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Adultery रीमा की दबी वासना
जितेश की जिंदगी में ज्यादा औरते आई नहीं और रीमा जैसी खूबसूरत तो बिलकुल नहीं | जितेश रीमा को लेकर सेंटीमेंटल हो गया था | वो इस तरह के माहौल में पला बढ़ा नहीं था जहाँ आदमी औरत कौन किसको चोद रहा है ये बात कोई मायने नहीं रखती हो | एक आदमी दो औरत , दो आदमी एक औरत ये सब उसके लेवल से बहुत ऊपर की बाते थी | भले ही उस वक्त वो रीमा को कुछ कह न पाया हो लेकिन उसके मन में मलाल तो था ही रीमा को गिरधारी के साथ शेयर करने का | यही मलाल उसे रीमा की सोते हुए गांड मारने पर मजबूर कर रहा था | वो भले ही रीमा के साथ सामान्य बनने की कोशिश कर रहा था लेकिन ये सब उसके लिए सामान्य नहीं था | उसकी ट्रेनिंग ऐसी थी की वो सब्र कर लेता था और अपने मन के भाव सामने नहीं आने देता था लेकिन रीमा उसके लिए पर्सनल हो गयी थी | वो उसके लिए सेंटीमेंटल हो गया था | यही भाव उसे इस वक्त रीमा की पिछली सुरंग में अपना लंड पेलने पर मजबूर कर रहा था | आखिर कोई कैसे रीमा के साथ वो कर सकता है जो उसने भी नहीं किया |  शायद जितेश के अंदर भी यही असुरक्षा थी कि रीमा उसकी है तो कोई दूसरा कैसे मजा ले सकता है आखिर कैसे रीमा ने उसके लीचड़ नौकर को अपनी गांड मारने की इजाजत दे दी थी | उसे तो  यह नहीं अच्छा लगा था हालांकि जितेश कुछ कर नहीं सकता था | इसलिए उसने कुछ कहा नहीं लेकिन अब सोती हुई रीमा की गांड मार रहा था | 

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 जितेश  ने अपने लंड पर जोर डाला | उसका लंड रीमा की गांड को चीरता हुआ अन्दर धंसने लगा | रीमा के जिस्म में धंसते मुसल लंड का दर्द फिर से जगने लगा | रीमा की गांड फिर से दर्द से सिसकने लगी | उसका ;लंड बस थोड़ा सा आगे बढ़ा था रीमा नीद में भी कसमसा कर रह गई थी शायद वो इतनी गहरी नींद में भी इस बात का एहसास कर गई थी कि उसके साथ कुछ गलत हो रहा है | उसके चेहरे पर दर्द की लकीरे उभर आई | जितेश का आधा लंड रीमा के चुताड़ो की दरार में गायब हो गया था |  रीमा के अंतर्मन में कहीं एहसास हो गया था कि कोई नुकीली चीज उसे चीरती हुआ अन्दर धंस रही है |  उसकी गांड  अभी भी दर्द से भरी हुई थी भले ही  अभी  उसका शरीर ठंडा पड़ा हुआ था | जितेश जहाँ था वही थम गया |  कुछ ही देर में रीमा सामान्य हो गई और फिर से उसकी सांसों की आवाजों से पता चलने लगा वह गहरी नींद में चली गई है जितेश ने  अपने लंड को हल्का सा बाहर निकाला लेकिन उसका सुपारा तो रीमा की गांड के कसे छल्ले में अटक गया था |  आगे जितेश ने हौले हौले कमर हिलाने में भलाई समझी | रीमा की कमर के ऊपर हल्के हल्के धक्के लगाने लगा था |


