01-01-2020, 05:25 PM
(This post was last modified: 01-01-2020, 05:30 PM by vijayveg. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अगले दिन जितेश जल्दी उठ गया | उसे कुछ काम करना था इसलिए जल्दी से उसने नाश्ता बनाया, नहाया और खाकर कपड़े पहनकर तैयार हो गया | जाने से पहले उसने रीमा को जगाया जो अब तक सो रही थी | सूरज बस निकलने ही वाला था | उसकी लालिमा चारो तरफ फ़ैल चुकी थी | रीमा को आंख खोलते ही ऐसा लगा जैसे सालों की थकावट के बोझ तले से निकल कर आई हो | जितेश उसे देखता ही मुस्कुराया | रीमा भी मुस्कुरा दी |
जितेश - नाश्ता तैयार कर दिया है , जब भूख लगे खा लेना | फिर देखता हूँ आगे क्या करना है |
जितेश को एक जरूरी कॉन्ट्रैक्ट का काम करना था इसलिए जाने से पहले उसने रीमा को अच्छे से बाकी सारी बातें समझा दी और अपने काम से बाहर निकल गया था | इधर रीमा ने अपने आप को संभाला , बाथरूम में गयी अच्छे से नहाया धोया और उसके बाद में उसने अपनी शकल को आईने में देखा | उसने कसम खा ली थी वासना के चक्कर में आज के बाद वह अपने शरीर की दुर्गति कभी नहीं करेगी | उसने कसम खाई थी कि आज के बाद कभी ऐसा नहीं करेगी इसके बाद उसने जितेश का बना नाश्फता खाया | फिर बिस्तर में लेट गई और सोचने लगी आखिर कब तक इस कमरे में बंद रहेगी | जाने से पहले जितेश उसे भरोसा देकर गया था कि वह जल्द से जल्द ही यहां से आजाद कराकर उसके घर पहुंचा देगा आखिरकार जितेश के भरोसे ही वहां पर निश्चिंत बैठ गई थी | इस बार जितेश ने रीमा को अच्छे से समझा दिया था कि बाहर से आने वाले किसी भी आदमी को चाहे वो गिरधारी ही क्यों न हो वह दरवाजा ना खोले | जितेश को शक था कि गिरधारी रीमा को परेशान कर सकता है इसलिए उसने सख्उत हिदायत दी थी कि गिरधारी को वो जवाब भी न दे अगर वो बाहर असे आवाज लगाये | इधर गिरधारी ने रात को जोश जोश में कुछ ज्यादा ही कोकीन चाट ली थी और अपनी झोपड़ी से अपने घर चला गया था | वो बीबी के साथ नहीं रहता था | बीबी के साथ वहां उसकी हाथापाई हुई और उसने बीबी को जमकर पीटा, फिर उसकी जमकर चुदाई करी | उधर रात भर हाय तोबा मचाने के बाद सुबह सुबह उसकी बीबी को उसकी जेब टटोलने का मौका मिल गया | उसकी जेब में पांच सौ की एक गड्डी निकल आई | बीबी की तो बांछे खिल गयी | वो शाम की सारी मार पिटाई भूल गयी | कोकीन का नशा अगली सुबह तक उतर गया था लेकिन बीबी ने उसे पकड़ लिया और दिन भर इधर उधर के घर के काम कराती रही | जब शाम को उसने फिर से अपने कपड़े पहने तो उसमे पैसे नहीं थे | उसने बीबी से पैसो के बारे में पुछा, तो उसने फिर से अपना पेटीकोट उठा दिया और बोली - चोदना हो तो फिर से चोद लो लेकिन उसमे से एक पाई नहीं लौताउंगी |
