02-01-2020, 01:24 PM
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सौरभ अपनी बायक पर जा रहा था ड्यूटी पर. दिख गयी पूजा उसे बस स्टॉप पर. आँखे चमक उठी उसकी.
पहुँच गया उसके पास और रोक दी बायक उसके आगे. पूजा हल्का सा मुस्कुरा दी उसे देख कर.
"कैसी हो पूजा?"
"मैं ठीक हूँ सौरभ. तुम कैसे हो?"
"ठीक हूँ मैं भी...लगता है कॉलेज से छुट्टी ले रखी थी. रोज देखता था तुम्हे यहाँ पर तुम नही दिखी."
"हां मन नही होता था कॉलेज जाने का. लेकिन कितनी छुट्टी लूँ, अब जाना ही होगा."
तभी पूजा की बस आ गयी.
"सौरभ बस आ गयी मेरी मैं जाउ." पूजा ने कहा.
"अगर रोकुंगा तो क्या रुक जाओगी?"
"रुक जाउंगी तुम कहोगे तो...पर क्यों रोकना चाहते हो मुझे."
"प्यार करता हूँ तुम्हे...जानती तो हो तुम...फिर भी पूछती हो क्यों. आओ बैठ जाओ तुम्हे घुमा कर लाता हूँ."
"कई दिनो बाद कॉलेज जा रही हूँ सौरभ...आज नही."
"बाद में चलोगि क्या...किसी और दिन."
"हां देख लेंगे...तुम जाओ अपनी ड्यूटी पर लेट हो जाओगे."
"निकल गयी बस तुम्हारी आओ तुम्हे छोड़ देता हूँ."
"कोई बात नही 20 मिनिट में दूसरी आ जाएगी. तुम जाओ लेट हो जाओगे."
"बैठ जाओ ना प्लीज़. मेरी खातिर."
एक हल्की सी मुस्कान बिखर गयी पूजा के चेहरे पर और वो बैठ गयी सौरभ की बायक पर.
"क्या तुम्हे पता है कि तुम मुझे प्यार करने लगी हो?"
"मुझे तो ऐसा कुछ नही पता."
"पर मुझे पता है."
"अच्छा...तुम्हे कैसे पता."
"बस पता है मुझे."
पूजा ने अपना सर टिका दिया सौरभ के कंधे पर और बोली,"शायद तुम ठीक कह रहे हो. मैं कुछ नही कह सकती क्योंकि मेरा दिमाग़ उलझन में फँसा हुआ है."
"उलझन दूर हो जाएगी सारी एक बार मेरे प्यार के शुरूर में डूब कर देखो"
"सौरभ वैसे कहाँ घुमाना चाहते थे मुझे."
"मसूरी ले चलता तुम्हे बायक पर ही...चलोगि."
"कल चलें...आज कॉलेज में देख लेती हूँ कि क्या चल रहा है."
सौरभ ने तुरंत बायक रोक दी सड़क के किनारे और बोला, "पूजा...मेरी खातिर बोल रही हो या सच में जाना चाहती हो."
"मुझे कुछ नही पता. तुम ले चलना मुझे बस. ख़ुशी ख़ुशी चलूंगी तुम्हारे साथ."
"ये तो सपना सा लग रहा है मुझे..."
"चलूंगी मैं सौरभ...तुम्हारे साथ कही भी चलूंगी. फिलहाल लेट हो रही हूँ...कॉलेज ले चलो ना जल्दी"
"ओह हां बिल्कुल" सौरभ ने दौड़ा दी बायक सड़क पर. कुछ ही देर में उसने पूजा को कॉलेज के बाहर उतार दिया.
"बाय...कल मिलते हैं." पूजा ने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा.
"ध्यान रखना अपना पूजा."
"ओके जाओ अब लेट हो जाओगे." पूजा ने कहा.
"ओह हां...आज जल्दी पहुँचना था बाय-बाय. कल मिलते हैं."
