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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
पूजा अपने घर कर बिस्तर पर गिर गयी और फूट फूट कर रोने लगी.

 
श्रद्धा ने तुरंत आकर पूछा, "क्या बात है पूजा...रो क्यों रही हो"
 
"मुझे अकेला छोड़ दो दीदी...प्लीज़." पूजा रोते हुए बोली.
 
सौरभ भी वापिस आकर बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया. बहुत दुखी था पूजा के लिए. प्यार जो करता था उसे.
 
परेशान था सौरभ. बहुत ही परेशान. इतना परेशान कि उसे समझ नही रहा था कि क्या करे और क्या ना करे. कुछ करना चाहता था वो पूजा के लिए. सोच रहा था वो बार बार कि क्या किया जाए. इसी उधेड़बुन में वो उठा और अपने कमरे का ताला लगा कर पूजा के घर की तरफ चल दिया. जब वो पूजा के घर पहुँचा तो घर का दरवाजा बंद था. उसने दरवाजा खड़काया. श्रद्धा ने दरवाजा खोला.
 
"सौरभ तुम! यहाँ कैसे?" श्रद्धा ने पूछा.
 
"पूजा से बात करनी है मुझे, क्या मैं मिल सकता हूँ उस से"
 
"पूजा से बात! पूजा से तुम्हे क्या लेना देना?" श्रद्धा हैरानी में पड़ गयी.
 
"मैं बहुत परेशान हूँ पहले ही, और परेशान मत करो. प्लीज़ मुझे पूजा से मिलने दो."
 
"तो क्या जिसे तुम प्यार करते हो वो पूजा है?" श्रद्धा ने पूछा.
 
"हां"
 
श्रद्धा ने गर्दन पकड़ ली सौरभ की और बोली, "क्या किया तुमने मेरी बहन के साथ. जब से आई है वो रो रही है."
 
"काश वो मेरे कारण रो रही होती. बात कुछ और ही है. प्लीज़ मुझे मिलने दो उस से वरना मैं मर जाउन्गा." सौरभ ने भावुक हो कर कहा.
 
"ठीक है...ठीक है, जाओ अंदर." श्रद्धा ने कहा.
 
सौरभ अंदर गया. श्रद्धा उसे पूजा के पास ले आई. पूजा पेट के बाल हाथो में चेहरा छुपाए लेटी हुई थी.
 
"श्रद्धा मैं अकेले में बात करना चाहता हूँ. प्लीज़ थोड़ी देर के लिए....." सौरभ ने कहा.
 
श्रद्धा बिना कुछ कहे वहाँ से चली गयी.
 
सौरभ पूजा के पास बैठ गया और उसके सर पर हाथ रख कर बोला," पूजा आइ लव यू. बात करना चाहता हूँ तुमसे कुछ."
 
"सौरभ प्लीज़ चले जाओ. मैं बात करने की हालत में नही हूँ." पूजा सुबक्ते हुए बोली.
 
सौरभ वहाँ से उठ कर पूजा के पैरो पर सर रख कर बैठ गया और बोला, "मुझसे कोई भूल हुई हो तो मुझे माफ़ कर दो. हां शुरू शुरू में मैने तुम्हे बस एक शरीर समझा. पाना चाहता था तुम्हे. मगर कब प्यार की भावना जाग गयी मुझे भी नही पता. शायद हवस शामिल है इस प्यार में मेरे. माफी चाहता हूँ उसके लिए. तुम मुझे बदले में प्यार बेशक मत दो. लायक भी नही हूँ तुम्हारे प्यार के मैं. मगर प्लीज़ एक बार बता दो कि क्या हुआ तुम्हारे साथ और किसने किया. मैं बहुत बेचैन हूँ पूजा. जब तक नही बताओगि मैं तड़प्ता रहूँगा. प्लीज़ बताओ मुझे कौन है इन आँसुओ का कारण."
 
"क्यों जान-ना चाहते हो तुम. क्या करोगे जान कर. कुछ बदल नही जाएगा तुम्हे बता कर. प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो."
 
"मैं मर जाउन्गा पूजा. नही देख सकता हूँ तुम्हे ऐसी हालत में. जब तक बताओगि नही जाउन्गा नही मैं यहाँ से."
 
