01-01-2020, 05:00 PM
सुबह-सुबह दो बड़े बड़े मुसल लंडो की हाहाकारी चौतरफा चुदाई के बाद में रीमा पूरी तरह से निचुड़ गई थी | भारी थकावट से गहरी नींद में सो रही थी लेकिन एक गहरी नीद लेने के बाद जितेश की आंख खुल गई | कोकीन के नशे का सुरूर उतर चूका था | उसका सर भारी हो रहा था | रीमा उसके पड़ोस में उल्टा लेटी हुई थी | उसका सर बिस्तर में धंसा हुआ था और उसके हाथ भी बिस्तर में ही फंसे हुए थे पेट के बल बिस्तर से चिपकी हुई बहुत गहरी नीद में सो रही थी | चेहरे और पीठ पर बिखरे बाल, गोरी चिकनी पीठ और उठे हुए चौड़े मांसल चूतड़, गोरी चिकनी जांघे, रीमा अभी भी उसे उतनी ही मादक और कामुक लग रही थी जितना उसने सोने से पहले लग रही थी |
उसकी मांसल गुदाज गोरी जांघो और चौड़े मांसल चुताड़ो की दो गुलाबी उठान अपनी दरार घाटी में रीमा के जिस्म के करिश्माई सुरंगे छिपा रखी थी |
![[Image: IMAG04861.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-ou9Rxesr5xY/XfaPo8gtX0I/AAAAAAAAClA/gXEOLZDD0uEdFAsyP91FXCmbRg2LNDC7wCLcBGAsYHQ/s1600/IMAG04861.jpg)
जितेश उठा फ्रेश हुआ और फिर आकर बिस्तर पर लेट गया | उसका हाथ अनायास ही रीमा की पीठ पर चला गया | और उसकी पीठ सहलाते सहलाते उसके चुताड़ो को सहलाने लगा | उसके दिमाग में जमकर कूटी गयी रीमा की गांड को देखने की दिलचस्पी होने लगी |
उसने गिरधारी को रीमा की कसी गुलाबी गांड का जबरदस्त तरीके से बाजा बजाते देखा था | तभी से उसके मन में एक भावना जग गयी थी जैसे गिरधारी ने एक ऐसा अनमोल खजाना लूट लिए जिस पर पहला हक़ शायद उसका था सिर्फ उसका | वो अन्दर ही अन्दर इस बात के लिए अभी भी कुढ़ रहा था कि वो दो टके का नीच आदमी गिरधारी रीमा जैसी अप्सरा जैसे हुस्न और जिस्म की मालकिन औरत की गांड का सारा मजा लूट ले गया | उससे ये बात बर्दाश्त नहीं हो रही थी | पिछले कुछ दिन से उसने रीमा को संभाला है, उसके जख्मो की उसने मरहम पट्टी करी है, उसने उसे नहलाया है खिलाया है, उसका दिल बहलाया है, उसका हर ख्याल रखा है | इसीलिए उसने भी उसे अपना सब कुछ सौंप दिया | उसका हक़ बनता है रीमा के जिस्म को भोगने का क्योंकि वो ही तो उसका ख्याल रख रहा है | उसी ने उसके लिए खतरा उठाया है | ये गिरधारी भोसड़ी वाला मौके पर आकर सीधे छक्का मार गया | न लेना एक था न देना दो और फ्री में रीमा की गुलाबी गांड की मलाई चाट गया | नहीं रीमा सिर्फ उसकी है सिर्फ उसकी, जो हुआ सो हुआ लेकिन गिरधारी को वो इस तरह से जीतने नहीं देगा | साला जिंदगी भर गिरधारी उसे चिढ़ायेगा की उसकी बजाय रीमा ने उसे अपनी गांड मारने को दी | वो लीचड़ तो मेरा दिमाग खा जायेगा, उस लीचड़ को औकात में रखना ही होगा | साला रीमा की गांड मार कर उसकी जुबान कितनी कैची की तरह चलने लगी | साला मेरा कुत्ता मुझे ही आँख दिखाने लगा | वो साला मुझे क्या आंख दिखायेगा, उसे मै इस लायक छोडूंगा ही नहीं | जिस चीज के लिए वो उछाल रहा है वो चीज मै भी हासिल करूंगा ताकि उसको जवाब दे सकू | साला अकेला रीमा की कसी गुलाबी गांड के मजे नहीं ले सकता |
