02-01-2020, 01:44 PM
Update 80
चौहान रीमा को लेकर घर पहुँचा. रात के 2 बज गये थे. रास्ते भर उसने रीमा से कोई बात नही की.
घर आ कर उसने रीमा के मूह पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, “बता क्या रिश्ता है तेरा उस गौरव पांडे से. कैसे जानता है वो तुझे.”
“हम अच्छे दोस्त हैं, भैया.” रीमा गिड़गिडाई.
“कब बने दोस्त तुम दोनो.”
“कुछ दिन पहले ट्रेन में मिला था वो मुझसे जब मैं बुवा के घर से आ रही थी.”
“अच्छा इतनी जल्दी वो फ्रेंड भी बन गया तेरा. इतनी आज़ादी दे रखी है मैने तुझे और तू फायदा उठा रही है.”
रीमा कुछ नही बोल पाई.
“चल दफ़ा हो जा मेरी नज़रो के सामने से. जल्दी तेरी शादी करके तुझे यहाँ से दफ़ा कर दूँगा. अगले हफ्ते तुझे देखने आ रहे हैं लड़के वाले.”
“भैया अभी तो मैं पढ़ रही हूँ.”
“हां देख रहा हूँ कि कितना पढ़ रही है. चल जा अपने कमरे में. एक ,दो महीने के अंदर ही शादी करवा दूँगा तुम्हारी.”
रीमा सुबक्ते हुए अपने कमरे में आ गयी और गिर गयी बिस्तर पर. दिल घबरा रहा था उसका शादी के नाम से.
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गौरव भी पिंकी के साथ लेकर घर की तरफ चल दिया.
रास्ते में पिंकी ने गौरव को बताया कि कैसे साइको उसे जंगल में ले गया था.
“सुबह सुबह सड़क सुन्शान थी. अचानक हमारी कार के आगे उसने अपनी कार लगा दी और हमें रुकने पर मजबूर कर दिया. नकाब पहन रखा था उसने. ड्राइवर को गोली मार दी उसने और मुझे कुछ सूँघा कर वहाँ जंगल ले गया.”
“इसीलिए मैं तुझे यहाँ से दूर भेज रहा था. कोई बात नही जो हुआ सो हुआ. मैं कल खुद छोड़ कर आउन्गा देल्ही. अब अकेला नही भेजूँगा तुझे. ” गौरव ने कहा.
अगले दिन सुबह 8 बजे गौरव पिंकी को लेकर देल्ही चल दिया. आने, जाने की टॅक्सी बुक कर ली थी उसने.
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चौहान रीमा को लेकर घर पहुँचा. रात के 2 बज गये थे. रास्ते भर उसने रीमा से कोई बात नही की.
घर आ कर उसने रीमा के मूह पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, “बता क्या रिश्ता है तेरा उस गौरव पांडे से. कैसे जानता है वो तुझे.”
“हम अच्छे दोस्त हैं, भैया.” रीमा गिड़गिडाई.
“कब बने दोस्त तुम दोनो.”
“कुछ दिन पहले ट्रेन में मिला था वो मुझसे जब मैं बुवा के घर से आ रही थी.”
“अच्छा इतनी जल्दी वो फ्रेंड भी बन गया तेरा. इतनी आज़ादी दे रखी है मैने तुझे और तू फायदा उठा रही है.”
रीमा कुछ नही बोल पाई.
“चल दफ़ा हो जा मेरी नज़रो के सामने से. जल्दी तेरी शादी करके तुझे यहाँ से दफ़ा कर दूँगा. अगले हफ्ते तुझे देखने आ रहे हैं लड़के वाले.”
“भैया अभी तो मैं पढ़ रही हूँ.”
“हां देख रहा हूँ कि कितना पढ़ रही है. चल जा अपने कमरे में. एक ,दो महीने के अंदर ही शादी करवा दूँगा तुम्हारी.”
रीमा सुबक्ते हुए अपने कमरे में आ गयी और गिर गयी बिस्तर पर. दिल घबरा रहा था उसका शादी के नाम से.
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गौरव भी पिंकी के साथ लेकर घर की तरफ चल दिया.
रास्ते में पिंकी ने गौरव को बताया कि कैसे साइको उसे जंगल में ले गया था.
“सुबह सुबह सड़क सुन्शान थी. अचानक हमारी कार के आगे उसने अपनी कार लगा दी और हमें रुकने पर मजबूर कर दिया. नकाब पहन रखा था उसने. ड्राइवर को गोली मार दी उसने और मुझे कुछ सूँघा कर वहाँ जंगल ले गया.”
“इसीलिए मैं तुझे यहाँ से दूर भेज रहा था. कोई बात नही जो हुआ सो हुआ. मैं कल खुद छोड़ कर आउन्गा देल्ही. अब अकेला नही भेजूँगा तुझे. ” गौरव ने कहा.
अगले दिन सुबह 8 बजे गौरव पिंकी को लेकर देल्ही चल दिया. आने, जाने की टॅक्सी बुक कर ली थी उसने.
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