01-01-2020, 12:46 PM
"तुमने ये चीख सुनी लगता है कोई मुसीबत में है." अंकिता ने कहा.
"हां मेडम सुनी...किसी लड़की की चीख लगती है चलिए मेडम देखते हैं."
दोनो आवाज़ की दिशा में बढ़ते हैं.
"नही प्लीज़ रहने दो आआहह."
"आवाज़ नज़दीक से ही आ रही है." अंकिता ने सामने की झाड़ियों को हटाया तो दंग रह गयी. सौरभ की पीठ थी उसकी तरफ इसलिए शक्ल दिखाई नही दी. आशुतोष भी सौरभ को पहचान नही पाया. उन दोनो को यही लगा कि रेप हो रहा है.
अंकिता बिना वक्त गवाए दबे पाँव से आगे बढ़ी और सौरभ के सर के पीछे बंदूक रख दी.
"छोड़ दो उसे वरना भेजा उड़ा दूँगी...अपने हाथ उपर करो." अंकिता ने कड़क आवाज़ में कहा.
सौरभ की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी. उसने हाथ खड़े कर लिए. लेकिन उसका लंड अभी भी कविता की गान्ड में फँसा था.
आशुतोष आगे बढ़ता है और कविता से कहता है, हट जाओ आप एक तरफ झुकी ही रहेंगी क्या. हम आ गये हैं अब." कह कर वो सौरभ की तरफ देखता है.
"हां मेडम सुनी...किसी लड़की की चीख लगती है चलिए मेडम देखते हैं."
दोनो आवाज़ की दिशा में बढ़ते हैं.
"नही प्लीज़ रहने दो आआहह."
"आवाज़ नज़दीक से ही आ रही है." अंकिता ने सामने की झाड़ियों को हटाया तो दंग रह गयी. सौरभ की पीठ थी उसकी तरफ इसलिए शक्ल दिखाई नही दी. आशुतोष भी सौरभ को पहचान नही पाया. उन दोनो को यही लगा कि रेप हो रहा है.
अंकिता बिना वक्त गवाए दबे पाँव से आगे बढ़ी और सौरभ के सर के पीछे बंदूक रख दी.
"छोड़ दो उसे वरना भेजा उड़ा दूँगी...अपने हाथ उपर करो." अंकिता ने कड़क आवाज़ में कहा.
सौरभ की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी. उसने हाथ खड़े कर लिए. लेकिन उसका लंड अभी भी कविता की गान्ड में फँसा था.
आशुतोष आगे बढ़ता है और कविता से कहता है, हट जाओ आप एक तरफ झुकी ही रहेंगी क्या. हम आ गये हैं अब." कह कर वो सौरभ की तरफ देखता है.