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जितेश  के धक्के अब आगे की तरफ बढ़ने लगे थे,  रीमा कब तक गहरी नींद में सोती रहती जब उसके पीछे से कोई मुसल लंड उसके  जिस्म में मुसल लंड पेल रहा था | जितेश का मोटा लंड रीमा को गांड के मुहाने को चीर अन्दर तक जा रहा था | आखिर कैसे न उसका जिस्म का अचेतन मन उसके चेतन मन को जगा देता | उसे भी एहसास हुआ, कुछ तो गड़बड़ है, आखिर उसके चुताड़ो में दर्द कैसा उभर रहा है , आखिर क्यों उसकी गांड का दर्द उसे फिर से सिसकने पर मजबूर किये दे रहा है | इधर जितेश था की अपनी सनक में अपनी जिद में रीमा की परवाह किये बिना उसके चुताड़ो को चीरता हुआ उसके जिस्म में घुसा जा रहा था | रीमा की कच्ची नीद टूट गयी  जैसे ही उसकी आंख खुली है उसे एहसास हुआ उसके पूरे जिस्म का कोना कोना दर्द के मारे और थकावट से चूर चूर हो रहा है | ऊपर से उसकी गांड में दर्द भी हो रहा था और वह दर्द उसके चूतड़ों और पिंडलियों जांघो में तक महसूस हो रहा था | उसे आँख खुलते ही अहसास हो गया आखिर माजरा क्या है | जितेश उसके चूतड़ थामे अपनी कमर का पूरा जोर उसके चुताड़ो पर लगा रहा है | उसने  जिदेस को अपने ऊपर पाया और उसके लंड को अपनी गांड में यह क्या है | आखिर जितेश कर क्उया रहा है बिना उसकी मर्सजी के बिना उसकी सहमती के आखिर जितेश उसके जिस्म में घुस कैसे सकता है |  जितेश की तरफ गर्दन घुमाकर कर देखा जो एक हाथ से उसके चूतड़ को और एक हाथ से उसके कंधे को थामे  उसके कानों पर अपनी गरम गरम सांसे छोड़ रहा था | 
रीमा हैरान परेशान, हाय जितेश तो मेरी गांड मार रहा है बिना मुझसे पूछे बिना मुझे बताये | आखिर ये हो क्या रहा है | क्या इसने भी मुझे रंडी ही बना दिया | रीमा ये क्या हो रहा है तुमारे साथ  | 
रीमा - जितेश यह क्या है | 
जितेश - वही जो तुम चाहती थी | 
रीमा गुस्से से - क्या चाहती थी, प्लीज निकालो इसे मुझे दर्द हो रहा है |
जितेश - वही जो तुम नीद में बडबडा रही थी, मुझे भींच कर अपनी तरफ खीच कर मांग रही थी | 
रीमा - आह्ह्ह्हीईईईईईइ जितेश दुःख रहा है |  
जितेश - मुझे माफ कर दो, लेकिन नीद में तुम यही तो मुझसे मांग रही थी | 
रीमा - बकवास मत करो, प्लीज रुक जावो, निकालो अपने लंड को मुझे दुःख रहा है | 
जितेश ने  कमर हिलानी बंद नहीं करी | रीमा की गांड सच में दुःख रही थी | 
रीमा - जितेश प्लीज .............रुक जावो मान जावो ....................बहुत दुःख रहा है | 
जितेश नहीं रुका | उसे पता था अभी रुक गया तो वो रीमा की गांड फिर नहीं मार पायेगा | रीमा अपनी बेबसी लाचारी पर रोने लगी | 
रीमा रोते हुए - कब मैंने कहा तुमसे ये करने के लिए | 
जितेश - झूठ मत बोलो |
रीमा - तो अब रुकने को कह रही हूँ मान जावो | आआआआअह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है | 
उसकी गांड सच में किसी नए जख्म की तरह दुःख रही थी | उसकी आंखे आंसुओं से डबडबा आई | आखिर वो क्या करे, कैसे रोके | लड़ भी तो नहीं सकती, हाथा पाई करे क्या, उसमे भी तो नहीं जीतेगी | आखिर जिसको अपना जिस्म सौंप दिया उससे हाथा पाई का क्या मतलब है | दर्द से सिसकती रीमा जितेश ने नीचे बिस्तर से चिपकी हुई थी |

