01-01-2020, 04:51 PM
लेकिन सुमन के कहने पर जब अपने काँपते हुए हाथ उसने उसकी ब्रा के स्ट्रेप्स पर रखे तो उसका हाथ सुमन के चिकने बदन से छू गया और उसे ऐसा महसूस हुआ की बर्फ के उपर गर्म सरिया रख दिया हो...उसने ब्रा के स्ट्रेप्स को घुमाकर उसके पीछे लिखे नंबर देखने चाहे तो वो खुल ही गयी...और एकदम से छिटककर वो ब्रा भी गाउन के साथ लटक गयी..
सुमन उसकी तरफ घूम गयी और ब्रा के स्त्रेप्स को देखते हुए बोली : "ओहो....तुमने तो इसे उतार ही दिया...कोई बात नही..मैं देखकर बताती हूँ ..''
सुमन तो अपना साइज़ देख रही थी...और राहुल अपनी आँखे फाड़े उसके विशालकाए पर्वतों को देख रहा था...इतनी करीब से उसे अपने बॉस की बीबी के मुम्मे देखने को मिल रहे थे और वो उसका पूरा लुत्फ़ उठा रहा था..
सुमन : "यहाँ देखो ना....वहां क्या देख रहे हो....सबा के भी तो देखते हो ना...वैसे ही तो है...''
और इस बार हिम्मत करके राहुल ने बोल ही दिया : "हा....हाँ .....प...पर ...थोड़े बड़े है ये....''
इतना सुनकर सुमन मुस्कुरा दी...और अपनी ब्रा एक साइड में फेंकती हुई अपनी नंगी छातियाँ अपने हाथ में लेकर उसे दिखाती हुई बोली : "अच्छा जी....तो बताओ...कैसे है ये...सबा से अच्छे ....या उनसे खराब..''
राहुल तुरंत बोला : "नही...नही....खराब क्यो...बहुत अच्छे है....इनफॅक्ट सबा के तो इनके सामने कुछ भी नही....मुझे तो बड़े ही अच्छे लगते है...''
सुमन : "आ...हान .....ओके .....तो बताओ.....अगर ये तुम्हे मिल जाए....तो क्या करोगे....''
राहुल भी बेचारा पजल हो गया 'मिल जाए क्या मतलब....अभी मिलने में वक़्त है क्या...'
पर बेचारा ये बात सोच कर ही रह गया...बोल ना पाया..
सुमन : "बोलो....ये अगर तुम्हे मिल जाए तो क्या -2 करोगे...''
राहुल भी समझ चुका था की सुमन उसे तरसाने के लिए ही ये सब कर रही है...वरना किसी पराए मर्द के सामने इस तरह से नंगी खड़ी होकर भला कोई ऐसी बात करता है क्या...वो भी उसके इस खेल में उतर आया...और उसी तरीके से जवाब देने लगा जिसमे वो पूछ रही थी...
राहुल : "वो तो मैं तब बता पाउँगा जब ये मिलेंगे...''
सुमन भी उसके चालाकी भरे जवाब को सुनकर मुस्कुरा दी...
वो बोली : "अच्छा ...सोच लो....अगर ये तुम्हे मिल चुके है...अब बताओ...क्या करोगे..''
राहुल : "सोचने और मिलने में काफ़ी अंतर होता है भाभी....मैं तो काफ़ी देर से सोच रहा था की ये मिल ही चुके है...लेकिन वो तो सिर्फ़ मेरी सोच थी...ये अभी तक मिले कहाँ है....''
उसकी आँखों में छुपी शरारत अब सुमन ने भी पड़ ली थी और इस बार सुमन ने अपनी हार मान ही ली...वो उसके करीब आकर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसकी छाती के उभरे हुए निप्पल राहुल के दिल के करीब चुभने लगे..
और बोली : "अच्छा बाबा....लो...ले लो इन्हे...और बताओ की क्या करोगे अब...''
राहुल के लिए इतना बहुत था...उसने आव देखा ना ताव और अपने दोनो हाथो से उसके मुम्मो को मसल डाला...
सुमन ने भी उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती में दे मारा और ज़ोर से चिल्लाई...
''दिखाओ...मुझे.....क्या कर सकते हो तुम.....''
