02-01-2020, 01:09 PM
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हेमंत (गब्बर) पहुच गया अपर्णा के घर. उसे देखते ही अपर्णा लिपट गयी उस से और फिर से फूट-फूट कर रोने लगी.
"भैया सब ख़तम हो गया. कुछ नही बचा."
"बस चुप हो जाओ. रोने से कोई फायदा नही है."
"पर मैं क्या करूँ. बहुत ही दर्दनाक मौत मिली है मम्मी,दादी को."
"मुझे गौरव ने बताया सब कुछ. तुम तो फोन ही नही करती हो कभी"
"अभी किसी को भी फोन नही किया मैने."
"कोई बात नही अब कर देंगे. अंतिम संस्कार पे तो सबको आना ही है."
"चाच्चा, चाची नही आए."
"आ रहे हैं वो भी. वो देल्ही गये थे परसो. रास्ते में ही हैं वो." हेमंत ने कहा.
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हेमंत (गब्बर) पहुच गया अपर्णा के घर. उसे देखते ही अपर्णा लिपट गयी उस से और फिर से फूट-फूट कर रोने लगी.
"भैया सब ख़तम हो गया. कुछ नही बचा."
"बस चुप हो जाओ. रोने से कोई फायदा नही है."
"पर मैं क्या करूँ. बहुत ही दर्दनाक मौत मिली है मम्मी,दादी को."
"मुझे गौरव ने बताया सब कुछ. तुम तो फोन ही नही करती हो कभी"
"अभी किसी को भी फोन नही किया मैने."
"कोई बात नही अब कर देंगे. अंतिम संस्कार पे तो सबको आना ही है."
"चाच्चा, चाची नही आए."
"आ रहे हैं वो भी. वो देल्ही गये थे परसो. रास्ते में ही हैं वो." हेमंत ने कहा.
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