करना चाहता था.
गौरव अपनी जीप में बैठा और सिमरन के घर की तरफ चल दिया. घर जा कर पता चला कि वो बॅंक में है. इcइcइ में ब्रांच मॅनेजर थी वो. गौरव इcइcइ बॅंक पहुँच गया.
जब वो सिमरन के ऑफीस में घुसा तो बोला, “अरे तुम”
“व्हाट आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़. आओ-आओ बैठो” सिमरन ने कहा.
सिमरन और गौरव एक दूसरे को जानते थे. देल्ही में एक मॅरेज रिसेप्षन के दौरान मुलाक़ात हुई थी उन दोनो की. गौरव ने उस दिन थोड़ा-थोड़ा फ्लर्ट भी किया था उस दिन सिमरन से… …. फँस ही गयी थी सिमरन जाल में मगर पता नही कहाँ से उसका भाई आ गया अच्छानक और सारा मामला बिगड़ गया …
“मुझे नही पता था कि आप देहरादून में हो.”
“8 महीने पहले ही आई हूँ यहाँ. आप क्या पोलीस में हैं.”
“जी हां ये वर्दी किसी नाटक में भाग लेने के लिए नही पहनी मैने ……”
“अरे हां याद आया आपने बताया था कि आप पोलीस में हैं. कहिए कैसे आना हुआ यहाँ.”
“चलिए पहले काम की बात करते हैं. बाकी बाते तो अब होती ही रहेंगी …”
“बाकी बाते मतलब … …”
“वो सब बाद में. पहले ये बतायें कि क्या आपके पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है.”
“हां है…क्यों?”
“आपको पता ही होगा कि शहर में साइको का आतंक है.”
“हां बिल्कुल पता है. मैं खुद शाम ढलते के बाद कभी घर से बाहर नही जाती. ऑफीस से घर भी जल्दी चली जाती हूँ. पर इस सबका मेरी ब्लॅक स्कॉर्पियो से क्या लेना देना.”
“दरअसल साइको ब्लॅक स्कॉर्पियो में ही घूमता है.”
“तो क्या मैं तुम्हें साइको नज़र आती हूँ …”
“अरे नही सिमरन, कैसी बात करती हो. मुझे पता लगा था कि एक ब्लॅक स्कॉर्पियो आप के पास भी है. मुझे नही पता था कि आप वही ब्यूटिफुल सिमरन हैं जिन्हे मैं देल्ही में मिला था.”
“अच्छा.”
“जी हां…आइ मिस्ड यू आ लॉट. आपने अपना नंबर भी नही दिया था वरना आप से बात चीत होती रहती”
“अच्छा नंबर दे कर क्या मैं आपके फ्लर्ट को बढ़ावा देती.”
“फूल भंवरे को बढ़ावा नही देगा तो कैसे चलेगा. हम तो आपके दीवाने हो गये थे आपको देखते ही.”
“हम बाद में मिलें. अभी मैं थोड़ा बिज़ी हूँ. लिख लो मेरा नंबर अब.”
“लिखने की ज़रूरत नही है, आप बोल दीजिए नंबर…दिल की गहराई में उतर जाएगा वो.”
“अच्छा.” सिमरन शर्मा गयी ये सुन कर.
“आप बिल्कुल नही बदली. आज भी वैसे ही शर्मा रही हैं.”
“प्लीज़…ऐसी बातें ना करें अभी. बॅंक के काम में मन उलझा हुआ है अभी.”
सिमरन ने अपना नंबर बता दिया गौरव को. गौरव ने उसे दिल में छाप लिया
सिमरन से मिलने के बाद गौरव सीधा थाने पहुँचा. वो अंकिता से मिल कर केस को डिस्कस करना चाहता था.