02-01-2020, 01:36 PM
Update 78
शाम के 8 बजे उसे डोर बेल ने जगा दिया.
गौरव ने घड़ी में टाइम देखा, “ओ.ऍम.जी. 8 बाज गये. इतनी देर तक शोता रहा मैं. कौन है इस वक्त.”
गौरव ने दरवाजा खोला तो उसे दरवाजे पर एक लिफ़ाफ़ा पड़ा हुआ मिला. गौरव ने दायें बायें देखा पर उसे कोई दिखाई नही दिया.
गौरव ने लिफ़ाफ़ा खोला उसने जो देखा उसे देख कर उसके पाँव के नीचे से ज़मीन निकल गयी. रीमा की फोटो थी उसमें. रीमा के शरीर पर एक भी कपड़ा नही था और उसे बेड पर बाँध रखा था. एक चिट्ठी भी थी लिफाफे में. उसमें लिखा था.
“हेलो मिस्टर पांडे,
मिलने का वक्त आ गया है. आपके किसी करीबी को ढूँढ रहा था मैं. इस लड़की को आप कॉलेज छोड़ कर गये और मैं इसे उठा लाया. ऐसा कीजिए आप उसी खँडहर में आ जाइए चुपचाप जहा आपको निशा और रामू की खूबसूरत डेड बॉडीस मिली थी. कोई चालाकी दिखाई तो रीमा का जो हाल करूँगा वो तो तुम जानते ही हो. और घबराना मत. मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने जा रहे हो तुम. तुम्हे फख्र होगा कि तुम मेरे हाथो मारे गये. जल्दी आइए आपके लिए एक गेम तैयार है. तुम्हारे घर से बस आधे घंटे का रास्ता है. तुरंत पहुँच जाओ वरना अंजाम तुम जानते ही हो.”
गौरव के पास कुछ भी सोचने का वक्त नही था. उसे हर हाल में टाइम से खँडहर पहुँचना था. उसने सोचा भी नही था की साइको रीमा को उठा लेगा उसे अपने जाल में फँसाने के लिए. गौरव ने मोबायल निकाला एएसपी साहिबा को फोन करने के लिए. मगर तभी उसका फोन बज उठा.
“हेलो” गौरव ने कहा.
“किसे फोन कर रहे हो मिस्टर गौरव पांडे. आप से ऐसी उम्मीद नही की थी मैने. आपकी हर हरकत पर नज़र है मेरी.”
गौरव ने चारो तरफ देखा नज़रे दौड़ा कर पर कोई दिखाई नही दिया. “ज़रूर कोई कॅमरा लगा रखा है कामीने ने.” गौरव ने सोचा.
“क्या सोच रहे हो मिस्टर पांडे. लगता है रीमा कि कोई चिंता नही तुम्हे. ये मोबायल एक तरफ फेंक दो और बिना किसी चालाकी के खँडहर आ जाओ. ”
“ओके आ रहा हूँ. मेरी जीप की चाबी अंदर पड़ी है. वो तो उठा सकता हूँ ना.”
“हां उठा लो. मगर कोई चालाकी मत करना. तुम्हारे हर मूव पर नज़र है मेरी”
गौरव घर के अंदर गया और थोड़ी देर में बाहर आ गया. मगर बाहर आते ही उसने देखा कि ऋतू रिपोर्टर मायक लिए खड़ी है.
“इनस्पेक्टर गौरव पांडे जी क्या आप बता सकते हैं कि ये साइको कौन हो सकता है.” ऋतू ने पूछा.
“देखिए मैं इस वक्त बहुत जल्दी में हूँ. प्लीज़ अभी कुछ मत पूछिए.” गौरव अपनी जीप की तरफ बढ़ा.
“देखिए लोगो को साइको के बारे में जान-ने का पूरा हक़ है ताकि वो सतर्क रह सकें..” ऋतू ने कहा.
