02-01-2020, 11:18 AM
अचानक गौरव का फोन बज उठा. उसने हाथ बढ़ा कर फोन उठाया और बोला, “हेलो”
“कहाँ हो तुम गौरव.” अंकिता की आवाज़ आई
“जी रेल बना रहा हूँ….म..मेरा मतलब अभी आ रहा हूँ मेडम. कोई ख़ास बात है क्या?”
“जल्दी आओ, कुछ अर्जेंट है.” अंकिता ने ये बोल कर फोन काट दिया.
गौरव तो बिल्कुल थम गया था.
“तुम तो रुक गये बिल्कुल. फोन करते वक्त भी एक-दो बार तो हिल ही सकते थे.”
“ऐसी कयामत है ये, इसकी आवाज़ सुन कर तो दुनिया थम जाए, मेरी तो औकात ही क्या है. मुझे जाना होगा.”
“क्या अधूरा काम छोड़ कर जाओगे…वेरी बॅड .”
“कोई चारा नही है रीमा. नही पहुँचा तुरंत तो मेरी नौकरी चली जाएगी. बड़ी मुश्किल से तो वापिस मिली है. तुम चिंता मत करो हमारी काम-क्रीड़ा जारी रहेगी.”
“फिर कब मिलोगे?”
“बाद में बताउन्गा, तुम नंबर फ़ीड कर दो मेरे फोन में अपना, मैं कपड़े पहनता हूँ.”
गौरव ने जल्दी से कपड़े पहने और रीमा को किस करके फ़ौरन निकल दिया वहाँ से.
“कहाँ हो तुम गौरव.” अंकिता की आवाज़ आई
“जी रेल बना रहा हूँ….म..मेरा मतलब अभी आ रहा हूँ मेडम. कोई ख़ास बात है क्या?”
“जल्दी आओ, कुछ अर्जेंट है.” अंकिता ने ये बोल कर फोन काट दिया.
गौरव तो बिल्कुल थम गया था.
“तुम तो रुक गये बिल्कुल. फोन करते वक्त भी एक-दो बार तो हिल ही सकते थे.”
“ऐसी कयामत है ये, इसकी आवाज़ सुन कर तो दुनिया थम जाए, मेरी तो औकात ही क्या है. मुझे जाना होगा.”
“क्या अधूरा काम छोड़ कर जाओगे…वेरी बॅड .”
“कोई चारा नही है रीमा. नही पहुँचा तुरंत तो मेरी नौकरी चली जाएगी. बड़ी मुश्किल से तो वापिस मिली है. तुम चिंता मत करो हमारी काम-क्रीड़ा जारी रहेगी.”
“फिर कब मिलोगे?”
“बाद में बताउन्गा, तुम नंबर फ़ीड कर दो मेरे फोन में अपना, मैं कपड़े पहनता हूँ.”
गौरव ने जल्दी से कपड़े पहने और रीमा को किस करके फ़ौरन निकल दिया वहाँ से.