02-01-2020, 01:42 PM
Update 79
गौरव की जब आँख खुली तो उसने खुद को एक बंद कमरे में पाया. तुरंत उसकी नज़र कमरे में बिछे बेड पर गयी. रीमा निर्वस्त्र पड़ी थी उसके उपर. उसके हाथ पाँव बँधे हुए थे. बिस्तर पर ही उसके कपड़े भी पड़े थे.
“रीमा!” गौरव चिल्लाया.
“गौरव प्लीज़ मुझे बचा लो. मैं मरना नही चाहती.” रीमा रोते हुए बोली.
गौरव तुरंत उठ कर रीमा के पास आया और उसके हाथ पाँव खोल दिए.
“रीमा तुम बिल्कुल चिंता मत करो…मैं हूँ ना”
“ये वही कमरा लग रहा है जो कि हमने उस ड्व्ड में देखा था.”
“हां वही है ये. बिल्कुल वही है.” गौरव ने कहा.
“बहुत खूब मिस्टर पांडे…तुमने तो मेरे कहे बिना ही गेम शुरू कर दी. मैं भी तुम्हे यही बोलना चाहता था कि रीमा के हाथ पाँव खोलो पहले.” कमरे में आवाज़ गूँज उठी. आवाज़ एक छोटे से स्पीकर से आ रही थी जो कि दीवार पर टंगा था.
“तुम चाहते क्या हो?” गौरव ने कहा.
“बहुत ही सिंपल सी गेम है. हाथ तुमने खोल ही दिए हैं रीमा के. अब इसकी गर्दन काट कर उस डब्बे में रख दो जो कि बिस्तर के पास रखा है.”
गौरव का चेहरा गुस्से से लाल हो गया, “अच्छा क्यों ना तुम्हारी गर्दन काट कर रख दूं इस डब्बे में. अगर हिम्मत है तो आ जाओ यहाँ. खँडहर में भी तुमने एक नपुंसक की तरह पीछे से वार किया. सच बता है ना तू नमार्द?”
“मिस्टर पांडे समझ सकता हूँ मैं. तुम्हारी गर्ल फ्रेंड को उठा लाया मैं. तुम गुस्से में हो. पर मैं एक आर्टिस्ट हूँ. शांति से काम करता हूँ. वैसे तुम्हारे पास इसका सर काटने के अलावा कोई चारा नही है. टीवी ऑन करके देखो समझ जाओगे….हाहहाहा”
गौरव ने टीवी ऑन किया तो उसके होश उड़ गये. “पिंकी!... कमिने तुझे मैं जिंदा नही छ्चोड़ूँगा.”
गौरव ने देखा कि पिंकी एक बंद कमरे में खड़ी है. उसके साथ एक आदमी भी खड़ा है.
“तुम्हारी बहन के साथ जो आदमी बंद है उस कमरे में वो रेपिस्ट है. कई रेप कर चुका है. तुम तो इसे जानते ही होंगे. पोलीस इनस्पेक्टर हो तुम तो.”
गौरव उस आदमी को देखते ही पहचान गया. उसके उपर रेप के 2 केस चल रहे थे पर सज़ा नही मिल पाई थी.
“ये आदमी रेप करेगा तुम्हारी बहन का. अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी बहन रेप से बच जाए तो तुरंत काट डालो गला रीमा का. अगर ऐसा नही किया तो 5 मिनिट के बाद ये आदमी टूट पड़ेगा तुम्हारी बहन पिंकी पर. चाय्स तुम्हारी है. तुम्हे बहन की इज़्ज़त प्यारी है या अपनी गर्ल फ्रेंड की जान.”
“कमिने इसे तू गेम कहता है. साले तू इंसान है या जानवर. आजा यहाँ और आमने सामने बात कर. तेरा ये गेम खेलने का शॉंक ना भुला दिया तो मेरा नाम भी गौरव नही.”
“हाहहाहा…मज़ा आएगा. इंट्रेस्टिंग. एक मिनिट बर्बाद कर दिया तुमने. कुछ करो वरना बहन की लुट-ती हुई इज़्ज़त देखोगे.”