गौरव ने आगे बढ़ कर ऋतू को गले लगा लिया और बोला, “तुम्हारी जेब में एक चिट्ठी डाल रहा हूँ. एएसपी साहिबा से कॉंटॅक्ट करना. यहाँ मत पढ़ना.”
ऋतू को कुछ समझ नही आया. गौरव फ़ौरन जीप ले कर निकल गया वहाँ से.
“क्यों किया उसने ऐसा …. कुछ गड़बड़ है. चिट्ठी कही और जा कर पढ़ती हूँ.” ऋतू ने मन ही मन कहा.
………………………………………………………………………
गौरव फुल स्पीड से 20 मिनिट में ही पहुँच गया खँडहर पर. बड़ी सावधानी से उतरा वो जीप से. हाथ में गन तान कर खँडहर में घुस गया. कोई हलचल, कोई आवाज़ नही हो रही थी वहाँ. बिल्कुल सुनसान पड़ा था वो खँडहर.
गौरव पूरी सतर्कता से आगे बढ़ रहा था. खँडहर के हर कोने में ध्यान से देख रहा था. जब वो उसी टूटे हुए कमरे में पहुँचा जिसमे की निशा और रामू की लाश मिली थी तो उसके होश उड़ गये.
“रीमा!” गौरव चिल्लाया.
रीमा नही थी वो. कोई और थी. पीठ में खंजर गाड़ कर उसे दीवार के सहारे खड़ा कर रखा था. उसकी पीठ थी गौरव की तरफ. पहली नज़र में वो उसे रीमा ही लगी.
गौरव भाग कर आया उसके पास. उसने उस लड़की के कंधे पर हाथ रखा ही था कि उसके गले पर कोई नुकीली चीज़ आ कर गढ़ गयी. उसने तुरंत पीछे मूड कर देखा तो पाया कि एक नकाब पोश बिल्कुल उसके पीछे खड़ा है. ज़्यादा कुछ नही देख पाया वो. कुछ ही देर में वो बेहोश हो गया.
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शाम के 8 बजे उसे डोर बेल ने जगा दिया.
गौरव ने घड़ी में टाइम देखा, “ओ.ऍम.जी. 8 बाज गये. इतनी देर तक शोता रहा मैं. कौन है इस वक्त.”
गौरव ने दरवाजा खोला तो उसे दरवाजे पर एक लिफ़ाफ़ा पड़ा हुआ मिला. गौरव ने दायें बायें देखा पर उसे कोई दिखाई नही दिया.
गौरव ने लिफ़ाफ़ा खोला उसने जो देखा उसे देख कर उसके पाँव के नीचे से ज़मीन निकल गयी. रीमा की फोटो थी उसमें. रीमा के शरीर पर एक भी कपड़ा नही था और उसे बेड पर बाँध रखा था. एक चिट्ठी भी थी लिफाफे में. उसमें लिखा था.
“हेलो मिस्टर पांडे,
मिलने का वक्त आ गया है. आपके किसी करीबी को ढूँढ रहा था मैं. इस लड़की को आप कॉलेज छोड़ कर गये और मैं इसे उठा लाया. ऐसा कीजिए आप उसी खँडहर में आ जाइए चुपचाप जहा आपको निशा और रामू की खूबसूरत डेड बॉडीस मिली थी. कोई चालाकी दिखाई तो रीमा का जो हाल करूँगा वो तो तुम जानते ही हो. और घबराना मत. मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने जा रहे हो तुम. तुम्हे फख्र होगा कि तुम मेरे हाथो मारे गये. जल्दी आइए आपके लिए एक गेम तैयार है. तुम्हारे घर से बस आधे घंटे का रास्ता है. तुरंत पहुँच जाओ वरना अंजाम तुम जानते ही हो.”
