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Adultery रीमा की दबी वासना
जितेश - एक बार सह लो इसके बाद तुम्हे गांड मरवाते कभी कोई तकलीफ नहीं होगी, एक बार तुमारी गांड का छल्ला लंड से रगड़ खाकर मजबूत हो गया फिर क्या लंड क्या मुसल लंड सब गपागप लील लोगी | एक बार लंड से रगड़ खाकर अपने गांड के छल्ले को फैलने तो दो ढंग से | फिर तुम मेरा क्या मेरे जैसे दो दो लंड एक साथ घोंट लेना अपनी गांड में | 


रीमा दर्द से बिलखती हुई - तुम समझ क्यों नहीं रहे बेबी बहुत दर्द हो रहा है, बहुत दुःख रही है मेरी गांड, पहले से जख्मी गांड की और दुर्गति मत करो प्लीज |  प्लीज रुक जावो | 


जितेश भी वासना के नशे में बुरी तरह डूबा हुआ था - बेबी बस यह तुम्हारे दर्द की आखिरी घड़ी है उसके बाद तुम्हें कभी कोई दर्द नहीं होगा,  बस एक बार अच्छे से  मरवा लो....... यह जो भी दर्द हो रहा है बस यह समझ लो तुम्हारे जिंदगी का आखरी दर्द है इसके बाद तुम्हें गांड मरवाने में कभी दर्द नहीं होगा | बेबी बस एक बार.....मेरी प्यारी बेबी स्वीट बेबी प्लीज | 

रीमा बिलखती हुई - बेबी  मर जाऊंगी......... बेबी बहुत दुख रहा है प्लीज देखो न बहुत दुख रहा है | 
जितेश - बस कुछ देर और ...... बेबी थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो नहीं पता है ना तुमने इतना मोटा लंड घोंट  लिया है  कुछ देर इसे अपनी गांड की मालिश करने दो  उसके बाद तुम्हारी कोमल गांड की सारी मांसपेशियां की जकड़न ये दूर कर देगा | तुमारे जिद्दी गांड के छल्ले को रबर की तरह नरम बना रहा हूँ |  फिर तुमारी गांड रबर की तरह नरम फ़ैलने वाली और मजबूत हो जाएगी |   फिर तुम्हारी गांड किसी भी मोटे से मोटे खूंटे जैसे लंड को लेने के  लिए भी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी | 
रीमा की नाजुक गांड का तीखा दर्द अब बर्दाश्त से बाहर था -  कैसे बर्दाश्त करूं इस दर्द को ..... बहुत तकलीफ हो रही है, लग रहा है पहले किसी ने नस्तर चला दिया हो गांड के अन्दर और अब तुम अपने मोटे मुसल से उस कटी फटी गांड को कूट रहे हो | नहीं मै मर जाउंगी जितेश प्लीज रूक जावो .....................ह्हाआआआआआआआआआआआआआ ईईईईईईईइ माआआआआआआ रीईईईईईईईईईए |  

रीमा ने तकिये में मुहँ धकेल दिया | जितेश दुविधा में फंस गया, क्या करे, एक तरफ दर्द से तड़पती रीमा और दूसरी तरफ उसकी गांड में धंसा उसका फूला हुआ मोटा लंड | बीच मझधार में जब लंड को थमना पड़ता है तो बहुत खराब लगता है | जितेश हर हाल में रीमा की गांड ही मारना चाहता था | वो भी एक नंबर का जिद्दी था | कुछ देर चूत में डाल कर चोद सकता था लेकिन उसकी भी जिद थी, जब रीमा गिरधारी से अपनी गांड फड़वा सकती है तो फिर उसके लिए थोड़ी दी तकलीफ नहीं बर्दाश्त कर सकती | 

