01-01-2020, 12:56 PM
आशुतोष ये सब सोच रहा था और उसी वक्त अपर्णा फिर से एक वेट ड्रीम के कारण उठ बैठी थी अपने बिस्तर पर.
सपने में आशुतोष उसके उभारो का रस पान कर रहा था और वो उसका सर पकड़ कर आइ लव यू कह रही थी.
अपर्णा दिल पर हाथ रख कर बैठी थी. उसकी हालत देखने वाली थी. "क्या हो रहा है मेरे साथ ये. क्यों आ रहे हैं ये गंदे और भयानक सपने मुझे. आशुतोष को तो मैं कभी माफ़ नही कारूगी. बदतमीज़ कही का. उसे कोई हक़ नही है मुझे छूने का चाहे वो हक़ीकत हो या सपना."" अपर्णा ने कहा.
अपर्णा उठी और पानी पिया. पानी पी कर वो खिड़की पर आ गयी. उसने बाहर झाँक कर देखा. बहुत भयानक सन्नाटा था बाहर. एक ही कॉन्स्टेबल नज़र आ रहा था उसे अपने घर के बाहर. "एक ही खड़ा है ये तो. बाकी के तीन कही दिखाई नही दे रहे. पता नही कैसी सुरक्षा है ये."
अपर्णा वापिस आ कर लेट गयी. लेकिन दुबारा उसे नींद नही आई.
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सपने में आशुतोष उसके उभारो का रस पान कर रहा था और वो उसका सर पकड़ कर आइ लव यू कह रही थी.
अपर्णा दिल पर हाथ रख कर बैठी थी. उसकी हालत देखने वाली थी. "क्या हो रहा है मेरे साथ ये. क्यों आ रहे हैं ये गंदे और भयानक सपने मुझे. आशुतोष को तो मैं कभी माफ़ नही कारूगी. बदतमीज़ कही का. उसे कोई हक़ नही है मुझे छूने का चाहे वो हक़ीकत हो या सपना."" अपर्णा ने कहा.
अपर्णा उठी और पानी पिया. पानी पी कर वो खिड़की पर आ गयी. उसने बाहर झाँक कर देखा. बहुत भयानक सन्नाटा था बाहर. एक ही कॉन्स्टेबल नज़र आ रहा था उसे अपने घर के बाहर. "एक ही खड़ा है ये तो. बाकी के तीन कही दिखाई नही दे रहे. पता नही कैसी सुरक्षा है ये."
अपर्णा वापिस आ कर लेट गयी. लेकिन दुबारा उसे नींद नही आई.
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