गिरधारी की इर्ष्या में जितेश को न जाने कौन सा नशा चढ़ गया | जब से उसने गिरधारी को रीमा की गांड मारते हुए देखा था तब से अंदर ही अन्दर कुढा जा रहा था | उसे गिरधारी से तो हर हाल में आगे ही रहना था हर मामले में इसीलिए उसका मन भी मचलने लगा था उसे शायद लग रहा था गिरधारी जो खजाना लूट ले गया है उसे लूटने से वह वंचित रह गया है | वो रीमा के चूतड़ सहला रहा था | और उसकी गुलाबी गांड के उस कसे हुए छल्ले को देख रहा था, जो सुबह ही अपने जीवन के सबसे मोटा लंड से चीरा गया था | उसे रीमा की गांड में बहुत दिलचस्पी होने लगी थी | आखिर कुछ देर तक हो यही सब सोचकर लेटा रहा |
![[Image: 1287073013.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-7cIwRphVVg4/Xf5hQBlvJtI/AAAAAAAACoM/zBdrfJX_1sMT4BR7Bs7ZK0tjhFO1Z2TRACLcBGAsYHQ/s1600/1287073013.jpg)
फिर उसने सीधे होते तनते लंड की तरफ देखा उसके अंदर शायद यही ख्वाहिश थी जो उसके मन में चल रहा था | आखिरकार उसने हिम्मत करके धीरे से रीमा को अपनी बाहों में जकड़ के बाएं दाएं करवट लिटा दिया अब वह ठीक रीमा के पीछे आ गया था | उसने अपने जिस्म को रीमा के जिस्म से चिपका लिया था उसने रीमा के घुटने थोड़े से मोड दिए थे | अब उसके भारी-भरकम ऊंचे ऊंचे चूतड़ों के उठान उसके बिल्कुल लंड के करीब आ गई थी वह पीछे से ही रीमा को बाहों में भर कर उसके बड़े बड़े मांसल उठे हुए उरोजों को मसलने लगा था | रीमा बहुत गहरी नींद में सो रही थी और उसे कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था | जितेश ने गौर से रीमा के जिस्म को देखा | बड़े बड़े ऊंचे ऊंचे चौड़े चूतड़ों की घाटी में छिपा हुआ उसका गुलाबी गांड का छेद की कसावट में वो सख्ती नहीं बची थी बल्कि उंगली तो आराम से घुस रही थी | इससे पहले रीमा ने कभी दो लंडो की तो छोड़ो एक लंड से भी कभी ढंग से चुदाई नहीं करी थी | आज जितेश उसे दो बार बेतहाशा चोद चुका था | ऊपर से गिरधारी के साथ में मिलकर उसने रीमा की गुलाबी संकरी सुरंगों को जो चौड़ा किया है | रीमा के देह में न तो जान बची थी न ताकत | उसका शरीर गहरी थकावट से चूर होकर गहरी नींद में सो रहा था | जोश में आकर के वासना की हवस में डूब कर के कुछ भी कर डालना एक अलग बात है लेकिन हर चीज का एक साइड इफेक्ट होता है उसमें जोश में वासना में डूब कर 2 लंडो को से चुदने के लिए हामी तो भर दी | लेकिन उसकी तो एक लंड से ही चीखे उबल पड़ती थी यहाँ तो दो दो मोटे तगड़े मुसल लंड, रीमा का बदन न तो ऐसी चुदाई का अभ्यस्त था न ऐसी ठोकरे बर्दास्त करने के काबिल | ऐसी चुदाई के लिए धीरे धीरे जिस्म को उसका आदी बनाना पड़ता है | यहाँ दो लंडो की चुदाई तो छोड़ो रीमा को नियमित रूप से रोज चुदने की आदत नहीं थी | यहां पर तो दो दो मुसल लंडो की भीषण ठोकरें थी जिसकी वजह से उसका पूरा बदन सर से लेकर कमर तक सब कुछ झटको से हिल गया था | वह उसका शरीर बहुत ही गहरी थकान में से भर गया था और इसीलिए वह बहुत गहरी नींद में सो गई थी लेकिन उसकी चूत और गांड के छेद को देखकर लग रहा था जैसे कि उन पर किसी ने बड़े-बड़े लंड उसे काफी घनघोर ठुकाई करी हो |