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आखिर जितेश को अपने वासना के नशे में रीमा का ख्याल आया | रीमा की आंसू से भरी आँखे देखा कम से कम उसके अन्दर उससे झूठ बोलने की ग्लानी तो आई |
आखिर वो रीमा से झूठ कैसे बोल सकता है | उसे कम से कम सच तो बताना ही चाहिए |
जितेश - मुझे माफ़ कर दो रीमा बेबी मुझसे रहा नहीं गया था | बहुत कोशिश करी खुद को रोकने की लेकिन तुमारे जिस्म ने मुझे पागल बना दिया | मैंने तुमसे झूठ बोला था की तुमने नीद में अपनी गांड मारने के लिए कहा | प्लीज बेबी मुझे माफ़ कर दो | मुझसे खुद पर काबू नहीं हो रहा था | गिरधारी जब तुम्हारी गांड मार रहा था तो उसे देख  मैं पागल हो गया था | उसे देखकर मुझसे रुका नहीं गया |
रीमा - जितेश तुमने मुझसे झूठ भी बोला | आआआआह्ह ओह गॉड ये दुःख रहा है | 
जितेश - बेबी बस थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो , फिर सब ठीक हो जायेगा | मुझे पता है तुम्हे तकलीफ हो रही है लेकिन जितना खुद को रोक सकता था रोकने की कोशिश करी मैंने | 

रीमा दर्द  सिसकते हुए - आआआऐईईईईइरीईईईई  जितेश तुम्हें पता है मेरी गांड कितना दर्द कर रही है | 

जितेश - हां बेबी मैं जानता हूं लेकिन गिरधारी जो तुम्हारी गांड मार रहा था तो मुझे लग रहा था शायद कुछ अधूरा रह गया है मैं उसे ही पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं | 
रीमा - ओहोहोहो  जितेश तुम्हें एहसास भी है मुझे कितना तीखा दर्द हो रहा है, कितना दुःख रहा है | 
जितेश -  हां जानता हूं बेबी अब इसके बाद में कभी दर्द नहीं होगा | मैं तुमारी गांड के छल्ले को पूरी तरह से खोल दूंगा | 
रीमा - आआअईईई रिरिरिरिरिर्नरी नहीं जितेश तुम मेरी पहले से चिरी गांड के जख्मो को और गहरा कर रहे हो | तुम एक औरत के दर्द को कभी नहीं समझ पाओगे | 
जितेश - ऐसी बात नहीं है | 
जितेश की लगातार कमर हिल रही थी | 
रीमा - तुम मर्द हो बस पेलना जानते हो, कितना दर्द हो रहा है ऊहोहोहोहो ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़ गॉड गॉड माआआअय्य्यीईईईईरेरेरेरे |
जितेश - बेबी बस कुछ सेर और बर्दाश्त कर लो | 
रीमा - तुम मर्द कुछ नहीं समझते तुम्हे लंड के पेलने से मतलब है , किसी की दुखती गांड का दर्द क्या जानो | 
जितेश - अब जो हो गया सो हो गया प्लीज कुछ देर बर्दाश्त करो न | मैं क्या करूं तुमने मुझे पागल कर दिया है तुमने मुझे अपना दीवाना बना लिया है | जब मैंने गिरधारी को तुम्हारी गांड को इस तरह से बेशर्मी से लंड पेलते हुए देखा तो मुझे बहुत दुख हुआ था | इसीलिए मैं प्यार से तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं और तुम्हें गांड मारने का  सुख देना चाहता हूं जिसकी तुम्हें शायद तलाश थी बेबी | 
रीमा - नहीं जितेश मेरी गांड अभी बहुत दुख रही है प्लीज अपना लंड बाहर निकाल लो बेबी  |
जितेश - रीमा बेबी अब मैं लंड को तो बाहर नहीं निकाल सकता प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो......... तुम्हें भी बड़ा मजा आएगा | मैंने इसीलिए ढेर सारी क्रीम तुम्हारी गांड में उड़ेल दी है ताकि तुम्हें किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो | तुमारे गांड के छल्ले को तो किसी ने किसी दिन फैलना ही था | वर्ना जब ही यदा कदा लंड जायेगा तो ऐसे ही दुखेगी | जब लगातार दो बार मुसल लंड की ठोकरें पड़ेगी तो  तुमारी गांड हमेशा के लिए हर तरह का लंड को लेने की आदी हो जाएगी | फिर चाहे जीतनी गाड़ मरवाना कभी नहीं दुखेगी | 
रीमा - नहीं जितेश अभी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा  है, बहुत दर्द कर रहा है प्लीज मत करो  | 
जितेश ने और गहराई तक लंड पेलते हुआ -  जानता हूं  बेबी ....... बस थोड़ी देर और बर्दाश्त कर लो उसके बाद में सब ठीक हो जाएगा, बस थोड़ा सा | 
रीमा -  नहीं जितेश प्लीज बहुत दर्द  हो रहा है प्लीज रुक जाओ | 
जितेश - बेबी मेरी जान प्लीज बस कुछ देर और बस कुछ देर और दर्द भरी गांड में लंड ले लो , बर्दाश्त कर लो उसके बाद में तुम अपनी गांड में चाहे जितना बड़ा मोटा लंड लेना हो ले लेना  बिल्कुल दर्द नहीं होगा | ये बस एक बार की तकलीफ है,  एक बार अपनी गांड पूरी तरह से रवां हो जाने दो बस इसके बाद तुम्हारी गांड में कभी कोई तकलीफ नहीं होगी |
रीमा - अभी मुझसे बर्दाश्त के बाहर है प्लीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज् जितेश हहह्हहहह्हहाईईईईईईईईई रेरेरेरेरेरेरेरे | 