गौरव और रीमा दोनो ही गहरे शॉक में थे. दोनो कुछ भी नही बोल पाए. 5 मिनिट बीत गये तो उस आदमी ने पिंकी को दबोच लिया.
“कामीने छोड़ उसे….”गौरव चिल्लाया.
मगर उस कमरे तक गौरव की आवाज़ कहा पहुँच सकती थी. साइको ने उस आदमी को कहा था, “अगर रेप नही कर पाए इस लड़की का तो तुम्हारी लाश जाएगी यहाँ से बाहर.” और पिंकी को उसने कहा, “अगर तुमने रेप होने दिया तो तुम्हे काट डालूँगा.”
जैसा कि उसने निशा के साथ किया था, वैसा ही वो पिंकी के साथ कर रहा था.
रीमा ने गौरव के कंधे पर हाथ रखा और बोली, “काट दो मेरा सर गौरव और रुकवा दो ये ब्लात्कार. बलात्कार मौत से भी ज़्यादा भयानक होता है.”
“चुप रहो तुम. ऐसा कुछ नही करूँगा मैं.” अचानक गौरव की नज़र रूम में लगे कॅमरा पर गयी. कॅमरा दीवार पर बहुत उपर लगा हुआ था. गौरव ने टेबल से टीवी को उठाया और उसे नीचे रख दिया.
टेबल पर चढ़ कर उसने कॅमरा को उतार लिया और पाँव के नीचे रख कर कुचल दिया.
साइको ये देख कर तिलमिला उठा और तुरंत उस कमरे की तरफ बढ़ा जिसमे गौरव और रीमा थे. उसके एक हाथ में बहुत बड़ा चाकू था और एक हाथ में बंदूक थी.
गौरव ने कॅमरा तोड़ने के बाद कमरे में जल रहे बल्ब को भी फोड़ दिया. “रीमा तुम कपड़े पहन लो और इस बेड के नीचे छुप जाओ. आता ही होगा वो साइको. पागल हो गया होगा वो ये देख कर कि मैने कॅमरा तोड़ दिया.”
रीमा फ़ौरन कपड़े पहन कर बेड के नीचे छुप गयी. टीवी पर पिंकी उस आदमी से संघर्ष कर रही थी. गौरव ने टीवी भी बंद कर दिया.
कमरे के दरवाजे के बाहर आहट हुई तो गौरव तुरंत दरवाजे के साथ दीवार से चिपक गया. अगर दरवाजा खुलता तो वो दरवाजे के पीछे रहता. कमरे में बिल्कुल अंधेरा हो गया.
दरवाजा खुला तो बाहर से कुछ रोशनी आई. बाहर भी एक बल्ब जल रहा था. साइको जैसे ही अंदर आया गौरव ने उसे दबोच लिया. मगर साइको ने तुरंत छुड़ा लुया खुद को और गौरव के पेट पर चाकू से वार किया. चाकू हल्का सा चीर कर निकल गया गौरव के पेट को.
साइको ने फाइयर किया गौरव पर मगर गौरव ने नीचे झुक कर उसकी टाँग पकड़ कर कुछ इस तरह से खींची कि वो धदाम से गिर गया फार्स पर. बहुत तेज आवाज़ हुई उसके गिरने से. सर भी टकराया था साइको का फर्श से.
रीमा बेड के नीचे से निकल आई और गौरव उसका हाथ पकड़ कर फ़ौरन कमरे से बाहर आ गया. साइको ने फाइयर किया गौरव पर मगर गोली दरवाजे पर लगी. गौरव ने बाहर आते ही दरवाजा बंद कर दिया था. कुण्डी लगा दी बाहर से गौरव ने ताकि साइको निकल ना सके.
“गौरव कैसे निकलेंगे यहाँ से.”
“चिंता मत करो…पिंकी को ढूँढते हैं पहले”
वो दोनो बात कर ही रहे थे कि उन्हे पिंकी की चींख सुनाई दी.
गौरव तुरंत दौड़ा उस कमरे की तरफ जिसमे की पिंकी बंद थी. क्योंकि उस कमरे से पिंकी के चीखने चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी इसलिए वो कमरा ढूँढने में ज़्यादा दिक्कत नही हुई.