गिरधारी ने माथा पीट लिया, आखिर वो घर आया ही क्यों | उसका मूड ऑफ हो गया था | उसे पता था लड़ने झगड़ने का कोई फायदा नहीं, इसी रकम के लिए तो उसकी बीबी उसे बर्दाश्त कर रही है | उसका मन कसैला हो चूका था वो वहां से जाना चाहता था लेकिन बीबी ने नहीं जाने दिया | शाम को सजधज के उसे पकड़ बाजार चली गयी खरीदारी करने | वहां से वापस आने के बाद गिरधारी काम का बहाना मार कर वहां से निकलना चाहता था लेकिन उसकी बीबी उसे लेकर बिस्तर पर लुढ़क गयी | गिरधारी उसे नहीं चोदना चाहता था उसके खयालो में तो रीमा थी लेकिन मजबूरी थी | आखिर उसे अपनी बीबी की बात माननी ही पड़ी | इसी सब उधेड़बुन में वो जितेश को कालू की बात बताना भूल गया |
जितेश अपना काम ख़तम करके देर रात लौटा | साथ में खाना बाहर से ही पैक करा लाया था | उसे पता था रीमा ने दिन में सिर्फ फल फ्रूट से काम चलाया होगा |
इधर शाम होते-होते सूर्यदेव काफी निराश हो गया था, जितेश की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था, ऊपर से उन चारो ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी | उसे लग रहा रीमा मिलेगी नहीं लेकिन वह हार माने वालों में से नहीं था | उसके उम्मीदे धूमिल हो चुकी थी लेकिन फिर भी उसे कोशिश जारी रखनी थी |
अगले दिन जितेश को कस्बे में कुछ काम था इसलिए जल्दी से तैयार होकर बाहर जाने की तयारी करने लगा | रीमा अभी तक सो रही थी | अब वो पहले से बहुत बेहतर थी |
जितेश रीमा को जगाता हुआ - मुझे कुछ काम है, मुझे पैसे भिजवाने है माँ बाप को तो मै पोस्ट ऑफिस से मनी आर्डर करके आता हूँ | मै दोपहर तक आ जाऊंगा |
जितेश बाहर जाने से पहले अपना सामान इकठ्ठा करने लगा | तभी दरवाजे पर दस्तक हुई | सामने से दरवाजे पर दस्तक, इस वक्त कौन हो सकता है | जितेश के कान खड़े हो गए | रीमा ने खुद को सर से ढक लिया | जितेश दरवाजे के पास गया |
धीमी आवाज में बोला - कौन |
उधर से आवाज आई - आसमान से गिर खजूर में अटके, लेकिन खजूर पक गए है |
ये आवाज गिरधारी की थी | जितेश का अपने आदमियों को पहचानने और बातचीत करने का एक तरीका था | दरवाजा खोलने से पहले जितेश ये तसल्ली कर लेना चाहता था की गिरधारी अकेला ही आया है |
जितेश - कितने खजूर पके है |
गिरधारी - हुजुर अभी केवल १ ही खजूर पका है |
जितेश - रंग क्या है |
गिरधारी - लाल है हुजुर |
लाल रंग का मतलब था कोई अर्जेंट काम है |
उसने आइस्ते से दरवाजा खोला और बाहर निकल गया |
गिरधारी - बॉस अन्दर ही चलकर बात करते है न |
जितेश - नहीं अन्दर मैडम सो रही है | जल्दी बक क्या अर्जेंट काम है और इससे पहले हमें कोई देख ले फुट ले यहाँ से |
गिरधारी - सूर्यदेव आपसे मिलना चाहता है |
जितेश - क्यों ?