गौरव के पास कुछ भी सोचने का वक्त नही था. उसे हर हाल में टाइम से खँडहर पहुँचना था. उसने सोचा भी नही था की साइको रीमा को उठा लेगा उसे अपने जाल में फँसाने के लिए. गौरव ने मोबायल निकाला एएसपी साहिबा को फोन करने के लिए. मगर तभी उसका फोन बज उठा.
“हेलो” गौरव ने कहा.
“किसे फोन कर रहे हो मिस्टर गौरव पांडे. आप से ऐसी उम्मीद नही की थी मैने. आपकी हर हरकत पर नज़र है मेरी.”
गौरव ने चारो तरफ देखा नज़रे दौड़ा कर पर कोई दिखाई नही दिया. “ज़रूर कोई कॅमरा लगा रखा है कामीने ने.” गौरव ने सोचा.
“क्या सोच रहे हो मिस्टर पांडे. लगता है रीमा कि कोई चिंता नही तुम्हे. ये मोबायल एक तरफ फेंक दो और बिना किसी चालाकी के खँडहर आ जाओ. ”
“ओके आ रहा हूँ. मेरी जीप की चाबी अंदर पड़ी है. वो तो उठा सकता हूँ ना.”
“हां उठा लो. मगर कोई चालाकी मत करना. तुम्हारे हर मूव पर नज़र है मेरी”
गौरव घर के अंदर गया और थोड़ी देर में बाहर आ गया. मगर बाहर आते ही उसने देखा कि ऋतू रिपोर्टर मायक लिए खड़ी है.
“इनस्पेक्टर गौरव पांडे जी क्या आप बता सकते हैं कि ये साइको कौन हो सकता है.” ऋतू ने पूछा.
“देखिए मैं इस वक्त बहुत जल्दी में हूँ. प्लीज़ अभी कुछ मत पूछिए.” गौरव अपनी जीप की तरफ बढ़ा.
“देखिए लोगो को साइको के बारे में जान-ने का पूरा हक़ है ताकि वो सतर्क रह सकें..” ऋतू ने कहा.
गौरव ने आगे बढ़ कर ऋतू को गले लगा लिया और बोला, “तुम्हारी जेब में एक चिट्ठी डाल रहा हूँ. एएसपी साहिबा से कॉंटॅक्ट करना. यहाँ मत पढ़ना.”
ऋतू को कुछ समझ नही आया. गौरव फ़ौरन जीप ले कर निकल गया वहाँ से.
“क्यों किया उसने ऐसा …. कुछ गड़बड़ है. चिट्ठी कही और जा कर पढ़ती हूँ.” ऋतू ने मन ही मन कहा.
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गौरव फुल स्पीड से 20 मिनिट में ही पहुँच गया खँडहर पर. बड़ी सावधानी से उतरा वो जीप से. हाथ में गन तान कर खँडहर में घुस गया. कोई हलचल, कोई आवाज़ नही हो रही थी वहाँ. बिल्कुल सुनसान पड़ा था वो खँडहर.
गौरव पूरी सतर्कता से आगे बढ़ रहा था. खँडहर के हर कोने में ध्यान से देख रहा था. जब वो उसी टूटे हुए कमरे में पहुँचा जिसमे की निशा और रामू की लाश मिली थी तो उसके होश उड़ गये.
“रीमा!” गौरव चिल्लाया.
रीमा नही थी वो. कोई और थी. पीठ में खंजर गाड़ कर उसे दीवार के सहारे खड़ा कर रखा था. उसकी पीठ थी गौरव की तरफ. पहली नज़र में वो उसे रीमा ही लगी.
गौरव भाग कर आया उसके पास. उसने उस लड़की के कंधे पर हाथ रखा ही था कि उसके गले पर कोई नुकीली चीज़ आ कर गढ़ गयी. उसने तुरंत पीछे मूड कर देखा तो पाया कि एक नकाब पोश बिल्कुल उसके पीछे खड़ा है. ज़्यादा कुछ नही देख पाया वो. कुछ ही देर में वो बेहोश हो गया.
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