वो कमरा बाहर से बंद था. ताला लगा था उस पर. चाबी कमरे के बाहर पड़े टेबल पर ही पड़ी थी. एक बड़ा सा चाकू भी पड़ा था टेबल पर. गौरव ने ताला खोला और चाकू उठा लिया.
गौरव अंदर आया तो देखा कि वो आदमी पिंकी को मार रहा है, “खोल टांगे साली…खोल टांगे.”
गौरव ने एक हाथ से उसकी टाँग पकड़ी और खींच लिया उसे पिंकी के उपर से. फिर बिना सोचे समझे चाकू गाढ दिया उसके सीने में.
“रेप करना तेरी हॉबी है क्यों … आज तेरा खेल ख़तम” गौरव ने कहा.
“गौरव चलो जल्दी…यहाँ से निकलते हैं.” रीमा ने कहा.
पिंकी ने फ़ौरन अपने कपड़े पहन लिए.
तुम दोनो इसी कमरे में रूको. कुण्डी लगा लो अंदर से. मैं उस साइको का काम तमाम करके आता हूँ.
“गौरव उसके पास गन है…प्लीज़ अभी निकलते हैं यहाँ से.”
“नही रीमा, आज उसे मार कर ही जाउन्गा यहाँ से. नही बचेगा अब वो”
गौरव हाथ में चाकू लेकर उस कमरे की तरफ बढ़ा जिसमे उसने साइको को बंद किया था. उसने दरवाजा खोला तो दंग रह गया. वहाँ कोई नही था.
“ऐसा कैसे हो सकता है…कहा गया वो कमीना साइको. कमरा तो बाहर से बंद था.” गौरव ने वक्त गँवाना ठीक नही समझा. उसके साथ 2 जवान लड़किया थी.
उसने फ़ौरन उस कमरे का दरवाजा बंद किया और वापिस रीमा और पिंकी के पास आ गया. उसने दरवाजा खड़काया, “जल्दी खोलो हमें निकलना होगा यहाँ से तुरंत.”
रीमा ने दरवाजा खोला और बोली, “क्या हुआ?”
“वो कमीना साइको कमरे में नही है…चलो जल्दी निकलते हैं यहाँ से.”
गौरव की जब आँख खुली तो उसने खुद को एक बंद कमरे में पाया. तुरंत उसकी नज़र कमरे में बिछे बेड पर गयी. रीमा निर्वस्त्र पड़ी थी उसके उपर. उसके हाथ पाँव बँधे हुए थे. बिस्तर पर ही उसके कपड़े भी पड़े थे.
“रीमा!” गौरव चिल्लाया.
“गौरव प्लीज़ मुझे बचा लो. मैं मरना नही चाहती.” रीमा रोते हुए बोली.
गौरव तुरंत उठ कर रीमा के पास आया और उसके हाथ पाँव खोल दिए.
“रीमा तुम बिल्कुल चिंता मत करो…मैं हूँ ना”
“ये वही कमरा लग रहा है जो कि हमने उस ड्व्ड में देखा था.”
“हां वही है ये. बिल्कुल वही है.” गौरव ने कहा.
“बहुत खूब मिस्टर पांडे…तुमने तो मेरे कहे बिना ही गेम शुरू कर दी. मैं भी तुम्हे यही बोलना चाहता था कि रीमा के हाथ पाँव खोलो पहले.” कमरे में आवाज़ गूँज उठी. आवाज़ एक छोटे से स्पीकर से आ रही थी जो कि दीवार पर टंगा था.
“तुम चाहते क्या हो?” गौरव ने कहा.
“बहुत ही सिंपल सी गेम है. हाथ तुमने खोल ही दिए हैं रीमा के. अब इसकी गर्दन काट कर उस डब्बे में रख दो जो कि बिस्तर के पास रखा है.”
गौरव का चेहरा गुस्से से लाल हो गया, “अच्छा क्यों ना तुम्हारी गर्दन काट कर रख दूं इस डब्बे में. अगर हिम्मत है तो आ जाओ यहाँ. खँडहर में भी तुमने एक नपुंसक की तरह पीछे से वार किया. सच बता है ना तू नमार्द?”
