02-01-2020, 01:58 PM
सौरभ उसके घर पहुँचा. दरवाजे पर कान लगा कर देखा तो पाया कि अंदर से कुछ आवाज़े आ रही हैं. आवाज़े कुछ इस तरह की थी जिस तरह कि काम-क्रीड़ा के वक्त निकलती हैं
लॉक खोलने में तो सौरभ माहिर था ही. खोल कर घुस गया चुपचाप अंदर.
“आअहह चूस ये लंड. अच्छे से चूस.”
सौरभ उस बेडरूम की तरफ बढ़ा जहा से आवाज़ आ रही थी. कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था. क्योंकि मैं दरवाजा बंद था इसलिए बेडरूम का दरवाजा बंद करना भूल गये थे शायद वो लोग.
सौरभ ने झाँक कर देखा तो दंग रह गया. अंदर पायल के साथ गौरव मेहरा नही बल्कि उसका छोटा भाई संजीव मेहरा था. दीपिका सौरभ को परिवार के लोगो की फोटो दे गयी थी इसलिए उसने संजीव को पहचान लिया था.
“भैया की रखैल को चोदने का मज़ा ही कुछ और है.” संजीव ने कहा.
सौरभ वहाँ से जाने ही वाला था कि उसे कुछ हलचल सुनाई दी अपने पीछे. उसने मूड कर देखा तो पाया कि एक लड़की बिल्कुल नंगी उसकी तरफ बढ़ रही है.
उसने इसारो में पूछा, “कौन हो तुम.”
सौरभ थोड़ा घबरा गया फिर उस लड़की के पास आया और बोला, “पायल जी से मिलने आया था पर वो अभी बिज़ी है. बाद में आउन्गा.”
“मैं तो बिज़ी नही हूँ. मुझे बता दीजिए.”
“आप कौन हैं.”
“मेरा नाम कुमकुम है.” उस लड़की ने कहा और सौरभ का लिंग पकड़ लिया.
“देखिए मैं इस काम के लिए नही आया था.”
“कोई बात नही आ गये हैं तो ये काम भी हो जाए.”
“जी नही माफ़ कीजिए.” सौरभ उसे झटका दे कर वहाँ से बाहर आ गया.
“उफ्फ क्या मुसीबत है. इन्वेस्टिगेशन करनी कितनी मुश्किल होती है .” सौरभ वहाँ से झटपट निकल लिया.
कुमकुम उस बेडरूम में घुस गयी जिसमे पायल और कुमकुम थे.
“कुमकुम तू कहाँ घूम रही है. चल पायल के साथ मिल कर तू भी सक कर.”
“तुम्हारे भैया को पता चल गया ना तो हमारा खून सक कर लेंगे वो.” कुमकुम ने मुस्कुराते हुए कहा.
“भैया तो अपनी दुनिया में खोए रहते हैं आजकल. उन्हे कुछ पता नही चलेगा.”
कुमकुम पास आ गयी और पायल के पास बैठ कर वो संजीव की बॉल्स को सक करने लगी. पायल उसके लिंग को चूस रही थी और कुमकुम उसकी बॉल्स को.
“आअहह गुड डबल धमाका” संजीव ने कहा
कुछ देर तक वो यू ही सक करते रहे.
“पहले कौन डलवाएगा.” संजीव ने पूछा.
“हम दोनो तैयार हैं. तुम ही तैय करो किसके अंदर डालना है.” पायल ने हंसते हुए कहा.
संजीव ने पायल को बिस्तर पर पटका और चढ़ गया उसके उपर. एक झटके में उसने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
“आअहह” पायल कराह उठी.
“तुम भी पास में लेट जाओ. एक साथ दोनो की लूँगा” संजीव ने कहा.
कुमकुम लेट गयी पायल के बाजू में. कुछ देर संजीव पायल के अंदर धक्के मारता रहा. फिर उसने अचानक लंड निकाला बाहर और कुमकुम के उपर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
“आअहह एस…ऊओह संजीव.” कुमकुम कराह उठी.
संजीव का एक हाथ पायल के उनहारो को मसल रहा था और एक हाथ कुमकुम के उभारो को मसल रहा था. पर कुमकुम की चूत में लंड पूरी रफ़्तार से घूम रहा था.
कुछ देर कुमकुम की चूत का आनंद लेने के बाद संजीव वापिस पायल पर चढ़ गया और पूरी रफ़्तार से फक्किंग करने लगा. जल्दी ही वो ढेर हो गया पायल के उपर. पायल भी बह गयी उसके साथ ही.
