01-01-2020, 04:54 PM
"वो मंदिर नही खँडहर है मेरे भाई...मतलब ज़रूर कुछ गड़बड़ है. भोलू चलो जल्दी" गौरव ने कहा.
"क्या मैं भी चल सकता हूँ आपके साथ?" सौरभ ने कहा.
"आ जाओ...कोई दिक्कत की बात नही है." गौरव ने कहा.
सौरभ ने बायक वही सड़क के किनारे खड़ी कर दी और जीप में बैठ गया.
गौरव ने पूरी स्पीड से जीप सड़क पर दौड़ा दी.
गौरव कुछ ही देर में सौरभ और भोलू के साथ उस पुराने मंदिर में पहुँच गया. उसने जीप पार्क की मंदिर के सामने और अपनी पिस्टल निकाल ली. पिस्टल हाथ में ताने वो खँडहर में घुस गया.
खँडहर में काई अलग अलग टूटे हुए कमरे थे जिनकी दीवारे तो थी मगर छत नही थी. गौरव ने एक एक करके सभी तरफ देखा.
“भोलू टॉर्च देना मुझे.” गौरव को शायद कुछ दिखा एक टूटे कमरे में.
भोलू ने टॉर्च गौरव को पकड़ा दी. गौरव ने जब टॉर्च जला कर कमरे की तरफ की तो सभी के होश उड़ गये.
“हे भगवान .” तीनो के मूह से यही निकलता है.
गौरव तुरंत ए एस पी साहिबा को फोन मिलाता है. रात के सादे तीन हो रहे थे. अंकिता गहरी नींद में सोई थी.
“उफ्फ किसका फोन है इस वक्त.” अंकिता ने फोन की तरफ हाथ बढ़ाया.
“सॉरी मेडम आपको इस वक्त डिस्टर्ब कर रहा हूँ.”
“क्या बात है, गौरव?” अंकिता ने पूछा.
“आप तुरंत यहाँ आ जाइए. बहुत भयानक मंज़र क्रियेट किया है साइको ने.” गौरव उसे वो सब बताता है जो कि उसने देखा.
अंकिता तुरंत तैयार हो कर खँडहर की तरफ निकल देती है. उसके साथ चार कॉन्स्टेबल्स भी होते हैं. कुछ ही देर में अंकिता वहाँ पहुँच जाती है.
जब अंकिता अपनी आँखो से सब देखती है तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. साइको ने निशा का सर काट कर रामू के सर पर लगा रखा था और रामू का सर काट कर निशा के सर पर लगा रखा था. दोनो लाशो को उसने दीवार के साहारे खड़ा कर रखा था. दीवार पर लिखा था “दो पापी, निशा और रामू आपके सामने हैं. दे आर प्राउड विक्टिम ऑफ माय आर्टिस्टिक मर्डर.”
“जीसस…दिस साइको ईज़ शिज़ोफ्रेनिक” अंकिता कहती है.
“मेडम, जब मैं इसे पकडूँगा तो थाने नही लाऊंगा. इसका एनकाउंटर करूँगा मैं.” गौरव ने कहा.
“क्या बकवास कर रहे हो. मेरे सामने ऐसी बात मत करना कभी. हमें जो भी करना है क़ानून के दायरे में करना है.” अंकिता भड़क गयी गौरव की बात सुन कर.
“कौन सा क़ानून मेडम, इसी क़ानून का सहारा ले कर छ्छूट जाते हैं ऐसे लोग. वो पॉलिटीशियन का लड़का जिसे मैने रेप के केस में अंदर किया था आज आज़ाद घूम रहा है. जिसका रेप हुआ था उसने स्यूयिसाइड कर ली है. क्या इंसाफ़ दिया हमने उस बेचारी को. उसे मैं जैल में डालने की बजाए गोली मार देता तो कुछ तो इंसाफ़ मिलता उस बेचारी को.”
“शट अप आइ से, सब तुम्हारी तरह सोचेंगे तो लॉ एन्ड ऑर्डर की धज़ियाँ उड़ जाएँगी. मेरे सामने ऐसी बाते कभी मत करना.”
“नही करूँगा पर आप खुद सोच कर देखो. क्या ऐसा घिनोना काम कोई इंसान कर सकता है. वो इंसान नही है मेडम. उस पर क़ानून लागू नही होता. जानवर है वो, हैवान है. ऐसे जानवरो को गोली मारनी चाहिए सीधा सर में. मोका नही देना चाहिए कोई भी.”