“मिस्टर पांडे समझ सकता हूँ मैं. तुम्हारी गर्ल फ्रेंड को उठा लाया मैं. तुम गुस्से में हो. पर मैं एक आर्टिस्ट हूँ. शांति से काम करता हूँ. वैसे तुम्हारे पास इसका सर काटने के अलावा कोई चारा नही है. टीवी ऑन करके देखो समझ जाओगे….हाहहाहा”
गौरव ने टीवी ऑन किया तो उसके होश उड़ गये. “पिंकी!... कमिने तुझे मैं जिंदा नही छ्चोड़ूँगा.”
गौरव ने देखा कि पिंकी एक बंद कमरे में खड़ी है. उसके साथ एक आदमी भी खड़ा है.
“तुम्हारी बहन के साथ जो आदमी बंद है उस कमरे में वो रेपिस्ट है. कई रेप कर चुका है. तुम तो इसे जानते ही होंगे. पोलीस इनस्पेक्टर हो तुम तो.”
गौरव उस आदमी को देखते ही पहचान गया. उसके उपर रेप के 2 केस चल रहे थे पर सज़ा नही मिल पाई थी.
“ये आदमी रेप करेगा तुम्हारी बहन का. अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी बहन रेप से बच जाए तो तुरंत काट डालो गला रीमा का. अगर ऐसा नही किया तो 5 मिनिट के बाद ये आदमी टूट पड़ेगा तुम्हारी बहन पिंकी पर. चाय्स तुम्हारी है. तुम्हे बहन की इज़्ज़त प्यारी है या अपनी गर्ल फ्रेंड की जान.”
“कमिने इसे तू गेम कहता है. साले तू इंसान है या जानवर. आजा यहाँ और आमने सामने बात कर. तेरा ये गेम खेलने का शॉंक ना भुला दिया तो मेरा नाम भी गौरव नही.”
“हाहहाहा…मज़ा आएगा. इंट्रेस्टिंग. एक मिनिट बर्बाद कर दिया तुमने. कुछ करो वरना बहन की लुट-ती हुई इज़्ज़त देखोगे.”
गौरव और रीमा दोनो ही गहरे शॉक में थे. दोनो कुछ भी नही बोल पाए. 5 मिनिट बीत गये तो उस आदमी ने पिंकी को दबोच लिया.
“कामीने छोड़ उसे….”गौरव चिल्लाया.
मगर उस कमरे तक गौरव की आवाज़ कहा पहुँच सकती थी. साइको ने उस आदमी को कहा था, “अगर रेप नही कर पाए इस लड़की का तो तुम्हारी लाश जाएगी यहाँ से बाहर.” और पिंकी को उसने कहा, “अगर तुमने रेप होने दिया तो तुम्हे काट डालूँगा.”
जैसा कि उसने निशा के साथ किया था, वैसा ही वो पिंकी के साथ कर रहा था.
रीमा ने गौरव के कंधे पर हाथ रखा और बोली, “काट दो मेरा सर गौरव और रुकवा दो ये ब्लात्कार. बलात्कार मौत से भी ज़्यादा भयानक होता है.”
“चुप रहो तुम. ऐसा कुछ नही करूँगा मैं.” अचानक गौरव की नज़र रूम में लगे कॅमरा पर गयी. कॅमरा दीवार पर बहुत उपर लगा हुआ था. गौरव ने टेबल से टीवी को उठाया और उसे नीचे रख दिया.
टेबल पर चढ़ कर उसने कॅमरा को उतार लिया और पाँव के नीचे रख कर कुचल दिया.
साइको ये देख कर तिलमिला उठा और तुरंत उस कमरे की तरफ बढ़ा जिसमे गौरव और रीमा थे. उसके एक हाथ में बहुत बड़ा चाकू था और एक हाथ में बंदूक थी.
गौरव ने कॅमरा तोड़ने के बाद कमरे में जल रहे बल्ब को भी फोड़ दिया. “रीमा तुम कपड़े पहन लो और इस बेड के नीचे छुप जाओ. आता ही होगा वो साइको. पागल हो गया होगा वो ये देख कर कि मैने कॅमरा तोड़ दिया.”
रीमा फ़ौरन कपड़े पहन कर बेड के नीचे छुप गयी. टीवी पर पिंकी उस आदमी से संघर्ष कर रही थी. गौरव ने टीवी भी बंद कर दिया.
