02-01-2020, 11:53 AM
Update 72
अपर्णा ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खोला. उसे लग रहा था कि दरवाजे पर आशुतोष ही होगा. मगर जब उस आदमी ने चिल्ला कर कहा कि आपका कौरीएर है तो उसने दरवाजा खोल कर साइन करके दोनो डब्बे ले लिए.
“किसने भेजे हैं ये डब्बे.”
अपर्णा ने फ़ौरन एक डब्बा खोला और जो उसने अंदर देखा उसे देख कर वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि पूरा आस पदोष में उसकी चींख गूँज गयी. चींख के बाद वो फूट-फूट कर रोने लगी….पापा…नही………”
आशुतोष फ़ौरन पिस्टल हाथ में लेकर घर की तरफ भागा. दरवाजा बंद था अंदर से. आशुतोष ने दरवाजा खड़काया. मगर अपर्णा ऐसी हालत में नही थी कि वो दरवाजा खोल पाए. आशुतोष ने दरवाजे को ज़ोर से धक्का मारा. पर दरवाजा बहुत मजबूत था. पर आशुतोष रुका नही. उसने बार-बार कोशिश की. कॉन्स्टेबल्स और गन्मन ने भी आशुतोष का साथ दिया. आख़िरकार दरवाजा टूट गया. आशुतोष अंदर आया तो देखा की अपर्णा फूट-फूट कर रो रही है खुले हुए डब्बे के पास. आशुतोष करीब आया तो देख नही पाया, “ओह माय गॉड…..नही…ये सब कैसे…अपर्णा जी….”
डब्बे में अपर्णा के डेडी का कटा हुआ सर था. साथ में एक काग़ज़ का टुकड़ा भी था. आशुतोष ने काँपते हाथो से वो उठाया उसमे लिखा था, “अपर्णा ये तोहफा भेज रहा हूँ तुम्हारे लिए. उम्मीद है तुम्हे पसंद आएगा. जो डर तुम्हारे चेहरे पर आएगा इसे देख कर वो बहुत ही खूबसूरत होगा. ये डर बनाए रखना क्योंकि बहुत जल्द मिलूँगा तुमसे मैं. और याद रखना, ‘यू कैन रन, बट यू कैन नेवेर हाइड. जल्द मिलते हैं.”
दूसरे डब्बे में क्या होगा ये सोच कर ही रूह काँप गयी आशुतोष की. उसने खोला वो डब्बा और जैसा शक था उसे उसमें अपर्णा की मम्मी का सर था. अपर्णा ये बात पहले ही समझ गयी थी शायद. इसलिए उसने आँखे खोल कर नही देखा. वैसे उसकी हालत थी भी नही की वो कुछ देखे. पागल सी हो गयी थी ये सब देख कर.
आशुतोष ने तुरंत अंकिता को फोन लगाया, “मेडम अनर्थ हो गया.”
“क्या हुआ आशुतोष.”
“दो डब्बे आए कौरीएर से अभी अपर्णा जी के घर उनमे अपर्णा के मम्मी, पापा के कटे हुए सर है. मैं तो समझ ही नही पा रहा हूँ कि क्या करूँ.”
“ओह गॉड इतना घिनोना काम किया उसने.” अंकिता ने कहा.
अंकिता के सामने ही गौरव बैठा था , “क्या हुआ मेडम.”
“साइको ने दो डब्बो में अपर्णा के मम्मी, दादी के कटे हुए सर भेजे हैं.” अंकिता ने गौरव से कहा.
“ओह..नो…” गौरव स्तब्ध रह गया.
“आशुतोष हम अभी आते हैं वहाँ..तुम चिंता मत करो.” अंकिता ने कहा.
अंकिता ने फोन रखा ही था कि कमरे में भोलू आया भागता हुआ. “मेडम जी अनर्थ हो गया.”
“क्या हुआ?” अंकिता ने पूछा.
“थाने के बिल्कुल सामने 2 लाश गिरा गया कोई. उनके सर गायब हैं.”
“क्या …” गौरव और अंकिता एक साथ चिल्लाए.
दोनो बाहर आए फ़ौरन. थाने के बिल्कुल बाहर 2 लाश पड़ी थी.
“दिन दहाड़े गिरा गया वो लाश और किसी ने देखा भी नही…वाह” अंकिता ने गुस्से में कहा.
गौरव को एक काग़ज़ दिखाई दिया लाश की जेब में. गौरव ने काग़ज़ निकाला. उस पर लिखा था, “मिस्टर गौरव पांडे. आज न्यूज़ में छाए हुए थे. कंग्रॅजुलेशन टू यू. तुम्हारे लिए भी एक आर्टिस्टिक प्लान तैयार है. जल्दी मिलेंगे.”
“तुम मिलो तो सही वो हाल करूँगा की याद रखोगे.” गौरव ने दाँत भींच कर कहा.
“क्या लिखा है काग़ज़ में गौरव.” अंकिता ने पूछा.
“मेरे लिए भी एक आर्टिस्टिक प्लान बनाया है साइको ने. चेतावनी दी है मुझे.” गौरव ने कहा.
“चेतावनी तुम्हे ही नही पूरे पोलीस डेप्ट को दी है उसने. बहुत ज़्यादा गट्स हैं उसमें. पोलीस स्टेशन के बाहर दो लाशें फेंक गया वो. वक्त आ गया है अब उसे उसके किए की सज़ा देने का. डू वॉटेवर यू कैन बट आइ वॉंट दिस बस्टर्ड बिहाइंड बार्स.” अंकिता ने कहा.
“हो जाएगा मेडम हो जाएगा. ज़्यादा दिन नही चलेगा खेल इसका.” गौरव ने कहा.