“तुम जज्बाती हो रहे हो…बाद में बात करेंगे.” अंकिता ने बात को ख़तम करना सही समझा.
“पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो दोनो बॉडीस को” अंकिता ने कहा.
“क्या तुमने उस ब्लॅक स्कॉर्पियो का नंबर नोट किया सौरभ.” गौरव ने सौरभ से पूछा.
“नही, मैने इस बात पर गौर ही नही किया कि ऐसा हो सकता है.” सौरभ ने कहा.
“बाहर में जिस-जिस के नाम भी ब्लॅक स्कॉर्पियो है उनका पता करो. ये बहुत इम्पोर्टेन्ट क्लू है हमारे लिए” अंकिता ने कहा.
“जी मेडम. मैं भी यही सोच रहा था.” गौरव ने कहा.
“टॉर्च दो मुझे.” अंकिता ने कहा.
गौरव ने टॉर्च अंकिता को पकड़ा दी.
अंकिता ने बहुत बारीकी से बॉडीस को एग्ज़ॅमिन किया. “खून उसने कही और किया और बॉडीस यहाँ ला कर सज़ा दी. वो तो अपर्णा को माँग रहा था निशा के बदले में. अभी उसकी दी हुई मोहलत भी पूरी नही हुई थी. आख़िर ये साइको चाहता क्या है.” अंकिता ने कहा.
“पागल है वो मेडम. और पागलो को समझा नही जा सकता.” गौरव ने कहा.
“चलो फिलहाल इन बॉडीस को पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो. और हां ध्यान रखना ये न्यूज़ मीडीया में लीक ना हो जाए. सनसनी फैल जाएगी बाहर में. लोग वैसे ही बहुत डरे हुए हैं.”
“मैं ध्यान रखूँगा मेडम?” गौरव ने कहा.
“एक काम करो सभी पोलीस कॉंटरों रूम को अलर्ट कर दो इस ब्लॅक स्कॉर्पियो के बारे में.” अंकिता ने कहा.
“ऑलरेडी कर दिया है. अब खुद भी एक राउंड पर निकल रहा हूँ.”
“गुड. कीप इट अप” अंकिता ने कहा.
"क्या मैं भी चल सकता हूँ आपके साथ?" सौरभ ने कहा.
"आ जाओ...कोई दिक्कत की बात नही है." गौरव ने कहा.
सौरभ ने बायक वही सड़क के किनारे खड़ी कर दी और जीप में बैठ गया.
गौरव ने पूरी स्पीड से जीप सड़क पर दौड़ा दी.
गौरव कुछ ही देर में सौरभ और भोलू के साथ उस पुराने मंदिर में पहुँच गया. उसने जीप पार्क की मंदिर के सामने और अपनी पिस्टल निकाल ली. पिस्टल हाथ में ताने वो खँडहर में घुस गया.
खँडहर में काई अलग अलग टूटे हुए कमरे थे जिनकी दीवारे तो थी मगर छत नही थी. गौरव ने एक एक करके सभी तरफ देखा.
“भोलू टॉर्च देना मुझे.” गौरव को शायद कुछ दिखा एक टूटे कमरे में.
भोलू ने टॉर्च गौरव को पकड़ा दी. गौरव ने जब टॉर्च जला कर कमरे की तरफ की तो सभी के होश उड़ गये.
“हे भगवान .” तीनो के मूह से यही निकलता है.
गौरव तुरंत ए एस पी साहिबा को फोन मिलाता है. रात के सादे तीन हो रहे थे. अंकिता गहरी नींद में सोई थी.
“उफ्फ किसका फोन है इस वक्त.” अंकिता ने फोन की तरफ हाथ बढ़ाया.
“सॉरी मेडम आपको इस वक्त डिस्टर्ब कर रहा हूँ.”
“क्या बात है, गौरव?” अंकिता ने पूछा.
“आप तुरंत यहाँ आ जाइए. बहुत भयानक मंज़र क्रियेट किया है साइको ने.” गौरव उसे वो सब बताता है जो कि उसने देखा.
अंकिता तुरंत तैयार हो कर खँडहर की तरफ निकल देती है. उसके साथ चार कॉन्स्टेबल्स भी होते हैं. कुछ ही देर में अंकिता वहाँ पहुँच जाती है.
