02-01-2020, 11:04 AM
Update 65
गौरव ने थूक लगा लिया अपने लंड पर और उसे अच्छे से चिकना कर लिया.
“मैने सुना है की बहुत पेनफुल होता है अनल सेक्स.”
“होता होगा दूसरो के लिए आपके लिए नही होगा ट्रस्ट मी.” गौरव ने कहा और गान्ड को चोडा करके लंड टिका दिया रीमा के छेद पर.
“मज़ा आएगा आपको. डिफरेंट मज़ा.” गौरव ने कहा और खुद को धकैल दिया रीमा के अंदर.
“ऊऊओह….नूऊऊऊऊ पुल इट आउट…पुल इट आउट….नो”
“एंट्री में हि प्रोब्लम है थोड़ी सी. ज़रा रुकिये सब ठीक हो जाएगा…खि…खि..खि.”
“मेरी जान निकल रही है और आपको हँसी आ रही है. आआहह”
गौरव ने एक और धक्का मारा और लंड थोड़ा सा और उतर गया गान्ड में. रीमा फिर से कराह उठी, “ऊऊहह…नो मुझे नही लगता इस काम में कुछ मज़ा है. इसे निकाल कर सही जगह डालिए. ये अच्छा नही लग रहा मुझे.”
“अच्छा भी लगेगा थोड़ा सबर तो कीजिए” गौरव ने एक और धक्का मारा. पर इस बार बहुत ज़ोर का धक्का था. तेज धक्के के कारण इस बार पूरा का पूरा लंड रीमा की गान्ड में उतर गया.
“रीमा दा गोल्डन गर्ल बना दूँगा आज आपको.” गौरव ने कहा.
“मुझे रीमा ही रहने दो…आआहह.” रीमा कराहते हुए बोली.
“अब देखिए नज़ारे अनल सेक्स के. उफ्फ क्या गान्ड है आपकी.”
गौरव अब तैयार था अनल सेक्स के लिए. रीमा का दर्द भी कम हो गया था. धीरे धीरे शुरू हुआ शिल्षिला गान्ड में लंड के घर्षण का और रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ती गयी. पहले पहले तो रीमा शांत पड़ी रही गौरव के नीचे. मगर जल्दी ही लंड के घर्षण उसे बहकाने लगे और कमरे में उसकी सिसकियाँ गूंजने लगी.
“आअहह गौरव…फास्टर.” रीमा ने मदहोशी में कहा.
“आने लगा स्वाद आपको अब. गुड.”
“फास्टर गौरव…प्लीज़.”
“बिल्कुल रीमा जी फिकर ना करें आप. तूफान आएगा अब संभालिएगा आप.”
गौरव इतने जोरो से धक्के लगाने लगा रीमा कि गान्ड में कि पूरा का पूरा बेड हिलने लगा. रीमा अपनी टांगे इधर उधर पटक रही थी. बहुत ही उत्तेजना में थे दोनो. गौरव लगा रहा रीमा की गान्ड में तूफान मचाने में मगर अब रीमा की हालत पतली होने लगी थी.
“बस…बस…बस गौरव और नही सह पाउन्गि…बस रुक जाओ”
“कैसी बात करती है आप…अभी तो आपकी रेल बनेगी…ज़रा रुकिये ना…खि…खि…खि.”
“रेल बन चुकी है गौरव….अब और बर्दास्त नही कर सकती प्लीज़ रुक जाओ आआअहह.”
“मज़ा नही आ रहा आपको”
“नही कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा है. बर्दास्त के बाहर है सब प्लीज़ रुक जाओ…आअहह.”
रुकने वाला कहा था गौरव. उसे तो पूरी रेल बनानी थी रीमा की. रीमा आनंद के सागर में गोते लगा रही थी. पर थक गयी थी अब गोते लगाते लगाते. और उस से अब लंड का घर्षण बर्दास्त भी नही हो रहा था.
“रुक भी जाइए अब. मार डालेंगे क्या हमें.”
“ओफ क्या बात है…लीजिए ये तूफान थमने ही वाला है.”
गौरव ने और ज़्यादा स्पीड बढ़ा दी. रीमा की तो सांसो ने जैसे काम ही करना बंद कर दिया. अचानक ज़ोर-ज़ोर से हांपते हुए गौरव रीमा के उपर ढेर हो गया. भर दिया उसने रीमा की गान्ड को अपने वीर्य से.
“उफ्फ क्यों लाई तुम्हे मैं साथ. फिर से छोटी सी भूल हो गयी मुझसे.”
“कोई भूल नही हुई है आपसे. बिल्लू की तरह आपके साथ कोई मक्कारी नही कर रहा हूँ मैं. ये एक सुंदर संभोग था.” गौरव ने बोलते हुए लंड बाहर खींच लिया रीमा की गान्ड से और उसे घुमा कर उस से लिपट गया. दोनो के होठ खुद-ब-खुद मिल गये और एक डीप किस में खो गये दोनो.
जब होठ हटे तो रीमा ने पूछा, “तुमने कभी किसी से प्यार किया है.”
“क्यों पूछ रही हो”
“तुम मुझे ऐसे किस कर रहे थे जैसे की प्यार करते हो मुझसे.”
“पता नही क्या मतलब होता है प्यार का. हमारे बीच एक खुब्शुरत संभोग हुआ है. उसके बाद एक प्यारा सा चुंबन नॅचुरल है. कुछ भी कह सकती हो इसे. हम दोनो ने एक अच्छा वक्त बीताया साथ. दो इंसान आपस में जुड़े. बेसक सेक्स के लिए ही जुड़े, फिर भी दो लोग जुड़े तो. हां शायद, दो पल का ही सही प्यार तो शामिल है ही इस संबंध में. ज़्यादा कुछ नही कह सकता.
