02-01-2020, 01:32 PM
गौरव जब घर पहुँचा तो उसे रीमा का फोन आया, “कैसे हो गौरव.”
“ठीक हूँ मैं तुम कैसी हो.”
“मैं भी ठीक हूँ. मिस कर रही हूँ तुम्हे.”
“मेरे घर आ सकती हो.”
“क्यों नही आ सकती…तुम बुलाओ तो सही.”
“आ जाओ फिर.”
“मैं कॉलेज में हूँ. बस अभी 20 मिनिट में आती हूँ तुम्हारे पास.”
“हां आ जाओ. आय ऍम वेटिंग फॉर यू.”
रीमा पहुँच गयी घर 20 मिनिट में.
“ये सर पे क्या हुआ… …” रीमा हैरान रह गयी.
गौरव ने सरिता के घर की घटना सुनाई रीमा को.
“ओ.ऍम.जी. क्या वो साइको था सरिता के घर में.”
“कुछ कह नही सकते अभी….मैने अपनी छ्होटी बहन को देल्ही भेज दिया है. पेरेंट्स तो पहले से ही वही हैं. मैं नही चाहता की उन्हे कुछ नुकसान पहुँचे. तुम भी कुछ दिन दूर रहना मुझसे. मैं नही चाहता की तुम्हे कुछ नुकसान पहुँचे.”
“मैं तुमसे दूर नही रह सकती. अपने बॉय फ्रेंड से भी ब्रेकप कर लिया मैने तुम्हारे लिए. तुम्हारी अडिक्षन हो गयी है मुझे.”
“ऐसा क्या हो गया रीमा”
“तुम खुद से पूछो.”
“पता है मैने छोटी सी भूल पूरी पढ़ ली रात”
“वाओ..देट्स रियली ग्रेट….अब अपने व्यूस बताओ.”
“बेडरूम में चलते हैं आराम से लेट कर बात करेंगे.”
“हां बिल्कुल…वैसे आज घर पर कैसे हो?”
“यार शंसान से आया हूँ अभी. अपर्णा को देख कर दिल व्यथित हो गया. कुछ करने का मन नही था. छुट्टी ले ली मैने एक दिन की.”
“अच्छा किया गौरव. कभी-कभी छुट्टी भी लेनी चाहिए.”
रीमा और गौरव बेडरूम में आ गये और एक दूसरे के सामने लेट गये.
“हां तो जानेमन अब बताओ कैसी लगी छोटी सी भूल. मैं जान-ना चाहती हूँ की मेरी फेवोवरिट स्टोरी के बारे में तुम्हारे क्या विचार हैं.”
“वाहियात स्टोरी थी पूछो मत.”
“क्या ऐसा कैसे कह सकते हो तुम.”
“और नही तो क्या… ऐसी कोई बात नही थी उसमे जो कि वो हिन्दी सेक्सी कहानियाँ पर हिट हुई.”
“मुझे तो बहुत अच्छी लगी थी खैर जाने दो …” रीमा का चेहरा उतर गया.
“रीमा मज़ाक कर रहा हूँ.. …छोटी सी भूल मेरी भी फेवोवरिट बन गयी है.”
“हद करते हो तुम भी ….”
“ठीक हूँ मैं तुम कैसी हो.”
“मैं भी ठीक हूँ. मिस कर रही हूँ तुम्हे.”
“मेरे घर आ सकती हो.”
“क्यों नही आ सकती…तुम बुलाओ तो सही.”
“आ जाओ फिर.”
“मैं कॉलेज में हूँ. बस अभी 20 मिनिट में आती हूँ तुम्हारे पास.”
“हां आ जाओ. आय ऍम वेटिंग फॉर यू.”
रीमा पहुँच गयी घर 20 मिनिट में.
“ये सर पे क्या हुआ… …” रीमा हैरान रह गयी.
गौरव ने सरिता के घर की घटना सुनाई रीमा को.
“ओ.ऍम.जी. क्या वो साइको था सरिता के घर में.”
“कुछ कह नही सकते अभी….मैने अपनी छ्होटी बहन को देल्ही भेज दिया है. पेरेंट्स तो पहले से ही वही हैं. मैं नही चाहता की उन्हे कुछ नुकसान पहुँचे. तुम भी कुछ दिन दूर रहना मुझसे. मैं नही चाहता की तुम्हे कुछ नुकसान पहुँचे.”
“मैं तुमसे दूर नही रह सकती. अपने बॉय फ्रेंड से भी ब्रेकप कर लिया मैने तुम्हारे लिए. तुम्हारी अडिक्षन हो गयी है मुझे.”
“ऐसा क्या हो गया रीमा”
“तुम खुद से पूछो.”
“पता है मैने छोटी सी भूल पूरी पढ़ ली रात”
“वाओ..देट्स रियली ग्रेट….अब अपने व्यूस बताओ.”
“बेडरूम में चलते हैं आराम से लेट कर बात करेंगे.”
“हां बिल्कुल…वैसे आज घर पर कैसे हो?”
“यार शंसान से आया हूँ अभी. अपर्णा को देख कर दिल व्यथित हो गया. कुछ करने का मन नही था. छुट्टी ले ली मैने एक दिन की.”
“अच्छा किया गौरव. कभी-कभी छुट्टी भी लेनी चाहिए.”
रीमा और गौरव बेडरूम में आ गये और एक दूसरे के सामने लेट गये.
“हां तो जानेमन अब बताओ कैसी लगी छोटी सी भूल. मैं जान-ना चाहती हूँ की मेरी फेवोवरिट स्टोरी के बारे में तुम्हारे क्या विचार हैं.”
“वाहियात स्टोरी थी पूछो मत.”
“क्या ऐसा कैसे कह सकते हो तुम.”
“और नही तो क्या… ऐसी कोई बात नही थी उसमे जो कि वो हिन्दी सेक्सी कहानियाँ पर हिट हुई.”
“मुझे तो बहुत अच्छी लगी थी खैर जाने दो …” रीमा का चेहरा उतर गया.
“रीमा मज़ाक कर रहा हूँ.. …छोटी सी भूल मेरी भी फेवोवरिट बन गयी है.”
“हद करते हो तुम भी ….”