जितेश से रहा नहीं जा रहा था, धीरे धीरे उसके विवेक को उसकी वासना और इर्ष्या हरे ले रही थी |
उसकी मांसल गुदाज गोरी जांघो और चौड़े मांसल चुताड़ो की दो गुलाबी उठान अपनी दरार घाटी में रीमा के जिस्म के करिश्माई सुरंगे छिपा रखी थी |
![[Image: IMAG04861.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-ou9Rxesr5xY/XfaPo8gtX0I/AAAAAAAAClA/gXEOLZDD0uEdFAsyP91FXCmbRg2LNDC7wCLcBGAsYHQ/s1600/IMAG04861.jpg)
जितेश उठा फ्रेश हुआ और फिर आकर बिस्तर पर लेट गया | उसका हाथ अनायास ही रीमा की पीठ पर चला गया | और उसकी पीठ सहलाते सहलाते उसके चुताड़ो को सहलाने लगा | उसके दिमाग में जमकर कूटी गयी रीमा की गांड को देखने की दिलचस्पी होने लगी |
उसने गिरधारी को रीमा की कसी गुलाबी गांड का जबरदस्त तरीके से बाजा बजाते देखा था | तभी से उसके मन में एक भावना जग गयी थी जैसे गिरधारी ने एक ऐसा अनमोल खजाना लूट लिए जिस पर पहला हक़ शायद उसका था सिर्फ उसका | वो अन्दर ही अन्दर इस बात के लिए अभी भी कुढ़ रहा था कि वो दो टके का नीच आदमी गिरधारी रीमा जैसी अप्सरा जैसे हुस्न और जिस्म की मालकिन औरत की गांड का सारा मजा लूट ले गया | उससे ये बात बर्दाश्त नहीं हो रही थी | पिछले कुछ दिन से उसने रीमा को संभाला है, उसके जख्मो की उसने मरहम पट्टी करी है, उसने उसे नहलाया है खिलाया है, उसका दिल बहलाया है, उसका हर ख्याल रखा है | इसीलिए उसने भी उसे अपना सब कुछ सौंप दिया | उसका हक़ बनता है रीमा के जिस्म को भोगने का क्योंकि वो ही तो उसका ख्याल रख रहा है | उसी ने उसके लिए खतरा उठाया है | ये गिरधारी भोसड़ी वाला मौके पर आकर सीधे छक्का मार गया | न लेना एक था न देना दो और फ्री में रीमा की गुलाबी गांड की मलाई चाट गया | नहीं रीमा सिर्फ उसकी है सिर्फ उसकी, जो हुआ सो हुआ लेकिन गिरधारी को वो इस तरह से जीतने नहीं देगा | साला जिंदगी भर गिरधारी उसे चिढ़ायेगा की उसकी बजाय रीमा ने उसे अपनी गांड मारने को दी | वो लीचड़ तो मेरा दिमाग खा जायेगा, उस लीचड़ को औकात में रखना ही होगा | साला रीमा की गांड मार कर उसकी जुबान कितनी कैची की तरह चलने लगी | साला मेरा कुत्ता मुझे ही आँख दिखाने लगा | वो साला मुझे क्या आंख दिखायेगा, उसे मै इस लायक छोडूंगा ही नहीं | जिस चीज के लिए वो उछाल रहा है वो चीज मै भी हासिल करूंगा ताकि उसको जवाब दे सकू | साला अकेला रीमा की कसी गुलाबी गांड के मजे नहीं ले सकता |