गौरव ने थूक लगा लिया अपने लंड पर और उसे अच्छे से चिकना कर लिया.
“मैने सुना है की बहुत पेनफुल होता है अनल सेक्स.”
“होता होगा दूसरो के लिए आपके लिए नही होगा ट्रस्ट मी.” गौरव ने कहा और गान्ड को चोडा करके लंड टिका दिया रीमा के छेद पर.
“मज़ा आएगा आपको. डिफरेंट मज़ा.” गौरव ने कहा और खुद को धकैल दिया रीमा के अंदर.
“ऊऊओह….नूऊऊऊऊ पुल इट आउट…पुल इट आउट….नो”
“एंट्री में हि प्रोब्लम है थोड़ी सी. ज़रा रुकिये सब ठीक हो जाएगा…खि…खि..खि.”
“मेरी जान निकल रही है और आपको हँसी आ रही है. आआहह”
गौरव ने एक और धक्का मारा और लंड थोड़ा सा और उतर गया गान्ड में. रीमा फिर से कराह उठी, “ऊऊहह…नो मुझे नही लगता इस काम में कुछ मज़ा है. इसे निकाल कर सही जगह डालिए. ये अच्छा नही लग रहा मुझे.”
“अच्छा भी लगेगा थोड़ा सबर तो कीजिए” गौरव ने एक और धक्का मारा. पर इस बार बहुत ज़ोर का धक्का था. तेज धक्के के कारण इस बार पूरा का पूरा लंड रीमा की गान्ड में उतर गया.
“रीमा दा गोल्डन गर्ल बना दूँगा आज आपको.” गौरव ने कहा.
“मुझे रीमा ही रहने दो…आआहह.” रीमा कराहते हुए बोली.
“अब देखिए नज़ारे अनल सेक्स के. उफ्फ क्या गान्ड है आपकी.”
गौरव अब तैयार था अनल सेक्स के लिए. रीमा का दर्द भी कम हो गया था. धीरे धीरे शुरू हुआ शिल्षिला गान्ड में लंड के घर्षण का और रफ़्तार धीरे धीरे बढ़ती गयी. पहले पहले तो रीमा शांत पड़ी रही गौरव के नीचे. मगर जल्दी ही लंड के घर्षण उसे बहकाने लगे और कमरे में उसकी सिसकियाँ गूंजने लगी.
“आअहह गौरव…फास्टर.” रीमा ने मदहोशी में कहा.
“आने लगा स्वाद आपको अब. गुड.”
“फास्टर गौरव…प्लीज़.”
“बिल्कुल रीमा जी फिकर ना करें आप. तूफान आएगा अब संभालिएगा आप.”
गौरव इतने जोरो से धक्के लगाने लगा रीमा कि गान्ड में कि पूरा का पूरा बेड हिलने लगा. रीमा अपनी टांगे इधर उधर पटक रही थी. बहुत ही उत्तेजना में थे दोनो. गौरव लगा रहा रीमा की गान्ड में तूफान मचाने में मगर अब रीमा की हालत पतली होने लगी थी.
“बस…बस…बस गौरव और नही सह पाउन्गि…बस रुक जाओ”
“कैसी बात करती है आप…अभी तो आपकी रेल बनेगी…ज़रा रुकिये ना…खि…खि…खि.”
“रेल बन चुकी है गौरव….अब और बर्दास्त नही कर सकती प्लीज़ रुक जाओ आआअहह.”
“मज़ा नही आ रहा आपको”
“नही कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा है. बर्दास्त के बाहर है सब प्लीज़ रुक जाओ…आअहह.”
रुकने वाला कहा था गौरव. उसे तो पूरी रेल बनानी थी रीमा की. रीमा आनंद के सागर में गोते लगा रही थी. पर थक गयी थी अब गोते लगाते लगाते. और उस से अब लंड का घर्षण बर्दास्त भी नही हो रहा था.
“रुक भी जाइए अब. मार डालेंगे क्या हमें.”
“ओफ क्या बात है…लीजिए ये तूफान थमने ही वाला है.”
गौरव ने और ज़्यादा स्पीड बढ़ा दी. रीमा की तो सांसो ने जैसे काम ही करना बंद कर दिया. अचानक ज़ोर-ज़ोर से हांपते हुए गौरव रीमा के उपर ढेर हो गया. भर दिया उसने रीमा की गान्ड को अपने वीर्य से.
“उफ्फ क्यों लाई तुम्हे मैं साथ. फिर से छोटी सी भूल हो गयी मुझसे.”
“कोई भूल नही हुई है आपसे. बिल्लू की तरह आपके साथ कोई मक्कारी नही कर रहा हूँ मैं. ये एक सुंदर संभोग था.” गौरव ने बोलते हुए लंड बाहर खींच लिया रीमा की गान्ड से और उसे घुमा कर उस से लिपट गया. दोनो के होठ खुद-ब-खुद मिल गये और एक डीप किस में खो गये दोनो.
जब होठ हटे तो रीमा ने पूछा, “तुमने कभी किसी से प्यार किया है.”
“क्यों पूछ रही हो”
“तुम मुझे ऐसे किस कर रहे थे जैसे की प्यार करते हो मुझसे.”
“पता नही क्या मतलब होता है प्यार का. हमारे बीच एक खुब्शुरत संभोग हुआ है. उसके बाद एक प्यारा सा चुंबन नॅचुरल है. कुछ भी कह सकती हो इसे. हम दोनो ने एक अच्छा वक्त बीताया साथ. दो इंसान आपस में जुड़े. बेसक सेक्स के लिए ही जुड़े, फिर भी दो लोग जुड़े तो. हां शायद, दो पल का ही सही प्यार तो शामिल है ही इस संबंध में. ज़्यादा कुछ नही कह सकता.