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Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
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जब टीवी पर अपर्णा ने न्यूज़ देखी तो उसके पाँव के नीचे से तो ज़मीन ही निकल गयी. रोंगटे खड़े हो गये उसके न्यूज़ सुन कर. साइको के एक एक बोल ने उसकी रूह को काँपने पर मजबूर कर दिया.
 
बेटा कही मत जा तू थोड़े दिन. बस यही घर पर ही रहो.” अपर्णा की मम्मी ने कहा.
 
हां बेटा तुम्हारी मम्मी ठीक कह रही है. जब तक ये वाहसी दरिन्दा पकड़ा नही जाता तुम घर पर ही रहो. रोज ऑफीस आने जाने में तुम्हारी जान को ख़तरा रहेगा.” अपर्णा के दादी ने कहा.
 
आशुतोष सुबह जब दिन निकलने लगा था तो हवलदारो को चोकस करके जीप में ही शो गया था. 24 घंटे की ड्यूटी थी. थोड़ी नींद भी ज़रूरी थी.पर सादे 9 बजे वो बिल्कुल तैयार था अपर्णा के साथ ऑफीस जाने के लिए. वो इंतजार करता रहा. 10 बज गये तो उसने घर की बेल बजाई. अपर्णा के दादी ने दरवाजा खोला.
 
क्या अपर्णा जी आज ऑफीस नही जाएँगीआशुतोष ने कहा.
 
नही बेटा अब वो ऑफीस नही जाएगी. मैं अपनी बेटी को खोना नही चाहता.” अपर्णा के पिता की आँखे नम हो गयी.
 
क्या बात है आप परेशान क्यों लग रहे हैं.” आशुतोष ने पूछा.
 
तुम्हे नही पता कुछ भी? ओह हां तुम तो बाहर बैठे रहते हो. आओ टीवी पर न्यूज़ देखो, सब समझ जाओगे.”
 
आशुतोष अंदर गया. सोफे पर टीवी के सामने अपर्णा अपनी मम्मी के कंधे पर सर रख कर बैठी थी. आशुतोष ने जब टीवी पर न्यूज़ देखी तो उसके होश उड़ गये. खँडहर का पूरा दृश्य दिखाया जा रहा था. लेकिन जब साइको ने अपर्णा के बारे में बोलना शुरू किया तो आशुतोष आग बाबूला हो गया.
 
ये कमीना ऐसा सोच भी कैसे सकता है. मैं उसका खून पी जाउन्गा.” आशुतोष चिल्लाया.
 
अपर्णा, अपर्णा के दादी और मम्मी तीनो हैरान रह गये आशुतोष के रिक्षन पर.
 
मेरे होते हुए आपको कुछ नही होगा अपर्णा जी. आप तक पहुँचने से पहले उसे मुझसे टकराना होगा. जब तक मैं जींदा हूँ वो अपने इरादो में कामयाब नही हो सकता.” आशुतोष ने अपर्णा की ओर देखते हुए कहा.
 
अनायास ही अपर्णा को रात का सपना याद गया जिसमे उसने आशुतोष को मरते देखा था अपने लिए. कुछ कहना चाहती थी आशुतोष को पर कुछ बोल नही पाई. शायद अपने मम्मी, पापा की उपस्थिति के कारण चुप रही. मगर उसने एक बार बहुत प्यार से देखा आशुतोष की तरफ और गहरी साँस ले कर अपनी आँखे बंद कर ली.
 
आशुतोष ने अपर्णा की आँखे पढ़ने की कोशिश तो की मगर वो कुछ समझ नही पाया. “क्या था इन म्रिग्नय्नि सी आँखो में जो मैं समझ नही पाया. आँखो की भाषा क्यों नही सीखी मैने.” आशुतोष सोच में पड़ गया.
 
मुझे नींद रही है. मैं सोने जा रही हूँ. रात भर ठीक से शो नही पाईअपर्णा ने कहा और उठ कर वहाँ से चल दी.
 
आपकी इज़ाज़त हो तो, क्या मैं अपर्णा जी से अकेले में कुछ बात कर सकता हूँ.” आशुतोष ने अपर्णा के डेडी से पूछा.
 
यही रोक लेते उसे, अब तो वो चली गयी.” अपर्णा के दादी ने कहा.
 
बहुत इम्पोर्टेन्ट बात है प्लीज़.” आशुतोष ने फिर रिक्वेस्ट की.
 
ओके चले जाओ, अभी तो वो अपने कमरे में पहुँची भी नही होगी.”
 
अपर्णा का कमरा फर्स्ट फ्लोर पर था. और वो सीढ़िया चढ़ रही थी. आशुतोष दौड़-ता हुआ आया और बोला, “आप बिल्कुल चिंता ना करो, मैं हूँ ना.”
 
थॅंकआइयू, मैं खुद को संभाल सकती हूँ. तुम अपना ख्याल रखना आशुतोष.” अपर्णा सीढ़ियाँ चढ़ कर अपने कमरे में गयी और अपना दरवाजा बंद कर लिया.
 
आशुतोष भी तो गया सीढ़ियाँ चढ़ कर उपर. पर दरवाजा खड़काने की हिम्मत नही जुटा पाया. गया वापिस अपना सा मूह लेकर. “अपना ख्याल रखने को क्यों कहा अपर्णा जी ने मुझे. क्या उन्हे मेरी चिंता है. नहीनही शायद उन्होने ऐसे ही कह दिया होगा. वो मेरी फिकर क्यों करेंगी. मैं भी बिल्कुल पागल हूँ. छोड़ दे प्यार के सपने और अपनी पुरानी जिंदगी में वापिस लौट जा. प्यार व्यार अपनी किस्मत में नही है.”
 
आशुतोष घर से बाहर गया. उसने सभी कॉन्स्टेबल्स को हिदायत दी की हर वक्त बिल्कुल सतर्क रहें.
 
मैने किसी को भी लापरवाही करते देखा तो देख लेना, मुझसे बुरा कोई नही होगा.” आशुतोष ने कहा.
 
आशुतोष वापिस घर के बाहर खड़ी अपनी जीप में बैठ गया. “अब इस साइको ने हद कर दी है. अपर्णा जी के बारे में ऐसी बाते बोली. जींदा नही छोड़ूँगा कामीने को, बस मिल जाए एक बार वो मुझे.”
 
मगर बार-बार आशुतोष की आँखो के सामने वो दृश्य घूम रहा था जब अपर्णा बड़े प्यार से उसे देख रही थी. “कुछ तो था उन मृज्नेयनी सी आँखो में. काश समझ पाता मैं.”
 
गौरव थाने से निकल ही रहा था कि सामने से एस पी साहिबा गयी.
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RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 01-01-2020, 04:56 PM



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