Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
रीमा बैठे बैठे ही गौरव के लंड पर झुक गयी और उसे मूह में ले लिया.

 
"वाओ...सिंप्ली ग्रेट. अच्छी एंट्री दी है मूह में मेरे लंड को...आहह" गौरव कराह उठा.
 
बर्थ का परदा लगा हुआ था और रीमा गौरव का लंड इतमीनान से चूस रही थी.
 
"अच्छा चूस लेती हैं आप. अब ज़रा ओरिजिनल गेम हो जाए. उतार दीजिए ये जीन्स."
 
"जीन्स नही उतारुँगी मैं. कोई अचानक गया तो. "
 
"थोड़ा सरकाना तो पड़ेगा ही. या वो भी नही करेंगी..."
 
रीमा मुस्कुराइ और अपनी जीन्स के बटन खोलने लगी. वो जीन्स सरका कर लेट गयी और गौरव उसके उपर गया.
 
"उफ्फ ट्रेन में सेक्स करना बहुत मुश्किल काम है." गौरव ने किसी तरह रीमा की टांगे उपर करके उसकी चूत पर लंड रख दिया. उसे रीमा की जीन्स परेशान कर रही थी.
 
"आआआअहह लगता है ये नही जाएगा."
 
"जाएगा तो ये ज़रूर ये जीन्स परेशान कर रही है. आप ऐसा कीजिए घूम कर डॉगी स्टाइल में जाओ. जीन्स के साथ वही पोज़िशन ठीक रहेगी."
 
"ठीक है..." रीमा घूम गयी सीट पर गौरव के आयेज और झुक कर डॉगी स्टाइल में गयी.
 
गौरव के सामने अब रीमा की सुंदर गान्ड और चूत थी. उसने गान्ड को पकड़ा और रीमा की चूत में आधा लंड घुसा दिया.
 
"म्म्म्ममममम न्न्ननणणन् इट्स पेनिंग."
 
"आवाज़ धीरे रखिए कोई सुन लेगा." गौरव ने कहा और एक झटके में पूरा लंड रीमा की चूत में उतार दिया.
 
"आआहह... मैं चिल्ला भी नही सकती..जान निकाल दी आपने मेरी."
 
"थोड़ा धैर्य रखें रीमा जी अभी आपको अद्वितीय आनंद भी देंगे" गौरव ने चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
 
"ऊओह.... यस आअहह."
 
"कृपया करके ऊओह आअहह कम करें हम ट्रेन में हैं. आस पास लोग सो रहे हैं."
 
"क्या करू आपने हालत ही ऐसी कर दी है आअहह."
 
एक ट्रेन की हलचल उपर से गौरव के झटके लंड चूत में बहुत अच्छे तरीके से घूम रहा था.
 
रीमा तो कई बार झड़ चुकी थी.
 
"अब रुक भी जाइए. या फिर देहरादून जा कर ही रुकेंगे. आपने तो रेल बना दी मेरी आअहह."
 
"चलिए आपने कहा हम रुक गये.....आआआहह ऊओ" और गौरव ने अपने वीर्य से रीमा की चूत को भर दिया.
 
"दिस वाज़ फर्स्ट फक ऑफ माय लाइफ इन ट्रेन." गौरव ने कहा.
 
"मेरी पहली और आखरी अब ऐसी भूल नही करूगी. छोटी सी भूल ने मुझे ही फँसा दिया."
 
गौरव ने लंड बाहर निकाला और रीमा फ़ौरन जीन्स उपर चढ़ा कर सीट पर लेट गयी.
 
गौरव भी उसके उपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूम कर बोला, "आइ विल ऑल्वेज़ रिमेंबर यू. अच्छा तुम्हारे भैया का क्या नाम है."

 
"रंजीत चौहान....क्यों? " रीमा ने जवाब दिया.
 
"कुछ नही वैसे ही पूछ रहा था...एक बार और खेल सकते हैं हम ये गेम आप चाहें तो."
 
"एक बार में ही जान निकाल दी मेरी. दुबारा की गुंजाईश नही है अब."
 
"ओके नो प्रॉब्लम....कूल"
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 01-01-2020, 01:18 PM



Users browsing this thread: 14 Guest(s)