राहुल ने अपने दांतो से उसके मुम्मो को पकड़ा और ज़ोर-2 से सक्क करके उसका दूध पीने लगा...उसका गाउन भी नीचे गिर चुका था और वो पूरी तरह से नंगी होकर उसकी बाहों में मचल रही थी...राहुल ने बिना कोई देरी किए उसे वही बिस्तर पर लिटाया और उसके पुर जिस्म को बुरी तरह से चूमने लगा...और धीरे-2 करके वो जब उसकी चूत तक पहुँचा तो सुमन ने तड़पकर अपनी टांगे उसकी गर्दन के चारों तरफ लपेट दी और उसे अपनी गुफा के अंदर घुसा लिया...
''आआआआआआअहह ओह माय गॉड .....चूसो इसे.............ज़ोर से...........आआआआअहह....''
राहुल ने अपने बॉस की बीबी की चिकनी चूत से निकल रहे पानी की एक-2 बूँद पी डाली...ऐसा गज़ब का स्वाद तो उसे सबा भी नहीं दे पाई थी..वो भी पागल हुए जा रही थी...राहुल के चूसने के बाद जब वो झड़ी तो उसने राहुल को अपनी जगह लिटाकर उसकी पेंट उसके घुटनो तक खींच ली.
राहुल के लंड को बाहर निकालकर वो उसे किसी सॉफ्टी की तरह चूसने लगी...उसमे से निकल रही आइस्क्रीम अपनी जीभ से चाट-चाटकार खाने लगी...यहाँ तक की उसकी बॉल्स को भी वो अपनी जीभ से किसी बिल्ली की तरह चाट रही थी...आज तक सबा ने भी उसकी बॉल्स को नही चूमा था...
जब से ये सब शुरू हुआ था ,तब से वो सुमन की हर बात को सबा से कंपेयर करके देख रहा था...सबा वैसा करती है और सुमन ऐसा करती है...और हर बार वो सुमन को सबा से उपर ही आंक रहा था...ये शायद इसलिए भी क्योंकि सबा के लिए चुदाई एक रुटीन जैसा कार्य बन चुका था...हालाँकि उनकी शादी की ज़्यादा टाइम नही हुआ था..और वो अपनी चुदाई को एन्जॉय भी करते थे लेकिन दिन ब दिन कुछ कम सा महसूस हो रहा था राहुल को...
और दूसरी तरफ, सुमन का उसके साथ पहली बार था...और शायद इसलिए वो अपनी
सुमन उसकी तरफ घूम गयी और ब्रा के स्त्रेप्स को देखते हुए बोली : "ओहो....तुमने तो इसे उतार ही दिया...कोई बात नही..मैं देखकर बताती हूँ ..''
सुमन तो अपना साइज़ देख रही थी...और राहुल अपनी आँखे फाड़े उसके विशालकाए पर्वतों को देख रहा था...इतनी करीब से उसे अपने बॉस की बीबी के मुम्मे देखने को मिल रहे थे और वो उसका पूरा लुत्फ़ उठा रहा था..
सुमन : "यहाँ देखो ना....वहां क्या देख रहे हो....सबा के भी तो देखते हो ना...वैसे ही तो है...''
और इस बार हिम्मत करके राहुल ने बोल ही दिया : "हा....हाँ .....प...पर ...थोड़े बड़े है ये....''
इतना सुनकर सुमन मुस्कुरा दी...और अपनी ब्रा एक साइड में फेंकती हुई अपनी नंगी छातियाँ अपने हाथ में लेकर उसे दिखाती हुई बोली : "अच्छा जी....तो बताओ...कैसे है ये...सबा से अच्छे ....या उनसे खराब..''
राहुल तुरंत बोला : "नही...नही....खराब क्यो...बहुत अच्छे है....इनफॅक्ट सबा के तो इनके सामने कुछ भी नही....मुझे तो बड़े ही अच्छे लगते है...''
सुमन : "आ...हान .....ओके .....तो बताओ.....अगर ये तुम्हे मिल जाए....तो क्या करोगे....''
राहुल भी बेचारा पजल हो गया 'मिल जाए क्या मतलब....अभी मिलने में वक़्त है क्या...'
पर बेचारा ये बात सोच कर ही रह गया...बोल ना पाया..
सुमन : "बोलो....ये अगर तुम्हे मिल जाए तो क्या -2 करोगे...''