कमरे के दरवाजे के बाहर आहट हुई तो गौरव तुरंत दरवाजे के साथ दीवार से चिपक गया. अगर दरवाजा खुलता तो वो दरवाजे के पीछे रहता. कमरे में बिल्कुल अंधेरा हो गया.
दरवाजा खुला तो बाहर से कुछ रोशनी आई. बाहर भी एक बल्ब जल रहा था. साइको जैसे ही अंदर आया गौरव ने उसे दबोच लिया. मगर साइको ने तुरंत छुड़ा लुया खुद को और गौरव के पेट पर चाकू से वार किया. चाकू हल्का सा चीर कर निकल गया गौरव के पेट को.
साइको ने फाइयर किया गौरव पर मगर गौरव ने नीचे झुक कर उसकी टाँग पकड़ कर कुछ इस तरह से खींची कि वो धदाम से गिर गया फार्स पर. बहुत तेज आवाज़ हुई उसके गिरने से. सर भी टकराया था साइको का फर्श से.
रीमा बेड के नीचे से निकल आई और गौरव उसका हाथ पकड़ कर फ़ौरन कमरे से बाहर आ गया. साइको ने फाइयर किया गौरव पर मगर गोली दरवाजे पर लगी. गौरव ने बाहर आते ही दरवाजा बंद कर दिया था. कुण्डी लगा दी बाहर से गौरव ने ताकि साइको निकल ना सके.
“गौरव कैसे निकलेंगे यहाँ से.”
“चिंता मत करो…पिंकी को ढूँढते हैं पहले”
वो दोनो बात कर ही रहे थे कि उन्हे पिंकी की चींख सुनाई दी.
गौरव तुरंत दौड़ा उस कमरे की तरफ जिसमे की पिंकी बंद थी. क्योंकि उस कमरे से पिंकी के चीखने चिल्लाने की आवाज़ आ रही थी इसलिए वो कमरा ढूँढने में ज़्यादा दिक्कत नही हुई.
वो कमरा बाहर से बंद था. ताला लगा था उस पर. चाबी कमरे के बाहर पड़े टेबल पर ही पड़ी थी. एक बड़ा सा चाकू भी पड़ा था टेबल पर. गौरव ने ताला खोला और चाकू उठा लिया.
गौरव अंदर आया तो देखा कि वो आदमी पिंकी को मार रहा है, “खोल टांगे साली…खोल टांगे.”
गौरव ने एक हाथ से उसकी टाँग पकड़ी और खींच लिया उसे पिंकी के उपर से. फिर बिना सोचे समझे चाकू गाढ दिया उसके सीने में.
“रेप करना तेरी हॉबी है क्यों … आज तेरा खेल ख़तम” गौरव ने कहा.
“गौरव चलो जल्दी…यहाँ से निकलते हैं.” रीमा ने कहा.
पिंकी ने फ़ौरन अपने कपड़े पहन लिए.
तुम दोनो इसी कमरे में रूको. कुण्डी लगा लो अंदर से. मैं उस साइको का काम तमाम करके आता हूँ.
“गौरव उसके पास गन है…प्लीज़ अभी निकलते हैं यहाँ से.”
“नही रीमा, आज उसे मार कर ही जाउन्गा यहाँ से. नही बचेगा अब वो”
गौरव हाथ में चाकू लेकर उस कमरे की तरफ बढ़ा जिसमे उसने साइको को बंद किया था. उसने दरवाजा खोला तो दंग रह गया. वहाँ कोई नही था.
“ऐसा कैसे हो सकता है…कहा गया वो कमीना साइको. कमरा तो बाहर से बंद था.” गौरव ने वक्त गँवाना ठीक नही समझा. उसके साथ 2 जवान लड़किया थी.
उसने फ़ौरन उस कमरे का दरवाजा बंद किया और वापिस रीमा और पिंकी के पास आ गया. उसने दरवाजा खड़काया, “जल्दी खोलो हमें निकलना होगा यहाँ से तुरंत.”
रीमा ने दरवाजा खोला और बोली, “क्या हुआ?”
“वो कमीना साइको कमरे में नही है…चलो जल्दी निकलते हैं यहाँ से.”