जितेश - मै समझ सकता हूँ | 

रीमा बिफर पड़ी - तुम कुछ नहीं समझते, तुम्हे सिर्फ अपनी पड़ी है | 

जितेश को भी लगा रीमा कुछ ज्यादा ही नाटक कर रही है - ऐसा नहीं है |
रीमा उसी रौ में - तुम्हे मेरी कोई परवाह नहीं, यहाँ दर्द से पूरी गांड रो रही है और तुम उसे कुचले जा रहे हो कुचले जा रहे हो |
जितेश - बकवास मत करो .........परवाह न होती तो इतना आराम से करता, तुमारी गांड को गिरधारी ने कुचला है कूटा है जानवरों की तरह चोदा है, मैंने नहीं | ये दर्द उसका दिया हुआ है मेरा नहीं | क्यों बुलाया था उसे अपने पीछे, क्या जरुरत थी उसकी | तुमारी वो मुराद क्या मै नहीं पूरी कर सकता था | मुझे पता है तुम्हे बहुत तकलीफ हो रही क्योंकि तुमने ही उसे अपनी गांड मारने के लिए बुलाया हुआ था | ......................................................कोई बात नहीं बेबी कभी-कभी दर्द और तकलीफ भी बहुत मजा देते हैं | 
रीमा भी ताव में - तुम कुछ नहीं जानते मेरे बारे, मुझे पर रौब झाड़ना बंद करो | 
जितेश - मै तुम्हे अच्छी तरह से जान गया हूँ | तुम्हे लगता है  परवाह नहीं तुमारी | मुझे ही दुनिया भर के नखरे दिखा रही हो क्यूंकि मै नखरे झेल रहा हूँ, गिरधारी फ्री फंड में तुमारी गांड बुरी तरह कूट के चला गया क्या उखाड़ लिया उसका, उसके दिए दर्द को मै ही तो सहला रहा हूँ |  
रीमा - हाँ तो बुला लिया था मेरी मर्जी ....,मेरा जिस्म है मुझे लगा उसे बुलाना चाहिए तो बुला लिया | मेरी मर्जी ने उसने मेरी गांड में लंड घुसेड़ा था तुमारी तरह चोर बनकर सोते समय नहीं | 
जितेश - मै चोर हूँ |
रीमा - नहीं असल में तुम जलनखोर हो | मैंने गिरधारी को अपनी गांड सौंप दी ये तुमसे बर्दास्त नहीं हुआ | तुमारे मर्दानगी को ठेस पहुची | इसलिए सोते हुए मेरी गांड मार कर गिरधारी का मुकाबला कर रहे थे क्योंकि तुम्हे पता था अपने होशो हवास में तुम्हे मै ऐसा करने नहीं दूँगी | 
जितेश भी उसी ताव में बोल गया - हाँ मुझे बुरा लगा, और लगना भी चाहिए | मुझे तुमारी परवाह है, मै तुमसे प्यार करता हूँ | 
रीमा - झूठ सरासर झूठ , कितनी परवाह करते हो वो तो साफ़ दिख रहा है | 
जितेश - अच्छा अब मै झूठा भी हो गया, तुम राह चलते किसी से भी गांड मरवा लो तो कुछ नहीं, मै अपनी दिल की ख्वाइश का इजहार भी कर दू तो झूठा, लापरवाह , हवस का दरिंदा | 
रीमा - मैंने ये तो नहीं कहा |
जितेश - मतलब तो यही था न | 
रीमा - तुम होते कौन हो मुझ पर इस तरह से हुकुम चलाने वाले | मै तुमारी गुलाम नहीं हूँ, मेरी जो मर्जी होगी वो करूंगी, तुम हो कौन तुमारा मेरा रिश्ता क्या है जो इतना हक़ जता रहे हो |
जितेश को ये बात चुभ गयी - ठीक है मै कोई नहीं, अजनबी हूँ फिर तुमारी परवाह क्यों करू, जैसा करोगी वैसा भुगातोगी | 

उसने रीमा की कमर ऊपर को उचकाते हुए - अपने चूतड़ ऊपर को उठावो | रीमा को पता था अगर वो उसकी बात नहीं मानती तो जितेश जबरदस्ती करता |



[Image: 269051061.jpg]