गिरधारी - मैडम को लेकर |
जितेश - क्या बकवास कर रहा है |
गिरधारी - उसका आदमी आया था, बोला आपकी बात करा दो, ये नंबर दिया है | इस पर बात कर लेना | दो दिन के अन्दर मैडम को ढूंढ के लाने वाले को पैसे भी देगा , कल आपके पास आ नहीं पाया बीबी जोंक की तरह चिपक गयी थी |
जितेश - उन्हें पता कैसे चला रीमा मैडम मेरे यहाँ है |
गिरधारी - बॉस वो मैडम को ढूढ़ने में आपकी मदद चाहते है लेकिन वो आपके पास है ये उन्हें नहीं पता है |
जितेश - तुझे कैसे पता |
गिरधारी - उनकी बातो से लग रहा था सूर्यदेव की फटी पड़ी है | १० लाख देने को तैयार है | मुझे विनोद, रहीम का संदेसा भी आया था | साकी और गुड्डू का पता नहीं लेकिन कालू उनसे भी यही बात कर रहा है | कुछ सीरियस मामला है मुझे तो लगता है बॉस आपको एक बार सोचना चाहिए |
जितेश - नहीं मै रीमा को किसी खतरे में नहीं डालूँगा |
गिरधारी - बॉस एक बार सोचो तो सही, १० लाख के लिए हमें चार पांच लोगो को मौत के घाट उतारना पड़ेगा |
जितेश - बकवास करेगा तो पिटेगा फिर से | साले १० लाख के लिए मै मैडम को उस जानवर के हवाले कर दू |
गिरधारी भी झल्लाता हुआ - मैडम को किसने कहाँ देने को | बॉस उसने हरामी ने आपकी जान लेने की कोशिश की थी बदला लेने का अच्छा मौका है |
जितेश ने गिरधारी की तरफ घूर कर देखा - कही तूने मैडम के बारे में तो जबान नहीं खोली |
गिरधारी - बॉस आप मुझ पर शक कर रहे हो | नहीं बॉस कैसी बात करते हो मर जाऊंगा लेकिन जुबान नहीं खुलेगी | मेरी वफादारी पर मत शक करो | आप जानते हो मुझे |
जितेश - हम सूर्यदेव के पचड़े में क्यों पड़े | विलास उसकी मरेगा तो मारे |
गिरधारी - बस आपको नहीं लगता सूर्यदेव को मजा चखने का सही वक्त है ऊपर से 10 लाख मिल रहे हैं एक बार सोच लो ठंडे दिमाग से सोचो | और मारना मत मुझे |
जितेश - मुझे वजह पता होनी चाहिए आखिर वह मुझसे मिलना क्यों चाहता है इसके बिना मैं मुझसे मिलने नहीं जाऊंगा ठीक है |
गिरधारी - बॉस तो वो नंबर है न कालू से बात कर लेते है |
ठीक है तू पीसीओ पंहुच मै आता हूँ | ज्यादा देर तक यहाँ खड़े होना ठीक नहीं है |
जितेश, विनोद, रहीम, साकी और गुड्डू पिछले कई सालों से सूर्यदेव के लिए काम करने थे | सूर्यदेव के लालच और अविश्वास और कुछ अपने व्यक्तिगत कारणों से पांचो बहुत ही बेहतरीन आदमी उसका साथ छोड़ गए थे | हालाँकि सूर्यदेव ने बारी बारी से उन पर हमला कराकर बात को और बिगाड़ दिया था | अब वो सब बेहद सतर्क रहते थे |
इधर जितेश नाश्ता करने लगा | रीमा उठकर बाथरूम में चली गयी | जितेश पोस्ट ऑफिस का काम पहले निपटाना चाहता था | इसलिए उसे गिरधारी की बात में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी |
जितेश ने नाश्ता खतम ही किया था | गिरधारी ने दुबारा दरवाजे पर दस्तक दी है |
गिरधारी - हुजुर खजूर तोड़ लाया हूँ, आकर खा लीजिये |
जितेश ने फटाफट दरवाजा खोल कर बाहर आ गया |
जितेश - क्या अपडेट है |