पूजा उठ कर बैठ गयी और अपने पाँव सिकोड कर घुटनो पर सर टिका कर बोली, "कौन हो तुम मेरे जिसे सब बताउ मैं."
 
"प्यार करता हूँ तुम्हे मैं. इतना रिश्ता काफ़ी होना चाहिए."
 
"ठीक है सुनो फिर..............
 
कविता ने मिलाया था मुझे विक्की से. बहुत प्यार से देखता था मेरी तरफ वो. अच्छा दोस्त बन गया मेरा वो. धीरे धीरे मैं उसे चाहने लगी. मुझे नही पता था कि उसका मुझसे मिलना, दोस्ती और फिर प्यार सब एक साजिस का हिस्सा था. ये बात मुझे अब समझ आई. काश पहले समझ जाती. खूब प्यार का नाटक किया विक्की ने मेरे साथ. प्यार में पागल हो कर सब कुछ न्योछावर कर दिया मैने विक्की पर. पर मुझे क्या पता था की मेरे प्यार की वीडियो बनाई जा रही है. बहुत धक्का लगा दिल को मेरे. फिर ब्लॅकमेलिंग का गंदा खेल शुरू हुआ. मुझसे कहा गया कि तुम एक एस्कॉर्ट बन जाओ वरना ये वीडियो इंटरनेट पर डाल देंगे. बहुत विचलित रही मैं इन बातो के कारण. प्यार में ऐसा होगा सोचा नही था मैने. बहुत रेज़िस्ट किया मैने पर एक दिन मुझे एस्कॉर्ट बन कर जाना ही पड़ा............
 
फार्म हाउस पर मेरी इज़्ज़त की वो धज्जिया उड़ाई चौहान और परवीन ने कि मैं कुछ कह नही सकती. दुख की बात ये है कि थोड़ा थोड़ा तो मैने भी एंजाय किया. यही मेरी चिंता का कारण है. बीखर गया है चरित्र मेरा. शायद मैं सच में वैश्या बन गयी हूँ."

 
"प्लीज़ ऐसा मत कहो. आज क्या हुआ वो बताओ."
 
"आज जब तुम गये तो एक पोलीस वाला गया वहाँ. उसने मुझे पहचान लिया. ज़बरदस्ती घर ले गया मुझे वो और.......................बस कह नही पाउन्गि."
 
"क्या नाम है उसका?" सौरभ ने पूछा.
 
"उसका नाम नही पता बस इतना पता है कि वो पोलीस वाला है."
 
"कोई और पहचान उसकी."
 
"क्या करोगे जान कर?"
 
"वैसे ही पूछ रहा हूँ, क्या कुछ और बता सकती हो उसके बारे में."
 
"और तो कुछ नही पता. ओह हां पेट पर अजीब सा निशान था उसके."
 
"कैसा निशान?" सौरभ का माता ठनका.
 
"लंबा सा निशान था. ज़्यादा गौर नही दिया मैने. क्या करना उस से तुम्हे... छोड़ो."
 
"घर की लोकेशन बता सकती हो."
 
पूजा ने विजय के घर में घुसते वक्त हाउस नंबर देखा था. उसने सौरभ को लेकेशन और हाउस नंबर बता दिया.
 
"वो तो बबलू के साथ वाला घर है. इसका मतलब विजय सरिता का हज़्बेंड है." सौरभ ने सोचा.
 
"थॅंक यू पूजा तुमने मुझे इतना कुछ बताया. आराम करो तुम अब." सौरभ ने कहा.
 
"तुम ये सब क्यों जान-ना चाहते थे."
 
"ताकि तुम्हारा मन हल्का हो जाए बता कर. आराम करो तुम अब. मैं चलता हूँ." सौरभ जल्दी में लग रहा था.
 
पूजा बैठी रही घुटनो पर सर टिकाए. सौरभ ने उसके सर पर हाथ रखा और बोला, "सब ठीक हो जाएगा तुम चिंता मत करो." सौरभ गया बाहर.
 
सौरभ जैसे ही उस कमरे से बाहर निकला उसने श्रद्धा को वहाँ खड़े पाया. श्रद्धा की आँखो में आँसू थे. उसने पूजा की सारी बाते सुन ली थी. सौरभ ने श्रद्धा को गले लगाया और बोला, "न्याय होगा पूजा के साथ." और बाहर गया.
 
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 02-01-2020, 10:41 AM



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