गुस्से और दर्द से भरी रीमा ने घुटनों के बल पर बिस्तर पर बैठ गई और उसने अपनी गांड को हवा में उड़ा दिया था | अब जितेश रीमा के ऊपर आ गया था और उसकी पीठ झुककर  किसी कुत्ते की तरह उसकी गांड में लंड ठूंस दिया | जितेश ने रीमा के चूतड़ को थामा और अपना लंड उसकी गांड में गहराई तक उतार दिया |  जितेश  कुत्ते की तरह उसे कुतिया बनाकर उसकी गांड को मारने लगा था | रीमा की आंखों में सचमुच में आंसू थे आखिर रीमा कहां से कहां पहुंच गई | उसके अंदर की  वासनाओं ने आज उसे सचमुच का जानवर बना दिया था | क्या वह सचमुच में इस तरह से कुत्तिया बन कर के किसी अनजान आदमी से अपनी गांड मरवाना चाहती थी | उसकी गांड की सुरंग की गहराइयों में एक अनजाने आदमी का मुसल लंड अंदर तक उसकी गहराइयों को न केवल नाप रहा था बस उसे मसल रहा था और कुचल रहा था | अपने बेतहाशा ठोकरों से उसके पूरे वजूद को हिलाए हुए पड़ा था  | रीमा को सचमुच में अंदर से ऐसा लगा जैसे रो पड़ेगी लेकिन जितेश की ठोकरें कम ही नहीं हो रही थी | वह तो दनादन  बढ़ती जा रही थी | जैसे-जैसे रीना का गांड का छेद नरम होकर फ़ैल गया था  पूरी तरह से खुल गया था वैसे-वैसे जितेश का लंड के अन्दर जाने की स्पीड भी बढ़ गई थी | अब तो बिल्कुल फरारी कार की टॉप स्पीड के  अंदाज में तेजी से सटासट रीमा की गांड में लंड पेला रहा था | उसके लंड की ठोकरे के साथ में ऐसा लग रहा था जैसे कोई रीमा से उसका वजूद...... उसका अस्तित्व उससे कोई छीन कर के लिए जा रहा हो | रीमा एक जिंदा लाश की तरह बन गई थी | कोई भी आ सकता है उसे लूट सकता है और उसको लूट भी रहा था | आखिर उसका अपना कोई वजूद नहीं है क्या वह बस अपनी वासना की दासी बनकर रह गई है और इसी तरह से अनजान लोगों के द्वारा अपने जिस्म को लूटने देना उसकी नियति बन गई है |अभी सुबह तक तो आपकी जो मर्जी से चुद रही थी तो अब किसी दूसरे की मर्जी से चोदने में क्या अंतर है | इस अंतर को नहीं समझ पा रही थी उसे लग रहा था जब तक वह अपनी ख्वाहिशों से  चुद रही है तब तक उसका खुद का अस्तित्व बना हुआ था लेकिन अब उसकी बिना ख्वाहिश के भी उसे कोई चोद रहा है तो उसे ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने उसका वजूद ही खत्म कर दिया हो | रीमा हीनता के बहुत गहरे अवसाद में थी और उसकी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी | जितेश  अपनी वासना में अँधा होकर उसके आंसुओं को नहीं देख पा रहा था | जितेश के अपने चौड़े मांसल चूतड़ों पर पड़ती उसके मुसल लंड की ठोकरों से रीमा कराह  रही थी |


[Image: 19459606.gif]



 उसके दर्द में वासना कम और दर्द ज्यादा था | वह दर्द शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ उससे ज्यादा मानसिक पीड़ा का था|  जितेश उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता है | वासना के रौ में बहकर करके मैंने जो गलती कर दी क्या जितेश ने उसे हकीकत मान लिया | आखिर जितेश उसे इस तरह इस हद तक गिरा हुआ कैसे समझ सकता है क्या मैं बस जितेश की लौंडी बनकर रह गई हैं जब चाहे जिस तरह से इस्तेमाल कर ले , उसके मन में मेरी मर्जी के खिलाफ मेरे जिस्म के अंदर घुसने का ख्याल भी कैसे आ गया आखिर जितेश के जानवर बन गया है क्या .. वासना ने उसे भी पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है क्सया रीमा कुछ भी समझ नहीं पा रही थी | वह बस नीचे की तरफ झुकी हुई बिस्तर में अपना मुंह छुपाए हुए दर्द  को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी जो लगातार उसे जितेश के लंड से उसकी गांड पर पड़ने वाली ठोकरों से मिल रहा था | 


रीमा - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माआआआआआआआआईईईईईईईईई रीईईईईईईईईईए चीईईईईएरररररररररर 

दादादादादादादाद्द्लालालालालाल |
रीमा - धीरेरेरेरेरेरेर करो जितेश, बहुत दर्द हो रहा है | 

[Image: 1590008070.jpg]


रीमा की कराहती आवाज से जितेश को और जोश आ गया | वो रीमा की दुखती गांड को बुरी तरह चीरने लगा | 
रीमा हर धक्के के साथ - जितेश मत करो बहुत दुःख रहा, आआह्ह्ह प्लीज रुको मत करो आआऐईईईईईईईईईई माआआआ दर्द्द्दद्द्द्दद हो रहा है | 
रीमा - आःह्ह्ह जितेश नहीं प्लीज जितेश नहीं रुको नहीं नहीं रुको  प्लीज दर्द हो रहा है प्लीज | 

इधर जितेश गुस्से में दनादन कमर हिला रहा था | रीमा ने उसे गुस्सा दिला दिया था | उसने मन में ठान ली थी अब और रीमा के नखरे बर्दाश्त नहीं करेगा | बिलखती है तो बिलखने दो, रोती है तो रोने दो, सिसकती है तो सिसकने दो, कराहती है तो कराहे, चीखती है तो चीखे वो नहीं रुकेगा | जितेश ने रीमा के चुताड़ो को उचका दिया और सटासट उसकी गांड में लंड पेलने लगा |