गिरधारी बोला - बॉस मामला मैडम का ही है असल में सूर्यदेव की फट के हाथ में आ गई है सुना है कोई एक विलास नाम का माफिया है जो शहर में रहता है और उसके बेटे की अभी कुछ दिन पहले मौत हो गई थी और उसमें उसके लिए उसने सुरुज देव को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन उसकी मौत में और मैडम के बीच कुछ कनेक्शन है इसीलिए सूर्यदेव को लगता है कि मैडम ने उस लड़के को मारा है और इसीलिए वह चाहता है कि जल्दी से जल्दी वह मैडम को ढूंढकर विलास के हवाले कर दो समस्या यह है कि मैडम कहां है यह किसी को नहीं पता वह बहुत हैरान है कि आखिर मैडम ऐसे कैसे गायब हो गई उन्हें जमीन निगल गई या आसमान खा गया इसीलिए उसने पिछले कुछ दिनों से दिन-रात करके अपने सारे आदमियों को लगा रखा है लेकिन मैडम का पता नहीं चला है क्योंकि वह तो मेरे बॉस के कब्जे में है अब वह आपसे मिलना चाहता है |
जितेश - लेकिन उसे कैसे पता कि मैडम मेरे कब्जे में है |
गिरधारी - बॉस मैंने पता लगाया है वहीं इसलिए नहीं मिलना चाहता है कि उसे पता है कि मैडम आप के कब्जे में है वह इसलिए मिलना चाहता है क्योंकि उसके आदमी मैडम को ढूंढ नहीं पा रहे हैं इसलिए वह अपने उन पुराने बेहतरीन आदमियों को फिर से बुला रहा है इसमें से आप भी शामिल है बाकी चार को तो आप जानते ही होंगे |
जितेश - अच्छा वह सब भी आ रहे हैं|
गिरधारी - उनको भी उसने बुलाया हुआ है उसकी फटी पड़ी है बॉस | वो आयेगें या नहीं ये तो पता नहीं |
गिरधारी - मुझे तो लगता है आपको जाना चाहिए 10 लाख कमाने का अच्छा मौका है और बदला लेने का अच्छा मौका है इस बार सब मिलकर उसे सबक सिखाते हैं उसकी वजह से मेरा हाथ अपाहिज हो गया | रही बात मैडम की जो आपका फैसला होगा वह मुझे मंजूर होगा मैं उसमें आपके साथ हूं |
जितेश सोचने लगा | गिरधारी दरवाजे को ओट से रीमा की झलक पाने की असफल कोशिश करने लगा |
जितेश - नाश्ता तैयार कर दिया है , जब भूख लगे खा लेना | फिर देखता हूँ आगे क्या करना है |
जितेश को एक जरूरी कॉन्ट्रैक्ट का काम करना था इसलिए जाने से पहले उसने रीमा को अच्छे से बाकी सारी बातें समझा दी और अपने काम से बाहर निकल गया था | इधर रीमा ने अपने आप को संभाला , बाथरूम में गयी अच्छे से नहाया धोया और उसके बाद में उसने अपनी शकल को आईने में देखा | उसने कसम खा ली थी वासना के चक्कर में आज के बाद वह अपने शरीर की दुर्गति कभी नहीं करेगी | उसने कसम खाई थी कि आज के बाद कभी ऐसा नहीं करेगी इसके बाद उसने जितेश का बना नाश्फता खाया | फिर बिस्तर में लेट गई और सोचने लगी आखिर कब तक इस कमरे में बंद रहेगी | जाने से पहले जितेश उसे भरोसा देकर गया था कि वह जल्द से जल्द ही यहां से आजाद कराकर उसके घर पहुंचा देगा आखिरकार जितेश के भरोसे ही वहां पर निश्चिंत बैठ गई थी | इस बार जितेश ने रीमा को अच्छे से समझा दिया था कि बाहर से आने वाले किसी भी आदमी को चाहे वो गिरधारी ही क्यों न हो वह दरवाजा ना खोले | जितेश को शक था कि गिरधारी रीमा को परेशान कर सकता है इसलिए उसने सख्उत हिदायत दी थी कि गिरधारी को वो जवाब भी न दे अगर वो बाहर असे आवाज लगाये | इधर गिरधारी ने रात को जोश जोश में कुछ ज्यादा ही कोकीन चाट ली थी और अपनी झोपड़ी से अपने घर चला गया था | वो बीबी के साथ नहीं रहता था | बीबी के साथ वहां उसकी हाथापाई हुई और उसने बीबी को जमकर पीटा, फिर उसकी जमकर चुदाई करी | उधर रात भर हाय तोबा मचाने के बाद सुबह सुबह उसकी बीबी को उसकी जेब टटोलने का मौका मिल गया | उसकी जेब में पांच सौ की एक गड्डी निकल आई | बीबी की तो बांछे खिल गयी | वो शाम की सारी मार पिटाई भूल गयी | कोकीन का नशा अगली सुबह तक उतर गया था लेकिन बीबी ने उसे पकड़ लिया और दिन भर इधर उधर के घर के काम कराती रही | जब शाम को उसने फिर से अपने कपड़े पहने तो उसमे पैसे नहीं थे | उसने बीबी से पैसो के बारे में पुछा, तो उसने फिर से अपना पेटीकोट उठा दिया और बोली - चोदना हो तो फिर से चोद लो लेकिन उसमे से एक पाई नहीं लौताउंगी |
गिरधारी ने माथा पीट लिया, आखिर वो घर आया ही क्यों | उसका मूड ऑफ हो गया था | उसे पता था लड़ने झगड़ने का कोई फायदा नहीं, इसी रकम के लिए तो उसकी बीबी उसे बर्दाश्त कर रही है | उसका मन कसैला हो चूका था वो वहां से जाना चाहता था लेकिन बीबी ने नहीं जाने दिया | शाम को सजधज के उसे पकड़ बाजार चली गयी खरीदारी करने | वहां से वापस आने के बाद गिरधारी काम का बहाना मार कर वहां से निकलना चाहता था लेकिन उसकी बीबी उसे लेकर बिस्तर पर लुढ़क गयी | गिरधारी उसे नहीं चोदना चाहता था उसके खयालो में तो रीमा थी लेकिन मजबूरी थी | आखिर उसे अपनी बीबी की बात माननी ही पड़ी | इसी सब उधेड़बुन में वो जितेश को कालू की बात बताना भूल गया |
जितेश अपना काम ख़तम करके देर रात लौटा | साथ में खाना बाहर से ही पैक करा लाया था | उसे पता था रीमा ने दिन में सिर्फ फल फ्रूट से काम चलाया होगा |
इधर शाम होते-होते सूर्यदेव काफी निराश हो गया था, जितेश की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था, ऊपर से उन चारो ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी | उसे लग रहा रीमा मिलेगी नहीं लेकिन वह हार माने वालों में से नहीं था | उसके उम्मीदे धूमिल हो चुकी थी लेकिन फिर भी उसे कोशिश जारी रखनी थी |
अगले दिन जितेश को कस्बे में कुछ काम था इसलिए जल्दी से तैयार होकर बाहर जाने की तयारी करने लगा | रीमा अभी तक सो रही थी | अब वो पहले से बहुत बेहतर थी |
जितेश रीमा को जगाता हुआ - मुझे कुछ काम है, मुझे पैसे भिजवाने है माँ बाप को तो मै पोस्ट ऑफिस से मनी आर्डर करके आता हूँ | मै दोपहर तक आ जाऊंगा |
जितेश बाहर जाने से पहले अपना सामान इकठ्ठा करने लगा | तभी दरवाजे पर दस्तक हुई | सामने से दरवाजे पर दस्तक, इस वक्त कौन हो सकता है | जितेश के कान खड़े हो गए | रीमा ने खुद को सर से ढक लिया | जितेश दरवाजे के पास गया |
धीमी आवाज में बोला - कौन |
उधर से आवाज आई - आसमान से गिर खजूर में अटके, लेकिन खजूर पक गए है |
ये आवाज गिरधारी की थी | जितेश का अपने आदमियों को पहचानने और बातचीत करने का एक तरीका था | दरवाजा खोलने से पहले जितेश ये तसल्ली कर लेना चाहता था की गिरधारी अकेला ही आया है |
जितेश - कितने खजूर पके है |
गिरधारी - हुजुर अभी केवल १ ही खजूर पका है |
जितेश - रंग क्या है |
गिरधारी - लाल है हुजुर |
लाल रंग का मतलब था कोई अर्जेंट काम है |
उसने आइस्ते से दरवाजा खोला और बाहर निकल गया |
गिरधारी - बॉस अन्दर ही चलकर बात करते है न |
जितेश - नहीं अन्दर मैडम सो रही है | जल्दी बक क्या अर्जेंट काम है और इससे पहले हमें कोई देख ले फुट ले यहाँ से |
गिरधारी - सूर्यदेव आपसे मिलना चाहता है |
जितेश - क्यों ?