अपर्णा ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खोला. उसे लग रहा था कि दरवाजे पर आशुतोष ही होगा. मगर जब उस आदमी ने चिल्ला कर कहा कि आपका कौरीएर है तो उसने दरवाजा खोल कर साइन करके दोनो डब्बे ले लिए.
“किसने भेजे हैं ये डब्बे.”
अपर्णा ने फ़ौरन एक डब्बा खोला और जो उसने अंदर देखा उसे देख कर वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि पूरा आस पदोष में उसकी चींख गूँज गयी. चींख के बाद वो फूट-फूट कर रोने लगी….पापा…नही………”
आशुतोष फ़ौरन पिस्टल हाथ में लेकर घर की तरफ भागा. दरवाजा बंद था अंदर से. आशुतोष ने दरवाजा खड़काया. मगर अपर्णा ऐसी हालत में नही थी कि वो दरवाजा खोल पाए. आशुतोष ने दरवाजे को ज़ोर से धक्का मारा. पर दरवाजा बहुत मजबूत था. पर आशुतोष रुका नही. उसने बार-बार कोशिश की. कॉन्स्टेबल्स और गन्मन ने भी आशुतोष का साथ दिया. आख़िरकार दरवाजा टूट गया. आशुतोष अंदर आया तो देखा की अपर्णा फूट-फूट कर रो रही है खुले हुए डब्बे के पास. आशुतोष करीब आया तो देख नही पाया, “ओह माय गॉड…..नही…ये सब कैसे…अपर्णा जी….”
डब्बे में अपर्णा के डेडी का कटा हुआ सर था. साथ में एक काग़ज़ का टुकड़ा भी था. आशुतोष ने काँपते हाथो से वो उठाया उसमे लिखा था, “अपर्णा ये तोहफा भेज रहा हूँ तुम्हारे लिए. उम्मीद है तुम्हे पसंद आएगा. जो डर तुम्हारे चेहरे पर आएगा इसे देख कर वो बहुत ही खूबसूरत होगा. ये डर बनाए रखना क्योंकि बहुत जल्द मिलूँगा तुमसे मैं. और याद रखना, ‘यू कैन रन, बट यू कैन नेवेर हाइड. जल्द मिलते हैं.”
दूसरे डब्बे में क्या होगा ये सोच कर ही रूह काँप गयी आशुतोष की. उसने खोला वो डब्बा और जैसा शक था उसे उसमें अपर्णा की मम्मी का सर था. अपर्णा ये बात पहले ही समझ गयी थी शायद. इसलिए उसने आँखे खोल कर नही देखा. वैसे उसकी हालत थी भी नही की वो कुछ देखे. पागल सी हो गयी थी ये सब देख कर.
आशुतोष ने तुरंत अंकिता को फोन लगाया, “मेडम अनर्थ हो गया.”
“क्या हुआ आशुतोष.”
“दो डब्बे आए कौरीएर से अभी अपर्णा जी के घर उनमे अपर्णा के मम्मी, पापा के कटे हुए सर है. मैं तो समझ ही नही पा रहा हूँ कि क्या करूँ.”
“ओह गॉड इतना घिनोना काम किया उसने.” अंकिता ने कहा.
अंकिता के सामने ही गौरव बैठा था , “क्या हुआ मेडम.”
“साइको ने दो डब्बो में अपर्णा के मम्मी, दादी के कटे हुए सर भेजे हैं.” अंकिता ने गौरव से कहा.
“ओह..नो…” गौरव स्तब्ध रह गया.
“आशुतोष हम अभी आते हैं वहाँ..तुम चिंता मत करो.” अंकिता ने कहा.
अंकिता ने फोन रखा ही था कि कमरे में भोलू आया भागता हुआ. “मेडम जी अनर्थ हो गया.”
“क्या हुआ?” अंकिता ने पूछा.
“थाने के बिल्कुल सामने 2 लाश गिरा गया कोई. उनके सर गायब हैं.”
“क्या …” गौरव और अंकिता एक साथ चिल्लाए.
दोनो बाहर आए फ़ौरन. थाने के बिल्कुल बाहर 2 लाश पड़ी थी.
“दिन दहाड़े गिरा गया वो लाश और किसी ने देखा भी नही…वाह” अंकिता ने गुस्से में कहा.
गौरव को एक काग़ज़ दिखाई दिया लाश की जेब में. गौरव ने काग़ज़ निकाला. उस पर लिखा था, “मिस्टर गौरव पांडे. आज न्यूज़ में छाए हुए थे. कंग्रॅजुलेशन टू यू. तुम्हारे लिए भी एक आर्टिस्टिक प्लान तैयार है. जल्दी मिलेंगे.”
“तुम मिलो तो सही वो हाल करूँगा की याद रखोगे.” गौरव ने दाँत भींच कर कहा.
“क्या लिखा है काग़ज़ में गौरव.” अंकिता ने पूछा.
“मेरे लिए भी एक आर्टिस्टिक प्लान बनाया है साइको ने. चेतावनी दी है मुझे.” गौरव ने कहा.
“चेतावनी तुम्हे ही नही पूरे पोलीस डेप्ट को दी है उसने. बहुत ज़्यादा गट्स हैं उसमें. पोलीस स्टेशन के बाहर दो लाशें फेंक गया वो. वक्त आ गया है अब उसे उसके किए की सज़ा देने का. डू वॉटेवर यू कैन बट आइ वॉंट दिस बस्टर्ड बिहाइंड बार्स.” अंकिता ने कहा.
“हो जाएगा मेडम हो जाएगा. ज़्यादा दिन नही चलेगा खेल इसका.” गौरव ने कहा.