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सौरभ अपनी बायक पर जा रहा था ड्यूटी पर. दिख गयी पूजा उसे बस स्टॉप पर. आँखे चमक उठी उसकी.
पहुँच गया उसके पास और रोक दी बायक उसके आगे. पूजा हल्का सा मुस्कुरा दी उसे देख कर.
"कैसी हो पूजा?"
"मैं ठीक हूँ सौरभ. तुम कैसे हो?"
"ठीक हूँ मैं भी...लगता है कॉलेज से छुट्टी ले रखी थी. रोज देखता था तुम्हे यहाँ पर तुम नही दिखी."
"हां मन नही होता था कॉलेज जाने का. लेकिन कितनी छुट्टी लूँ, अब जाना ही होगा."
तभी पूजा की बस आ गयी.
"सौरभ बस आ गयी मेरी मैं जाउ." पूजा ने कहा.
"अगर रोकुंगा तो क्या रुक जाओगी?"
"रुक जाउंगी तुम कहोगे तो...पर क्यों रोकना चाहते हो मुझे."
"प्यार करता हूँ तुम्हे...जानती तो हो तुम...फिर भी पूछती हो क्यों. आओ बैठ जाओ तुम्हे घुमा कर लाता हूँ."
"कई दिनो बाद कॉलेज जा रही हूँ सौरभ...आज नही."
"बाद में चलोगि क्या...किसी और दिन."
"हां देख लेंगे...तुम जाओ अपनी ड्यूटी पर लेट हो जाओगे."
"निकल गयी बस तुम्हारी आओ तुम्हे छोड़ देता हूँ."
"कोई बात नही 20 मिनिट में दूसरी आ जाएगी. तुम जाओ लेट हो जाओगे."
"बैठ जाओ ना प्लीज़. मेरी खातिर."
एक हल्की सी मुस्कान बिखर गयी पूजा के चेहरे पर और वो बैठ गयी सौरभ की बायक पर.
"क्या तुम्हे पता है कि तुम मुझे प्यार करने लगी हो?"
"मुझे तो ऐसा कुछ नही पता."
"पर मुझे पता है."
"अच्छा...तुम्हे कैसे पता."
"बस पता है मुझे."
पूजा ने अपना सर टिका दिया सौरभ के कंधे पर और बोली,"शायद तुम ठीक कह रहे हो. मैं कुछ नही कह सकती क्योंकि मेरा दिमाग़ उलझन में फँसा हुआ है."
"उलझन दूर हो जाएगी सारी एक बार मेरे प्यार के शुरूर में डूब कर देखो"
"सौरभ वैसे कहाँ घुमाना चाहते थे मुझे."
"मसूरी ले चलता तुम्हे बायक पर ही...चलोगि."
"कल चलें...आज कॉलेज में देख लेती हूँ कि क्या चल रहा है."
सौरभ ने तुरंत बायक रोक दी सड़क के किनारे और बोला, "पूजा...मेरी खातिर बोल रही हो या सच में जाना चाहती हो."
"मुझे कुछ नही पता. तुम ले चलना मुझे बस. ख़ुशी ख़ुशी चलूंगी तुम्हारे साथ."
"ये तो सपना सा लग रहा है मुझे..."
"चलूंगी मैं सौरभ...तुम्हारे साथ कही भी चलूंगी. फिलहाल लेट हो रही हूँ...कॉलेज ले चलो ना जल्दी"
"ओह हां बिल्कुल" सौरभ ने दौड़ा दी बायक सड़क पर. कुछ ही देर में उसने पूजा को कॉलेज के बाहर उतार दिया.
"बाय...कल मिलते हैं." पूजा ने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा.
"ध्यान रखना अपना पूजा."
"ओके जाओ अब लेट हो जाओगे." पूजा ने कहा.
"ओह हां...आज जल्दी पहुँचना था बाय-बाय. कल मिलते हैं."
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