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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
Update 74

 
गौरव सीधा थाने पहुँचा. थाने के बाहर ही उसे भोलू मिल गया. वो कुछ परेशान सा लग रहा था.
 
"भोलू एएसपी साहिबा हैं क्या" गौरव ने पूछा.
 
"एक घंटा पहले निकल गयी मेडम...और उनके जाते ही अनर्थ हो रहा है."
 
"क्या हुआ भोलू...क्या अनर्थ हो रहा है?"
 
"चौहान सर एक औरत को मजबूर करके उसके साथ.....उसका पति एक छोटे से जुर्म में जैल में बंद है. दरखास्त करने आई थी वो अपने पति के लिए मगर चौहान सर मोके का फायदा उठा रहे हैं."
 
"मैं खबर लेता हूँ इस चौहान की."
 
"सर मेरा नाम मत लेना कि मैने बताया."
 
गौरव सीधा चौहान के कमरे की तरफ बढ़ा. दरवाजा झुका हुआ था...बंद नही था. गौरव ने झाँक कर देखा तो दंग रह गया. चौहान ने उस औरत को झुका रखा था और ज़ोर-ज़ोर से आगे पीछे हिल रहा था.
 
"आपसे ऐसी उम्मीद नही थी सर." गौरव ने कहा.
 
चौहान चोंक गया और रुक गया, "तुम....ज़बरदस्ती नही कर रहा मैं. ये खुद तैयार हुई है मेरे आगे झुकने के लिए. बदले में इसका पति आज़ाद हो रहा है और क्या चाहिए इसे."
 
चौहान फिर से हिलने लगा.
 
"आप जैसे लोगो के कारण पोलीस बदनाम है.लीव हर."
 
"लीव हेर....दफ़ा हो जाओ यहाँ से. ये अपनी मर्ज़ी से दे रही है. तुझे क्या तकलीफ़ है."
 
गौरव ने उस औरत की आँखो में देखा. उसकी आँखे नम थी. वो शरम और ग्लानि के कारण आँखे नही उठा पा रही थी.
 
"लीव हर....अदरवाइज़."
 
"अदरवाइज़ क्या ? .गोली मारोगे मुझे विजय की तरह?"
 
"बिल्कुल मारूँगा." गौरव ने बंदूक तान दी चौहान पर."
 
"पागल हो गये हो तुम ........बंदूक नीचे करो."
 
"बंदूक भी नीचे हो जाएगी पहले जो कहा है वो करो" गौरव ने दृढ़ता से कहा.
 
चौहान हट गया उस औरत के पीछे से और बोला, देख लूँगा तुझे."
 
उस औरत ने झट से कपड़े ठीक किए और बोली, "धन्यवाद साहिब."
 
"क्या नाम है तुम्हारे पति का और किस जुर्म में जैल में है वो."
 
"माधव प्रसाद. चोरी के झुटे इल्ज़ाम में फँसाया गया है उन्हे."
 
"ठीक है अभी जाओ तुम और कल मिलना मुझे 10 बजे. देखते हैं क्या हो सकता है.
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 02-01-2020, 01:08 PM



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