राहुल भी समझ चुका था की सुमन उसे तरसाने के लिए ही ये सब कर रही है...वरना किसी पराए मर्द के सामने इस तरह से नंगी खड़ी होकर भला कोई ऐसी बात करता है क्या...वो भी उसके इस खेल में उतर आया...और उसी तरीके से जवाब देने लगा जिसमे वो पूछ रही थी...
राहुल : "वो तो मैं तब बता पाउँगा जब ये मिलेंगे...''
सुमन भी उसके चालाकी भरे जवाब को सुनकर मुस्कुरा दी...
वो बोली : "अच्छा ...सोच लो....अगर ये तुम्हे मिल चुके है...अब बताओ...क्या करोगे..''
राहुल : "सोचने और मिलने में काफ़ी अंतर होता है भाभी....मैं तो काफ़ी देर से सोच रहा था की ये मिल ही चुके है...लेकिन वो तो सिर्फ़ मेरी सोच थी...ये अभी तक मिले कहाँ है....''
उसकी आँखों में छुपी शरारत अब सुमन ने भी पड़ ली थी और इस बार सुमन ने अपनी हार मान ही ली...वो उसके करीब आकर खड़ी हो गयी...इतने करीब की उसकी छाती के उभरे हुए निप्पल राहुल के दिल के करीब चुभने लगे..
और बोली : "अच्छा बाबा....लो...ले लो इन्हे...और बताओ की क्या करोगे अब...''
राहुल के लिए इतना बहुत था...उसने आव देखा ना ताव और अपने दोनो हाथो से उसके मुम्मो को मसल डाला...
सुमन ने भी उसके सिर को पकड़कर अपनी छाती में दे मारा और ज़ोर से चिल्लाई...
''दिखाओ...मुझे.....क्या कर सकते हो तुम.....''
राहुल ने अपने दांतो से उसके मुम्मो को पकड़ा और ज़ोर-2 से सक्क करके उसका दूध पीने लगा...उसका गाउन भी नीचे गिर चुका था और वो पूरी तरह से नंगी होकर उसकी बाहों में मचल रही थी...राहुल ने बिना कोई देरी किए उसे वही बिस्तर पर लिटाया और उसके पुर जिस्म को बुरी तरह से चूमने लगा...और धीरे-2 करके वो जब उसकी चूत तक पहुँचा तो सुमन ने तड़पकर अपनी टांगे उसकी गर्दन के चारों तरफ लपेट दी और उसे अपनी गुफा के अंदर घुसा लिया...
''आआआआआआअहह ओह माय गॉड .....चूसो इसे.............ज़ोर से...........आआआआअहह....''
राहुल ने अपने बॉस की बीबी की चिकनी चूत से निकल रहे पानी की एक-2 बूँद पी डाली...ऐसा गज़ब का स्वाद तो उसे सबा भी नहीं दे पाई थी..वो भी पागल हुए जा रही थी...राहुल के चूसने के बाद जब वो झड़ी तो उसने राहुल को अपनी जगह लिटाकर उसकी पेंट उसके घुटनो तक खींच ली.
राहुल के लंड को बाहर निकालकर वो उसे किसी सॉफ्टी की तरह चूसने लगी...उसमे से निकल रही आइस्क्रीम अपनी जीभ से चाट-चाटकार खाने लगी...यहाँ तक की उसकी बॉल्स को भी वो अपनी जीभ से किसी बिल्ली की तरह चाट रही थी...आज तक सबा ने भी उसकी बॉल्स को नही चूमा था...
जब से ये सब शुरू हुआ था ,तब से वो सुमन की हर बात को सबा से कंपेयर करके देख रहा था...सबा वैसा करती है और सुमन ऐसा करती है...और हर बार वो सुमन को सबा से उपर ही आंक रहा था...ये शायद इसलिए भी क्योंकि सबा के लिए चुदाई एक रुटीन जैसा कार्य बन चुका था...हालाँकि उनकी शादी की ज़्यादा टाइम नही हुआ था..और वो अपनी चुदाई को एन्जॉय भी करते थे लेकिन दिन ब दिन कुछ कम सा महसूस हो रहा था राहुल को...
और दूसरी तरफ, सुमन का उसके साथ पहली बार था...और शायद इसलिए वो अपनी