गिरधारी की इर्ष्या में जितेश को न जाने कौन सा नशा चढ़ गया | जब से उसने गिरधारी को रीमा की गांड मारते हुए देखा था तब से अंदर ही अन्दर कुढा जा रहा था | उसे गिरधारी से तो हर हाल में आगे ही रहना था हर मामले में इसीलिए उसका मन भी मचलने लगा था उसे शायद लग रहा था गिरधारी जो खजाना लूट ले गया है उसे लूटने से वह वंचित रह गया है | वो रीमा के चूतड़ सहला रहा था | और उसकी गुलाबी गांड के उस कसे हुए छल्ले को देख रहा था, जो सुबह ही अपने जीवन के सबसे मोटा लंड से चीरा गया था | उसे रीमा की गांड में बहुत दिलचस्पी होने लगी थी | आखिर कुछ देर तक हो यही सब सोचकर लेटा रहा |
![[Image: 1287073013.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-7cIwRphVVg4/Xf5hQBlvJtI/AAAAAAAACoM/zBdrfJX_1sMT4BR7Bs7ZK0tjhFO1Z2TRACLcBGAsYHQ/s1600/1287073013.jpg)
फिर उसने सीधे होते तनते लंड की तरफ देखा उसके अंदर शायद यही ख्वाहिश थी जो उसके मन में चल रहा था | आखिरकार उसने हिम्मत करके धीरे से रीमा को अपनी बाहों में जकड़ के बाएं दाएं करवट लिटा दिया अब वह ठीक रीमा के पीछे आ गया था | उसने अपने जिस्म को रीमा के जिस्म से चिपका लिया था उसने रीमा के घुटने थोड़े से मोड दिए थे | अब उसके भारी-भरकम ऊंचे ऊंचे चूतड़ों के उठान उसके बिल्कुल लंड के करीब आ गई थी वह पीछे से ही रीमा को बाहों में भर कर उसके बड़े बड़े मांसल उठे हुए उरोजों को मसलने लगा था | रीमा बहुत गहरी नींद में सो रही थी और उसे कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था | जितेश ने गौर से रीमा के जिस्म को देखा | बड़े बड़े ऊंचे ऊंचे चौड़े चूतड़ों की घाटी में छिपा हुआ उसका गुलाबी गांड का छेद की कसावट में वो सख्ती नहीं बची थी बल्कि उंगली तो आराम से घुस रही थी | इससे पहले रीमा ने कभी दो लंडो की तो छोड़ो एक लंड से भी कभी ढंग से चुदाई नहीं करी थी | आज जितेश उसे दो बार बेतहाशा चोद चुका था | ऊपर से गिरधारी के साथ में मिलकर उसने रीमा की गुलाबी संकरी सुरंगों को जो चौड़ा किया है | रीमा के देह में न तो जान बची थी न ताकत | उसका शरीर गहरी थकावट से चूर होकर गहरी नींद में सो रहा था | जोश में आकर के वासना की हवस में डूब कर के कुछ भी कर डालना एक अलग बात है लेकिन हर चीज का एक साइड इफेक्ट होता है उसमें जोश में वासना में डूब कर 2 लंडो को से चुदने के लिए हामी तो भर दी | लेकिन उसकी तो एक लंड से ही चीखे उबल पड़ती थी यहाँ तो दो दो मोटे तगड़े मुसल लंड, रीमा का बदन न तो ऐसी चुदाई का अभ्यस्त था न ऐसी ठोकरे बर्दास्त करने के काबिल | ऐसी चुदाई के लिए धीरे धीरे जिस्म को उसका आदी बनाना पड़ता है | यहाँ दो लंडो की चुदाई तो छोड़ो रीमा को नियमित रूप से रोज चुदने की आदत नहीं थी | यहां पर तो दो दो मुसल लंडो की भीषण ठोकरें थी जिसकी वजह से उसका पूरा बदन सर से लेकर कमर तक सब कुछ झटको से हिल गया था | वह उसका शरीर बहुत ही गहरी थकान में से भर गया था और इसीलिए वह बहुत गहरी नींद में सो गई थी लेकिन उसकी चूत और गांड के छेद को देखकर लग रहा था जैसे कि उन पर किसी ने बड़े-बड़े लंड उसे काफी घनघोर ठुकाई करी हो |
जितेश से रहा नहीं जा रहा था, धीरे धीरे उसके विवेक को उसकी वासना और इर्ष्या हरे ले रही थी |


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