जितेश हालात को सँभालने की कोशिश बहुत कर रहा था लेकिन रीमा की हालत देखकर अब उसे भी लगने लगा था उसे थमना न पड़ जाए | जितेश ने आखिरी कोशिश करी - बेबी बस एक बार बर्दास्त कर लो, पहली बार जब चूत चुदती है तो उसके फटने पर भी दर्द होता है न | उसके बाद जिंदगी भर के मजे | बेबी मै बोल रहा हूँ थोड़ी सी हिम्मत रखो, बस एक बार तुमारी गांड के कपाट खुल जाये अच्छे से, फिर मनचाहा लंड घोटती रहना | तुम्हे पता है बेबी आर्मी में हमें पहले छ महीने इतना रगड़ के ट्रेनिंग करायी जाती है पूछो मत |  लगता है अब निपट गए तब निपट गए | हर दिन किसी नरक की तरह होता है, उन पहले 6 महीनो में हमें रगड़ कर इतना मजबूत कर देते है की पूछो मत | वो शुरुआत की ट्रेनिंग इतनी तकलीफदेह होती है की बर्दाश्त करना मुश्किल होता है | पता है जब हम यहाँ से जाते है तो हमारा शरीर उतना कठिन मेहनत का आदि नहीं होता इसलिए ज्यादा तकलीफ होती है | एक बार वो ट्रेनिंग कम्पलीट हो गयी फिर जिंदगी भर मुश्किलों से जूझने के काम आती है | समझ लो तुमारी गांड की आर्मी स्टाइल ट्रेनिंग हो रही है | जितना ज्यादा दर्द से गुजर अपनी गांड मसलाओगी, उतना ही आगे चलकर तुमारी गांड लंड लेने के लिए मजबूत हो जाएगी | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 01-01-2020, 05:05 PM



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