जब अंकिता अपनी आँखो से सब देखती है तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. साइको ने निशा का सर काट कर रामू के सर पर लगा रखा था और रामू का सर काट कर निशा के सर पर लगा रखा था. दोनो लाशो को उसने दीवार के साहारे खड़ा कर रखा था. दीवार पर लिखा था “दो पापी, निशा और रामू आपके सामने हैं. दे आर प्राउड विक्टिम ऑफ माय आर्टिस्टिक मर्डर.”
“जीसस…दिस साइको ईज़ शिज़ोफ्रेनिक” अंकिता कहती है.
“मेडम, जब मैं इसे पकडूँगा तो थाने नही लाऊंगा. इसका एनकाउंटर करूँगा मैं.” गौरव ने कहा.
“क्या बकवास कर रहे हो. मेरे सामने ऐसी बात मत करना कभी. हमें जो भी करना है क़ानून के दायरे में करना है.” अंकिता भड़क गयी गौरव की बात सुन कर.
“कौन सा क़ानून मेडम, इसी क़ानून का सहारा ले कर छ्छूट जाते हैं ऐसे लोग. वो पॉलिटीशियन का लड़का जिसे मैने रेप के केस में अंदर किया था आज आज़ाद घूम रहा है. जिसका रेप हुआ था उसने स्यूयिसाइड कर ली है. क्या इंसाफ़ दिया हमने उस बेचारी को. उसे मैं जैल में डालने की बजाए गोली मार देता तो कुछ तो इंसाफ़ मिलता उस बेचारी को.”
“शट अप आइ से, सब तुम्हारी तरह सोचेंगे तो लॉ एन्ड ऑर्डर की धज़ियाँ उड़ जाएँगी. मेरे सामने ऐसी बाते कभी मत करना.”
“नही करूँगा पर आप खुद सोच कर देखो. क्या ऐसा घिनोना काम कोई इंसान कर सकता है. वो इंसान नही है मेडम. उस पर क़ानून लागू नही होता. जानवर है वो, हैवान है. ऐसे जानवरो को गोली मारनी चाहिए सीधा सर में. मोका नही देना चाहिए कोई भी.”
“तुम जज्बाती हो रहे हो…बाद में बात करेंगे.” अंकिता ने बात को ख़तम करना सही समझा.
“पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो दोनो बॉडीस को” अंकिता ने कहा.
“क्या तुमने उस ब्लॅक स्कॉर्पियो का नंबर नोट किया सौरभ.” गौरव ने सौरभ से पूछा.
“नही, मैने इस बात पर गौर ही नही किया कि ऐसा हो सकता है.” सौरभ ने कहा.
“बाहर में जिस-जिस के नाम भी ब्लॅक स्कॉर्पियो है उनका पता करो. ये बहुत इम्पोर्टेन्ट क्लू है हमारे लिए” अंकिता ने कहा.
“जी मेडम. मैं भी यही सोच रहा था.” गौरव ने कहा.
“टॉर्च दो मुझे.” अंकिता ने कहा.
गौरव ने टॉर्च अंकिता को पकड़ा दी.
अंकिता ने बहुत बारीकी से बॉडीस को एग्ज़ॅमिन किया. “खून उसने कही और किया और बॉडीस यहाँ ला कर सज़ा दी. वो तो अपर्णा को माँग रहा था निशा के बदले में. अभी उसकी दी हुई मोहलत भी पूरी नही हुई थी. आख़िर ये साइको चाहता क्या है.” अंकिता ने कहा.
“पागल है वो मेडम. और पागलो को समझा नही जा सकता.” गौरव ने कहा.
“चलो फिलहाल इन बॉडीस को पोस्ट मॉर्टेम के लिए भेज दो. और हां ध्यान रखना ये न्यूज़ मीडीया में लीक ना हो जाए. सनसनी फैल जाएगी बाहर में. लोग वैसे ही बहुत डरे हुए हैं.”
“मैं ध्यान रखूँगा मेडम?” गौरव ने कहा.
“एक काम करो सभी पोलीस कॉंटरों रूम को अलर्ट कर दो इस ब्लॅक स्कॉर्पियो के बारे में.” अंकिता ने कहा.
“ऑलरेडी कर दिया है. अब खुद भी एक राउंड पर निकल रहा हूँ.”
“गुड. कीप इट अप” अंकिता ने कहा.