गिरधारी - मैडम को लेकर |
जितेश - क्या बकवास कर रहा है |
गिरधारी - उसका आदमी आया था, बोला आपकी बात करा दो, ये नंबर दिया है | इस पर बात कर लेना | दो दिन के अन्दर मैडम को ढूंढ के लाने वाले को पैसे भी देगा , कल आपके पास आ नहीं पाया बीबी जोंक की तरह चिपक गयी थी |
जितेश - उन्हें पता कैसे चला रीमा मैडम मेरे यहाँ है |
गिरधारी - बॉस वो मैडम को ढूढ़ने में आपकी मदद चाहते है लेकिन वो आपके पास है ये उन्हें नहीं पता है |
जितेश - तुझे कैसे पता |
गिरधारी - उनकी बातो से लग रहा था सूर्यदेव की फटी पड़ी है | १० लाख देने को तैयार है | मुझे विनोद, रहीम का संदेसा भी आया था | साकी और गुड्डू का पता नहीं लेकिन कालू उनसे भी यही बात कर रहा है | कुछ सीरियस मामला है मुझे तो लगता है बॉस आपको एक बार सोचना चाहिए |
जितेश - नहीं मै रीमा को किसी खतरे में नहीं डालूँगा |
गिरधारी - बॉस एक बार सोचो तो सही, १० लाख के लिए हमें चार पांच लोगो को मौत के घाट उतारना पड़ेगा |
जितेश - बकवास करेगा तो पिटेगा फिर से | साले १० लाख के लिए मै मैडम को उस जानवर के हवाले कर दू |
गिरधारी भी झल्लाता हुआ - मैडम को किसने कहाँ देने को | बॉस उसने हरामी ने आपकी जान लेने की कोशिश की थी बदला लेने का अच्छा मौका है |
जितेश ने गिरधारी की तरफ घूर कर देखा - कही तूने मैडम के बारे में तो जबान नहीं खोली |
गिरधारी - बॉस आप मुझ पर शक कर रहे हो | नहीं बॉस कैसी बात करते हो मर जाऊंगा लेकिन जुबान नहीं खुलेगी | मेरी वफादारी पर मत शक करो | आप जानते हो मुझे |
जितेश - हम सूर्यदेव के पचड़े में क्यों पड़े | विलास उसकी मरेगा तो मारे |
गिरधारी - बस आपको नहीं लगता सूर्यदेव को मजा चखने का सही वक्त है ऊपर से 10 लाख मिल रहे हैं एक बार सोच लो ठंडे दिमाग से सोचो | और मारना मत मुझे |
जितेश - मुझे वजह पता होनी चाहिए आखिर वह मुझसे मिलना क्यों चाहता है इसके बिना मैं मुझसे मिलने नहीं जाऊंगा ठीक है |
गिरधारी - बॉस तो वो नंबर है न कालू से बात कर लेते है |
ठीक है तू पीसीओ पंहुच मै आता हूँ | ज्यादा देर तक यहाँ खड़े होना ठीक नहीं है |
जितेश, विनोद, रहीम, साकी और गुड्डू पिछले कई सालों से सूर्यदेव के लिए काम करने थे | सूर्यदेव के लालच और अविश्वास और कुछ अपने व्यक्तिगत कारणों से पांचो बहुत ही बेहतरीन आदमी उसका साथ छोड़ गए थे | हालाँकि सूर्यदेव ने बारी बारी से उन पर हमला कराकर बात को और बिगाड़ दिया था | अब वो सब बेहद सतर्क रहते थे |