रीमा भी समझ गयी अब जितेश रुकने वाला नहीं है | उसे भीषण पीड़ा के दौर से गुजरना ही होगा | वो जितेश के बाहुबल के आगे कही नहीं टिकेगी | प्रतिरोध करे भी तो कैसे, कहाँ से लाये इतना नैतिक बल जो उसे जितेश की आक्रामक वासना के खिलाफ उसे खड़ा कर सके | उसके मन में किसी तरह की कोई खुशी नहीं थी उसकी आंखों में आंसू थे उसके साथ जो भी हो रहा था पता नहीं वह उसकी वासना की लाचारी थी या बेबसी थी लेकिन उसका मन इसकी गवाही नहीं दे रहा था लेकिन उसका जिस्म और परिस्थितियां कुछ ऐसी थी कि उसे वह सब करना पड़ रहा था | कहाँ वह खुशी-खुशी अपने अंदर की वासनाओं को पूर्ति करना चाहती थी लेकिन यहां अब वह अपनी वासनाओं की दासी बन गई थी, उसकी वासना ने उसे अपने जाल में फंसा लिया था |  अब वह चाहकर भी अपने आसपास होने वाली चीजों को रोक नहीं सकती थी आखिर किस मुंह से जितेश को रोके प्रतिरोध करे | 


रीमा जितेश के सामने गिडगिडाते हुए - प्लीज जितेश ऐसा मत करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है

जितेश-  कोई बात नहीं रीमा बेबी मैं आराम से  करूंगा |
रीमा - नहीं जितेश प्लीज प्लीज रुक जाओ सच में मुझे बहुत दर्द हो रहा है 
जितेश - मैडम थोड़ा बहुत दर्द तो होगा ही थोड़ा बर्दाश्त कर लो ना .....|
रीमा कराहती हुई मिन्नतें कर रही थी - प्लीज रुक जाओ ना जितेश.... प्लीज नहीं...... जितेश ऐसा मत करो .......प्लीज मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं तुम मेरी बात क्यों नहीं मान रहे हो...... प्लीज मुझे दर्द हो रहा है बहुत दर्द हो रहा है |
जितेश भी अपनी जिद पर अड़ा हुआ था -  मैडम दर्द तो तब भी हो रहा था जब गिरधारी आपकी गांड मार रहा था तब आपने उसे क्यों नहीं रोका प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो बस इतनी देर में हो जाएगा |
रीमा इनकार करती हुए -  नहीं जितेश प्लीज अपना लंड  बाहर निकाल लो मेरी गांड फट जाएगी मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं ...........प्लीज जितेश मेरी बात मान लो ..........प्लीज तुम मेरा क्यों रेप करने पर तुले हुए हो मैं नहीं चाहती तुम मेरी गांड मारो मुझे बहुत तकलीफ हो रही है , बहुत दुःख रही है |

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जितेश हलके हलके धक्के लगाता हुआ  - तकलीफ तो हो रही है तुमको मैं तो बस थोड़ा सा ही तो........... मैं थोड़ी सी मोहलत मांग रहा हूं.............थोड़ा और बर्दाश्त कर लो .............. इतनी देर गिरधारी से गांड मरवाई है थोड़ा और बर्दाश्त कर लो | 

जितेश अपनी कमर हौले हौले हिलाता हुआ - तब तुमको तकलीफ नहीं हो रही थी मैंने देखा कितनी बेतहाशा वो तुमारे चूतड़ों पर ठोकरे मार रहा था और अपना लंड पूरा का पूरा तुमारी गांड में घुसेड़े  दे रहा था | किस तरह से उसने तुमारी गांड का कचूमर निकाल दिया था |  मैंने अपनी आंखों से देखा है | उसकी ठोकर इतनी तेज होती थी कि  मेरा लंड अपने आप ही तुमारी चूत में घुस जाता था | 
 फिर मेरे हल्के हल्के झटकों से आपको क्या दिक्कत है मैडम थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो बस मेरी भी इच्छा है मेरी भी कुछ तो तमन्ना है मेरी छोटी सी तमन्ना ही तो थी और वह पूरी हो जाएगी  | 
जितेश अब वासना की गर्मी में नहाने लगा था - आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह  मैडम  कितनी कसी हुई आपकी गांड है | गिरधारी के द्वारा फ़ैलाने के बाद भी आपको छल्ला तो मानने को तैयार ही नहीं है | मेरे लंड की खाल को बिल्कुल नोच के रखे दे रहा है इतनी कसी हुई गांड है आपकी | मेरा तो दम निकला जा रहा है आपकी गांड में लंड पेलने  में |

रीमा को भी पता था जितेश नहीं मानेगा - प्लीज जितेश मान जाओ तुम मुझे बहुत तकलीफ दे रहे हो मेरी गांड बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगी प्लीज ऐसा मत करो |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 01-01-2020, 05:06 PM



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