“मेरा क्या होगा अब. तुम दोनो का तो ऑर्गॅज़म हो गया. मेरे ऑर्गॅज़म का क्या.”
“बस अभी थोड़ी देर में तैयार हो जाउन्गा.”
लॉक खोलने में तो सौरभ माहिर था ही. खोल कर घुस गया चुपचाप अंदर.
“आअहह चूस ये लंड. अच्छे से चूस.”
सौरभ उस बेडरूम की तरफ बढ़ा जहा से आवाज़ आ रही थी. कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था. क्योंकि मैं दरवाजा बंद था इसलिए बेडरूम का दरवाजा बंद करना भूल गये थे शायद वो लोग.
सौरभ ने झाँक कर देखा तो दंग रह गया. अंदर पायल के साथ गौरव मेहरा नही बल्कि उसका छोटा भाई संजीव मेहरा था. दीपिका सौरभ को परिवार के लोगो की फोटो दे गयी थी इसलिए उसने संजीव को पहचान लिया था.
“भैया की रखैल को चोदने का मज़ा ही कुछ और है.” संजीव ने कहा.
सौरभ वहाँ से जाने ही वाला था कि उसे कुछ हलचल सुनाई दी अपने पीछे. उसने मूड कर देखा तो पाया कि एक लड़की बिल्कुल नंगी उसकी तरफ बढ़ रही है.
उसने इसारो में पूछा, “कौन हो तुम.”
सौरभ थोड़ा घबरा गया फिर उस लड़की के पास आया और बोला, “पायल जी से मिलने आया था पर वो अभी बिज़ी है. बाद में आउन्गा.”
“मैं तो बिज़ी नही हूँ. मुझे बता दीजिए.”
“आप कौन हैं.”
“मेरा नाम कुमकुम है.” उस लड़की ने कहा और सौरभ का लिंग पकड़ लिया.
“देखिए मैं इस काम के लिए नही आया था.”
“कोई बात नही आ गये हैं तो ये काम भी हो जाए.”
“जी नही माफ़ कीजिए.” सौरभ उसे झटका दे कर वहाँ से बाहर आ गया.
“उफ्फ क्या मुसीबत है. इन्वेस्टिगेशन करनी कितनी मुश्किल होती है .” सौरभ वहाँ से झटपट निकल लिया.
कुमकुम उस बेडरूम में घुस गयी जिसमे पायल और कुमकुम थे.
“कुमकुम तू कहाँ घूम रही है. चल पायल के साथ मिल कर तू भी सक कर.”
“तुम्हारे भैया को पता चल गया ना तो हमारा खून सक कर लेंगे वो.” कुमकुम ने मुस्कुराते हुए कहा.
“भैया तो अपनी दुनिया में खोए रहते हैं आजकल. उन्हे कुछ पता नही चलेगा.”
कुमकुम पास आ गयी और पायल के पास बैठ कर वो संजीव की बॉल्स को सक करने लगी. पायल उसके लिंग को चूस रही थी और कुमकुम उसकी बॉल्स को.
“आअहह गुड डबल धमाका” संजीव ने कहा
कुछ देर तक वो यू ही सक करते रहे.
“पहले कौन डलवाएगा.” संजीव ने पूछा.
“हम दोनो तैयार हैं. तुम ही तैय करो किसके अंदर डालना है.” पायल ने हंसते हुए कहा.
संजीव ने पायल को बिस्तर पर पटका और चढ़ गया उसके उपर. एक झटके में उसने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
“आअहह” पायल कराह उठी.
“तुम भी पास में लेट जाओ. एक साथ दोनो की लूँगा” संजीव ने कहा.
कुमकुम लेट गयी पायल के बाजू में. कुछ देर संजीव पायल के अंदर धक्के मारता रहा. फिर उसने अचानक लंड निकाला बाहर और कुमकुम के उपर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
“आअहह एस…ऊओह संजीव.” कुमकुम कराह उठी.
संजीव का एक हाथ पायल के उनहारो को मसल रहा था और एक हाथ कुमकुम के उभारो को मसल रहा था. पर कुमकुम की चूत में लंड पूरी रफ़्तार से घूम रहा था.
कुछ देर कुमकुम की चूत का आनंद लेने के बाद संजीव वापिस पायल पर चढ़ गया और पूरी रफ़्तार से फक्किंग करने लगा. जल्दी ही वो ढेर हो गया पायल के उपर. पायल भी बह गयी उसके साथ ही.
“मेरा क्या होगा अब. तुम दोनो का तो ऑर्गॅज़म हो गया. मेरे ऑर्गॅज़म का क्या.”
“बस अभी थोड़ी देर में तैयार हो जाउन्गा.”