इधर जितेश नाश्ता करने लगा | रीमा उठकर बाथरूम में चली गयी | जितेश पोस्ट ऑफिस का काम पहले निपटाना चाहता था | इसलिए उसे गिरधारी की बात में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी |
जितेश ने नाश्ता खतम ही किया था | गिरधारी ने दुबारा दरवाजे पर दस्तक दी है |
गिरधारी - हुजुर खजूर तोड़ लाया हूँ, आकर खा लीजिये |
जितेश ने फटाफट दरवाजा खोल कर बाहर आ गया |
जितेश - क्या अपडेट है |
गिरधारी बोला - बॉस मामला मैडम का ही है असल में सूर्यदेव की फट के हाथ में आ गई है सुना है कोई एक विलास नाम का माफिया है जो शहर में रहता है और उसके बेटे की अभी कुछ दिन पहले मौत हो गई थी और उसमें उसके लिए उसने सुरुज देव को जिम्मेदार ठहराया है लेकिन उसकी मौत में और मैडम के बीच कुछ कनेक्शन है इसीलिए सूर्यदेव को लगता है कि मैडम ने उस लड़के को मारा है और इसीलिए वह चाहता है कि जल्दी से जल्दी वह मैडम को ढूंढकर विलास के हवाले कर दो समस्या यह है कि मैडम कहां है यह किसी को नहीं पता वह बहुत हैरान है कि आखिर मैडम ऐसे कैसे गायब हो गई उन्हें जमीन निगल गई या आसमान खा गया इसीलिए उसने पिछले कुछ दिनों से दिन-रात करके अपने सारे आदमियों को लगा रखा है लेकिन मैडम का पता नहीं चला है क्योंकि वह तो मेरे बॉस के कब्जे में है अब वह आपसे मिलना चाहता है |
जितेश - लेकिन उसे कैसे पता कि मैडम मेरे कब्जे में है |
गिरधारी - बॉस मैंने पता लगाया है वहीं इसलिए नहीं मिलना चाहता है कि उसे पता है कि मैडम आप के कब्जे में है वह इसलिए मिलना चाहता है क्योंकि उसके आदमी मैडम को ढूंढ नहीं पा रहे हैं इसलिए वह अपने उन पुराने बेहतरीन आदमियों को फिर से बुला रहा है इसमें से आप भी शामिल है बाकी चार को तो आप जानते ही होंगे |
जितेश - अच्छा वह सब भी आ रहे हैं|
गिरधारी - उनको भी उसने बुलाया हुआ है उसकी फटी पड़ी है बॉस | वो आयेगें या नहीं ये तो पता नहीं |
गिरधारी - मुझे तो लगता है आपको जाना चाहिए 10 लाख कमाने का अच्छा मौका है और बदला लेने का अच्छा मौका है इस बार सब मिलकर उसे सबक सिखाते हैं उसकी वजह से मेरा हाथ अपाहिज हो गया | रही बात मैडम की जो आपका फैसला होगा वह मुझे मंजूर होगा मैं उसमें आपके साथ हूं |
जितेश सोचने लगा | गिरधारी दरवाजे को ओट से रीमा की झलक पाने की असफल कोशिश करने लगा |