01-01-2020, 04:44 PM
Update 60
गौरव जीप में बैठ कर चल पड़ा. "कल्लू जुर्म की दुनिया की सारी जानकारी रखता है. उसी से मिलता हूँ जाकर."
कुछ ही देर बाद गौरव कल्लू के घर के बाहर खड़ा था. उसने घर का दरवाजा खड़काया.
"कौन है? बाद में आना अभी टाइम नही है." अंदर से आवाज़ आई.
गौरव भड़क गया उसने दरवाजे पर ज़ोर से लात मारी और दरवाजा खुल गया. गौरव अंदर आया तो दंग रह गया.
कल्लू एक महिला के उपर चढ़ा हुआ था. वो चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था.
"अबे रुक...मुझे ज़रूरी बात करनी है तुझसे."
"अभी नही रुक सकता. अभी तो शुरूर आया है चुदाई का. ठोक लेने दो सर"
"कितना वक्त लगाएगा तू..मेरे पास टाइम नही है." गौरव ने कहा.
"मेरी छम्मक छल्लो तू बता कितनी देर चुदवायेगी तू."
"जब तक तुम्हारा मन करे आआहह."
"देखा सर थोड़ी देर रुकना पड़ेगा आपको. रोज रोज इस तरह नही देती ये चूत. आज दे रही है तो मुझे टोटल मस्ती कर लेने दो."
गौरव ने पिस्टल निकाली और कल्लू के सर पर रख दी. "तेरी मस्ती पूरी होने तक का वक्त नही है मेरे पास. रुक जा वरना गोली मार दूँगा."
कल्लू ने उस महिला की चूत से लंड निकाल लिया. वो महिला अपने कपड़े पहन कर वहाँ से चली गयी. "सर आप भी ना हमेशा घोड़े पर सवार हो कर आते हो. लीजिए रुक गया. क्या बात है बोलिए."
"साइको किलर जिसने बाहर में आतंक मचा रखा है...क्या कुछ जानते हो उसके बारे में." गौरव ने पूछा.
"मुझे कुछ नही पता सर उसके बारे में. बल्कि किसी को कुछ नही पता. मैं तो खुद डरा रहता हूँ उस से.मैं कभी रात को बाहर नही घूमता अब. 9 बजने से पहले ही घर आ जाता हूँ. सॉरी मैं इस बारे में आपकी कोई मदद नही कर सकता. मुजरिमो की दुनिया में उसका कोई निशान नही है""
"ह्म्म....चल ठीक है कोई बात नही." गौरव ने कहा और 500 का नोट थमा दिया कल्लू को. "ये दरवाजा ठीक करवा लेना."
गौरव जीप में बैठ कर चल दिया.
"लगता है ये साइको एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी कि समाज में इज़्ज़त है. वो अपर्णा को इसलिए माँग रहा है क्योंकि उसे डर है कि कही वो बेनकाब ना हो जाए. शायद वो सारे आम हमारे सामने घूमता हो रोज पर हम उसे पहचान नही पाते क्योंकि हमे ज़रा भी अंदाज़ा नही रहता कि वो कातिल हो सकता है. मिस्टर साइको तुम्हे छोड़ूँगा नही मैं. देखता हूँ कब तक बचोगे.""
..............................
गौरव जीप में बैठ कर चल पड़ा. "कल्लू जुर्म की दुनिया की सारी जानकारी रखता है. उसी से मिलता हूँ जाकर."
कुछ ही देर बाद गौरव कल्लू के घर के बाहर खड़ा था. उसने घर का दरवाजा खड़काया.
"कौन है? बाद में आना अभी टाइम नही है." अंदर से आवाज़ आई.
गौरव भड़क गया उसने दरवाजे पर ज़ोर से लात मारी और दरवाजा खुल गया. गौरव अंदर आया तो दंग रह गया.
कल्लू एक महिला के उपर चढ़ा हुआ था. वो चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था.
"अबे रुक...मुझे ज़रूरी बात करनी है तुझसे."
"अभी नही रुक सकता. अभी तो शुरूर आया है चुदाई का. ठोक लेने दो सर"
"कितना वक्त लगाएगा तू..मेरे पास टाइम नही है." गौरव ने कहा.
"मेरी छम्मक छल्लो तू बता कितनी देर चुदवायेगी तू."
"जब तक तुम्हारा मन करे आआहह."
"देखा सर थोड़ी देर रुकना पड़ेगा आपको. रोज रोज इस तरह नही देती ये चूत. आज दे रही है तो मुझे टोटल मस्ती कर लेने दो."
गौरव ने पिस्टल निकाली और कल्लू के सर पर रख दी. "तेरी मस्ती पूरी होने तक का वक्त नही है मेरे पास. रुक जा वरना गोली मार दूँगा."
कल्लू ने उस महिला की चूत से लंड निकाल लिया. वो महिला अपने कपड़े पहन कर वहाँ से चली गयी. "सर आप भी ना हमेशा घोड़े पर सवार हो कर आते हो. लीजिए रुक गया. क्या बात है बोलिए."
"साइको किलर जिसने बाहर में आतंक मचा रखा है...क्या कुछ जानते हो उसके बारे में." गौरव ने पूछा.
"मुझे कुछ नही पता सर उसके बारे में. बल्कि किसी को कुछ नही पता. मैं तो खुद डरा रहता हूँ उस से.मैं कभी रात को बाहर नही घूमता अब. 9 बजने से पहले ही घर आ जाता हूँ. सॉरी मैं इस बारे में आपकी कोई मदद नही कर सकता. मुजरिमो की दुनिया में उसका कोई निशान नही है""
"ह्म्म....चल ठीक है कोई बात नही." गौरव ने कहा और 500 का नोट थमा दिया कल्लू को. "ये दरवाजा ठीक करवा लेना."
गौरव जीप में बैठ कर चल दिया.
"लगता है ये साइको एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी कि समाज में इज़्ज़त है. वो अपर्णा को इसलिए माँग रहा है क्योंकि उसे डर है कि कही वो बेनकाब ना हो जाए. शायद वो सारे आम हमारे सामने घूमता हो रोज पर हम उसे पहचान नही पाते क्योंकि हमे ज़रा भी अंदाज़ा नही रहता कि वो कातिल हो सकता है. मिस्टर साइको तुम्हे छोड़ूँगा नही मैं. देखता हूँ कब तक बचोगे.""
..............................