02-01-2020, 01:38 PM
ऋतू ने गौरव के घर से थोड़ा दूर जाकर पढ़ी वो चिट्ठी. “ओ.ऍम.जी.…साइको ने इनस्पेक्टर की गर्ल फ्रेंड को किडनॅप कर लिया …..और इनस्पेक्टर को बुलाया है खँडहर में.”
ऋतू के पास एएसपी साहिबा का नंबर नही था. वो तुरंर कॅमरमन को साथ लेकर थाने पहुँची और अंकिता को वो चिट्ठी दिखाई.
“ओह नो….” अंकिता ने तुरंत बेल बजाई.
एक कॉन्स्टेबल अंदर आया.
“चौहान को भेजो जल्दी अंदर…और सभी को इक्कथा होने के लिए बोलो. हमें एक ऑपरेशन पे निकलना है.”
“जी मेडम”
चौहान अंदर आया तो अंकिता ने उसे वो चिट्ठी दिखाई.
“ये रीमा कौन है…मेडम.” चौहान ने पूछा.
“ये सोचने का वक्त नही है…जल्दी से ऑपरेशन की तैयारी करो. 2 मिनिट में निकलना है हमें.”
चौहान ने कुछ ध्यान नही दिया अंकिता की बात पर और अपनी बहन रीमा को फोन मिलाया. मगर फोन स्विच्ड ऑफ मिला.
“कही ये मेरी बहन रीमा तो नही….गौरव का उस से क्या लेना देना… …”
“ये सब बाद में सोचेंगे बेवकूफ़. जल्दी से ऑपरेशन के लिए रेडी करो सबको. ये साइको बचके नही जाना चाहिए आज.” अंकिता ने दृढ़ता से कहा. “थॅंक यू ऋतू. प्लीज़ अभी कुछ मत दिखना टीवी पर. और हमारे साथ भी मत आना. बहुत ख़तरा है वहाँ.”
“ख़तरा माल लेना ही हमारी जॉब है मेडम. डॉन’ट वरी अबौट मी.”
“ओके आस यू विस”
5 मिनिट बाद अंकिता पोलीस की बहुत बड़ी पार्टी ले कर निकल पड़ी खँडहर की ओर.
मगर जब वो वहाँ पहुँचे तो वहाँ उन्हे बस एक लड़की की लाश मिली. जिसकी पीठ में खंजर गढ़ा था.
“ओह शूकर है ये मेरी बहन नही है.” चौहान लड़की के चेहरे को देख कर बोला.
“मगर गौरव कहा है?” अंकिता ने कहा.
“डर कर भाग गया होगा वो मेडम” चौहान ने कहा.
“पागल हो गये हो क्या तुम. बिना सोचे समझे कुछ भी बोले जा रहे हो. अच्छे से हर तरफ देखो.” अंकिता ने चौहान को डाँट दिया.
खँडहर में कर तरफ देखा गया. खँडहर के पीछे जो जंगल था वहाँ भी हर तरफ देखा गया. मगर गौरव का कुछ पता नही चला.
“ऐसा करो पूरा जंगल छान मारो. लगता है हमें आने में देरी हो गयी. कुछ अनहोनी की आशंका हो रही है मुझे.” अंकिता ने कहा.
पूरा जंगल भी छान लिया पोलीस ने मगर उन्हे गौरव का कुछ शुराग नही मिला. मगर फिर भी पोलीस की तलाश जारी रही.
“खँडहर में बुलाया उसने गौरव को. खँडहर बिल्कुल जंगल के पास है. इस जंगल में ही गड़बड़ लगती है. पर कुछ मिल क्यों नही रहा.” अंकिता प्रेशान हो रही थी.
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ऋतू के पास एएसपी साहिबा का नंबर नही था. वो तुरंर कॅमरमन को साथ लेकर थाने पहुँची और अंकिता को वो चिट्ठी दिखाई.
“ओह नो….” अंकिता ने तुरंत बेल बजाई.
एक कॉन्स्टेबल अंदर आया.
“चौहान को भेजो जल्दी अंदर…और सभी को इक्कथा होने के लिए बोलो. हमें एक ऑपरेशन पे निकलना है.”
“जी मेडम”
चौहान अंदर आया तो अंकिता ने उसे वो चिट्ठी दिखाई.
“ये रीमा कौन है…मेडम.” चौहान ने पूछा.
“ये सोचने का वक्त नही है…जल्दी से ऑपरेशन की तैयारी करो. 2 मिनिट में निकलना है हमें.”
चौहान ने कुछ ध्यान नही दिया अंकिता की बात पर और अपनी बहन रीमा को फोन मिलाया. मगर फोन स्विच्ड ऑफ मिला.
“कही ये मेरी बहन रीमा तो नही….गौरव का उस से क्या लेना देना… …”
“ये सब बाद में सोचेंगे बेवकूफ़. जल्दी से ऑपरेशन के लिए रेडी करो सबको. ये साइको बचके नही जाना चाहिए आज.” अंकिता ने दृढ़ता से कहा. “थॅंक यू ऋतू. प्लीज़ अभी कुछ मत दिखना टीवी पर. और हमारे साथ भी मत आना. बहुत ख़तरा है वहाँ.”
“ख़तरा माल लेना ही हमारी जॉब है मेडम. डॉन’ट वरी अबौट मी.”
“ओके आस यू विस”
5 मिनिट बाद अंकिता पोलीस की बहुत बड़ी पार्टी ले कर निकल पड़ी खँडहर की ओर.
मगर जब वो वहाँ पहुँचे तो वहाँ उन्हे बस एक लड़की की लाश मिली. जिसकी पीठ में खंजर गढ़ा था.
“ओह शूकर है ये मेरी बहन नही है.” चौहान लड़की के चेहरे को देख कर बोला.
“मगर गौरव कहा है?” अंकिता ने कहा.
“डर कर भाग गया होगा वो मेडम” चौहान ने कहा.
“पागल हो गये हो क्या तुम. बिना सोचे समझे कुछ भी बोले जा रहे हो. अच्छे से हर तरफ देखो.” अंकिता ने चौहान को डाँट दिया.
खँडहर में कर तरफ देखा गया. खँडहर के पीछे जो जंगल था वहाँ भी हर तरफ देखा गया. मगर गौरव का कुछ पता नही चला.
“ऐसा करो पूरा जंगल छान मारो. लगता है हमें आने में देरी हो गयी. कुछ अनहोनी की आशंका हो रही है मुझे.” अंकिता ने कहा.
पूरा जंगल भी छान लिया पोलीस ने मगर उन्हे गौरव का कुछ शुराग नही मिला. मगर फिर भी पोलीस की तलाश जारी रही.
“खँडहर में बुलाया उसने गौरव को. खँडहर बिल्कुल जंगल के पास है. इस जंगल में ही गड़बड़ लगती है. पर कुछ मिल क्यों नही रहा.” अंकिता प्रेशान हो रही थी.
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